د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: مريم   آیت:

सूरा मर्यम

د سورت د مقصدونو څخه:
إبطال عقيدة نسبة الولد لله من المشركين والنصارى، وبيان سعة رحمة الله بعباده.
बहुदेववादियों और ईसाइयों की ओर से अल्लाह के लिए संतान ठहराने के विचार का खंडन, तथा अपने बंदों के प्रति अल्लाह की विस्तृत दया का वर्णन।

كٓهٰیٰعٓصٓ ۟
(काफ़, हा, या, ऐन, साद) इस प्रकार के अक्षरों के बारे में सूरतुल-बक़रा के आरंभ में बात की जा चुकी है।
عربي تفسیرونه:
ذِكْرُ رَحْمَتِ رَبِّكَ عَبْدَهٗ زَكَرِیَّا ۟ۖۚ
यह आपके पालनहार की अपने बंदे ज़करिय्या अलैहिस्सलाम पर दया की चर्चा है। हम यह कहानी आपके सामने उससे नसीहत (शिक्षा) प्राप्त करने के लिए बयान कर रहे हैं।
عربي تفسیرونه:
اِذْ نَادٰی رَبَّهٗ نِدَآءً خَفِیًّا ۟
जब उसने अपने पवित्र रब से, गुप्त रूप से, दुआ की, ताकि क़बूल होने की उम्मीद ज़्यादा हो।
عربي تفسیرونه:
قَالَ رَبِّ اِنِّیْ وَهَنَ الْعَظْمُ مِنِّیْ وَاشْتَعَلَ الرَّاْسُ شَیْبًا وَّلَمْ اَكُنْ بِدُعَآىِٕكَ رَبِّ شَقِیًّا ۟
उसने कहा : ऐ मेरे रब! मेरा हाल यह है कि मेरी हड्डियाँ कमज़ोर हो गई हैं और मेरे सिर के अधिकतर बाल सफ़ेद हो चुके हैं, लेकिन मैं तुझसे माँगकर कभी निराश नहीं हुआ। बल्कि, जब भी तुझसे माँगा, तूने मेरी दुआ क़बूल की।
عربي تفسیرونه:
وَاِنِّیْ خِفْتُ الْمَوَالِیَ مِنْ وَّرَآءِیْ وَكَانَتِ امْرَاَتِیْ عَاقِرًا فَهَبْ لِیْ مِنْ لَّدُنْكَ وَلِیًّا ۟ۙ
मुझे अपने रिश्तेदारों के बारे में भय है कि कहीं वे दुनिया में व्यस्त हो जाने के कारण मेरी मृत्यु के बाद धर्म के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों का निर्वहन न कर सकें। और मेरी पत्नी (भी) बाँझ है, उसे औलाद नहीं होती। अतः तू अपने पास से मुझे एक सहायक पुत्र प्रदान कर।
عربي تفسیرونه:
یَّرِثُنِیْ وَیَرِثُ مِنْ اٰلِ یَعْقُوْبَ ۗ— وَاجْعَلْهُ رَبِّ رَضِیًّا ۟
जो मुझसे नुबुव्वत का उत्तराधिकारी तथा याक़ूब अलैहिस्सलाम के वंशज से उसका वारिस हो और (ऐ मेरे रब!) तू उसे धर्म, नैतिकता और ज्ञान में पसंदीदा बना।
عربي تفسیرونه:
یٰزَكَرِیَّاۤ اِنَّا نُبَشِّرُكَ بِغُلٰمِ ١سْمُهٗ یَحْیٰی ۙ— لَمْ نَجْعَلْ لَّهٗ مِنْ قَبْلُ سَمِیًّا ۟
अल्लाह ने उनकी दुआ क़बूल कर ली और उन्हें पुकारा : ऐ ज़करिय्या! हम तुम्हें एक प्रसन्न करने वाला समाचार सुनाते हैं। हमने तुम्हारी दुआ क़बूल कर ली है और तुम्हें एक बालक प्रदान किया है, जिसका नाम यहया है। हमने उससे पहले यह नाम किसी को नहीं दिया है।
عربي تفسیرونه:
قَالَ رَبِّ اَنّٰی یَكُوْنُ لِیْ غُلٰمٌ وَّكَانَتِ امْرَاَتِیْ عَاقِرًا وَّقَدْ بَلَغْتُ مِنَ الْكِبَرِ عِتِیًّا ۟
ज़करिय्या ने अल्लाह की शक्ति पर आश्चर्य करते हुए कहा : मेरे यहाँ किसी बालक का जन्म कैसे होगा, जबकि मेरी पत्नी बाँझ है, उसके औलाद नहीं होती और मैं बुढ़ापे की अंतिम सीमा को पहुँच चुका हूँ और मेरी हड्डियाँ कमज़ोर हो चुकी हैंॽ!
عربي تفسیرونه:
قَالَ كَذٰلِكَ ۚ— قَالَ رَبُّكَ هُوَ عَلَیَّ هَیِّنٌ وَّقَدْ خَلَقْتُكَ مِنْ قَبْلُ وَلَمْ تَكُ شَیْـًٔا ۟
फ़रिश्ते ने कहा : मामला ऐसा ही है जैसा आपने कहा कि आपकी पत्नी बच्चा जनने के योग्य नहीं है और आप बुढ़ापे की चरम सीमा को पहुँच चुके हैं तथा आपकी हड्डियाँ भी कमज़ोर हो चुकी हैं। परंतु आपके रब ने कहा है : तेरे रब का बाँझ माता और बुढ़ापे की चरम सीमा को पहुँचे हुए पिता से यहया को पैदा करना आसान है। हालाँकि मैंने (ऐ ज़करिय्या) तुझे इससे पहले पैदा किया है, जबकि तू कुछ भी चर्चा योग्य नहीं था; क्योंकि तेरा अस्तित्व ही नहीं था।
عربي تفسیرونه:
قَالَ رَبِّ اجْعَلْ لِّیْۤ اٰیَةً ؕ— قَالَ اٰیَتُكَ اَلَّا تُكَلِّمَ النَّاسَ ثَلٰثَ لَیَالٍ سَوِیًّا ۟
ज़करिय्या अलैहिस्सलाम ने कहा : ऐ मेरे रब! मेरे लिए कोई निशानी निर्धारित कर दे जिससे मैं आश्वस्त हो सकूँ, जो मुझे फ़रिश्तों द्वारा दी गई शुभ सूचना की प्राप्ति को इंगित करती हो। अल्लाह ने फरमाया : तुम्हें जो ख़ुशख़बरी दी गई है, उसके प्राप्त होने की निशानी यह है कि तुम तीन दिनों तक लोगों से बात नहीं कर सकोगे, जबकि तुम्हें कोई बीमारी नहीं होगी, बल्कि तुम सही और स्वस्थ होगे।
عربي تفسیرونه:
فَخَرَجَ عَلٰی قَوْمِهٖ مِنَ الْمِحْرَابِ فَاَوْحٰۤی اِلَیْهِمْ اَنْ سَبِّحُوْا بُكْرَةً وَّعَشِیًّا ۟
फिर ज़करिय्या अलैहिस्सलाम अपने उपासनागृह से निकलकर अपनी जाति के पास आए और उनसे, बात किए बिना, इशारे से बताया कि दिन के आरंभ और अंत में अल्लाह की पवित्रता का वर्णन करो।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• الضعف والعجز من أحب وسائل التوسل إلى الله؛ لأنه يدل على التَّبَرُّؤِ من الحول والقوة، وتعلق القلب بحول الله وقوته.
• अपनी कमज़ोरी और लाचारी प्रकट करना अल्लाह की निकटता प्राप्त करने के सबसे प्रिय साधनों में से है। क्योंकि यह खुद के शक्ति एवं सामर्थ्य से रहित होने और अल्लाह की शक्ति एवं सामर्थ्य के प्रति हृदय के लगाव को दर्शाता है।

• يستحب للمرء أن يذكر في دعائه نعم الله تعالى عليه، وما يليق بالخضوع.
• बेहतर यह है कि आदमी दुआ करते समय अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों का उल्लेख करे, और जो उसकी विनम्रता के उपयुक्त हो।

• الحرص على مصلحة الدين وتقديمها على بقية المصالح.
• धर्म के हित का ख्याल रखना और उसे बाक़ी हितों पर प्राथमिकता देना।

• تستحب الأسماء ذات المعاني الطيبة.
• अच्छे अर्थ वाले नाम पसंदीदा हैं।

یٰیَحْیٰی خُذِ الْكِتٰبَ بِقُوَّةٍ ؕ— وَاٰتَیْنٰهُ الْحُكْمَ صَبِیًّا ۟ۙ
चुनाँचे उनके यहाँ यहया का जन्म हुआ। फिर जब उसकी आयु इतनी हो गई कि उसे संबोधित कर कुछ कहा जा सके, तो हमने उससे कहा : ऐ यहया! तौरात को पूरी मज़बूती से थाम लो। और हमने उसे बचपन ही से समझ, ज्ञान, गंभीरता और दृढ़ संकल्प प्रदान किया था।
عربي تفسیرونه:
وَّحَنَانًا مِّنْ لَّدُنَّا وَزَكٰوةً ؕ— وَكَانَ تَقِیًّا ۟ۙ
और हमने उसपर अपनी ओर से ख़ास दया की थी और उसे पापों से पवित्र रखा था तथा वह एक परहेज़गार व्यक्ति था, जो अल्लाह के आदेशों का पालन करता था और उसकी मना की हुई चीज़ों से दूर रहता था।
عربي تفسیرونه:
وَّبَرًّا بِوَالِدَیْهِ وَلَمْ یَكُنْ جَبَّارًا عَصِیًّا ۟
तथा अपने माता-पिता का आज्ञाकारी, उनके प्रति कोमल स्वभाव और उनके साथ अच्छा व्यवहार करने वाला था। वह अपने पालनहार की आज्ञाकारिता या अपने माता-पिता के आज्ञापालन से अभिमान करने वाला नहीं था, और न ही वह अपने पालनहार का अथवा अपने माता-पिता का अवज्ञाकारी था।
عربي تفسیرونه:
وَسَلٰمٌ عَلَیْهِ یَوْمَ وُلِدَ وَیَوْمَ یَمُوْتُ وَیَوْمَ یُبْعَثُ حَیًّا ۟۠
उसपर अल्लाह की ओर से शांति तथा उसकी ओर से उसके लिए सुरक्षा है जिस दिन वह पैदा हुआ, जिस दिन वह मर जाएगा और इस जीवन से निकल जाएगा और जिस दिन वह क़ियामत के दिन दोबारा जीवित होकर उठाया जाएगा। ये तीन स्थान सबसे भयावह हैं जिनसे एक व्यक्ति गुजरता है। अतः यदि वह इनमें सुरक्षित रहा, तो उसके लिए इनके अलावा में कोई डर नहीं है।
عربي تفسیرونه:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ مَرْیَمَ ۘ— اِذِ انْتَبَذَتْ مِنْ اَهْلِهَا مَكَانًا شَرْقِیًّا ۟ۙ
तथा (ऐ रसूल!) आप अपने ऊपर उतारे गए क़ुरआन में मरयम अलैहस्सलाम के क़िस्से की चर्चा करें, जब वह अपने घर वालों से अलग होकर उनसे पूरब की ओर एक स्थान में अकेले रहने लगी थी।
عربي تفسیرونه:
فَاتَّخَذَتْ مِنْ دُوْنِهِمْ حِجَابًا ۫— فَاَرْسَلْنَاۤ اِلَیْهَا رُوْحَنَا فَتَمَثَّلَ لَهَا بَشَرًا سَوِیًّا ۟
फिर उसने अपनी जाति की ओर से अपने लिए एक ओट (परदा) बना लिया, ताकि जब वह अपने पालनहार की इबादत कर रही हो, तो वे लोग उसे न देख सकें। फिर हमने उसके पास जिबरील अलैहिस्सलाम को भेजा, जो उसके पास पूरे तौर पर मानव का रूप धारण करके आया। तो वह डर गई कि कहीं वह कोई बुरा इरादा न रखता हो।
عربي تفسیرونه:
قَالَتْ اِنِّیْۤ اَعُوْذُ بِالرَّحْمٰنِ مِنْكَ اِنْ كُنْتَ تَقِیًّا ۟
जब उसने जिबरील को एक पूर्ण मनुष्य के रूप में अपनी ओर बढ़ते हुए देखा, तो बोली : (ऐ मानव!) यदि तू संयमी है और अल्लाह से डरता है, तो मैं तुझसे अत्यंत दयावान अल्लाह की शरण में आती हूँ कि तेरी तरफ से मुझे कोई बुराई पहुँचे।
عربي تفسیرونه:
قَالَ اِنَّمَاۤ اَنَا رَسُوْلُ رَبِّكِ ۖۗ— لِاَهَبَ لَكِ غُلٰمًا زَكِیًّا ۟
जिबरील अलैहिस्सलाम ने कहा : मैं इनसान नहीं हूँ। मैं तो तेरे रब की ओर से भेजा हुआ दूत हूँ। उसने मुझे तेरी ओर भेजा है, ताकि मैं तुझे एक अच्छा और पवित्र पुत्र प्रदान करूँ।
عربي تفسیرونه:
قَالَتْ اَنّٰی یَكُوْنُ لِیْ غُلٰمٌ وَّلَمْ یَمْسَسْنِیْ بَشَرٌ وَّلَمْ اَكُ بَغِیًّا ۟
मरयम ने हैरानी से कहा : मेरे यहाँ बालक कैसे हो सकता है, जबकि न तो पति और न ही कोई और मेरे पास आया है, और न मैं व्यभिचारिणी हूँ कि मेरे कोई बच्चा हो?
عربي تفسیرونه:
قَالَ كَذٰلِكِ ۚ— قَالَ رَبُّكِ هُوَ عَلَیَّ هَیِّنٌ ۚ— وَلِنَجْعَلَهٗۤ اٰیَةً لِّلنَّاسِ وَرَحْمَةً مِّنَّا ۚ— وَكَانَ اَمْرًا مَّقْضِیًّا ۟
जिबरील ने उनसे कहा : मामला ऐसा ही है जैसा तुमने उल्लेख किया है कि तुम्हें पति या किसी और ने नहीं छुआ, और न तुम व्यभिचारिणी हो। लेकिन, तेरे पवित्र पालनहार ने कहा है : पिता के बिना बच्चा पैदा करना मेरे लिए आसान है। साथ ही यह कि तुम्हें प्रदान किया जाने वाला बालक लोगों के लिए अल्लाह की शक्ति की बहुत बड़ी निशानी, तथा हमारी ओर से तेरे लिए और उसपर ईमान लाने वाले के लिए महान दया हो। तथा तेरे इस बालक का पैदा करना अल्लाह का पहले से निर्धारित किया हुआ, लौह-ए-महफ़ूज़ में लिखा हुआ फ़ैसला है।
عربي تفسیرونه:
فَحَمَلَتْهُ فَانْتَبَذَتْ بِهٖ مَكَانًا قَصِیًّا ۟
फिर फ़रिश्ते के फूँकने के पश्चात वह उस (बच्चे) के साथ गर्भवती हो गई और उस गर्भ को लिए हुए लोगों से अलग एक दूर स्थान पर चली गई।
عربي تفسیرونه:
فَاَجَآءَهَا الْمَخَاضُ اِلٰی جِذْعِ النَّخْلَةِ ۚ— قَالَتْ یٰلَیْتَنِیْ مِتُّ قَبْلَ هٰذَا وَكُنْتُ نَسْیًا مَّنْسِیًّا ۟
फिर प्रसव पीड़ा बढ़ी, जो उसे खजूर के एक तने के पास ले आई। तब मरयम अलैहस्सलाम कहने लगी : ऐ काश! मैं इस दिन से पहले ही मर गई होती, और मैं एक भूली-बिसरी चीज़ होती, ताकि मेरे बारे में कोई बुराई नहीं सोची जाती।
عربي تفسیرونه:
فَنَادٰىهَا مِنْ تَحْتِهَاۤ اَلَّا تَحْزَنِیْ قَدْ جَعَلَ رَبُّكِ تَحْتَكِ سَرِیًّا ۟
तो ईसा अलैहिस्सलाम ने उसके पैरों के नीचे से उसे पुकारा : उदास मत हो! तुम्हारे पालनहार ने तुम्हारे नीचे पानी की नहर बहा दी है, जिससे तुम पानी पी सकती हो।
عربي تفسیرونه:
وَهُزِّیْۤ اِلَیْكِ بِجِذْعِ النَّخْلَةِ تُسٰقِطْ عَلَیْكِ رُطَبًا جَنِیًّا ۟ؗ
तथा खजूर के पेड़ के तने को पकड़कर हिलाओ, तुम्हारे ऊपर ऐसी ताज़ा पकी हुई खजूरें गिरेंगी, जो उसी समय तोड़ी गई हों।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• الصبر على القيام بالتكاليف الشرعية مطلوب.
• शरई ज़िम्मेदारियों को पूरा करने में धैर्य की आवश्यकता है।

• علو منزلة بر الوالدين ومكانتها عند الله، فالله قرنه بشكره.
• माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार करने का उच्च पद और अल्लाह के निकट उसका स्थान, क्योंकि अल्लाह ने उसे अपने शुक्र के साथ जोड़ा है।

• مع كمال قدرة الله في آياته الباهرة التي أظهرها لمريم، إلا أنه جعلها تعمل بالأسباب ليصلها ثمرة النخلة.
• अल्लाह ने मरयम अलैहस्सलाम के लिए जो आश्चर्यजनक निशानियाँ प्रकट कीं, वे अल्लाह की शक्ति एवं सामर्थ्य की पूर्णता को दर्शाती हैं, फिर भी अल्लाह ने उन्हें खजूर के पेड़ के फल को प्राप्त करने के लिए कारणों को अपनाने का आदेश दिया।

فَكُلِیْ وَاشْرَبِیْ وَقَرِّیْ عَیْنًا ۚ— فَاِمَّا تَرَیِنَّ مِنَ الْبَشَرِ اَحَدًا ۙ— فَقُوْلِیْۤ اِنِّیْ نَذَرْتُ لِلرَّحْمٰنِ صَوْمًا فَلَنْ اُكَلِّمَ الْیَوْمَ اِنْسِیًّا ۟ۚ
अतः ताज़ा खजूरें खाओ, पानी पियो, अपने नवजात शिशु से दिल बहलाओ और शोक मत करो। फिर यदि कोई आदमी दिखाई दे और वह तुमसे बच्चे के बारे में पूछे, तो उससे कह दो : मैंने अपने पालनहार के लिए अपने आपपर चुप रहने को अनिवार्य कर लिया है। इसलिए आज मैं किसी इनसान से हरगिज़ बात नहीं करूँगी।
عربي تفسیرونه:
فَاَتَتْ بِهٖ قَوْمَهَا تَحْمِلُهٗ ؕ— قَالُوْا یٰمَرْیَمُ لَقَدْ جِئْتِ شَیْـًٔا فَرِیًّا ۟
फिर मरयम अपने बेटे को उठाए हुए अपनी जाति के पास आई, तो उसकी जाति के लोगों ने निंदा करते हुए उससे कहा : ऐ मरयम! तूने बिना पिता के पुत्र लाकर एक बड़ा निंदनीय काम किया है।
عربي تفسیرونه:
یٰۤاُخْتَ هٰرُوْنَ مَا كَانَ اَبُوْكِ امْرَاَ سَوْءٍ وَّمَا كَانَتْ اُمُّكِ بَغِیًّا ۟ۖۚ
ऐ हारून (जो एक सदाचारी व्यक्ति थे) जैसी इबादत करने वाली महिला! तेरा पिता कोई व्यभिचारी नहीं था, और न ही तेरी माता कोई व्यभिचारिणी थी। तुम तो एक पवित्र घराने से हो, जो सदाचार में प्रसिद्ध है। फिर तुम बिना पिता के पुत्र कैसे ले आईॽ!
عربي تفسیرونه:
فَاَشَارَتْ اِلَیْهِ ۫ؕ— قَالُوْا كَیْفَ نُكَلِّمُ مَنْ كَانَ فِی الْمَهْدِ صَبِیًّا ۟
तब उसने अपने पुत्र ईसा (अलैहिस्सलाम) की ओर इशारा किया, जो गोद में था। तो उसकी जाति के लोगों ने आश्चर्य करते हुए उससे कहा : हम एक बच्चे से कैसे बात करें जबकि वह गोद में है?!
عربي تفسیرونه:
قَالَ اِنِّیْ عَبْدُ اللّٰهِ ۫ؕ— اٰتٰىنِیَ الْكِتٰبَ وَجَعَلَنِیْ نَبِیًّا ۟ۙ
ईसा (अलैहिस्सलाम) ने कहा : निःसंदेह मैं अल्लाह का बंदा हूँ, उसने मुझे इनजील प्रदान किया है और अपने नबियों में से एक नबी बनाया है।
عربي تفسیرونه:
وَّجَعَلَنِیْ مُبٰرَكًا اَیْنَ مَا كُنْتُ ۪— وَاَوْصٰنِیْ بِالصَّلٰوةِ وَالزَّكٰوةِ مَا دُمْتُ حَیًّا ۟ۙ
मैं जहाँ कहीं भी रहूँ, उसने मुझे लोगों के लिए बहुत लाभदायक बनाया है और जीवन भर मुझे नमाज़ अदा करते रहने तथा ज़कात देते रहने का आदेश दिया है।
عربي تفسیرونه:
وَّبَرًّا بِوَالِدَتِیْ ؗ— وَلَمْ یَجْعَلْنِیْ جَبَّارًا شَقِیًّا ۟
और उसने मुझे अपनी माँ के साथ अच्छा व्यवहार करने वाला बनाया है तथा अपने रब के आज्ञापालन से अभिमान करने वाला और उसकी अवज्ञा करने वाला नहीं बनाया है।
عربي تفسیرونه:
وَالسَّلٰمُ عَلَیَّ یَوْمَ وُلِدْتُّ وَیَوْمَ اَمُوْتُ وَیَوْمَ اُبْعَثُ حَیًّا ۟
तथा मुझे शैतान और उसके सहयोगियों से सुरक्षित रखा गया है जिस दिन मैं पैदा हुआ, जिस दिन मैं मरूँगा और जब क़ियामत के दिन दोबारा जीवित करके उठाया जाऊँगा। अतः मैं इन तीनों वहशतनाक स्थितियों में शैतान के प्रभाव से सुरक्षित रहा।
عربي تفسیرونه:
ذٰلِكَ عِیْسَی ابْنُ مَرْیَمَ ۚ— قَوْلَ الْحَقِّ الَّذِیْ فِیْهِ یَمْتَرُوْنَ ۟
इन सभी गुणों से विशिष्ट व्यक्ति ईसा बिन मरयम है। यही उसके बारे में सत्य बात है, न कि उन गुमराह लोगों की बात, जो उसके बारे में संदेह करते हैं और मतभेद में पड़े हुए हैं।
عربي تفسیرونه:
مَا كَانَ لِلّٰهِ اَنْ یَّتَّخِذَ مِنْ وَّلَدٍ ۙ— سُبْحٰنَهٗ ؕ— اِذَا قَضٰۤی اَمْرًا فَاِنَّمَا یَقُوْلُ لَهٗ كُنْ فَیَكُوْنُ ۟ؕ
यह अल्लाह की महिमा के योग्य नहीं है कि वह संतान बनाए। वह इससे बहुत पवित्र और पाक है। जब वह किसी काम का इरादा करता है, तो उसके लिए उस काम को केवल इतना कहना पर्याप्त होता है कि 'हो जा' और वह अनिवार्य रूप से हो जाता है। अतः जिसकी यह महिमा हो, वह बेटा बनाने से सर्वोच्च है।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّ اللّٰهَ رَبِّیْ وَرَبُّكُمْ فَاعْبُدُوْهُ ؕ— هٰذَا صِرَاطٌ مُّسْتَقِیْمٌ ۟
तथा पवित्र अल्लाह ही मेरा और तुम सब का रब है। अतः पूरी निष्ठा से केवल उसी की इबादत करो। यह जो मैंने तुम्हें बताया, वह सीधा मार्ग है, जो अल्लाह की प्रसन्नता की ओर ले जाता है।
عربي تفسیرونه:
فَاخْتَلَفَ الْاَحْزَابُ مِنْ بَیْنِهِمْ ۚ— فَوَیْلٌ لِّلَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ مَّشْهَدِ یَوْمٍ عَظِیْمٍ ۟
फिर लोग ईसा (अलैहिस्सलाम) के बारे में मतभेद के शिकार हो गए और अलग-अलग गिरोहों में बँट गए। उनमें से कुछ लोग उसपर ईमान लाए और कहा : वह एक रसूल है। जबकि कुछ लोगों ने उसपर विश्वास नहीं किया, जैसा कि यहूदियों का हाल रहा। इसी तरह कुछ संप्रदायों ने उसके बारे में अतिशयोक्ति की। उनमें से कुछ ने कहा कि वह अल्लाह है और कुछ ने कहा कि वह अल्लाह का बेटा है। सच्चाई यह है कि अल्लाह इन सारी बातों से ऊँचा है। अतः उसके बारे में मतभेद करने वालों के लिए क़ियामत के दिन बड़ा विनाश है, जिस दिन भयावह परिस्थितियों का सामना होगा, हिसाब-किताब के दौर से गुज़रना होगा और सज़ा भुगतनी होगी।
عربي تفسیرونه:
اَسْمِعْ بِهِمْ وَاَبْصِرْ ۙ— یَوْمَ یَاْتُوْنَنَا لٰكِنِ الظّٰلِمُوْنَ الْیَوْمَ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
उस दिन वे कितना सुनने वाले और कितना देखने वाले होंगे। वे उस समय सुनेंगे जब उन्हें सुनने से कोई फायदा नहीं होगा और उस समय देखेंगे जब देखने से उन्हें कोई लाभ नहीं होगा। परंतु अत्याचारी लोग दुनिया के जीवन में सीधे मार्ग से हटकर स्पष्ट गुमराही में पड़े हुए हैं। अतः वे आख़िरत के लिए कोई तैयारी नहीं करते यहाँ तक कि वह अचानक उन पर आ जाएगी और वे अपने अत्याचार ही में पड़े होंगे।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• في أمر مريم بالسكوت عن الكلام دليل على فضيلة الصمت في بعض المواطن .
• मरयम को चुप रहने का आदेश देने में कुछ स्थानों पर खामोश रहने की श्रेष्ठता का प्रमाण है।

• نذر الصمت كان جائزًا في شرع من قبلنا، أما في شرعنا فقد دلت السنة على منعه.
हमसे पहले की शरीयत में चुप रहने की मन्नत मानना जायज़ था, परंतु हमारी शरीयत में इसकी मनाही है, जैसा कि सुन्नत से पता चलता है।

• أن ما أخبر به القرآن عن كيفية خلق عيسى هو الحق القاطع الذي لا شك فيه، وكل ما عداه من تقولات باطل لا يليق بالرسل.
• ईसा अलैहिस्सलाम की पैदाइश के बारे में क़ुरआन ने जो बताया है, वही अटल सत्य है जिसमें कोई संदेह नहीं है। उसके सिवा अन्य सभी कथन झूठे हैं और रसूलों को शोभा नहीं देते।

• في الدنيا يكون الكافر أصم وأعمى عن الحق، ولكنه سيبصر ويسمع في الآخرة إذا رأى العذاب، ولن ينفعه ذلك.
• दुनिया में काफ़िर सत्य से अंधा और बहरा होता है। परंतु आख़िरत में जब अज़ाब देखेगा, तो सुनने और देखने लगेगा, लेकिन इससे उसे कुछ लाभ न होगा।

وَاَنْذِرْهُمْ یَوْمَ الْحَسْرَةِ اِذْ قُضِیَ الْاَمْرُ ۘ— وَهُمْ فِیْ غَفْلَةٍ وَّهُمْ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟
तथा (ऐ रसूल!) आप लोगों को पछतावे के दिन से डराएँ, जिस दिन जब सहीफ़े लपेट दिए जाएँगे, लोगों का हिसाब कर दिया जाएगा और हर व्यक्ति अपने कर्मों के हवाले हो जाएगा, तो बुराई करने वाला अपनी बुराई पर पछताएगा और नेकी करने वाला और अधिक नेकियाँ न करने पर पछताएगा। जबकि वे दुनिया के जीवन में उसके धोखे में पड़े हुए हैं, आख़िरत से बेपरवाह हैं और क़ियामत के दिन पर ईमान नहीं लाते हैं।
عربي تفسیرونه:
اِنَّا نَحْنُ نَرِثُ الْاَرْضَ وَمَنْ عَلَیْهَا وَاِلَیْنَا یُرْجَعُوْنَ ۟۠
निश्चय हम ही प्राणियों के विनाश के बाद बाक़ी रहेंगे और धरती के तथा उसपर मौजूद सारी चीज़ों के वारिस होंगे। क्योंकि उनका विनाश हो जाएगा और उनके बाद हम ही बाक़ी रहेंगे और हम उनके मालिक होंगे और हम जैसे चाहेंगे उन्हें प्रयोग करेंगे। तथा क़ियामत के दिन सारे लोग हिसाब-किताब और बदले के लिए हमारी ही ओर लौटाए जाएँगे।
عربي تفسیرونه:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ اِبْرٰهِیْمَ ؕ۬— اِنَّهٗ كَانَ صِدِّیْقًا نَّبِیًّا ۟
(ऐ रसूल!) आपके ऊपर जो क़ुरआन उतारा गया है, उसमें इबराहीम अलैहिस्सलाम के वृत्तांत की चर्चा कीजिए। वास्तव में, वह बड़े सत्यवादी, अल्लाह की आयतों को सच मानने वाले और अल्लाह की ओर से भेजे हुए नबी थे।
عربي تفسیرونه:
اِذْ قَالَ لِاَبِیْهِ یٰۤاَبَتِ لِمَ تَعْبُدُ مَا لَا یَسْمَعُ وَلَا یُبْصِرُ وَلَا یُغْنِیْ عَنْكَ شَیْـًٔا ۟
जब उन्होंने अपने पिता आज़र से कहा : ऐ मेरे पिता! आप अल्लाह को छोड़कर ऐसे बुत की पूजा क्यों करते हैं, जिसे यदि आप पुकारें, तो वह आपकी पुकार नहीं सुनता है; यदि आप उसकी पूजा करें, तो वह आपकी पूजा को नहीं देखता है, तथा वह न आपकी हानि को दूर करता है और न आपको कोई लाभ देता पहुँचाता हैॽ!
عربي تفسیرونه:
یٰۤاَبَتِ اِنِّیْ قَدْ جَآءَنِیْ مِنَ الْعِلْمِ مَا لَمْ یَاْتِكَ فَاتَّبِعْنِیْۤ اَهْدِكَ صِرَاطًا سَوِیًّا ۟
हे मेरे पिता! निश्चय मेरे पास वह़्य के माध्यम से वह ज्ञान आया है, जो आपके पास नहीं आया। इसलिए आप मेरा अनुसरण करें, मैं आपका सीधे रास्ते पर मार्गदर्शन करूँगा।
عربي تفسیرونه:
یٰۤاَبَتِ لَا تَعْبُدِ الشَّیْطٰنَ ؕ— اِنَّ الشَّیْطٰنَ كَانَ لِلرَّحْمٰنِ عَصِیًّا ۟
ऐ मेरे पिता! शैतान का अनुसरण करके उसकी पूजा न करें। निःसंदेह शैतान अत्यंत दयावान् अल्लाह का अवज्ञाकारी है। क्योंकि अल्लाह ने उसे आदम अलैहिस्सलाम के सामने सजदा करने का आदेश दिया था, लेकिन उसने सजदा नहीं किया।
عربي تفسیرونه:
یٰۤاَبَتِ اِنِّیْۤ اَخَافُ اَنْ یَّمَسَّكَ عَذَابٌ مِّنَ الرَّحْمٰنِ فَتَكُوْنَ لِلشَّیْطٰنِ وَلِیًّا ۟
ऐ मेरे पिता! यदि इसी अविश्वास की अवस्था में आपकी मृत्यु हो गई, तो मुझे भय है कि कहीं आपको रहमान की ओर से कोई यातना न पहुँचे, फिर आप शैतान की दोस्ती के कारण यातना में उसके साथी बन जाएँ।
عربي تفسیرونه:
قَالَ اَرَاغِبٌ اَنْتَ عَنْ اٰلِهَتِیْ یٰۤاِبْرٰهِیْمُ ۚ— لَىِٕنْ لَّمْ تَنْتَهِ لَاَرْجُمَنَّكَ وَاهْجُرْنِیْ مَلِیًّا ۟
आज़र ने अपने पुत्र इबराहीम अलैहिस्सलाम से कहा : ऐ इबराहीम! जिन बुतों की मैं पूजा करता हूँ, क्या तू उनसे विमुख हो रहा है? यदि तू मेरे बुतों को बुरा-भला कहने से बाज़ न आया, तो मैं तुझपर पत्थर बरसाऊँगा। तू लंबे समय के लिए मुझसे अलग हो जा, सो मुझसे बात न करना और न मेरे सामने आना।
عربي تفسیرونه:
قَالَ سَلٰمٌ عَلَیْكَ ۚ— سَاَسْتَغْفِرُ لَكَ رَبِّیْ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ بِیْ حَفِیًّا ۟
इबराहीम अलैहिस्सलाम ने अपने पिता से कहा : मेरी ओर से आपको सलाम है। मेरी ओर से आपको कोई कष्ट नहीं पहुँचेगा। मैं आपके लिए अपने रब से क्षमा और मार्गदर्शन माँगूँगा। निःसंदेह वह हमेशा से मुझ पर बहुत दयालु है।
عربي تفسیرونه:
وَاَعْتَزِلُكُمْ وَمَا تَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ وَاَدْعُوْا رَبِّیْ ۖؗ— عَسٰۤی اَلَّاۤ اَكُوْنَ بِدُعَآءِ رَبِّیْ شَقِیًّا ۟
तथा मैं आप लोगों से और आप लोगों के उन पूज्यों से किनारा करता हूँ, जिन्हें आप अल्लाह के सिवा पूजते हैं और मैं केवल अपने अकेले पालनहार को पुकारता हूँ तथा उसके साथ किसी भी चीज़ को साझी नहीं बनाता। आशा है कि जब मैं उससे दुआ करूँगा, तो वह मेरी दुआ को नहीं ठुकराएगा, कि मैं उससे दुआ करके बेनसीब रहूँ।
عربي تفسیرونه:
فَلَمَّا اعْتَزَلَهُمْ وَمَا یَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ۙ— وَهَبْنَا لَهٗۤ اِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ ؕ— وَكُلًّا جَعَلْنَا نَبِیًّا ۟
जब इबराहीम (अलैहिस्सलाम) ने उन्हें और उनके उन पूज्यों को छोड़ दिया, जिनकी वे अल्लाह के अलावा पूजा करते थे, तो हमने उसे उसके परिवार से वंचित होने की भरपाई की। इसलिए हमने उसे उसका पुत्र इसहाक़ तथा उसका पोता याक़ूब दिया और उनमें से प्रत्येक को हमने नबी बनाया।
عربي تفسیرونه:
وَوَهَبْنَا لَهُمْ مِّنْ رَّحْمَتِنَا وَجَعَلْنَا لَهُمْ لِسَانَ صِدْقٍ عَلِیًّا ۟۠
और हमने उन्हें अपनी दया से नुबुव्वत के साथ बहुत सारी भलाइयाँ प्रदान कीं और उनके लिए लोगों की ज़बानों पर हमेशा के लिए अच्छी प्रशंसा रख दी।
عربي تفسیرونه:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ مُوْسٰۤی ؗ— اِنَّهٗ كَانَ مُخْلَصًا وَّكَانَ رَسُوْلًا نَّبِیًّا ۟
तथा (ऐ रसूल!) आप अपने ऊपर उतारे गए क़ुरआन में मूसा (अलैहिस्सलाम) के वृत्तांत की चर्चा करें। निश्चय वह एक चुने हुए, मनोनीत व्यक्ति तथा रसूल एवं नबी थे।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• لما كان اعتزال إبراهيم لقومه مشتركًا فيه مع سارة، ناسب أن يذكر هبتهما المشتركة وحفيدهما، ثم جاء ذكر إسماعيل مستقلًّا مع أن الله وهبه إياه قبل إسحاق.
• चूँकि इबराहीम अलैहिस्सलाम के अपनी क़ौम से अलग होने के समय सारा भी साथ थीं, इसलिए उन दोनों के संयुक्त वरदान (इसहाक़ अलैहिस्सलाम) और उनके पोते (याक़ूब अलैहिस्सलाम) का उल्लेख करना उचित था, फिर उसके बाद स्वतंत्र रूप से इसमाईल अलैहिस्सलाम का उल्लेख आया है। हालाँकि अल्लाह ने उन्हें इसहाक़ अलैहिस्सलाम से पहले इसमाईल अलैहिस्सलाम ही को प्रदान किया था।

• التأدب واللطف والرفق في محاورة الوالدين واختيار أفضل الأسماء في مناداتهما.
• माता-पिता के साथ संवाद करने में शिष्टाचार, कोमलता और विनम्रता अपनाना, तथा उन्हें बुलाते समय सबसे अच्छे नामों का चयन करना चाहिए।

• المعاصي تمنع العبد من رحمة الله، وتغلق عليه أبوابها، كما أن الطاعة أكبر الأسباب لنيل رحمته.
• पाप बंदे को अल्लाह की दया से दूर कर देते हैं और उसपर दया के दरवाज़े बंद कर देते हैं। जबकि अल्लाह की आज्ञाकारिता उसकी दया प्राप्त करने का सबसे बड़ा कारण है।

• وعد الله كل محسن أن ينشر له ثناءً صادقًا بحسب إحسانه، وإبراهيم عليه السلام وذريته من أئمة المحسنين.
• अल्लाह ने हर उपकारी से वादा किया है कि वह उसके उपकार के अनुसार उसकी सच्ची प्रशंसा को फैला देगा। और इबराहीम अलैहिस्सलाम तथा उनके वंशज उपकारियों के इमामों में से हैं।

وَنَادَیْنٰهُ مِنْ جَانِبِ الطُّوْرِ الْاَیْمَنِ وَقَرَّبْنٰهُ نَجِیًّا ۟
और हमने मूसा (अलैहिस्सलाम) को, उसके स्थान के हिसाब से (तूर) पहाड़ की दाहिनी ओर से पुकारा और उसे रहस्य की बात करने के लिए निकट कर लिया। चुनाँचे मूसा अलैहिस्सलाम को अल्लाह की बात सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
عربي تفسیرونه:
وَوَهَبْنَا لَهٗ مِنْ رَّحْمَتِنَاۤ اَخَاهُ هٰرُوْنَ نَبِیًّا ۟
और हमने (उसपर अपनी दया और अनुग्रह के कारण) उसे उसके भाई हारून अलैहिस्सलाम को नबी बनाकर दिया; जो दरअसल उसकी उस दुआ को स्वीकार करने के रूप में था जो उन्होंने अपने रब से माँगी थी।
عربي تفسیرونه:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ اِسْمٰعِیْلَ ؗ— اِنَّهٗ كَانَ صَادِقَ الْوَعْدِ وَكَانَ رَسُوْلًا نَّبِیًّا ۟ۚ
और (ऐ रसूल!) आपपर जो क़ुरआन उतारा गया है, उसमें इसमाईल (अलैहिस्सलाम) के वृत्तांत की चर्चा करें। निश्चय ही वह वचन का पक्का था, जब भी कोई वादा करता उसे ज़रूर पूरा करता था तथा वह रसूल एवं नबी था।
عربي تفسیرونه:
وَكَانَ یَاْمُرُ اَهْلَهٗ بِالصَّلٰوةِ وَالزَّكٰوةِ ۪— وَكَانَ عِنْدَ رَبِّهٖ مَرْضِیًّا ۟
वह अपने परिवार को नमाज़ स्थापित करने और ज़कात देने का आदेश देता था, तथा वह अपने पालनहार के निकट पसंदीदा था।
عربي تفسیرونه:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ اِدْرِیْسَ ؗ— اِنَّهٗ كَانَ صِدِّیْقًا نَّبِیًّا ۟ۗۙ
तथा (ऐ रसूल!) आपपर जो क़ुरआन उतारा गया है, उसमें इदरीस (अलैहिस्सलाम) के वृत्तांत की चर्चा करें। वह बड़ा सत्यवादी और अपने रब की आयतों को सच मानने वाला था और अल्लाह के नबियों में से एक नबी था।
عربي تفسیرونه:
وَّرَفَعْنٰهُ مَكَانًا عَلِیًّا ۟
और हमने उसे नुबुव्वत प्रदान करके उसकी चर्चा को ऊँचा कर दिया। इस प्रकार वह उच्च स्थान पर था।
عربي تفسیرونه:
اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ اَنْعَمَ اللّٰهُ عَلَیْهِمْ مِّنَ النَّبِیّٖنَ مِنْ ذُرِّیَّةِ اٰدَمَ ۗ— وَمِمَّنْ حَمَلْنَا مَعَ نُوْحٍ ؗ— وَّمِنْ ذُرِّیَّةِ اِبْرٰهِیْمَ وَاِسْرَآءِیْلَ ؗ— وَمِمَّنْ هَدَیْنَا وَاجْتَبَیْنَا ؕ— اِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِمْ اٰیٰتُ الرَّحْمٰنِ خَرُّوْا سُجَّدًا وَّبُكِیًّا ۟
इस सूरत में ज़करिय्या अलैहिस्सलाम से शुरू होकर इदरीस अलैहिस्सलाम तक वर्णित लोग, वे हैं जिन्हें अल्लाह ने नुबुव्वत से सम्मानित किया, आदम अलैहिस्सलाम की संतान में से, तथा उन लोगों की संतान में से जिन्हें हमने नूह़ अलैहिस्सलाम के साथ नाव पर सवार किया, तथा इबराहीम और याक़ूब अलैहिमस्सलाम के वंशज में से, तथा उन लोगों में से जिन्हें हमने इस्लाम के मार्ग पर चलने का सामर्थ्य प्रदान किया तथा हमने उन्हें चुन लिया और उन्हें नबी बना दिया। इन लोगों का हाल यह था कि जब अल्लाह की आयतों को पढ़ते हुए सुनते, तो अल्लाह के डर से रोते हुए सजदे में गिर जाते थे।
عربي تفسیرونه:
فَخَلَفَ مِنْ بَعْدِهِمْ خَلْفٌ اَضَاعُوا الصَّلٰوةَ وَاتَّبَعُوا الشَّهَوٰتِ فَسَوْفَ یَلْقَوْنَ غَیًّا ۟ۙ
फिर अल्लाह के इन चुने हुए नबियों के बाद ऐसे बुरे और गुमराह अनुयायी पैदा हुए, जिन्होंने नमाज़ को नष्ट कर दिया और उसे अपेक्षित तरीक़े से नहीं अदा किया, तथा उनके मन में जिन पापों की इच्छा पैदा हुई, उन्हें कर डाले, यहाँ तक कि व्यभिचार जैसे पाप से भी उपेक्षा नहीं की। तो ऐसे लोग शीघ्र ही जहन्नम में बुराई और नाकामी (निराशा) का सामना करेंगे।
عربي تفسیرونه:
اِلَّا مَنْ تَابَ وَاٰمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا فَاُولٰٓىِٕكَ یَدْخُلُوْنَ الْجَنَّةَ وَلَا یُظْلَمُوْنَ شَیْـًٔا ۟ۙ
किंतु जिसने अपनी कमियों और लापरवाही से तौबा कर ली, अल्लाह पर ईमान लाया और अच्छे कर्म किए, तो इन गुणों से सुसज्जित लोग जन्नत में प्रवेश करेंगे और उनके कर्मों के सवाब में थोड़ी-सी भी कमी नहीं की जाएगी।
عربي تفسیرونه:
جَنّٰتِ عَدْنِ ١لَّتِیْ وَعَدَ الرَّحْمٰنُ عِبَادَهٗ بِالْغَیْبِ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ وَعْدُهٗ مَاْتِیًّا ۟
सदा निवास और स्थिरता की जन्नतों में, जिनका अत्यंत दयावान् अल्लाह ने अपने सदाचारी बंदों से (उनके) बिन देखे वादा किया है कि वह उन्हें उनके अंदर दाखिल करेगा। हालाँकि वे उन्हें देखे बिना ही उनपर ईमान ले आए, इसलिए अल्लाह का जन्नत का वादा (भले ही वह अदृश्य हो) अनिवार्य रूप से पूरा होकर रहेगा।
عربي تفسیرونه:
لَا یَسْمَعُوْنَ فِیْهَا لَغْوًا اِلَّا سَلٰمًا ؕ— وَلَهُمْ رِزْقُهُمْ فِیْهَا بُكْرَةً وَّعَشِیًّا ۟
वे उनके अंदर कोई व्यर्थ बात और अश्लील शब्द नहीं सुनेंगे। बल्कि आपस में एक-दूसरे को किया जाने वाला सलाम और फ़रिश्तों की ओर से उन्हें प्रस्तुत किया जाने वाला सलाम सुनेंगे और उनके अंदर उन्हें जो खाना वे चाहेंगे, सुबह-शाम मिलता रहेगा।
عربي تفسیرونه:
تِلْكَ الْجَنَّةُ الَّتِیْ نُوْرِثُ مِنْ عِبَادِنَا مَنْ كَانَ تَقِیًّا ۟
इने विशेषताओं के साथ वर्णित यह जन्नत, वह है जिसका उत्तराधिकारी हम अपने उन बंदों को बनाएँगे, जो (हमारे) आदेशों का पालन करने वाले होंगे और (हमारी) मना की हुई चीज़ों से बचने वाले होंगे।
عربي تفسیرونه:
وَمَا نَتَنَزَّلُ اِلَّا بِاَمْرِ رَبِّكَ ۚ— لَهٗ مَا بَیْنَ اَیْدِیْنَا وَمَا خَلْفَنَا وَمَا بَیْنَ ذٰلِكَ ۚ— وَمَا كَانَ رَبُّكَ نَسِیًّا ۟ۚ
और (ऐ जिबरील!) मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से कह दें : फ़रिश्ते स्वयं नहीं उतरते हैं। बल्कि वे अल्लाह की आज्ञा से उतरते हैं। अल्लाह ही का है जो कुछ हम आख़िरत के मामले से सामना करने वाले हैं, तथा जो हमने इस दुनिया के मामलों से पीछे छोड़ दिया है और जो कुछ इस दुनिया और आख़िरत के बीच है। तथा (ऐ रसूल!) आपका पालनहार कुछ भूलने वाला नहीं है।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• حاجة الداعية دومًا إلى أنصار يساعدونه في دعوته.
• धर्म प्रचारक को सदैव ऐसे सहयोगियों की आवश्यकता रहती है, जो धर्म प्रचार के कार्य में उसकी सहायता करें।

• إثبات صفة الكلام لله تعالى.
• सर्वशक्तिमान अल्लाह के लिए “कलाम” (बात करने) के गुण का सबूत।

• صدق الوعد محمود، وهو من خلق النبيين والمرسلين، وضده وهو الخُلْف مذموم.
• वादे की सच्चाई सराहनीय है और यह नबियों तथा रसूलों के शिष्टाचार में से है, जबकि इसके विपरीत वादा तोड़ना निंदनीय है।

• إن الملائكة رسل الله بالوحي لا تنزل على أحد من الأنبياء والرسل من البشر إلا بأمر الله.
• फ़रिश्ते वह़्य के साथ अल्लाह के दूत हैं। वे अल्लाह की आज्ञा के बिना किसी भी मानव नबी अथवा रसूल पर नहीं उतरते हैं।

رَبُّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا فَاعْبُدْهُ وَاصْطَبِرْ لِعِبَادَتِهٖ ؕ— هَلْ تَعْلَمُ لَهٗ سَمِیًّا ۟۠
वह आकाशों तथा धरती का रचयिता, उन दोनों का मालिक और उनके मामले का प्रबंधक, तथा उन दोनों के बीच की चीज़ों का रचयिता, उनका मालिक तथा उनके मामले का प्रबंधक है। अतः केवल उसी की इबादत करो। क्योंकि वही इबादत का हक़दार है। तथा उसकी इबादत पर दृढ़ रहो। क्योंकि उसका कोई सदृश या समकक्ष नहीं है, जो इबादत में उसका साझीदार हो।
عربي تفسیرونه:
وَیَقُوْلُ الْاِنْسَانُ ءَاِذَا مَا مِتُّ لَسَوْفَ اُخْرَجُ حَیًّا ۟
मरने के बाद पुनर्जीवित करके उठाए जाने का इनकार करने वाला उपहास करते हुए कहता है : क्या जब मैं मर जाऊँगा, तो फिर से अपनी क़ब्र से जीवित करके निकाला जाऊँगा?! यह तो बड़ी दूर की बात है।
عربي تفسیرونه:
اَوَلَا یَذْكُرُ الْاِنْسَانُ اَنَّا خَلَقْنٰهُ مِنْ قَبْلُ وَلَمْ یَكُ شَیْـًٔا ۟
क्या पुनः जीवित किए जाने का इनकार करने वाला यह व्यक्ति इस बात को याद नहीं करता कि हमने ही उसे इससे पहले पैदा किया, जबकि वह कुछ भी नहीं था?! यदि ऐसा करता, तो उसे पहली बार पैदा किए जाने से दूसरी बार पैदा किए जाने का प्रमाण मिल जाता। हालाँकि दूसरी बार पैदा करना कहीं अधिक आसान है।
عربي تفسیرونه:
فَوَرَبِّكَ لَنَحْشُرَنَّهُمْ وَالشَّیٰطِیْنَ ثُمَّ لَنُحْضِرَنَّهُمْ حَوْلَ جَهَنَّمَ جِثِیًّا ۟ۚ
अतः (हे रसूल!) आपके पालनहार की क़सम! हम अवश्य ही उन्हें उनकी क़ब्रों से निकालकर ह़श्र के मैदान में एकत्र करेंगे तथा उनके साथ वे शैत़ान भी होंगे, जिन्होंने उनको गुमराह किया था। फिर हम उन्हें उनके घुटनों के बल अपमानजनक अवस्था में जहन्नम के दरवाज़ों पर ले जाएँगे।
عربي تفسیرونه:
ثُمَّ لَنَنْزِعَنَّ مِنْ كُلِّ شِیْعَةٍ اَیُّهُمْ اَشَدُّ عَلَی الرَّحْمٰنِ عِتِیًّا ۟ۚ
फिर हम हर पथभ्रष्ट समुदाय में से उसके सबसे बड़े अवज्ञाकारी व्यक्ति अर्थात् उसके सरगने को बड़ी सख़्ती से अवश्य खींच निकालेंगे।
عربي تفسیرونه:
ثُمَّ لَنَحْنُ اَعْلَمُ بِالَّذِیْنَ هُمْ اَوْلٰی بِهَا صِلِیًّا ۟
फिर हम उन लोगों को भली-भाँति जानते हैं, जो जहन्नम में प्रवेश करने तथा उसकी गर्मी और पीड़ा को झेलने के अधिक हक़दार हैं।
عربي تفسیرونه:
وَاِنْ مِّنْكُمْ اِلَّا وَارِدُهَا ۚ— كَانَ عَلٰی رَبِّكَ حَتْمًا مَّقْضِیًّا ۟ۚ
और (ऐ लोगो!) तुममें से हर किसी को उस 'सिरात' (पुल) से गुज़रना है, जो जहन्नम के ऊपर बनाया जाएगा। इस पुल से गुज़रना अल्लाह का अटल निर्णय है। अतः उसके निर्णय को कोई टाल नहीं सकता।
عربي تفسیرونه:
ثُمَّ نُنَجِّی الَّذِیْنَ اتَّقَوْا وَّنَذَرُ الظّٰلِمِیْنَ فِیْهَا جِثِیًّا ۟
फिर इस पुल से गुज़रने के बाद हम उन लोगों को बचा लेंगे, जो अपने पालनहार से डरते हुए उसके आदेशों का पालन करते तथा उसकी मना की हुई चीज़ों से बचते थे। और हम अत्याचारियों को उनके घुटनों के बल गिरा हुआ छोड़ देंगे, वे वहाँ से भाग नहीं सकते।
عربي تفسیرونه:
وَاِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِمْ اٰیٰتُنَا بَیِّنٰتٍ قَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لِلَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا ۙ— اَیُّ الْفَرِیْقَیْنِ خَیْرٌ مَّقَامًا وَّاَحْسَنُ نَدِیًّا ۟
तथा जब लोगों के समक्ष हमारे रसूल पर अवतरित स्पष्ट आयतें पढ़ी जाती हैं, तो काफिर लोग ईमान वालों से कहते हैं : हमारे दोनों गिरोहों में से कौन निवास और आवास में सबसे अच्छा है, तथा किसकी मजलिस व सभा अधिक भव्य है; हमारे गिरोह की अथवा तुम्हारे गिरोह कीॽ!
عربي تفسیرونه:
وَكَمْ اَهْلَكْنَا قَبْلَهُمْ مِّنْ قَرْنٍ هُمْ اَحْسَنُ اَثَاثًا وَّرِﺋْﻴًﺎ ۟
अपनी भौतिक श्रेष्ठता पर गर्व करने वाले इन काफ़िरों से पहले हम बहुत-सी जातियों को विनष्ट कर चुके हैं, जो धन-संपत्ति में इनसे बेहतर और अच्छी वेशभूषा और शारीरिक सुंदरता के कारण इनसे अच्छे दिखते थे।
عربي تفسیرونه:
قُلْ مَنْ كَانَ فِی الضَّلٰلَةِ فَلْیَمْدُدْ لَهُ الرَّحْمٰنُ مَدًّا ۚ۬— حَتّٰۤی اِذَا رَاَوْا مَا یُوْعَدُوْنَ اِمَّا الْعَذَابَ وَاِمَّا السَّاعَةَ ؕ۬— فَسَیَعْلَمُوْنَ مَنْ هُوَ شَرٌّ مَّكَانًا وَّاَضْعَفُ جُنْدًا ۟
(ऐ रसूल!) आप कह दें : जो गुमराही में भटक रहा है, 'रहमान' उसे ढील देगा, ताकि वह गुमराही में और बढ़ जाए। यहाँ तक कि जब वे उस चीज़ को देख लेंगे जिसका उनसे वादा किया जाता है; इस दुनिया में जल्दी मिलने वाली या क़ियामत के दिन स्थगित कर दी गई यातना, तो उस समय उन्हें पता चल जाएगा कि कौन बुरे स्थान वाला और सबसे कम सहायक वाला है, यह उनका समूह है या मोमिनों का समूह?
عربي تفسیرونه:
وَیَزِیْدُ اللّٰهُ الَّذِیْنَ اهْتَدَوْا هُدًی ؕ— وَالْبٰقِیٰتُ الصّٰلِحٰتُ خَیْرٌ عِنْدَ رَبِّكَ ثَوَابًا وَّخَیْرٌ مَّرَدًّا ۟
उन लोगों को गुमराही में और बढ़ने के लिए ढील देने के विपरीत, अल्लाह सीधी राह पर चलने वालों को ईमान और आज्ञाकारिता में और बढ़ा देता है। तथा शाश्वत सौभाग्य की ओर ले जाने वाले अच्छे कर्म (ऐ रसूल!) आपके पालनहार के निकट प्रतिफल की दृष्टि से अधिक लाभदायक और उत्तम परिणाम वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• على المؤمنين الاشتغال بما أمروا به والاستمرار عليه في حدود المستطاع.
• मोमिनों को चाहिए कि जिस चीज़ का उन्हें आदेश दिया गया है उसे करें और यथासंभव उसे जारी रखें।

• وُرُود جميع الخلائق على النار - أي: المرور على الصراط، لا الدخول في النار - أمر واقع لا محالة.
• सभी मनुष्यों का जहन्नम पर आना (अर्थात् सिरात पर गुज़रना, न कि जहन्नम में प्रवेश करना) एक अपरिहार्य तथ्य है।

• أن معايير الدين ومفاهيمه الصحيحة تختلف عن تصورات الجهلة والعوام.
• धर्म के मानक और उसकी सही अवधारणाएँ अनपढ़ और आम लोगों की धारणाओं से अलग होती हैं।

• من كان غارقًا في الضلالة متأصلًا في الكفر يتركه الله في طغيان جهله وكفره، حتى يطول اغتراره، فيكون ذلك أشد لعقابه.
• जो व्यक्ति पथभ्रष्टता में डूबा हुआ हो और कुफ़्र पर मज़बूती से जमा हुआ हो, अल्लाह उसे उसकी अज्ञानता और कुफ़्र में भटकता हुआ छोड़ देता है, ताकि वह लंबे समय तक धोखा खाता रहे और यह उसके लिए अधिक कठोर सज़ा का कारण बन जाए।

• يثبّت الله المؤمنين على الهدى، ويزيدهم توفيقًا ونصرة، وينزل من الآيات ما يكون سببًا لزيادة اليقين مجازاةً لهم.
• अल्लाह मोमिनों को सच्चे मार्ग पर मज़बूती से क़ायम रखता है, उन्हें अधिक सामर्थ्य और समर्थन प्रदान करता है तथा ऐसी निशानियाँ उतारता है, जो उनके विश्वास को बढ़ाने में मददगार साबित हों।

اَفَرَءَیْتَ الَّذِیْ كَفَرَ بِاٰیٰتِنَا وَقَالَ لَاُوْتَیَنَّ مَالًا وَّوَلَدًا ۟ؕ
(ऐ रसूल!) क्या आपने उस व्यक्ति को देखा, जिसने हमारे प्रमाणों का इनकार किया और हमारी चेतावनी को नकार दिया तथा कहने लगा : यदि मैं मर गया और मुझे पुनः जीवित किया गया, तो मैं अवश्य ही बहुत सारा धन एवं संतान दिया जाऊँगा।
عربي تفسیرونه:
اَطَّلَعَ الْغَیْبَ اَمِ اتَّخَذَ عِنْدَ الرَّحْمٰنِ عَهْدًا ۟ۙ
क्या वह परोक्ष से अवगत हो गया है कि वह इस तरह की बात किसी प्रमाण के आधार पर कह रहा हैॽ! अथवा उसने अपने पालनहार से कोई वचन ले रखा है कि वह उसे जन्नत में अवश्य प्रवेश देगा और उसे अवश्य ही धन एवं संतान प्रदान करेगाॽ!
عربي تفسیرونه:
كَلَّا ؕ— سَنَكْتُبُ مَا یَقُوْلُ وَنَمُدُّ لَهٗ مِنَ الْعَذَابِ مَدًّا ۟ۙ
मामला ऐसा नहीं है जैसा कि उसने दावा किया है। जो कुछ वह कहता है और जो कुछ वह करता है, हम उसे लिख लेंगे और उसके झूठे दावे के कारण उसे यातना पर यातना देते जाएँगे।
عربي تفسیرونه:
وَّنَرِثُهٗ مَا یَقُوْلُ وَیَاْتِیْنَا فَرْدًا ۟
हम उसे विनाश करने के बाद उसके छोड़े हुए धन एवं संतान को ले लेंगे और वह क़ियामत के दिन हमारे पास अकेला ही आएगा तथा जिस धन एवं प्रतिष्ठा से वह लाभान्वित हो रहा था, वह उससे छिन चुका होगा।
عربي تفسیرونه:
وَاتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اٰلِهَةً لِّیَكُوْنُوْا لَهُمْ عِزًّا ۟ۙ
तथा बहुदेववादियों ने अपने लिए अल्लाह के सिवा अन्य पूज्य बना लिए हैं, ताकि वे उनके लिए समर्थक और सहायक बन जाएँ, जिनकी वे सहायता ले सकें।
عربي تفسیرونه:
كَلَّا ؕ— سَیَكْفُرُوْنَ بِعِبَادَتِهِمْ وَیَكُوْنُوْنَ عَلَیْهِمْ ضِدًّا ۟۠
मामला ऐसा नहीं है जैसा कि उन्होंने दावा किया है। क्योंकि ये पूज्य जिन्हें वे अल्लाह को छोड़कर पूजते हैं, क़ियामत के दिन इस बात से इनकार कर देंगे कि बहुदेववादियों ने उनकी पूजा की थी। यही नहीं, बल्कि उनसे किनारा कर लेंगे और उनके दुश्मन हो जाएँगे।
عربي تفسیرونه:
اَلَمْ تَرَ اَنَّاۤ اَرْسَلْنَا الشَّیٰطِیْنَ عَلَی الْكٰفِرِیْنَ تَؤُزُّهُمْ اَزًّا ۟ۙ
क्या (ऐ रसूल!) आपने देखा नहीं कि हमने शैतानों को भेजा है और उन्हें काफ़िरों पर नियुक्त कर दिया है, जो उन्हें पाप करने और अल्लाह के धर्म से रोकने पर उत्तेजित करते रहते हैं।
عربي تفسیرونه:
فَلَا تَعْجَلْ عَلَیْهِمْ ؕ— اِنَّمَا نَعُدُّ لَهُمْ عَدًّا ۟ۚ
अतः (ऐ रसूल!) आप अल्लाह से उन्हें जल्द विनाश करने का अनुरोध करने में जल्दी न करें। हम उनके जीवन के एक-एक दिन को गिन रहे हैं। यहाँ तक कि जब उन्हें ढील देने का समय समाप्त हो जाएगा, तो हम उन्हें वह सज़ा देंगे जिसके वे हक़दार हैं।
عربي تفسیرونه:
یَوْمَ نَحْشُرُ الْمُتَّقِیْنَ اِلَی الرَّحْمٰنِ وَفْدًا ۟ۙ
तथा (ऐ रसूल!) आप क़ियामत के दिन को याद करें, जिस दिन हम उन लोगों को, जो अपने पालनहार से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, डरने वाले हैं, एक सम्मानित और प्रतिष्ठित प्रतिनिधिमंडल के रूप में इकट्ठा करेंगे।
عربي تفسیرونه:
وَّنَسُوْقُ الْمُجْرِمِیْنَ اِلٰی جَهَنَّمَ وِرْدًا ۟ۘ
तथा हम काफ़िरों को जहन्नम की ओर प्यासे हाँककर ले जाएँगे।
عربي تفسیرونه:
لَا یَمْلِكُوْنَ الشَّفَاعَةَ اِلَّا مَنِ اتَّخَذَ عِنْدَ الرَّحْمٰنِ عَهْدًا ۟ۘ
इन काफ़िरों को एक-दूसरे के लिए सिफारिश करने का अधिकार प्राप्त न होगा। सिवाय उसके, जिसने दुनिया में अल्लाह से उसपर और उसके रसूलों पर ईमान लाकर वचन ले लिया हो।
عربي تفسیرونه:
وَقَالُوا اتَّخَذَ الرَّحْمٰنُ وَلَدًا ۟ؕ
तथा यहूदियों, ईसाइयों और कुछ बहुदेववादियों ने कहा : रहमान (अत्यंत दयावान् अल्लाह) ने अपना पुत्र बना रखा है।
عربي تفسیرونه:
لَقَدْ جِئْتُمْ شَیْـًٔا اِدًّا ۟ۙ
निश्चय (ऐ ऐसी बात कहने वाले लोगो!) तुमने बहुत भारी बात कही है।
عربي تفسیرونه:
تَكَادُ السَّمٰوٰتُ یَتَفَطَّرْنَ مِنْهُ وَتَنْشَقُّ الْاَرْضُ وَتَخِرُّ الْجِبَالُ هَدًّا ۟ۙ
निकट है कि इस घृणित बात के कारण आकाश टूट पड़ें, धरती फट जाए और पहाड़ ध्वस्त होकर गिर जाएँ।
عربي تفسیرونه:
اَنْ دَعَوْا لِلرَّحْمٰنِ وَلَدًا ۟ۚ
यह सब इस कारण है कि उन्होंने रहमान (परम दयालु अल्लाह) के लिए संतान होने का दावा किया है। अल्लाह इस बात से बहुत ऊँचा है।
عربي تفسیرونه:
وَمَا یَنْۢبَغِیْ لِلرَّحْمٰنِ اَنْ یَّتَّخِذَ وَلَدًا ۟ؕ
हालाँकि रहमान (परम दयालु अल्लाह) के योग्य नहीं है कि वह कोई संतान बनाए, क्योंकि वह इससे बहुत पवित्र है।
عربي تفسیرونه:
اِنْ كُلُّ مَنْ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ اِلَّاۤ اٰتِی الرَّحْمٰنِ عَبْدًا ۟ؕ
आकाशों और धरती में रहने वाले फ़रिश्तों, मनुष्यों एवं जिन्नों में से हर कोई क़ियामत के दिन अपने पालनहार के पास विनम्रता से आएगा।
عربي تفسیرونه:
لَقَدْ اَحْصٰىهُمْ وَعَدَّهُمْ عَدًّا ۟ؕ
निश्चय अल्लाह ने उन्हें ज्ञान के साथ घेर रखा है और अच्छी तरह से उनकी गणना कर रखी है। अतः उनकी कोई चीज़ उससे छिपी नहीं है।
عربي تفسیرونه:
وَكُلُّهُمْ اٰتِیْهِ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ فَرْدًا ۟
उनमें से प्रत्येक व्यक्ति क़ियामत के दिन बिना किसी सहायक या धन के उसके पास अकेले आएगा।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• تدل الآيات على سخف الكافر وسَذَاجة تفكيره، وتَمَنِّيه الأماني المعسولة، وهو سيجد نقيضها تمامًا في عالم الآخرة.
• ये आयतें काफ़िर की मूर्खता, उसकी सोच के भोलेपन और उसके मधुर कामनाएँ करने को इंगित करती हैं। जबकि आख़िरत में वह बिलकुल उसके विपरीत पाएगा।

• سلَّط الله الشياطين على الكافرين بالإغواء والإغراء بالشر، والإخراج من الطاعة إلى المعصية.
• अल्लाह ने शैतानों को काफ़िरों पर हावी कर दिया है, जो उन्हें बहकाते, बुराई पर उकसाते और आज्ञाकारिता से अवज्ञा की ओर ले जाते हैं।

• أهل الفضل والعلم والصلاح يشفعون بإذن الله يوم القيامة.
• प्रतिष्ठा, ज्ञान और सदाचार वाले लोग क़ियामत के दिन अल्लाह की अनुमति से सिफारिश करेंगे।

اِنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ سَیَجْعَلُ لَهُمُ الرَّحْمٰنُ وُدًّا ۟
निःसंदेह जो लोग अल्लाह पर ईमान लाए और अल्लाह के निकट पसंदीदा नेक कार्य किए, अल्लाह उनसे अपने प्रेम के द्वारा और उन्हें अपने बंदों के निकट प्रिय बनाकर, उनके लिए प्रेम उत्पन्न कर देगा।
عربي تفسیرونه:
فَاِنَّمَا یَسَّرْنٰهُ بِلِسَانِكَ لِتُبَشِّرَ بِهِ الْمُتَّقِیْنَ وَتُنْذِرَ بِهٖ قَوْمًا لُّدًّا ۟
हमने इस क़ुरआन को (ऐ रसूल!) आपकी भाषा में अवतरित कर सरल बना दिया है, ताकि इसके द्वारा आप अल्लाह का भय रखने वालों को शुभ सूचना दें, जो मेरे आदेशों का पालन करते हैं और मेरे मना किए हुए कामों से बचते हैं, तथा इसके द्वारा आप उन लोगों को डराएँ, जो बहुत झगड़ालू और सत्य को स्वीकार करने में अहंकार से काम लेने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
وَكَمْ اَهْلَكْنَا قَبْلَهُمْ مِّنْ قَرْنٍ ؕ— هَلْ تُحِسُّ مِنْهُمْ مِّنْ اَحَدٍ اَوْ تَسْمَعُ لَهُمْ رِكْزًا ۟۠
आपकी जाति के लोगों से पहले हम बहुत-से समुदायों को विनष्ट कर चुके हैं। तो क्या आप आज उन समुदायों में से किसी एक को महसूस करते हैं?! और क्या आप उनकी कोई भनक सुनते हैं?! अतः जो उनके साथ हुआ, वह दूसरों के साथ (भी) हो सकता है। बस अल्लाह की अनुमति की देर है।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• ليس إنزال القرآن العظيم لإتعاب النفس في العبادة، وإذاقتها المشقة الفادحة، وإنما هو كتاب تذكرة ينتفع به الذين يخشون ربهم.
• महान क़ुरआन अपने आपको इबादत में थकाने और भारी कठिनाई में डालने के लिए नहीं उतारा गया है। बल्कि, वह एक अनुस्मारक पुस्तक है, जिससे वे लोग लाभान्वित होते हैं, जो अपने पालनहार का भय रखते हैं।

• قَرَن الله بين الخلق والأمر، فكما أن الخلق لا يخرج عن الحكمة؛ فكذلك لا يأمر ولا ينهى إلا بما هو عدل وحكمة.
• अल्लाह ने रचना और आदेश का एक साथ उल्लेख किया है। अतः जिस प्रकार उसकी रचना हिकमत से खाली नहीं है, उसी तरह उसका कोई आदेश या निषेध न्याय एवं हिकमत से खाली नहीं होता।

• على الزوج واجب الإنفاق على الأهل (المرأة) من غذاء وكساء ومسكن ووسائل تدفئة وقت البرد.
• पति का कर्तव्य है कि वह अपने परिवार (पत्नी) के लिए भोजन, वस्त्र, आवास और ठंड के समय गर्म करने के साधनों की व्यवस्था करे।

 
د معناګانو ژباړه سورت: مريم
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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - د ژباړو فهرست (لړلیک)

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

بندول