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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: یوسف   آیت:
وَاتَّبَعْتُ مِلَّةَ اٰبَآءِیْۤ اِبْرٰهِیْمَ وَاِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ ؕ— مَا كَانَ لَنَاۤ اَنْ نُّشْرِكَ بِاللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ ؕ— ذٰلِكَ مِنْ فَضْلِ اللّٰهِ عَلَیْنَا وَعَلَی النَّاسِ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَشْكُرُوْنَ ۟
मैंने अपने बाप-दादाओं : इबराहीम, इसह़ाक़ और याक़ूब के धर्म का पालन किया है। और वह अल्लाह के प्रति एकेश्वरवाद (अर्थात अल्लाह को एकमात्र पूज्य मानने) का धर्म है। हमारे लिए सही नहीं है कि हम अल्लाह के साथ किसी को साझी ठहराएँ, जबकि वह एकेश्वरवाद में अकेला है। यह 'तौह़ीद' और ईमान जिसपर मैं और मेरे बाप-दादा क़ायम हैं, वह हमपर अल्लाह की कृपा है कि उसने हमें उसका सामर्थ्य प्रदान किया। तथा सभी लोगों पर उसकी कृपा है कि उसने उनके पास उस (तौह़ीद) के साथ नबियों को भेजा। लेकिन ज्यादातर लोग अल्लाह का उसकी नेमतों पर शुक्रिया अदा नहीं करते, बल्कि उसकी नाशुक्री करते हैं।
عربي تفسیرونه:
یٰصَاحِبَیِ السِّجْنِ ءَاَرْبَابٌ مُّتَفَرِّقُوْنَ خَیْرٌ اَمِ اللّٰهُ الْوَاحِدُ الْقَهَّارُ ۟ؕ
फिर यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने जेल के अंदर दोनों युवकों को संबोधित करते हुए कहा : क्या कई देवी-देवताओं की पूजा अच्छा है या एक अल्लाह की इबादत करना, जिसका कोई साझी नहीं, जो सब पर प्रभुत्वशाली है, जिसे पराजित नही किया जा सकता।
عربي تفسیرونه:
مَا تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِهٖۤ اِلَّاۤ اَسْمَآءً سَمَّیْتُمُوْهَاۤ اَنْتُمْ وَاٰبَآؤُكُمْ مَّاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ بِهَا مِنْ سُلْطٰنٍ ؕ— اِنِ الْحُكْمُ اِلَّا لِلّٰهِ ؕ— اَمَرَ اَلَّا تَعْبُدُوْۤا اِلَّاۤ اِیَّاهُ ؕ— ذٰلِكَ الدِّیْنُ الْقَیِّمُ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
तुम अल्लाह के सिवा जिनकी इबादत करते हो, वे केवल नाम हैं, उनकी कोई वास्तविकता नहीं है। तुमने और तुम्हारे बाप-दादा ने उन्हें पूज्यों का नाम दे दिया है। उनका उलूहियत (देवत्व) में कोई हिस्सा नहीं है। अल्लाह ने तुम्हारे उन्हें पूज्यों का नाम देने का कोई प्रमाण नहीं उतारा है, जो उसकी वैधता को इंगित करता हो। सभी प्राणियों में केवल अल्लाह का आदेश चलता है, इन नामों का नहीं जो तुमने और तुम्हारे पूर्वजों ने रख लिए हैं। अल्लाह सर्वशक्तिमान ने आदेश दिया है कि तुम केवल उसी की इबादत करो और इस बात से मना किया है कि उसके साथ किसी को साझी बनाओ। यह तौहीद (एकेश्वरवाद) ही वह सीधा धर्म है, जिसमें कोई टेढ़ापन नहीं है। लेकिन अधिकतर लोग इस बात को नहीं जानते। इसलिए वे अल्लाह के साथ शिर्क करते हैं और उसके कुछ प्राणियों की पूजा करते हैं।
عربي تفسیرونه:
یٰصَاحِبَیِ السِّجْنِ اَمَّاۤ اَحَدُكُمَا فَیَسْقِیْ رَبَّهٗ خَمْرًا ۚ— وَاَمَّا الْاٰخَرُ فَیُصْلَبُ فَتَاْكُلُ الطَّیْرُ مِنْ رَّاْسِهٖ ؕ— قُضِیَ الْاَمْرُ الَّذِیْ فِیْهِ تَسْتَفْتِیٰنِ ۟ؕ
ऐ मेरे जेल के दोनों साथियो! जहाँ तक उसकी बात है, जिसने यह देखा कि वह शराब बनाने के लिए अंगूर निचोड़ रहा है, वह जेल से बाहर निकल जाएगा और अपने काम पर लौट आएगा और राजा को शराब पिलाएगा। और जहाँ तक उसकी बात है, जिसने यह देखा कि उसके सिर के ऊपर रोटी है, जिसे पक्षी खा रहे हैं, तो उसे क़त्ल कर दिया जाएगा और सूली पर चढ़ा दिया जाएगा। फिर पक्षी उसके सिर का मांस खाएँगे। तुमने जिस मामले के बारे में पूछा था, उसका फैसला हो चुका है। इसलिए वह अनिवार्य रूप से होकर रहेगा।
عربي تفسیرونه:
وَقَالَ لِلَّذِیْ ظَنَّ اَنَّهٗ نَاجٍ مِّنْهُمَا اذْكُرْنِیْ عِنْدَ رَبِّكَ ؗ— فَاَنْسٰىهُ الشَّیْطٰنُ ذِكْرَ رَبِّهٖ فَلَبِثَ فِی السِّجْنِ بِضْعَ سِنِیْنَ ۟۠
यूसुफ़ ने उन दोनों युवकों में से जिसके बारे में समझा था कि वह रिहा हो जाएगा (और वह राजा को शराब पिलाने वाला था) उससे कहा : राजा के पास मेरी कहानी और मेरे मामले का ज़िक्र करना; शायद वह मुझे जेल से निकाल दे। किन्तु शैतान ने शराब पिलाने वाले को राजा के पास यूसुफ़ का उल्लेख करना भुला दिया। इसलिए उसके बाद यूसुफ़ को कई वर्षों तक जेल में रहना पड़ा।
عربي تفسیرونه:
وَقَالَ الْمَلِكُ اِنِّیْۤ اَرٰی سَبْعَ بَقَرٰتٍ سِمَانٍ یَّاْكُلُهُنَّ سَبْعٌ عِجَافٌ وَّسَبْعَ سُنْۢبُلٰتٍ خُضْرٍ وَّاُخَرَ یٰبِسٰتٍ ؕ— یٰۤاَیُّهَا الْمَلَاُ اَفْتُوْنِیْ فِیْ رُءْیَایَ اِنْ كُنْتُمْ لِلرُّءْیَا تَعْبُرُوْنَ ۟
राजा ने कहा : मैंने सपने में देखा है कि सात मोटी गाएँ हैं, जिन्हें सात कमज़ोर गाएँ खा रही हैं। इसी तरह मैंने सात हरी बालियाँ और सात सूखी बालियाँ देखी हैं। ऐ प्रमुखो और गणमान्य लोगो! मुझे मेरे इस सपने का अर्थ बताओ, यदि तुम सपने का अर्थ जानने वाले हो।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• وجوب اتباع ملة إبراهيم، والبراءة من الشرك وأهله.
• इबराहीम अलैहिस्सलाम के धर्म का पालन करने, तथा शिर्क और शिर्क करने वालों से अलग-थलग होने की अनिवार्यता।

• في قوله:﴿ءَأَرْبَابٌ مُّتَفَرِّقُونَ ...﴾ دليل على أن هؤلاء المصريين كانوا أصحاب ديانة سماوية لكنهم أهل إشراك.
• अल्लाह तआला के कथन : {...ءأَرْبَابٌ مُّتَفَرِّقُونَ} (क्या अलग-अलग अनेक पूज्य बेहतर हैं) में इस बात का प्रमाण है कि तत्कालीन मिस्रवासी आकाशीय धर्म के मानने वाले थे। किन्तु वे शिर्क में पड़े हुए थे।

• كلُّ الآلهة التي تُعبد من دون الله ما هي إلا أسماء على غير مسميات، ليس لها في الألوهية نصيب.
• अल्लाह के सिवा जिन पूज्यों की पूजा की जाती है, वे केवल ऐसे नाम हैं जिनका कोई तथ्य नहीं है, उनका उलूहियत (देवत्व) में कोई भाग नहीं है।

• استغلال المناسبات للدعوة إلى الله، كما استغلها يوسف عليه السلام في السجن.
• अवसरों का अल्लाह की तरफ़ बुलाने के लिए उपयोग करना, जैसा कि यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने जेल में उसका उपयोग किया।

 
د معناګانو ژباړه سورت: یوسف
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د مرکز تفسیر للدراسات القرآنیة لخوا خپور شوی.

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