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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: بقره   آیت:
اَوَلَا یَعْلَمُوْنَ اَنَّ اللّٰهَ یَعْلَمُ مَا یُسِرُّوْنَ وَمَا یُعْلِنُوْنَ ۟
ये यहूदी इस घृणित तरीक़े से व्यवहार कर रहे हैं, जैसे कि वे इस बात की अनदेखी कर रहे हैं कि अल्लाह उनके उन सभी कथनों और कार्यों को जानता है, जो वे छिपाते हैं और जो वे ज़ाहिर करते हैं, और शीघ्र ही वह उन्हें अपने बंदों के लिए प्रकट करके उन्हें अपमानित करेगा।
عربي تفسیرونه:
وَمِنْهُمْ اُمِّیُّوْنَ لَا یَعْلَمُوْنَ الْكِتٰبَ اِلَّاۤ اَمَانِیَّ وَاِنْ هُمْ اِلَّا یَظُنُّوْنَ ۟
तथा यहूदियों में से कुछ लोग ऐसे हैं, जो तौरात का केवल पाठ करना जानते हैं और वे उसके आशय (मतलब) को नहीं समझते। तथा उनके पास झूठ के अलावा कुछ भी नहीं है, जो उन्होंने अपने बड़ों से ग्रहण किए हैं, वे समझते हैं कि यही वह तौरात है जिसे अल्लाह ने अवतरित किया है।
عربي تفسیرونه:
فَوَیْلٌ لِّلَّذِیْنَ یَكْتُبُوْنَ الْكِتٰبَ بِاَیْدِیْهِمْ ۗ— ثُمَّ یَقُوْلُوْنَ هٰذَا مِنْ عِنْدِ اللّٰهِ لِیَشْتَرُوْا بِهٖ ثَمَنًا قَلِیْلًا ؕ— فَوَیْلٌ لَّهُمْ مِّمَّا كَتَبَتْ اَیْدِیْهِمْ وَوَیْلٌ لَّهُمْ مِّمَّا یَكْسِبُوْنَ ۟
अतः विनाश और घोर यातना इन लोगों की प्रतीक्षा कर रही है, जो अपने हाथों से किताब लिखते हैं, फिर - झूठ-मूठ - कहते हैं : यह अल्लाह की ओर से है; ताकि वे सत्य और मार्गदर्शन का पालन करने के बदले इस दुनिया में एक छोटी सी क़ीमत, जैसे कि धन और सरदारी प्राप्त कर सकें। अतः उनके लिए बड़ी तबाही और सख़्त अज़ाब है उसके कारण जो उनके हाथों ने लिखकर अल्लाह के खिलाफ झूठ बोला है, तथा उनके लिए तबाही और सख़्त अज़ाब है उसके कारण जो वे उससे धन और सरदारी कमाते हैं।
عربي تفسیرونه:
وَقَالُوْا لَنْ تَمَسَّنَا النَّارُ اِلَّاۤ اَیَّامًا مَّعْدُوْدَةً ؕ— قُلْ اَتَّخَذْتُمْ عِنْدَ اللّٰهِ عَهْدًا فَلَنْ یُّخْلِفَ اللّٰهُ عَهْدَهٗۤ اَمْ تَقُوْلُوْنَ عَلَی اللّٰهِ مَا لَا تَعْلَمُوْنَ ۟
तथा उन्होंने - झूठ-मूठ और धोखेबाज़ी से - कहा : हमें आग हरगिज़ नहीं छुएगी और हम कुछ दिनों के अलावा उसमें हरगिज़ प्रवेश नहीं करेंगे। ऐ नबी! आप इनसे कह दीजिए : क्या तुमने इसपर अल्लाह से पक्का वादा ले रखा है? अगर तुम्हारे पास ऐसा वादा है; तो निःसंदेह अल्लाह अपना वादा नहीं तोड़ता। या फिर तुम - झूठ का सहारा लेते हुए - अल्लाह के बारे में ऐसी बात कहते हो, जो तुम नहीं जानते?
عربي تفسیرونه:
بَلٰی مَنْ كَسَبَ سَیِّئَةً وَّاَحَاطَتْ بِهٖ خَطِیْٓـَٔتُهٗ فَاُولٰٓىِٕكَ اَصْحٰبُ النَّارِ ۚ— هُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟
मामला वैसा नहीं है, जैसा ये समझ रहे हैं; अल्लाह हर उस व्यक्ति को यातना देगा, जिसने कुफ़्र की बुराई की और उसके गुनाहों ने उसे चारों ओर से घेर लिया। अल्लाह उन्हें जहन्नम में दाख़िल करेगा, जिसमें वे हमेशा के लिए रहेंगे।
عربي تفسیرونه:
وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ اُولٰٓىِٕكَ اَصْحٰبُ الْجَنَّةِ ۚ— هُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟۠
तथा जो लोग अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाए और सत्कर्म किए, अल्लाह के निकट उनका बदला जन्नत में प्रवेश है, जिसमें वे हमेशा के लिए रहने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
وَاِذْ اَخَذْنَا مِیْثَاقَ بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ لَا تَعْبُدُوْنَ اِلَّا اللّٰهَ ۫— وَبِالْوَالِدَیْنِ اِحْسَانًا وَّذِی الْقُرْبٰی وَالْیَتٰمٰی وَالْمَسٰكِیْنِ وَقُوْلُوْا لِلنَّاسِ حُسْنًا وَّاَقِیْمُوا الصَّلٰوةَ وَاٰتُوا الزَّكٰوةَ ؕ— ثُمَّ تَوَلَّیْتُمْ اِلَّا قَلِیْلًا مِّنْكُمْ وَاَنْتُمْ مُّعْرِضُوْنَ ۟
और - ऐ बनी इसराईल! - उस दृढ़ वचन को याद करो, जो हमने तुमसे लिया था, कि तुम अल्लाह को एकमात्र पूज्य मानोगे और उसके साथ किसी की इबादत नहीं करोगे, और यह कि तुम माता-पिता, रिश्तेदारों, अनाथों और ज़रूरतमंद निर्धनों के साथ अच्छा व्यवहार करोगे। और यह कि तुम लोगों से अच्छी बात बोलो, बिना सख़्ती और कठोरता के भलाई का आदेश देते हुए एवं बुराई से रोकते हुए। और यह कि तुम पूरी तरह से नमाज़ अदा करो जैसा मैंने तुम्हें आदेश दिया है, और यह कि तुम ज़कात अदा करो उसे उसके हक़दारों को खुशी के साथ देकर। फिर, इस वचन के बाद, जो तुमसे लिया गया था, तुम उसे पूरा करने से मुँह मोड़ते हुए फिर गए, सिवाय उसके जिसे अल्लाह ने तुममें से बचा लिया, तो उसने अल्लाह के लिए उसके वचन और प्रतिज्ञा को पूरा किया।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• بعض أهل الكتاب يدّعي العلم بما أنزل الله، والحقيقة أن لا علم له بما أنزل الله، وإنما هو الوهم والجهل.
• कुछ अह्ले किताब अल्लाह की उतारी हुई बात का ज्ञान होने का दावा करते हैं, हालाँकि सच्चाई यह है कि उन्हें अल्लाह की उतारी हुई बात का कोई ज्ञान नहीं है। बल्कि वह केवल भ्रम और अज्ञानता है।

• من أعظم الناس إثمًا من يكذب على الله تعالى ورسله ؛ فينسب إليهم ما لم يكن منهم.
• सबसे बड़े पापियों में से एक वह व्यक्ति है, जो अल्लाह तआला और उसके रसूलों के बारे में झूठ बोलता है; चुनाँचे उनकी ओर ऐसी बात की निस्बत करता है, जो उनकी ओर से नहीं है।

• مع عظم المواثيق التي أخذها الله تعالى على اليهود وشدة التأكيد عليها، لم يزدهم ذلك إلا إعراضًا عنها ورفضًا لها.
• अल्लाह ने यहूदियों से बड़े-बड़े वचन लिए और उन्हें निभाने की सख़्त ताकीद की, लेकिन इसने उन्हें केवल उनसे मुँह फेरने और उन्हें अस्वीकार करने में बढ़ाया।

 
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د مرکز تفسیر للدراسات القرآنیة لخوا خپور شوی.

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