ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (33) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߕߊߟߏ߲ߕߊߟߏ߲ߓߊ ߝߐߘߊ
وَلَمَّاۤ اَنْ جَآءَتْ رُسُلُنَا لُوْطًا سِیْٓءَ بِهِمْ وَضَاقَ بِهِمْ ذَرْعًا وَّقَالُوْا لَا تَخَفْ وَلَا تَحْزَنْ ۫— اِنَّا مُنَجُّوْكَ وَاَهْلَكَ اِلَّا امْرَاَتَكَ كَانَتْ مِنَ الْغٰبِرِیْنَ ۟
और जब लूत अलैहिस्सलाम की जाति को विनष्ट करने के लिए हमारे भेजे हुए फ़रिश्ते लूत अलैहिस्सलाम के पास आए, तो वह उनपर अपने समुदाय के दुराचरण के डर से उनके आने से दुःखी और ग़मगीन हो गए। क्योंकि फ़रिश्ते पुरुषों के रूप में आए थे और उनके समुदाय वाले कामवासना के लिए स्त्रियों के बजाय पुरुषों के पास आते थे। फ़रिश्तों ने उनसे कहा : मत डरो, तुम्हारी जाति के लोग तुम्हें कोई हानि नहीं पहुँचा सकते। तथा जो कुछ हमने तुम्हें उनके विनाश के विषय में बतलाया है, उसपर शोक न करें। निःसंदेह हम तुम्हें तथा तुम्हारे परिवार को विनाश से बचा लेंगे, सिवाय तुम्हारी स्त्री के, जो विनाश के लिए शेष रह जाने वालों में से है। अतः हम उसे (भी) उनके साथ नष्ट कर देंगे।
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ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• قوله تعالى:﴿ وَقَد تَّبَيَّنَ..﴾ تدل على معرفة العرب بمساكنهم وأخبارهم.
• अल्लाह तआला के फरमान : (وَقَد تَّبَيَّنَ) ''और तुम्हारे लिए स्पष्ट हो गया'' से इंगित होता है कि अरब लोग उनके घरों और उनकी खबरों को जानते थे।

• العلائق البشرية لا تنفع إلا مع الإيمان.
• मानवीय संबंध केवल ईमान के साथ उपयोगी होते हैं।

• الحرص على أمن الضيوف وسلامتهم من الاعتداء عليهم.
• मेहमानों की सुरक्षा तथा शत्रुओं के अत्याचार से उनकी रक्षा सुनिश्चित करना।

• منازل المُهْلَكين بالعذاب عبرة للمعتبرين.
• यातना से विनष्ट किए गए लोगों के घर सीख ग्रहण करने वालों के लिए एक सीख हैं।

• العلم بالحق لا ينفع مع اتباع الهوى وإيثاره على الهدى.
• इच्छाओं का पालन करने और उसे मार्गदर्शन पर प्राथमिकता देने की सूरत में सत्य के ज्ञान से कोई लाभ नहीं होता।

 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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