ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (12) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߢߐ߲߬ߞߌ߲߬ߣߍ߲ ߝߐߘߊ
اَللّٰهُ الَّذِیْ سَخَّرَ لَكُمُ الْبَحْرَ لِتَجْرِیَ الْفُلْكُ فِیْهِ بِاَمْرِهٖ وَلِتَبْتَغُوْا مِنْ فَضْلِهٖ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُوْنَ ۟ۚ
अकेला अल्लाह ही है, जिसने (ऐ लोगो!) तुम्हारे लिए समुद्र को वशीभूत कर दिया, ताकि उसके आदेश से उसमें नौकाएँ चलें, और ताकि तुम विभिन्न प्रकार की वैध कमाइयों के द्वारा उसका अनुग्रह तलाश करो और ताकि तुम अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों के प्रति आभार प्रकट करो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• الكذب والإصرار على الذنب والكبر والاستهزاء بآيات الله: صفات أهل الضلال، وقد توعد الله المتصف بها.
• झूठ बोलना, पाप पर अड़े रहना, अहंकार करना और अल्लाह की आयतों का मज़ाक उड़ाना : पथ-भ्रष्ट लोगों की विशेषताएँ हैं और अल्लाह ने ऐसे लोगों को धमकी दी है।

• نعم الله على عباده كثيرة، ومنها تسخير ما في الكون لهم.
• अल्लाह की अपने बंदों पर बहुत-सी नेमतें हैं, जिनमें से एक ब्रह्मांड की समस्त चीज़ों को उनके लिए वशीभूत करना है।

• النعم تقتضي من العباد شكر المعبود الذي منحهم إياها.
• नेमतों की अपेक्षा यह है कि बंदे उस पूज्य का शुक्रिया अदा करें, जिसने उन्हें ये नेमतें प्रदान की हैं।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (12) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߢߐ߲߬ߞߌ߲߬ߣߍ߲ ߝߐߘߊ
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

ߘߊߕߎ߲߯ߠߌ߲