ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (118) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߞߟߏߝߋ߲ ߠߎ߬ ߝߐߘߊ
فَكُلُوْا مِمَّا ذُكِرَ اسْمُ اللّٰهِ عَلَیْهِ اِنْ كُنْتُمْ بِاٰیٰتِهٖ مُؤْمِنِیْنَ ۟
तो (ऐ लोगो!) उस पशु में से खाओ, जिसपर ज़बह़ करते समय अल्लाह का नाम लिया गया है, यदि तुम वास्तव में उसके स्पष्ट प्रमाणों पर ईमान रखने वाले हो।
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• يجب أن يكون الهدف الأعظم للعبد اتباع الحق، ويطلبه بالطرق التي بيَّنها الله، ويعمل بذلك، ويرجو عَوْن ربه في اتباعه، ولا يتكل على نفسه وحوله وقوته.
• बंदे का सबसे बड़ा उद्देश्य यह होना चाहिए कि वह सत्य का अनुसरण करे, उसे उन तरीक़ों से खोजे जो अल्लाह ने स्पष्ट किए हैं, उसके अनुसार कार्य करे और उसके अनुसरण में अपने पालनहार की मदद की आशा रखे, तथा उसे खुद पर और अपनी शक्ति एवं सामर्थ्य पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

• من إنصاف القرآن للقلة المؤمنة العالمة إسناده الجهل والضلال إلى أكثر الخلق.
• अल्प संख्यक ज्ञानी मुसलमानों के साथ क़ुरआन के न्याय का एक पहलू यह है कि उसने अज्ञानता और पथभ्रष्टता की निस्बत अधिकांश सृष्टि की ओर की है।

• من سنّته تعالى في الخلق ظهور أعداء من الإنس والجنّ للأنبياء وأتباعهم؛ لأنّ الحقّ يعرف بضدّه من الباطل.
• सृष्टि में अल्लाह का तरीक़ा रहा है कि वह नबियों तथा उनके अनुयायियों के लिए जिन्न तथा मानव जाति में से कुछ शत्रु खड़े कर देता है, क्योंकि सत्य को असत्य से उसके विपरीत द्वारा ही पहचाना जाता है।

• القرآن صادق في أخباره، عادل في أحكامه،لا يُعْثَر في أخباره على ما يخالف الواقع، ولا في أحكامه على ما يخالف الحق.
• क़ुरआन अपनी ख़बरों में सच्चा और अपने नियमों में न्यायसंगत है। उसकी खबरों में ऐसा कुछ भी नहीं पाया जाता, जो वास्तविकता के विपरीत हो और न ही उसके नियमों में कुछ ऐसा है, जो सत्य के विरुद्ध हो।

 
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ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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