ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (52) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߦߝߊ߬ߓߊ߮ ߝߐߘߊ
یَوْمَ لَا یَنْفَعُ الظّٰلِمِیْنَ مَعْذِرَتُهُمْ وَلَهُمُ اللَّعْنَةُ وَلَهُمْ سُوْٓءُ الدَّارِ ۟
जिस दिन, कुफ़्र तथा पाप के माध्यम से अपने ऊपर अत्याचार करने वालों को, उनके अत्याचार की सफ़ाई पेश करने से, कोई लाभ नहीं होगा। और उस दिन उन्हें अल्लाह की कृपा से धुतकार दिया जाएगा और उन्हीं के लिए आख़िरत में बुरा ठिकाना होगा, जहाँ वे दुखदायी यातना का सामना करेंगे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• نصر الله لرسله وللمؤمنين سُنَّة إلهية ثابتة.
• अल्लाह का अपने रसूलों तथा मोमिनों की सहायता करना एक निश्चित ईश्वरीय सुन्नत (नियम) है।

• اعتذار الظالم يوم القيامة لا ينفعه.
• क़ियामत के दिन अत्याचारी का बहाना पेश करना उसे कोई लाभ नहीं देगा।

• أهمية الصبر في مواجهة الباطل.
• असत्य का सामना करने के लिए धैर्य का महत्व।

• دلالة خلق السماوات والأرض على البعث؛ لأن من خلق ما هو عظيم قادر على إعادة الحياة إلى ما دونه.
• आकाशों तथा धरती की पैदाइश दरअसल दोबारा जीवित होकर उठने का प्रमाण है। क्योंकि जिसने बड़ी चीज़ों को पैदा किया, वह छोटी चीज़ों में दोबारा जान डाल ही सकता है।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (52) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߦߝߊ߬ߓߊ߮ ߝߐߘߊ
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

ߘߊߕߎ߲߯ߠߌ߲