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وَلَا تَقْعُدُوْا بِكُلِّ صِرَاطٍ تُوْعِدُوْنَ وَتَصُدُّوْنَ عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ مَنْ اٰمَنَ بِهٖ وَتَبْغُوْنَهَا عِوَجًا ۚ— وَاذْكُرُوْۤا اِذْ كُنْتُمْ قَلِیْلًا فَكَثَّرَكُمْ ۪— وَانْظُرُوْا كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُفْسِدِیْنَ ۟
तथा प्रत्येक मार्ग पर न बैठो कि (लोगों को) धमकाते हो और उसको अल्लाह के रास्ते रोकते हो, जो उसपर ईमान लाए[36], और उसमें टेढ़ापन खोजते हो। तथा याद करो जब तुम थोड़े थे, तो उसने तुम्हें अधिक कर दिया। तथा देखो बिगाड़ पैदा करने वालों का परिणाम कैसा हुआ?
36. जैसे मक्का वाले मक्का के बाहर से आने वालों को क़ुरआन सुनने से रोका करते थे। और नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को जादूगर कहकर आपके पास जाने से रोकते थे। परंतु उनकी एक न चली और क़ुरआन लोगों के दिलों में उतरता और इस्लाम फैलता चला गया। इससे पता चलता है कि नबियों की शिक्षाओं के साथ उनकी जातियों ने एक-जैसा व्यवहार किया।
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ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߘߟߊߡߌߘߊ ߤߌ߲ߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫߸ ߊ߳ߺߊ߬ߺߗ߭ߺߌ߯ߺߗ߭ߎ߫ ߊ.ߟߑߤ߭ߊߞ߫ߞ߫ߌ߫ ߊ.ߟߑߊ߳ߡߊߙߌ߮ ߟߊ߫ ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߋ߬.

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