ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (108) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߌߡߎ߬ߙߊ߲߬ ߞߐߙߍ ߝߐߘߊ
تِلْكَ اٰیٰتُ اللّٰهِ نَتْلُوْهَا عَلَیْكَ بِالْحَقِّ ؕ— وَمَا اللّٰهُ یُرِیْدُ ظُلْمًا لِّلْعٰلَمِیْنَ ۟
(ऐ नबी) हम आपको अल्लाह के वचन एवं चेतावनी पर आधारित ये आयतें, समाचार में सच्चाई और प्रावधानों में न्याय के साथ पढ़कर सुनाते हैं। और अल्लाह संसार वालों में से किसी पर भी अत्याचार नहीं करना चाहता, बल्कि वह किसी को उसके हाथों की कमाई के कारण ही दंडित करता है।
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• متابعة أهل الكتاب في أهوائهم تقود إلى الضلال والبعد عن دين الله تعالى.
• पुस्तक वाले लोगों अर्थात यहूदियों एवं ईसाइयों का उनकी इच्छाओं में अनुसरण करना पथभ्रष्टता और सर्वशक्तिमान अल्लाह के धर्म से दूरी की ओर ले जाता है।

• الاعتصام بالكتاب والسُّنَّة والاستمساك بهديهما أعظم وسيلة للثبات على الحق، والعصمة من الضلال والافتراق.
• किताब और सुन्नत को मजबूती से थाम लेना और उनके मार्गदर्शन का पालन करना, सत्य पर दृढ़ता व स्थिरता तथा पथभ्रष्टता और विभेद से सुरक्षा का सबसे बड़ा साधन है।

• الافتراق والاختلاف الواقع في هذه الأمة في قضايا الاعتقاد فيه مشابهة لمن سبق من أهل الكتاب.
• इस उम्मत के भीतर अक़ीदा (विश्वास) के मुद्दे में घटित होनेवाले मतभेद और विवाद में भूतपूर्व अह्ले किताब (अर्थात यहूदियों एवं ईसाइयों) की समानता पाई जाती है।

• وجوب الأمر بالمعروف والنهي عن المنكر؛ لأن به فلاح الأمة وسبب تميزها.
• भलाई का आदेश देने एवं बुराई से रोकने की अनिवार्यता, इसलिए कि उसी में उम्मत की सफलता और उसकी उत्कृष्टता का कारण निहित है।

 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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