Vertaling van de betekenissen Edele Qur'an - Hindi vertaling * - Index van vertaling

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Vertaling van de betekenissen Surah: Soerat Saba (De Stad van Saba)   Vers:

सूरा सबा

اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْ لَهٗ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ وَلَهُ الْحَمْدُ فِی الْاٰخِرَةِ ؕ— وَهُوَ الْحَكِیْمُ الْخَبِیْرُ ۟
हर प्रकार की प्रशंसा उस अल्लाह के लिए है, जिसके अधिकार में वह सब कुछ है जो आकाशों में है और जो धरती में है। और आख़िरत (परलोक) में भी उसी के लिए प्रशंसा है और वह पूर्ण हिकमत वाला, सबकी खबर रखने वाला है।
Arabische uitleg van de Qur'an:
یَعْلَمُ مَا یَلِجُ فِی الْاَرْضِ وَمَا یَخْرُجُ مِنْهَا وَمَا یَنْزِلُ مِنَ السَّمَآءِ وَمَا یَعْرُجُ فِیْهَا ؕ— وَهُوَ الرَّحِیْمُ الْغَفُوْرُ ۟
वह जानता है जो कुछ धरती के भीतर प्रवेश होता है और जो कुछ उससे निकलता[1] है, तथा जो कुछ आकाश[2] से उतरता है और जो कुछ उसमें[3] चढ़ता है। तथा वह अत्यंत दयावान्, अति क्षमाशील है।
1. जैसे वर्षा, कोष और निधि आदि। 2. जैसे वर्षा, ओला, फ़रिश्ते और आकाशीय पुस्तकें आदि। 3. जैसे फ़रिश्ते तथा कर्म।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَا تَاْتِیْنَا السَّاعَةُ ؕ— قُلْ بَلٰی وَرَبِّیْ لَتَاْتِیَنَّكُمْ ۙ— عٰلِمِ الْغَیْبِ ۚ— لَا یَعْزُبُ عَنْهُ مِثْقَالُ ذَرَّةٍ فِی السَّمٰوٰتِ وَلَا فِی الْاَرْضِ وَلَاۤ اَصْغَرُ مِنْ ذٰلِكَ وَلَاۤ اَكْبَرُ اِلَّا فِیْ كِتٰبٍ مُّبِیْنٍ ۟ۙ
तथा काफ़िरों ने कहा कि हमपर क़ियामत नहीं आएगी। आप कह दें : क्यों नहीं? मेरे पालनहार की क़सम! जो परोक्ष का जानने वाला है, वह तुमपर अवश्य आएगी। उससे एक कण के बराबर भी कोई चीज़ ओझल नहीं रहती न आकाशों में और न धरती में, तथा न उससे छोटी कोई चीज़ है और न बड़ी, परंतु वह एक स्पष्ट पुस्तक[4] में (अंकित) है।
4. अर्थात लौह़े मह़्फ़ूज़ (सुरक्षित पुस्तक) में।
Arabische uitleg van de Qur'an:
لِّیَجْزِیَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ مَّغْفِرَةٌ وَّرِزْقٌ كَرِیْمٌ ۟
ताकि[5] वह उन लोगों को बदला दे, जो ईमान लाए तथा अच्छे कर्म करते रहे। यही लोग हैं जिनके लिए क्षमा तथा सम्मानित जीविका है।
5. यह प्रलय के होने का कारण है।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَالَّذِیْنَ سَعَوْ فِیْۤ اٰیٰتِنَا مُعٰجِزِیْنَ اُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ عَذَابٌ مِّنْ رِّجْزٍ اَلِیْمٌ ۟
तथा जिन लोगों ने हमारी आयतों को नीचा दिखाने[6] का प्रयास किया, उन लोगों के लिए कठोर दुःखदायी यातना है।
6. अर्थात हमारी आयतों से रोकते हैं और समझते हैं कि हम उनको पकड़ने में विवश होंगे।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَیَرَی الَّذِیْنَ اُوْتُوا الْعِلْمَ الَّذِیْۤ اُنْزِلَ اِلَیْكَ مِنْ رَّبِّكَ هُوَ الْحَقَّ ۙ— وَیَهْدِیْۤ اِلٰی صِرَاطِ الْعَزِیْزِ الْحَمِیْدِ ۟
तथा जिन लोगों को ज्ञान दिया गया है, वे जानते हैं कि जो कुछ आपपर आपके पालनहार की ओर से उतारा गया है, वही सत्य है, तथा वह सर्व प्रभुत्वशाली, सर्वप्रशंसित (अल्लाह) के मार्ग की ओर ले जाता है।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا هَلْ نَدُلُّكُمْ عَلٰی رَجُلٍ یُّنَبِّئُكُمْ اِذَا مُزِّقْتُمْ كُلَّ مُمَزَّقٍ ۙ— اِنَّكُمْ لَفِیْ خَلْقٍ جَدِیْدٍ ۟ۚ
तथा जिन लोगों ने इनकार किया, वे कहते हैं कि क्या हम तुम्हें एक ऐसा आदमी बताएँ, जो तुम्हें सूचना देता है कि जब तुम पूर्णतया चूर-चूर कर दिए जाओगे, तो तुम अवश्य एक नई रचना में आओगे?
Arabische uitleg van de Qur'an:
اَفْتَرٰی عَلَی اللّٰهِ كَذِبًا اَمْ بِهٖ جِنَّةٌ ؕ— بَلِ الَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ فِی الْعَذَابِ وَالضَّلٰلِ الْبَعِیْدِ ۟
क्या उसने अल्लाह पर झूठ गढ़ा है या उसमें पागलपन है? बल्कि जो लोग आख़िरत पर विश्वास (ईमान) नहीं रखते, वे यातना[7] तथा दूर की गुमराही में हैं।
7. अर्थात इसका दुष्परिणाम नरक की यातना है।
Arabische uitleg van de Qur'an:
اَفَلَمْ یَرَوْا اِلٰی مَا بَیْنَ اَیْدِیْهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ مِّنَ السَّمَآءِ وَالْاَرْضِ ؕ— اِنْ نَّشَاْ نَخْسِفْ بِهِمُ الْاَرْضَ اَوْ نُسْقِطْ عَلَیْهِمْ كِسَفًا مِّنَ السَّمَآءِ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً لِّكُلِّ عَبْدٍ مُّنِیْبٍ ۟۠
क्या उन्होंने अपने आगे और पीछे आकाश और धरती को नहीं देखा? यदि हम चाहें तो उन्हें धरती में धँसा दें या उनपर आकाश के टुकड़े गिरा दें। निःसंदेह इसमें हर उस बंदे के लिए अवश्य एक निशानी है, जो अल्लाह की ओर लौटने वाला है।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا دَاوٗدَ مِنَّا فَضْلًا ؕ— یٰجِبَالُ اَوِّبِیْ مَعَهٗ وَالطَّیْرَ ۚ— وَاَلَنَّا لَهُ الْحَدِیْدَ ۟ۙ
तथा हमने दाऊद को अपना अनुग्रह[8] प्रदान किया। ऐ पर्वतो! उसके साथ अल्लाह की पवित्रता बयान करो[9] तथा पक्षियों को भी (यही आदेश दिया) तथा हमने उसके लिए लोहा को नरम कर दिया।
8. अर्थात उनको नबी बनाया और पुस्तक का ज्ञान प्रदान किया। 9. अल्लाह के इस आदेश अनुसार पर्वत तथा पक्षी उनके लिए अल्लाह की महिमा गान के समय उनकी ध्वनि को दोहराते थे।
Arabische uitleg van de Qur'an:
اَنِ اعْمَلْ سٰبِغٰتٍ وَّقَدِّرْ فِی السَّرْدِ وَاعْمَلُوْا صَالِحًا ؕ— اِنِّیْ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِیْرٌ ۟
कि विस्तृत कवचें बनाओ तथा कड़ियाँ जोड़ने में उचित अनुमान लगाओ, और अच्छे कार्य करते रहो। जो कुछ तुम कर रहे हो, निःसंदेह मैं उसे देख रहा हूँ।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَلِسُلَیْمٰنَ الرِّیْحَ غُدُوُّهَا شَهْرٌ وَّرَوَاحُهَا شَهْرٌ ۚ— وَاَسَلْنَا لَهٗ عَیْنَ الْقِطْرِ ؕ— وَمِنَ الْجِنِّ مَنْ یَّعْمَلُ بَیْنَ یَدَیْهِ بِاِذْنِ رَبِّهٖ ؕ— وَمَنْ یَّزِغْ مِنْهُمْ عَنْ اَمْرِنَا نُذِقْهُ مِنْ عَذَابِ السَّعِیْرِ ۟
तथा (हमने) सुलैमान के लिए हवा को (वशीभूत कर दिया)। उसका सुबह का चलना एक महीने का तथा शाम का चलना एक महीने[10] का होता था। तथा हमने उसके लिए तांबे का स्रोत बहा दिया। तथा कुछ जिन्नों को भी (उसके वश में कर दिया), जो उसके सामने उसके पालनहार की अनुमति से काम करते थे। तथा उनमें से जो भी हमारे आदेश से फिरेगा, हम उसे भड़कती आग की यातना चखाएँगे।
10. सुलैमान (अलैहिस्सलाम) अपने राज्य के अधिकारियों के साथ सिंहासन पर आसीन हो जाते। और उनके आदेश से वायु उसे इतनी तीव्र गति से उड़ा ले जाती कि आधे दिन में एक महीने की यात्रा पूरी कर लेते। इस प्रकार सुबह और शाम मिलाकर दो महीने की यात्रा पूरी हो जाती। (देखिए : इब्ने कसीर)
Arabische uitleg van de Qur'an:
یَعْمَلُوْنَ لَهٗ مَا یَشَآءُ مِنْ مَّحَارِیْبَ وَتَمَاثِیْلَ وَجِفَانٍ كَالْجَوَابِ وَقُدُوْرٍ رّٰسِیٰتٍ ؕ— اِعْمَلُوْۤا اٰلَ دَاوٗدَ شُكْرًا ؕ— وَقَلِیْلٌ مِّنْ عِبَادِیَ الشَّكُوْرُ ۟
वे उसके लिए बनाते थे, जो वह चाहता था; भवन (मस्जिदें), प्रतिमाएँ, हौज़ों
के जैसे बड़े-बड़े लगन तथा एक ही जगह जमी हुई देगें। ऐ दाऊद के परिजनो! कृतज्ञता के तौर पर सत्कर्म करो। और मेरे बंदों में थोड़े ही लोग कृतज्ञ हैं।
Arabische uitleg van de Qur'an:
فَلَمَّا قَضَیْنَا عَلَیْهِ الْمَوْتَ مَا دَلَّهُمْ عَلٰی مَوْتِهٖۤ اِلَّا دَآبَّةُ الْاَرْضِ تَاْكُلُ مِنْسَاَتَهٗ ۚ— فَلَمَّا خَرَّ تَبَیَّنَتِ الْجِنُّ اَنْ لَّوْ كَانُوْا یَعْلَمُوْنَ الْغَیْبَ مَا لَبِثُوْا فِی الْعَذَابِ الْمُهِیْنِ ۟
फिर जब हमने सुलैमान की मौत का निर्णय कर दिया, तो जिन्नों को उसकी मौत का पता एक घुन के सिवा किसी ने नहीं दिया, जो उसकी लाठी[11] को खा रहा था। फिर जब वह गिर गया, तो जिन्नों पर यह बात खुली कि यदि वे परोक्ष[12] का ज्ञान रखते, तो इस अपमानकारी यातना में पड़े न रहते।
11. जिसके सहारे वह खड़े थे तथा घुन के खाने पर उनका शव धरती पर गिर पड़ा। 12. सुलैमान (अलैहिस्सलाम) के युग में यह भ्रम था कि जिन्नों को परोक्ष का ज्ञान होता है। जिसे अल्लाह ने माननीय सुलैमान अलैहिस्सलाम के निधन द्वारा तोड़ दिया कि अल्लाह के सिवा किसी को परोक्ष का ज्ञान नहीं है। (इब्ने कसीर)
Arabische uitleg van de Qur'an:
لَقَدْ كَانَ لِسَبَاٍ فِیْ مَسْكَنِهِمْ اٰیَةٌ ۚ— جَنَّتٰنِ عَنْ یَّمِیْنٍ وَّشِمَالٍ ؕ۬— كُلُوْا مِنْ رِّزْقِ رَبِّكُمْ وَاشْكُرُوْا لَهٗ ؕ— بَلْدَةٌ طَیِّبَةٌ وَّرَبٌّ غَفُوْرٌ ۟
सबा[13] जाति के लिए उनके निवास-स्थान में एक निशानी[14] थी। (उसके) दाएँ और बाएँ दो बाग़ थे। (हमने कहा था :) अपने पालनहार की दी हुई रोज़ी से खाओ और उसके प्रति आभार प्रकट करो। (यह) एक अच्छा शहर है तथा अति क्षमाशील पालनहार है।
13. यह जाति यमन में निवास करती थी। 14. अर्थात अल्लाह के सामर्थ्य की।
Arabische uitleg van de Qur'an:
فَاَعْرَضُوْا فَاَرْسَلْنَا عَلَیْهِمْ سَیْلَ الْعَرِمِ وَبَدَّلْنٰهُمْ بِجَنَّتَیْهِمْ جَنَّتَیْنِ ذَوَاتَیْ اُكُلٍ خَمْطٍ وَّاَثْلٍ وَّشَیْءٍ مِّنْ سِدْرٍ قَلِیْلٍ ۟
लेकिन उन्होंने मुँह फेर लिया, तो हमने उनपर भयंकर (बाँध तोड़) बाढ़ भेज दी, तथा उनके दोनों बाग़ों को दो ऐसे बाग़ों से बदल दिए, जिनमें कड़वे-कसैले फल, झाऊ के वृक्ष तथा कुछ थोड़े-से बेर थे।
Arabische uitleg van de Qur'an:
ذٰلِكَ جَزَیْنٰهُمْ بِمَا كَفَرُوْا ؕ— وَهَلْ نُجٰزِیْۤ اِلَّا الْكَفُوْرَ ۟
यह बदला हमने उन्हें उनके कृतघ्नता दिखाने के कारण दिया, तथा ऐसा बदला हम उसी को देते हैं जो बहुत कृतघ्न हो।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَجَعَلْنَا بَیْنَهُمْ وَبَیْنَ الْقُرَی الَّتِیْ بٰرَكْنَا فِیْهَا قُرًی ظَاهِرَةً وَّقَدَّرْنَا فِیْهَا السَّیْرَ ؕ— سِیْرُوْا فِیْهَا لَیَالِیَ وَاَیَّامًا اٰمِنِیْنَ ۟
और हमने उनके बीच तथा उन बस्तियों के बीच, जिनमें हमने बरकत[15] रखी थी, एक-दूसरे से दिखाई देने वाली बस्तियाँ बना दी थीं, तथा हमने उनमें यात्रा के पड़ाव[16] निर्धारित कर दिए थे (और कह दिया था :) तुम उनमें रात-दिन निश्चिंत[17] होकर चलो फिरो।
15. अर्थात सबा तथा शाम के बीच। 16. अर्थात एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा की सुविधा रखी थी। 17. शत्रु तथा भूख-प्यास से निर्भय हो कर।
Arabische uitleg van de Qur'an:
فَقَالُوْا رَبَّنَا بٰعِدْ بَیْنَ اَسْفَارِنَا وَظَلَمُوْۤا اَنْفُسَهُمْ فَجَعَلْنٰهُمْ اَحَادِیْثَ وَمَزَّقْنٰهُمْ كُلَّ مُمَزَّقٍ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّكُلِّ صَبَّارٍ شَكُوْرٍ ۟
तो उन्होंने कहा : ऐ हमारे पालनहार! हमारी यात्राओं के बीच दूरी[18] बना दे! तथा उन्होंने अपने ऊपर ज़ुल्म किया। अंततः हमने उन्हें कहानियाँ[19] बना दिया और उन्हें पूरी तरह तित्तर-बित्तर कर दिया। निःसंदेह इसमें हर बड़े धैर्यवान् और बहुत शुक्र करने वाले के लिए कई निशानियाँ (शिक्षाएँ) हैं।
18. हमारी यात्राओं के बीच कोई बस्ती न हो। 19. उनकी कथाएँ रह गईं, और उनका अस्तित्व मिट गया।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَلَقَدْ صَدَّقَ عَلَیْهِمْ اِبْلِیْسُ ظَنَّهٗ فَاتَّبَعُوْهُ اِلَّا فَرِیْقًا مِّنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
तथा इबलीस ने उनपर अपना गुमान[20] सच कर दिखाया। चुनाँचे ईमान वालों के एक समूह को छोड़कर सब ने उसका अनुसरण किया।
20. अर्थात यह अनुमान कि वह आदम के पुत्रों को कुपथ करेगा। (देखिए : सूरतुल-आराफ़, आयत :16, तथा सूरत साद, आयत : 82)
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَمَا كَانَ لَهٗ عَلَیْهِمْ مِّنْ سُلْطٰنٍ اِلَّا لِنَعْلَمَ مَنْ یُّؤْمِنُ بِالْاٰخِرَةِ مِمَّنْ هُوَ مِنْهَا فِیْ شَكٍّ ؕ— وَرَبُّكَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ حَفِیْظٌ ۟۠
हालाँकि उसका उनपर कोई ज़ोर (दबाव) नहीं था। लेकिन ऐसा इसलिए हुआ ताकि हम जान लें कि कौन आख़िरत पर ईमान लाता है और कौन उसके बारे में संदेह में पड़ा हुआ है। तथा आपका पालनहार प्रत्येक चीज़ का संरक्षक है।
Arabische uitleg van de Qur'an:
قُلِ ادْعُوا الَّذِیْنَ زَعَمْتُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ ۚ— لَا یَمْلِكُوْنَ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ فِی السَّمٰوٰتِ وَلَا فِی الْاَرْضِ وَمَا لَهُمْ فِیْهِمَا مِنْ شِرْكٍ وَّمَا لَهٗ مِنْهُمْ مِّنْ ظَهِیْرٍ ۟
(ऐ नबी) आप कह दें : उन्हें पुकार कर[21] देखो, जिन्हें तुमने अल्लाह के सिवा (पूज्य) समझ रखा है। वे आकाशों और धरती में कणभर भी अधिकार नहीं रखते, और न उन दोनों में उनकी कोई साझेदारी है और न उनमें से कोई उस (अल्लाह) का सहायक ही है।
21. इसमें संकेत उनकी ओर है जो फ़रिश्तों को पूजते तथा उन्हें अपना सिफ़ारिशी मानते थे।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَلَا تَنْفَعُ الشَّفَاعَةُ عِنْدَهٗۤ اِلَّا لِمَنْ اَذِنَ لَهٗ ؕ— حَتّٰۤی اِذَا فُزِّعَ عَنْ قُلُوْبِهِمْ قَالُوْا مَاذَا ۙ— قَالَ رَبُّكُمْ ؕ— قَالُوا الْحَقَّ ۚ— وَهُوَ الْعَلِیُّ الْكَبِیْرُ ۟
और उसके यहाँ केवल उस व्यक्ति की सिफ़ारिश लाभ देगी, जिसे अल्लाह अनुमति देगा।[22] यहाँ तक कि जब उनके दिलों से घबराहट दूर कर दी जाती है, तो वे (फ़रिश्ते) कहते हैं : तुम्हारे पालनहार ने क्या कहा? वे कहते हैं : सत्य (कहा) तथा वह सर्वोच्च, बहुत महान है।[23]
22. (देखिए : सूरतुल-बक़रह, आयत : 255, तथा सूरतुल-अंबिया, आयत : 28) 23. अर्थात जब अल्लाह आकाशों में कोई निर्णय करता है तो फ़रिश्ते भय से काँपने और अपने पंखों को फड़फड़ाने लगते हैं। फिर जब उनकी घबराहट दूर हो जाती है, तो प्रश्न करते हैं कि तुम्हारे पालनहार ने क्या आदेश दिया है? तो वे कहते हैं कि उसने सत्य कहा है। और वह अति उच्च, बहुत महान है। (संक्षिप्त अनुवाद ह़दीस, सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 4800)
Arabische uitleg van de Qur'an:
قُلْ مَنْ یَّرْزُقُكُمْ مِّنَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— قُلِ اللّٰهُ ۙ— وَاِنَّاۤ اَوْ اِیَّاكُمْ لَعَلٰی هُدًی اَوْ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
आप (मुश्रिकों से) प्रश्न करें : तुम्हें आकाशों तथा धरती से[24] कौन जीविका प्रदान करता है? आप कह दें : अल्लाह। तथा निःसंदेह हम या तुम अवश्य सन्मार्ग पर हैं अथवा खुली गुमराही में हैं।
24. आकाशों की वर्षा तथा धरती की उपज से।
Arabische uitleg van de Qur'an:
قُلْ لَّا تُسْـَٔلُوْنَ عَمَّاۤ اَجْرَمْنَا وَلَا نُسْـَٔلُ عَمَّا تَعْمَلُوْنَ ۟
आप कह दें : न तुमसे हमारे अपराधों के बारे में प्रश्न किया जाएगा और न हमसे तुम्हारे कर्मों के संबंध में प्रश्न किया जाएगा।[25]
25. क्योंकि हम तुम्हारे शिर्क से विमुख हैं।
Arabische uitleg van de Qur'an:
قُلْ یَجْمَعُ بَیْنَنَا رَبُّنَا ثُمَّ یَفْتَحُ بَیْنَنَا بِالْحَقِّ ؕ— وَهُوَ الْفَتَّاحُ الْعَلِیْمُ ۟
आप कह दें कि हमारा पालनहार हमें एकत्रित[26] करेगा। फिर हमारे बीच सत्य के साथ निर्णय करेगा तथा वही अति निर्णयकारी, सब कुछ जानने वाला है।
26. अर्थात प्रलय के दिन।
Arabische uitleg van de Qur'an:
قُلْ اَرُوْنِیَ الَّذِیْنَ اَلْحَقْتُمْ بِهٖ شُرَكَآءَ كَلَّا ؕ— بَلْ هُوَ اللّٰهُ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟
आप कह दें : तुम मुझे वो लोग दिखाओ, जिन्हें तुमने साझी ठहराकर[27] अल्लाह के साथ मिला दिया है? ऐसा कदापि नहीं है। बल्कि वही अल्लाह अत्यंत प्रभुत्वशाली, पूर्ण हिकमत वाला है।
27. अर्थात पूजा-आराधना में।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَمَاۤ اَرْسَلْنٰكَ اِلَّا كَآفَّةً لِّلنَّاسِ بَشِیْرًا وَّنَذِیْرًا وَّلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
तथा हमने आपको[28] समस्त मनुष्यों के लिए शुभ सूचना देने वाला और डराने वाला ही बनाकर भेजा है। किन्तु अधिकतर लोग नहीं जानते।
28. इस आयत में अल्लाह ने मुह़्म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के विश्वव्यापि रसूल तथा सर्व मनुष्य जाति के पथ प्रदर्शक होने की घोषणा की है। जिसे सूरतुल-आराफ़, आयत संख्या : 158, तथा सूरतुल-फ़ुर्क़ान आयत संख्या : 1 में भी वर्णित किया गया है। इसी प्रकार आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया कि मुझे पाँच ऐसी चीज़ें दी गई हैं जो मुझसे पूर्व किसी नबी को नहीं दी गईं। और वे ये हैं : 1. एक महीने की दूरी तक शत्रुओं के दिलों में मेरी धाक द्वारा मेरी सहायता की गई है। 2. पूरी धरती मेरे लिए मस्जिद तथा पवित्र बना दी गई है। 3. युद्ध में प्राप्त धन मेरे लिए वैध कर दिया गया है, जो पहले किसी नबी के लिये वैध नहीं किया गया। 4. मुझे सिफ़ारिश का अधिकार दिया गया है। 5. मुझसे पहले के नबी मात्र अपने समुदाय के लिए भेजे जाते थे, परंतु मुझे संपूर्ण मानव जाति के लिए नबी बनाकर भेजा गया है। (सह़ीह़ बुख़ारी : 335) आयत का भावार्थ यह है कि आपके आगमन के पश्चात् आपपर ईमान लाना तथा आपके लाए धर्म विधान क़ुरआन का अनुपालन करना पूरे मानव विश्व पर अनिवार्य है। और यही सत्धर्म तथा मुक्ति मार्ग है। जिसे अधिक्तर लोग नहीं जानते। नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया : उसकी शपथ जिसके हाथ में मेरे प्राण हैं! इस उम्मत का कोई यहूदी और ईसाई मुझे सुनेगा और मौत से पहले मेरे धर्म पर ईमान नहीं लाएगा, तो वह नरक में जाएगा। (सह़ीह़ मुस्लिम : 153)
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَیَقُوْلُوْنَ مَتٰی هٰذَا الْوَعْدُ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
तथा वे कहते[29] हैं : (क़ियामत का) यह वादा कब पूरा होगा, यदि तुम सच्चे हो?
29. अर्थात उपहास करते हैं।
Arabische uitleg van de Qur'an:
قُلْ لَّكُمْ مِّیْعَادُ یَوْمٍ لَّا تَسْتَاْخِرُوْنَ عَنْهُ سَاعَةً وَّلَا تَسْتَقْدِمُوْنَ ۟۠
आप (उनसे) कह दें कि तुम्हारे लिए एक ऐसे दिन[30] का वादा है कि न तुम उससे एक घड़ी पीछे रह सकोगे और न आगे बढ़ सकोगे।
30. अर्थात् प्रलय के दिन का।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَنْ نُّؤْمِنَ بِهٰذَا الْقُرْاٰنِ وَلَا بِالَّذِیْ بَیْنَ یَدَیْهِ ؕ— وَلَوْ تَرٰۤی اِذِ الظّٰلِمُوْنَ مَوْقُوْفُوْنَ عِنْدَ رَبِّهِمْ ۖۚ— یَرْجِعُ بَعْضُهُمْ اِلٰی بَعْضِ ١لْقَوْلَ ۚ— یَقُوْلُ الَّذِیْنَ اسْتُضْعِفُوْا لِلَّذِیْنَ اسْتَكْبَرُوْا لَوْلَاۤ اَنْتُمْ لَكُنَّا مُؤْمِنِیْنَ ۟
तथा काफ़िरों ने कहा कि हम कदापि इस क़ुरआन पर और इससे पहले की पुस्तक पर ईमान नहीं लाएँगे। और यदि आप देखें जब अत्याचारी लोग (क़ियामत के दिन) अपने पालनहार के समक्ष खड़े किए जाएँगे, जबकि वे एक-दूसरे की बात का खंडन कर रहे होंगे। जो लोग (दुनिया में) कमज़ोर समझे जाते थे, वे उन लोगों से कहेंगे, जो बड़े बनते थे : यदि तुम न होते, तो अवश्य ही हम ईमान वाले होते।[31]
31. तुम्ही ने हमें सत्य से रोका था।
Arabische uitleg van de Qur'an:
قَالَ الَّذِیْنَ اسْتَكْبَرُوْا لِلَّذِیْنَ اسْتُضْعِفُوْۤا اَنَحْنُ صَدَدْنٰكُمْ عَنِ الْهُدٰی بَعْدَ اِذْ جَآءَكُمْ بَلْ كُنْتُمْ مُّجْرِمِیْنَ ۟
वे लोग जो घमंड करते (बड़े बनते) थे, उन लोगों से जो कमज़ोर समझे जाते थे, कहेंगे : क्या हमने तुम्हें मार्गदर्शन से रोका था, जब वह तुम्हारे पास आ गया था? बल्कि तुम (स्वयं ही) अपराधी थे।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَقَالَ الَّذِیْنَ اسْتُضْعِفُوْا لِلَّذِیْنَ اسْتَكْبَرُوْا بَلْ مَكْرُ الَّیْلِ وَالنَّهَارِ اِذْ تَاْمُرُوْنَنَاۤ اَنْ نَّكْفُرَ بِاللّٰهِ وَنَجْعَلَ لَهٗۤ اَنْدَادًا ؕ— وَاَسَرُّوا النَّدَامَةَ لَمَّا رَاَوُا الْعَذَابَ ؕ— وَجَعَلْنَا الْاَغْلٰلَ فِیْۤ اَعْنَاقِ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا ؕ— هَلْ یُجْزَوْنَ اِلَّا مَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
तथा वे लोग जो कमज़ोर समझे जाते थे, उन लोगों से कहेंगे, जो अहंकार करते थे : बल्कि (तुम्हारी) रात और दिन की चालों[32] ही ने (हमें रोका था) जब तुम हमें आदेश देते थे कि हम अल्लाह के साथ कुफ़्र करें तथा उसके लिए साझी ठहराएँ। तथा जब वे यातना को देखेंगे तो (अपने दिल में) पछतावा को छिपाएँगे। और हम उन लोगों की गरदनों में तौक़ डाल देंगे, जिन्होंने कुफ़्र किया। उन्हें केवल उसी का बदला दिया जाएगा, जो वे किया करते थे।
32. अर्थात तुम्हारे षड्यंत्र ने हमें रोका था।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَمَاۤ اَرْسَلْنَا فِیْ قَرْیَةٍ مِّنْ نَّذِیْرٍ اِلَّا قَالَ مُتْرَفُوْهَاۤ اِنَّا بِمَاۤ اُرْسِلْتُمْ بِهٖ كٰفِرُوْنَ ۟
तथा हमने जिस बस्ती में भी कोई डराने वाला भेजा, तो उसके संपन्न लोगों ने यही कहा : निःसंदेह हम उस चीज़ का, जिसके साथ तुम भेजे गए हो, इनकार करते हैं।[33]
33. नबियों के उपदेश का विरोध सबसे पहले संपन्न वर्ग ने किया है। क्योंकि वे यह समझते हैं कि यदि सत्य सफल हो गया, तो समाज पर उनका अधिकार समाप्त हो जाएगा। वे इस आधार पर भी नबियों का विरोध करते रहे कि हम ही अल्लाह के प्रिय हैं। यदि वह हमसे प्रसन्न न होता, तो हमें धन-धान्य क्यों प्रदान करता? अतः हम परलोक की यातना से ग्रस्त नहीं होंगे। क़ुरआन ने अनेक आयतों में उनके इस भ्रम का खंडन किया है।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَقَالُوْا نَحْنُ اَكْثَرُ اَمْوَالًا وَّاَوْلَادًا ۙ— وَّمَا نَحْنُ بِمُعَذَّبِیْنَ ۟
तथा उन्होंने कहा : हम धन और संतान में तुमसे बढ़कर हैं तथा हमें यातना नहीं दी जाएगी।
Arabische uitleg van de Qur'an:
قُلْ اِنَّ رَبِّیْ یَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ یَّشَآءُ وَیَقْدِرُ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟۠
आप कह दें : निःसंदेह मेरा पालनहार जिसके लिए चाहता है, जीविका विस्तृत कर देता है, और (जिसके लिए चाहे) तंग कर देता है। लेकिन अधिकतर लोग नहीं जानते।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَمَاۤ اَمْوَالُكُمْ وَلَاۤ اَوْلَادُكُمْ بِالَّتِیْ تُقَرِّبُكُمْ عِنْدَنَا زُلْفٰۤی اِلَّا مَنْ اٰمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا ؗ— فَاُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ جَزَآءُ الضِّعْفِ بِمَا عَمِلُوْا وَهُمْ فِی الْغُرُفٰتِ اٰمِنُوْنَ ۟
और तुम्हारे धन और तुम्हारी संतान ऐसी नहीं हैं जो तुम्हें पद में हमारे निकट[34] कर दें। परंतु जो ईमान लाया और उसने अच्छे कार्य किए, तो यही लोग हैं, जिनके लिए उनके कार्यों का दोहरा प्रतिफल है और वे ऊँचे भवनों में निश्चिंत होकर रहेंगे।
34. अर्थात हमारा प्रिय बना दे।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَالَّذِیْنَ یَسْعَوْنَ فِیْۤ اٰیٰتِنَا مُعٰجِزِیْنَ اُولٰٓىِٕكَ فِی الْعَذَابِ مُحْضَرُوْنَ ۟
तथा जो लोग हमारी आयतों को असत्य सिद्ध करने के प्रयास में लगे रहते हैं, वे लाकर यातना में डाले जाएँगे।
Arabische uitleg van de Qur'an:
قُلْ اِنَّ رَبِّیْ یَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ یَّشَآءُ مِنْ عِبَادِهٖ وَیَقْدِرُ لَهٗ ؕ— وَمَاۤ اَنْفَقْتُمْ مِّنْ شَیْءٍ فَهُوَ یُخْلِفُهٗ ۚ— وَهُوَ خَیْرُ الرّٰزِقِیْنَ ۟
आप कह दें : निःसंदेह मेरा पालनहार अपने बंदों में से जिसके लिए चाहता है, जीविका विस्तृत कर देता है, और (जिसके लिए चाहता है) तंग कर देता है। और तुम जो चीज़ भी खर्च करते हो, तो वह उसकी जगह और देता है। और वह सबसे उत्तम जीविका देने वाला है।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَیَوْمَ یَحْشُرُهُمْ جَمِیْعًا ثُمَّ یَقُوْلُ لِلْمَلٰٓىِٕكَةِ اَهٰۤؤُلَآءِ اِیَّاكُمْ كَانُوْا یَعْبُدُوْنَ ۟
और जिस दिन वह (अल्लाह) उन सब को एकत्रित करेगा, फिर फ़रिश्तों से कहेगा : क्या यही लोग तुम्हारी इबादत (पूजा) किया करते थे?
Arabische uitleg van de Qur'an:
قَالُوْا سُبْحٰنَكَ اَنْتَ وَلِیُّنَا مِنْ دُوْنِهِمْ ۚ— بَلْ كَانُوْا یَعْبُدُوْنَ الْجِنَّ ۚ— اَكْثَرُهُمْ بِهِمْ مُّؤْمِنُوْنَ ۟
वे (फ़रिश्ते) कहेंगे : तू पवित्र है! तू ही उनके सिवा हमारा संरक्षक है। बल्कि वे तो जिन्नों[35] की इबादत करते थे। उनमें से अधिकतर लोग उन्हीं पर ईमान रखने वाले थे।
35. अरब के कुछ मुश्रिक लोग, फ़रिश्तों को पूज्य समझते थे। अतः उनसे यह प्रश्न किया जाएगा।
Arabische uitleg van de Qur'an:
فَالْیَوْمَ لَا یَمْلِكُ بَعْضُكُمْ لِبَعْضٍ نَّفْعًا وَّلَا ضَرًّا ؕ— وَنَقُوْلُ لِلَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ذُوْقُوْا عَذَابَ النَّارِ الَّتِیْ كُنْتُمْ بِهَا تُكَذِّبُوْنَ ۟
सो आज तुम[36] एक-दूसरे के लाभ और हानि के मालिक नहीं हो। तथा हम उन अत्याचारियों से कहेंगे : उस आग की यातना चखो, जिसे तुम झुठलाया करते थे।
36. अर्थात मिथ्या पूज्य तथा उनके पुजारी।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَاِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِمْ اٰیٰتُنَا بَیِّنٰتٍ قَالُوْا مَا هٰذَاۤ اِلَّا رَجُلٌ یُّرِیْدُ اَنْ یَّصُدَّكُمْ عَمَّا كَانَ یَعْبُدُ اٰبَآؤُكُمْ ۚ— وَقَالُوْا مَا هٰذَاۤ اِلَّاۤ اِفْكٌ مُّفْتَرًی ؕ— وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لِلْحَقِّ لَمَّا جَآءَهُمْ ۙ— اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا سِحْرٌ مُّبِیْنٌ ۟
और जब उनके समक्ष हमारी खुली आयतें पढ़ी जाती हैं, तो कहते हैं : यह तो एक ऐसा व्यक्ति है, जो चाहता है कि तुम्हें उन (पूज्यों) से रोक दे, जिनकी तुम्हारे बाप-दादा इबादत किया करते थे। तथा उन्होंने कहा : यह तो मात्र एक गढ़ा हुआ झूठ है। तथा जब उन काफ़िरों के पास सत्य आ गया, तो उन्होंने उसके बारे में कहा : यह तो मात्र एक खुला जादू है।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَمَاۤ اٰتَیْنٰهُمْ مِّنْ كُتُبٍ یَّدْرُسُوْنَهَا وَمَاۤ اَرْسَلْنَاۤ اِلَیْهِمْ قَبْلَكَ مِنْ نَّذِیْرٍ ۟ؕ
जबकि हमने उन (मक्का वासियों) को किताबें नहीं दी थीं, जिनको वे पढ़ते हों तथा हमने आपसे पहले उनकी ओर कोई डराने वाला भी नहीं भेजा।[37]
37. तो इन्हें कैसे ज्ञान हो गया कि यह क़ुरआन खुला जादू है? क्योंकि यह ऐतिहासिक सत्य है कि आपसे पहले मक्का में कोई नबी नहीं आया। इसलिए क़ुरआन के प्रभाव को स्वीकार करना चाहिए न कि उसपर जादू होने का आरोप लगा दिया जाए।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَكَذَّبَ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ ۙ— وَمَا بَلَغُوْا مِعْشَارَ مَاۤ اٰتَیْنٰهُمْ فَكَذَّبُوْا رُسُلِیْ ۫— فَكَیْفَ كَانَ نَكِیْرِ ۟۠
तथा इनसे पूर्व के लोगों[38] ने भी झुठलाया था, और जो कुछ हमने उन्हें प्रदान किया था, ये तो उसके दसवें भाग को भी नहीं पहुँचे हैं। चुनाँचे उन्होंने मेरे रसूलों को झुठलाया, तो देख लो मेरी यातना कैसी थी?[39]
38. अर्थात आद और समूद ने। 39. अतः मेरे इनकार के दुष्परिणाम अर्थात उनके विनाश से इन्हें शिक्षा लेनी चाहिए। जो धन-बल तथा शक्ति में इन से अधिक थे।
Arabische uitleg van de Qur'an:
قُلْ اِنَّمَاۤ اَعِظُكُمْ بِوَاحِدَةٍ ۚ— اَنْ تَقُوْمُوْا لِلّٰهِ مَثْنٰی وَفُرَادٰی ثُمَّ تَتَفَكَّرُوْا ۫— مَا بِصَاحِبِكُمْ مِّنْ جِنَّةٍ ؕ— اِنْ هُوَ اِلَّا نَذِیْرٌ لَّكُمْ بَیْنَ یَدَیْ عَذَابٍ شَدِیْدٍ ۟
आप कह दें : मैं बस तुम्हें एक बात की नसीहत करता हूँ कि तुम अल्लाह के लिए दो-दो तथा अकेले-अकेले खड़े हो जाओ। फिर सोचो। तुम्हारे साथी[40] में कोई पागलपन नहीं है। वह तो केवल तुम्हें एक कठोर यातना के आने से पहले डराने वाला है।
40. अर्थात मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की दशा के बारे में।
Arabische uitleg van de Qur'an:
قُلْ مَا سَاَلْتُكُمْ مِّنْ اَجْرٍ فَهُوَ لَكُمْ ؕ— اِنْ اَجْرِیَ اِلَّا عَلَی اللّٰهِ ۚ— وَهُوَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ شَهِیْدٌ ۟
आप कह दें : मैंने तुमसे कोई बदला माँगा है, तो वह तुम्हारे[41] ही लिए है। मेरा बदला तो बस अल्लाह पर है और वह प्रत्येक वस्तु पर गवाह है।
41. कि तुम सन्मार्ग अपनाकर आगामी प्रलय की यातना से सुरक्षित हो जाओ।
Arabische uitleg van de Qur'an:
قُلْ اِنَّ رَبِّیْ یَقْذِفُ بِالْحَقِّ ۚ— عَلَّامُ الْغُیُوْبِ ۟
आप कह दें : मेरा पालनहार सत्य द्वारा (असत्य पर) चोट करता है। वह परोक्ष (ग़ैब) की बातों का खूब जानने वाला है।
Arabische uitleg van de Qur'an:
قُلْ جَآءَ الْحَقُّ وَمَا یُبْدِئُ الْبَاطِلُ وَمَا یُعِیْدُ ۟
आप कह दें कि सत्य आ गया और असत्य न तो पहली बार उभरा और न दोबारा उभर सकेगा।
Arabische uitleg van de Qur'an:
قُلْ اِنْ ضَلَلْتُ فَاِنَّمَاۤ اَضِلُّ عَلٰی نَفْسِیْ ۚ— وَاِنِ اهْتَدَیْتُ فَبِمَا یُوْحِیْۤ اِلَیَّ رَبِّیْ ؕ— اِنَّهٗ سَمِیْعٌ قَرِیْبٌ ۟
आप कह दें : यदि मैं राह से हट गया, तो मेरे राह से हटने का गुनाह मुझपर ही है और यदि मैं सही मार्ग पर हूँ, तो यह उस कारण है जो मेरा पालनहार मेरी ओर वह़्य भेजता है। निःसंदेह वह सब कुछ सुनने वाला, निकट है।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَلَوْ تَرٰۤی اِذْ فَزِعُوْا فَلَا فَوْتَ وَاُخِذُوْا مِنْ مَّكَانٍ قَرِیْبٍ ۟ۙ
और (ऐ रसूल!) अगर आप देखें, जब ये लोग घबराए हुए[42] होंगे, तो उनके लिए बचने का कोई रास्ता न होगा, तथा वे निकट स्थान ही से पकड़ लिए जाएँगे।
42. प्रलय की यातना देखकर।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَّقَالُوْۤا اٰمَنَّا بِهٖ ۚ— وَاَنّٰی لَهُمُ التَّنَاوُشُ مِنْ مَّكَانٍ بَعِیْدٍ ۟ۚ
और वे पुकार उठेंगे : हम (अब) उसपर[43] ईमान ले आए। लेकिन इतनी दूर जगह[44] से उनके लिए ईमान की प्राप्ति कहाँ से संभव है?
43. अर्थात अल्लाह तथा उस के रसूल पर। 44. ईमान लाने का स्थान तो संसार था। परंतु संसार में उसे अस्वीकार कर दिया।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَقَدْ كَفَرُوْا بِهٖ مِنْ قَبْلُ ۚ— وَیَقْذِفُوْنَ بِالْغَیْبِ مِنْ مَّكَانٍ بَعِیْدٍ ۟
हालाँकि इससे पहले (दुनिया में) उन्होंने उसका इनकार किया था और वे दूर की जगह से[45] बिन देखे तीर चलाते रहे थे।
45. अर्थात अपने अनुमान से असत्य बातें करते रहे थे।
Arabische uitleg van de Qur'an:
وَحِیْلَ بَیْنَهُمْ وَبَیْنَ مَا یَشْتَهُوْنَ كَمَا فُعِلَ بِاَشْیَاعِهِمْ مِّنْ قَبْلُ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا فِیْ شَكٍّ مُّرِیْبٍ ۟۠
तथा उनके और उन चीज़ों के बीच जिनकी वे इच्छा करेंगे, आड़ बना दी जाएगी, जैसा कि इनके जैसों के साथ इससे पहले किया जा चुका है। निःसंदेह वे असमंजस में डालने वाले संदेह में पड़े हुए थे।
Arabische uitleg van de Qur'an:
 
Vertaling van de betekenissen Surah: Soerat Saba (De Stad van Saba)
Surah's Index Pagina nummer
 
Vertaling van de betekenissen Edele Qur'an - Hindi vertaling - Index van vertaling

De vertaling van de betekenissen van de Heilige Koran naar het Hindi, vertaald door Aziz Al-Haq Al-Amri.

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