ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


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فَاَخَذَتْهُمُ الرَّجْفَةُ فَاَصْبَحُوْا فِیْ دَارِهِمْ جٰثِمِیْنَ ۟
चुनाँचे उन्हें भयंकर भूकंप ने पकड़ लिया, तो वे अपने घरों में विनष्ट हो गए, इस हाल में कि अपने घुटनों और चेहरों के बल अपने घरों में मृत और बेजान पड़े हुए थे।
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• من مظاهر إكرام الله لعباده الصالحين أنه فتح لهم أبواب العلم ببيان الحق من الباطل، وبنجاة المؤمنين، وعقاب الكافرين.
• अल्लाह के अपने नेक बंदों को सम्मानित करने की एक अभिव्यक्ति यह है कि उसने असत्य से सत्य को स्पष्ट करके, तथा ईमान वालों को मोक्ष प्रदान करके और काफ़िरों को दंडित करके, उनके लिए ज्ञान के द्वार खोल दिए हैं।

• من سُنَّة الله في عباده الإمهال؛ لكي يتعظوا بالأحداث، ويُقْلِعوا عما هم عليه من معاص وموبقات.
• अल्लाह की अपने बंदों के बारे में यह परंपरा रही है कि वह उन्हें ढील देता है, ताकि वे घटनाओं से सीख प्राप्त करें और उन अवज्ञाओं तथा विनाशकारी पापों को त्याग दें, जिनमें वे लिप्त हैं ।

• الابتلاء بالشدة قد يصبر عليه الكثيرون، ويحتمل مشقاته الكثيرون، أما الابتلاء بالرخاء فالذين يصبرون عليه قليلون.
• कठिनाई द्वारा परीक्षा पर बहुत से लोग धैर्य कर सकते हैं और उसके कष्टों को बहुत से लोग सहन कर लेते हैं। परंतु समृद्धि व संपन्नता के द्वारा परीक्षा पर कम ही लोग धैर्य रखते हैं।

 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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