ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (44) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߘߊ߲߬ߕߍ߰ߟߌ ߝߐߘߊ
وَمَا كُنْتَ بِجَانِبِ الْغَرْبِیِّ اِذْ قَضَیْنَاۤ اِلٰی مُوْسَی الْاَمْرَ وَمَا كُنْتَ مِنَ الشّٰهِدِیْنَ ۟ۙ
और (ऐ रसूल!) आप मूसा अलैहिस्सलाम के हिसाब से पहाड़ के पश्चिमी किनारे पर मौजूद नहीं थे, जब हमने मूसा को फ़िरऔन तथा उसके प्रमुखों की ओर रसूल बनाकर भेजने का आदेश संपन्न किया, और न ही आप वहाँ उपस्थित होने वालों में से थे कि आप उसके समाचार से अवगत होते और उसे लोगों को बताते। इसलिए आप लोगों को जो कुछ बता रहे हैं, वह अल्लाह ने आपकी ओर वह़्य की है।
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ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• نفي علم الغيب عن رسول الله صلى الله عليه وسلم إلَّا ما أطلعه الله عليه.
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से परोक्ष (ग़ैब) के ज्ञान का इनकार करना, सिवाय उसके जिससे अल्लाह ने आपको अवगत करा दिया हो।

• اندراس العلم بتطاول الزمن.
• समय बीतने के साथ ज्ञान का लोप हो जाना।

• تحدّي الكفار بالإتيان بما هو أهدى من وحي الله إلى رسله.
• काफ़िरों को यह चुनौती देना कि वे अल्लाह की अपने रसूलों की ओर भेजी गई वह़्य से अधिक मार्गदर्शन करने वाली कोई किताब ले आएँ।

• ضلال الكفار بسبب اتباع الهوى، لا بسبب اتباع الدليل.
• काफ़िरों की गुमराही अपनी इच्छाओं का पालन करने के कारण है, सबूतों का पालन करने के कारण नहीं।

 
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ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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