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ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߛ߫   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:
وَمَا خَلَقْنَا السَّمَآءَ وَالْاَرْضَ وَمَا بَیْنَهُمَا بَاطِلًا ؕ— ذٰلِكَ ظَنُّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا ۚ— فَوَیْلٌ لِّلَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنَ النَّارِ ۟ؕ
हमने आकाश और धरती को व्यर्थ पैदा नहीं किया। यह तो उन लोगों की सोच है, जिन्होंने कुफ़्र किया। अतः इन काफ़िरों के लिए, जो यह सोच रखते हैं, क़ियामत के दिन जहन्नम की आग के रूप में बड़ा विनाश है, अगर वे अपने कुफ़्र और अल्लाह के बारे में बुरी सोच की अवस्था ही में मर गए।
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اَمْ نَجْعَلُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ كَالْمُفْسِدِیْنَ فِی الْاَرْضِ ؗ— اَمْ نَجْعَلُ الْمُتَّقِیْنَ كَالْفُجَّارِ ۟
हम हरगिज़ अल्लाह पर ईमान रखने वालों, उसके रसूल का अनुसरण करने वालों और अच्छे कार्य करने वालों को, उन लोगों के जैसा नहीं बनाएँगे, जो कुफ़्र और पापों के साथ धरती में बिगाड़ पैदा करने वाले हैं। तथा हम उन लोगों को जो अपने पालनहार से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर डरते हैं, पापों में लिप्त काफ़िरों और मुनाफ़िक़ों के समान नहीं बनाएँगे। उन दोनों के बीच बराबरी करना अन्याय है, जो अल्लाह के लिए शोभित नहीं है। बल्कि, अल्लाह परहेज़गार मोमिनों को जन्नत में प्रवेश के साथ पुरस्कृत करेगा। और दुर्भाग्यशाली काफ़िरों को जहन्नम में दाखिल करके दंडित करेगा। क्योंकि ये दोनों अल्लाह के निकट बराबर नहीं हैं। इसलिए उसके पास उनका बदला भी बराबर नहीं होगा।
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كِتٰبٌ اَنْزَلْنٰهُ اِلَیْكَ مُبٰرَكٌ لِّیَدَّبَّرُوْۤا اٰیٰتِهٖ وَلِیَتَذَكَّرَ اُولُوا الْاَلْبَابِ ۟
यह क़ुरआन एक पुस्तक है, जिसे हमने आपकी ओर उतारा है, बड़ी भलाई और लाभ वाली पुस्तक है। ताकि लोग इसकी आयतों पर विचार करें और उनके अर्थों पर ग़ौर करें, और ताकि प्रबल एवं उज्ज्वल दिमाग वाले लोग इससे शिक्षा ग्रहण करें।
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وَوَهَبْنَا لِدَاوٗدَ سُلَیْمٰنَ ؕ— نِعْمَ الْعَبْدُ ؕ— اِنَّهٗۤ اَوَّابٌ ۟ؕ
हमने दाऊद को, अपनी ओर से उनपर अनुग्रह और उपकार करते हुए, उनका बेटा सुलैमान प्रदान किया, ताकि उससे उनकी आँखें ठंडी हो जाएँ। सुलैमान बहुत अच्छे बंदे थे। वह बहुत तौबा करने वाले और अल्लाह की ओर बहुत लौटने वाले और उसकी ओर रुजू' करने वाले थे।
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اِذْ عُرِضَ عَلَیْهِ بِالْعَشِیِّ الصّٰفِنٰتُ الْجِیَادُ ۟ۙ
उस समय को याद करें, जब अस्र के समय उनके सामने तेज़ दौड़ने वाले असली घोड़े लाए गए, जो तीन पैरों पर खड़े और चौथे को उठाए हुए थे। ये उत्तम नस्ल के घोड़े उनपर प्रदर्शित किए जाते रहे, यहाँ तक कि सूरज डूब गया।
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فَقَالَ اِنِّیْۤ اَحْبَبْتُ حُبَّ الْخَیْرِ عَنْ ذِكْرِ رَبِّیْ ۚ— حَتّٰی تَوَارَتْ بِالْحِجَابِ ۟۫
तो सुलैमान अलैहिस्सलाम ने कहा : मैंने धन (जिसमें ये घोड़े भी शामिल हैं) के प्रेम को अपने पालनहार के ज़िक्र पर प्राथमिकता दी यहाँ तक कि सूर्य डूब गया और मुझे अस्र की नमाज़ अदा करने में देर हो गई।
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رُدُّوْهَا عَلَیَّ ؕ— فَطَفِقَ مَسْحًا بِالسُّوْقِ وَالْاَعْنَاقِ ۟
इन घोड़ों को मेरे पास वापस लाओ। चुनाँचे उन्हें उनके पास लाया गया। फिर वह तलवार से उनकी पिंडलियों और गरदनों को मारने लगे।
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وَلَقَدْ فَتَنَّا سُلَیْمٰنَ وَاَلْقَیْنَا عَلٰی كُرْسِیِّهٖ جَسَدًا ثُمَّ اَنَابَ ۟
और हमने सुलैमान को आज़माइश में डाला और उनके राज्य के सिंहासन पर शैतान को डाल दिया, जो मानव रूप धारण किए हुए था। उसने थोड़े समय के लिए उनके राज्य में शासन किया। फिर अल्लाह ने सुलैमान के लिए उनका राज्य बहाल कर दिया और उन्हें शैतानों पर प्रभुत्व प्रदान किया।
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قَالَ رَبِّ اغْفِرْ لِیْ وَهَبْ لِیْ مُلْكًا لَّا یَنْۢبَغِیْ لِاَحَدٍ مِّنْ بَعْدِیْ ۚ— اِنَّكَ اَنْتَ الْوَهَّابُ ۟
सुलैमान अलैहिस्सलाम ने कहा : ऐ मेरे पालनहार, मेरे गुनाह क्षमा कर दे, और मुझे ऐसी बादशाहत प्रदान कर जो मेरे ही लिए विशिष्ट हो, मेरे बाद किसी को प्राप्त न हो। निश्चय (ऐ मेरे पालनहार!) तू बहुत बड़ा दाता और बड़ा दानशील है।
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فَسَخَّرْنَا لَهُ الرِّیْحَ تَجْرِیْ بِاَمْرِهٖ رُخَآءً حَیْثُ اَصَابَ ۟ۙ
तो हमने उनकी दुआ क़बूल कर ली और हवा को उनके अधीन कर दिया, जो उनके आदेश से नरम होकर चलती थी। हवा के तेज़ और शक्तिशाली होने के बावजूद उसमें कोई झटका नहीं थी। वह उन्हें, जहाँ चाहते, ले जाती थी।
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وَالشَّیٰطِیْنَ كُلَّ بَنَّآءٍ وَّغَوَّاصٍ ۟ۙ
तथा हमने शैतानों को उनके अधीन कर दिया, जो उनके आदेश अनुसार काम करते थे। चुनाँचे उनमें से कुछ निर्माण करने वाले थे, तो कुछ ग़ोताख़ोर थे, जो समुद्र में गोता लगाकर मोती निकालते थे।
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وَّاٰخَرِیْنَ مُقَرَّنِیْنَ فِی الْاَصْفَادِ ۟
और शैतानों में से कुछ सरकश थे, वे भी उनके अधीन कर दिए गए थे। चुनाँचे वे बेड़ियों में जकड़े हुए थे, हिल-डोल नहीं सकते थे।
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هٰذَا عَطَآؤُنَا فَامْنُنْ اَوْ اَمْسِكْ بِغَیْرِ حِسَابٍ ۟
ऐ सुलैमान! यह हमारी बख़्शिश है, जो हमने तुम्हारी दुआ को स्वीकार करते हुए तुम्हें प्रदान की है। अब तुम जिसे चाहो, दो और जिसे चाहो, न दो। देने या न देने के मामले में तुमसे कोई हिसाब नहीं लिया जाएगा।
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وَاِنَّ لَهٗ عِنْدَنَا لَزُلْفٰی وَحُسْنَ مَاٰبٍ ۟۠
निश्चित रूप से सुलैमान हमारे पास समीपवर्ती लोगों में से हैं। और उनके लिए लौटने की एक अच्छी जगह है और वह जन्नत है।
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وَاذْكُرْ عَبْدَنَاۤ اَیُّوْبَ ۘ— اِذْ نَادٰی رَبَّهٗۤ اَنِّیْ مَسَّنِیَ الشَّیْطٰنُ بِنُصْبٍ وَّعَذَابٍ ۟ؕ
और (ऐ रसूल!) हमारे बंदे अय्यूब को याद करें, जब उन्होंने अपने पालनहार अल्लाह को पुकारा : शैतान ने मुझे दुःख तथा कष्ट पहुँचाया है।
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اُرْكُضْ بِرِجْلِكَ ۚ— هٰذَا مُغْتَسَلٌۢ بَارِدٌ وَّشَرَابٌ ۟
तो हमने उनसे कहा : अपने पाँव को धरती पर मारो। चुनाँचे उन्होंने अपना पाँव धरती पर मारा, तो उनके लिए उससे पानी का स्रोत फूट पड़ा, जिससे वह पी सकें और स्नान कर सकें और उनकी परेशानी और कष्ट दूर हो जाए।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• الحث على تدبر القرآن.
• क़ुरआन पर चिंतन करने का आग्रह।

• في الآيات دليل على أنه بحسب سلامة القلب وفطنة الإنسان يحصل له التذكر والانتفاع بالقرآن الكريم.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि इनसान के दिल की शुद्धता और बुद्धि के अनुसार, उसे क़ुरआन से उपदेश ग्रहण करने और लाभ प्राप्त करने का सौभाग्य मिलता है।

• في الآيات دليل على صحة القاعدة المشهورة: «من ترك شيئًا لله عوَّضه الله خيرًا منه».
• इन आयतों में इस सुप्रसिद्ध नियम की वैधता का प्रमाण है : "जिसने अल्लाह के लिए किसी चीज़ को छोड़ दिया, अल्लाह उसे उसके बदले में उससे बेहतर प्रदान करेगा।"

 
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ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
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ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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