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وَوَهَبْنَا لَهٗۤ اَهْلَهٗ وَمِثْلَهُمْ مَّعَهُمْ رَحْمَةً مِّنَّا وَذِكْرٰی لِاُولِی الْاَلْبَابِ ۟
तो हमने उनकी दुआ क़बूल कर ली। चुनाँचे उनकी तकलीफ़ दूर कर दी, उन्हें उनके घर वाले दे दिए और अपनी ओर से उनपर दया करते हुए तथा उनके सब्र के बदले में, उनके समान और भी बेटे एवं पोते प्रदान किए। ताकि सही बुद्धि रखने वाले यह याद रखें कि धैर्य का परिणाम राहत और सवाब है।
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وَخُذْ بِیَدِكَ ضِغْثًا فَاضْرِبْ بِّهٖ وَلَا تَحْنَثْ ؕ— اِنَّا وَجَدْنٰهُ صَابِرًا ؕ— نِّعْمَ الْعَبْدُ ؕ— اِنَّهٗۤ اَوَّابٌ ۟
जब अय्यूब (अलैहिस्सलाम) अपनी पत्नी पर क्रोधित हुए और उन्हें सौ कोड़े मारने की क़सम खाई, तो हमने उनसे कहा : (ऐ अय्यूब!) अपने हाथ में पतली और नर्म डालियों का एक गुच्छा लो और अपनी क़सम पूरी करने के लिए उनसे अपनी पत्नी को मार दो। और अपनी खाई हुई क़सम को न तोड़ो। चुनाँचे उन्होंने पतली और नर्म डालियों का एक गुच्छा लिया और उनसे उसे मारा। हमने उन्हें उसपर सब्र करने वाला पाया, जिससे उन्हें आज़माया था। वह अच्छे बंदे थे। निश्चय वह अल्लाह की तरफ़ बहुत ज़्यादा लौटने वाले थे।
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وَاذْكُرْ عِبٰدَنَاۤ اِبْرٰهِیْمَ وَاِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ اُولِی الْاَیْدِیْ وَالْاَبْصَارِ ۟
(ऐ रसूल!) हमारे चुने हुए बंदों और भेजे हुए रसूलों : इबराहीम, इसहाक़ और याक़ूब को याद करें। वे अल्लाह की आज्ञा मानने और उसकी प्रसन्नता की तलाश में शक्तिशाली थे, तथा सत्य के मामले में सच्ची अंतर्दृष्टि के मालिक थे।
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اِنَّاۤ اَخْلَصْنٰهُمْ بِخَالِصَةٍ ذِكْرَی الدَّارِ ۟ۚ
और हमने उनपर एक विशेष गुण के साथ उपकार किया, जिसे उनके लिए विशिष्ट कर दिया, जो कि उनके दिलों को आख़िरत को याद करने, अच्छे कर्मों के साथ उसके लिए तैयारी करने और लोगों को उसके लिए काम करने के लिए आमंत्रित करने के साथ आबाद करना है।
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وَاِنَّهُمْ عِنْدَنَا لَمِنَ الْمُصْطَفَیْنَ الْاَخْیَارِ ۟ؕ
निश्चय वे हमारे निकट उन लोगों में से थे, जिन्हें हमने अपने आज्ञापालन और इबादत के लिए चुन लिया था, तथा अपने संदेश को उठाने और उसे लोगों तक पहुँचाने के लिए उनका चयन कर लिया था।
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وَاذْكُرْ اِسْمٰعِیْلَ وَالْیَسَعَ وَذَا الْكِفْلِ ؕ— وَكُلٌّ مِّنَ الْاَخْیَارِ ۟ؕ
और (ऐ नबी!) आप इसमाईल बिन इबराहीम को याद करें, अल-यसअ् को याद करें, तथा ज़ुल-किफ़्ल को याद करें और सबसे अच्छी प्रशंसा के साथ उनकी सराहना करें। क्योंकि वे इसके योग्य हैं। और ये सभी अल्लाह के निकट चीदा और चुने हुए लोगों में से हैं।
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هٰذَا ذِكْرٌ ؕ— وَاِنَّ لِلْمُتَّقِیْنَ لَحُسْنَ مَاٰبٍ ۟ۙ
यह इन लोगों का क़ुरआन में अच्छी प्रशंसा के साथ उल्लेख है। तथा निश्चय अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, डरने वालों के लिए आख़िरत के घर में बेहतर लौटने का स्थान है।
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جَنّٰتِ عَدْنٍ مُّفَتَّحَةً لَّهُمُ الْاَبْوَابُ ۟ۚ
यह बेहतर लौटने का स्थान वह रहने के बाग़ हैं, जिनमें वे क़ियामत के दिन प्रवेश करेंगे और उनके स्वागत में उनके द्वार खोल दिए गए होंगे।
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مُتَّكِـِٕیْنَ فِیْهَا یَدْعُوْنَ فِیْهَا بِفَاكِهَةٍ كَثِیْرَةٍ وَّشَرَابٍ ۟
अपने लिए सजाए गए तख़्तों पर तकिया लगाए बैठे होंगे। वे अपने सेवकों से अपनी इच्छाओं के अनुसार विभिन्न प्रकार के बहुत-से फल और अपने मनपसंद पेय, जैसे शराब आदि पेश करने के लिए कहेंगे।
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وَعِنْدَهُمْ قٰصِرٰتُ الطَّرْفِ اَتْرَابٌ ۟
उनके पास ऐसी स्त्रियाँ होंगी, जिनकी निगाहें उनके पतियों पर सीमित रहेंगी, उनके अलावा किसी अन्य की तरफ़ नहीं उठेंगी और वे एक-सी आयु वाली होंगी।
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هٰذَا مَا تُوْعَدُوْنَ لِیَوْمِ الْحِسَابِ ۟
यह वही अच्छा बदला है जिसका (ऐ अल्लाह का भय रखने वालो!) तुमसे क़ियामत के दिन तुम्हारे उन नेक कामों के प्रतिफल के रूप में वादा किया जाता था, जो तुम दुनिया में किया करते थे।
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اِنَّ هٰذَا لَرِزْقُنَا مَا لَهٗ مِنْ نَّفَادٍ ۟ۚۖ
यह बदला जिसका हमने उल्लेख किया है, यही हमारी जीविका है, जो हम क़ियामत के दिन अल्लाह का भय रखने वालों को प्रदान करेंगे। यह एक निरंतर जीविका है, जो न कभी बाधित होगी और न कभी समाप्त होगी।
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هٰذَا ؕ— وَاِنَّ لِلطّٰغِیْنَ لَشَرَّ مَاٰبٍ ۟ۙ
यह जो हमने उल्लेख किया है, अल्लाह का भय रखने वालों का बदला है। जबकि कुफ़्र और गुनाहों के साथ अल्लाह की सीमाओं को पार करने वालों का बदला, अल्लाह का भय रखने वालों के बदले से अलग है। उनके लिए क़ियामत के दिन लौटने का बहुत बुरा स्थान है।
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جَهَنَّمَ ۚ— یَصْلَوْنَهَا ۚ— فَبِئْسَ الْمِهَادُ ۟
यह बदला जहन्नम है, जो उन्हें चारों ओर से घेर लेगी। वे उसकी ताप और लौ का सामना करते रहेंगे। उनके लिए उसी का बिछौना होगा। तो उनका बिछौना बहुत बुरा बिछौना है।
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هٰذَا ۙ— فَلْیَذُوْقُوْهُ حَمِیْمٌ وَّغَسَّاقٌ ۟ۙ
यह यातना अत्यंत गर्म पानी और जहन्नम में यातना ग्रस्त लोगों के शरीर से निकलने वाली पीप है। सो वे इसे पिएं। क्योंकि यही उनका पेय है, जो उनकी प्यास नहीं बुझाएगी।
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وَّاٰخَرُ مِنْ شَكْلِهٖۤ اَزْوَاجٌ ۟ؕ
उनके लिए इस यातना के रूप की एक और भी यातना है। इस तरह उनके लिए यातना के विभिन्न प्रकार हैं, जिनके साथ उन्हें आख़िरत में दंडित किया जाएगा।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
هٰذَا فَوْجٌ مُّقْتَحِمٌ مَّعَكُمْ ۚ— لَا مَرْحَبًا بِهِمْ ؕ— اِنَّهُمْ صَالُوا النَّارِ ۟
जब जहन्नमी लोग जहन्नम में प्रवेश कर जाएँगे, तो उनके बीच वैसी ही कहा-सुनी होगी, जो विरोधियों के बीच आपस में हुआ करती है और वे एक-दूसरे से अपनी बराअत का इज़हार करेंगे। चुनाँचे उनमें से कुछ लोग कहेंगे : यह जहन्नम वालों का एक समूह है जो तुम्हारे साथ जहन्नम में घुसता चला आ रहा है। तो वे जवाब देंगे : उनका स्वागत नहीं है। वे उसी तरह आग की यातना झेलने वाले हैं, जैसे हम झेल रहे हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
قَالُوْا بَلْ اَنْتُمْ ۫— لَا مَرْحَبًا بِكُمْ ؕ— اَنْتُمْ قَدَّمْتُمُوْهُ لَنَا ۚ— فَبِئْسَ الْقَرَارُ ۟
अनुयायियों का समूह अपने उन सरदारों से कहेगा, जिनके वे अधीनस्थ थे : बल्कि तुम (ऐ अनुसरण किए गए सरदारो!) तुम्हारा कोई स्वागत नहीं। क्योंकि तुम ही हो, जो हमें गुमराह करके और बहकाकर हमारे लिए इस दर्दनाक यातना के कारण बने हो। चुनाँचे यह ठिकाना, सभी लोगों का ठिकाना, बहुत बुरा ठिकाना है, जो कि जहन्नम की आग है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
قَالُوْا رَبَّنَا مَنْ قَدَّمَ لَنَا هٰذَا فَزِدْهُ عَذَابًا ضِعْفًا فِی النَّارِ ۟
अनुसरण करने वाले कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! जिसने हमारे पास हिदायत आ जाने के बाद हमें उससे गुमराह किया है, उसे जहन्नम में दोगुनी यातना दे।
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ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• من صبر على الضر فالله تعالى يثيبه ثوابًا عاجلًا وآجلًا، ويستجيب دعاءه إذا دعاه.
• जो व्यक्ति तकलीफ़ के समय सब्र करेगा, अल्लाह उसे दुनिया एवं आख़िरत दोनों जगहों में प्रतिफल देगा, और यदि वह अल्लाह से दुआ करेगा, तो अल्लाह उसकी दुआ को क़बूल करेगा।

• في الآيات دليل على أن للزوج أن يضرب امرأته تأديبًا ضربًا غير مبرح؛ فأيوب عليه السلام حلف على ضرب امرأته ففعل.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि पति अपनी पत्नी को अनुशासित करने के लिए मार सकता है, लेकिन मार हल्की होनी चाहिए। क्योंकि अय्यूब अलैहिस्सलाम ने अपनी पत्नी को मारने की क़सम खाई और क़सम को पूरा किया।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߛ߫
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
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ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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