ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (27) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߝߊߙߊ߲ߝߊߛߌ ߝߐߘߊ
وَیَوْمَ یَعَضُّ الظَّالِمُ عَلٰی یَدَیْهِ یَقُوْلُ یٰلَیْتَنِی اتَّخَذْتُ مَعَ الرَّسُوْلِ سَبِیْلًا ۟
और (ऐ रसूल!) उस दिन को याद करें, जिस दिन अत्याचारी रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का अनुसरण न करने के कारण, घोर पछतावे से अपने दोनों हाथ चबाएगा और कहेगा : ऐ काश! मैंने रसूल का उस चीज़ में पालन किया होता जो कुछ वह अपने पालनहार की ओर से लाए थे और उसके साथ उद्धार का मार्ग अपनाया होता।
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ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• الكفر مانع من قبول الأعمال الصالحة.
• 'कुफ़्र' नेक कामों के क़बूल होने की राह में बाधा है।

• خطر قرناء السوء.
• बुरे साथियों का ख़तरा।

• ضرر هجر القرآن.
• क़ुरआन को छोड़ने का नुक़सान।

• من حِكَمِ تنزيل القرآن مُفَرّقًا طمأنة النبي صلى الله عليه وسلم وتيسير فهمه وحفظه والعمل به.
• क़ुरआन को थोड़ा-थोड़ा करके उतारने की हिकमतों में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के दिल को मज़बूत करना और उसके समझने, याद करने तथा अमल करने को सुविधाजनक बनाना शामिल हैं।

 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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