Vertaling van de betekenissen Edele Qur'an - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Index van vertaling


Vertaling van de betekenissen Vers: (35) Surah: Soerat el-Araf (De verheven plaatsen)
یٰبَنِیْۤ اٰدَمَ اِمَّا یَاْتِیَنَّكُمْ رُسُلٌ مِّنْكُمْ یَقُصُّوْنَ عَلَیْكُمْ اٰیٰتِیْ ۙ— فَمَنِ اتَّقٰی وَاَصْلَحَ فَلَا خَوْفٌ عَلَیْهِمْ وَلَا هُمْ یَحْزَنُوْنَ ۟
ऐ आदम की संतान! यदि तुम्हारे पास तुम्हारी ही जातियों में से मेरे कुछ रसूल आएँ, जो तुम्हें वह किताबें पढ़कर सुनाएँ, जो मैंने उनपर उतारी है, तो उनकी बात मानो और जो कुछ वे लेकर आए हैं उसका पालन करो। अतः जो लोग अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, उससे डरते हैं और अपने कामों को सुधार लेते हैं, उन्हें क़ियामत के दिन कोई भय नहीं होगा, और न ही वे दुनिया के छूटे हुए सुख और आनंद पर शोक करेंगे।
Arabische uitleg van de Qur'an:
Voordelen van de verzen op deze pagina:
• المؤمن مأمور بتعظيم شعائر الله من خلال ستر العورة والتجمل في أثناء صلاته وخاصة عند التوجه للمسجد.
• मोमिन को यह आदेश दिया गया है कि वह अपनी नमाज़ के दौरान और विशेष रूप से मस्जिद जाते समय गुप्तांगों को ढककर और सुशोभित होकर अल्लाह के अनुष्ठानों का सम्मान करे।

• من فسر القرآن بغير علم أو أفتى بغير علم أو حكم بغير علم فقد قال على الله بغير علم وهذا من أعظم المحرمات.
• जिस व्यक्ति ने बिना ज्ञान के क़ुरआन की व्याख्या की, या बिना ज्ञान के फतवा दिया, या बिना ज्ञान के फैसला किया, तो उसने बिना ज्ञान के अल्लाह के बारे में बात कही, और यह सबसे बड़ी वर्जनाओं में से है।

• في الآيات دليل على أن المؤمنين يوم القيامة لا يخافون ولا يحزنون، ولا يلحقهم رعب ولا فزع، وإذا لحقهم فمآلهم الأمن.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि क़ियामत के दिन ईमान वाले न तो डरेंगे और न ही शोक करेंगे, न ही वे भय या दहशत से ग्रस्त होंगे। यदि वे ग्रस्त भी हुए, तो अंत में वे सुरक्षित रहेंगे।

• أظلم الناس من عطَّل مراد الله تعالى من جهتين: جهة إبطال ما يدل على مراده، وجهة إيهام الناس بأن الله أراد منهم ما لا يريده الله.
• सबसे बड़ा अत्याचारी वह व्यक्ति है, जो अल्लाह के आशय को दो पहलू से निष्क्रिय करता है : जिससे उसके आशय का पता चलता है उसे रद्द करने का पहलू, तथा लोगों को इस भ्रम में डालने का पहलू कि अल्लाह उनसे वह चाहता है, जो वास्तव में वह नहीं चाहता।

 
Vertaling van de betekenissen Vers: (35) Surah: Soerat el-Araf (De verheven plaatsen)
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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