د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: سبإ   آیت:

सूरा सबा

د سورت د مقصدونو څخه:
بيان أحوال الناس مع النعم، وسنة الله في تغييرها.
नेमतों के साथ लोगों की स्थितियों, तथा उन्हें बदलने में अल्लाह के नियम का वर्णन।

اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْ لَهٗ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ وَلَهُ الْحَمْدُ فِی الْاٰخِرَةِ ؕ— وَهُوَ الْحَكِیْمُ الْخَبِیْرُ ۟
हर प्रकार की प्रशंसा उस अल्लाह के लिए है, जिसके अधिकार में आकाशों और धरती की सभी चीज़ें हैं, रचना करने, मालिक होने और प्रबंधन एवं उपाय करने के एतिबार से। और उसी सर्वशक्तिमान (अल्लाह) के लिए आखिरत में भी प्रशंसा है। वह अपनी रचना और प्रबंधन में हिकमत वाला और अपने बंदों की स्थितियों को भली-भाँति जानने वाला है। उससे उनमें से कोई भी चीज़ छिपी नहीं है।
عربي تفسیرونه:
یَعْلَمُ مَا یَلِجُ فِی الْاَرْضِ وَمَا یَخْرُجُ مِنْهَا وَمَا یَنْزِلُ مِنَ السَّمَآءِ وَمَا یَعْرُجُ فِیْهَا ؕ— وَهُوَ الرَّحِیْمُ الْغَفُوْرُ ۟
वह जानता है जो कुछ धरती में प्रवेश करता है, जैसे पानी और वनस्पतियाँ, और वह जानता जो कुछ पौधे आदि उससे निकलते हैं, और वह जानता है जो कुछ आकाश से बारिश, फ़रिश्ते और आजीविका उतरती है, और वह जानता है जो कुछ आकाश की ओर फ़रिश्ते, बंदों के कर्म तथा उनकी आत्माएँ चढ़ती हैं। और वह अपने ईमान वाले बंदों पर बड़ा दयालु, और जो उससे तौबा करते हैं उनके पापों को क्षमा करने वाला है।
عربي تفسیرونه:
وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَا تَاْتِیْنَا السَّاعَةُ ؕ— قُلْ بَلٰی وَرَبِّیْ لَتَاْتِیَنَّكُمْ ۙ— عٰلِمِ الْغَیْبِ ۚ— لَا یَعْزُبُ عَنْهُ مِثْقَالُ ذَرَّةٍ فِی السَّمٰوٰتِ وَلَا فِی الْاَرْضِ وَلَاۤ اَصْغَرُ مِنْ ذٰلِكَ وَلَاۤ اَكْبَرُ اِلَّا فِیْ كِتٰبٍ مُّبِیْنٍ ۟ۙ
अल्लाह का इनकार करने वालों ने कहा : हमपर क़ियामत कभी नहीं आएगी। (ऐ रसूल) आप उन्हें कह दीजिए : क्यों नहीं? अल्लाह की क़सम, वह क़ियामत तुमपर अवश्य आएगी, जिसे तुम झुठला रहे हो। लेकिन उसका समय अल्लाह के सिवा कोई नहीं जानता। क्योंकि वह सर्वशक्तिमान (अल्लाह) छिपी हुई बातों जैसे क़ियामत आदि का ज्ञान रखने वाला है। उसके ज्ञान से आकाशों तथा धरती में छोटी से छोटी चींटी के बराबर भी कोई चीज़ ओझल नहीं है। बल्कि उससे भी छोटी या बड़ी कोई चीज़ नहीं है, परंतु वह एक स्पष्ट पुस्तक में अंकित है, और वह 'लौहे महफ़ूज़' (सुरक्षित पट्टिका) है, जिसमें क़ियामत तक होने वाली हर चीज़ लिखी हुई है।
عربي تفسیرونه:
لِّیَجْزِیَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ مَّغْفِرَةٌ وَّرِزْقٌ كَرِیْمٌ ۟
अल्लाह ने 'लौहे महफूज़' में जो कुछ लिख रखा है, उसका उद्देश्य यह है कि वह ईमान लाने वालों तथा अच्छे कर्म करने वालों को उनका भरपूर बदला दे। उक्त गुणों से विशिष्ट इन लोगों के लिए अल्लाह की ओर से उनके गुनाहों की माफ़ी है, चुनाँचे वह उन गुनाहों पर उनकी पकड़ नहीं करेगा। तथा उनके लिए अच्छी जीविका है, जो कि क़ियामत के दिन अल्लाह की जन्नत है।
عربي تفسیرونه:
وَالَّذِیْنَ سَعَوْ فِیْۤ اٰیٰتِنَا مُعٰجِزِیْنَ اُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ عَذَابٌ مِّنْ رِّجْزٍ اَلِیْمٌ ۟
तथा जिन लोगों ने अल्लाह की उतारी हुई आयतों को ग़लत ठहराने के लिए कड़ी मेहनत की। चुनाँचे उन्होंने उसके बारे में कहा कि वह जादू है, तथा हमारे रसूल को काहिन (भविष्यवक्ता), जादूगर और कवि कहा। उन गुणों से विशिष्ट ये लोग क़ियामत के दिन सबसे बुरी और सबसे कठोर सज़ा भुगतेंगे।
عربي تفسیرونه:
وَیَرَی الَّذِیْنَ اُوْتُوا الْعِلْمَ الَّذِیْۤ اُنْزِلَ اِلَیْكَ مِنْ رَّبِّكَ هُوَ الْحَقَّ ۙ— وَیَهْدِیْۤ اِلٰی صِرَاطِ الْعَزِیْزِ الْحَمِیْدِ ۟
सहाबा में से ज्ञानी लोग तथा अह्ले किताब के विद्वानों में से ईमान लाने वाले इस बात की गवाही देते हैं की अल्लाह ने आपकी ओर जो वह़्य उतारी है, वह सत्य है जिसमें कोई संदेह नहीं है। तथा वह उस प्रभुत्वशाली (पालनहार) के मार्ग की ओर ले जाती है, जिसपर कोई आधिपत्य प्राप्त नहीं कर सकता और वह दुनिया एवं आखिरत में प्रशंसनीय व सराहनीय है।
عربي تفسیرونه:
وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا هَلْ نَدُلُّكُمْ عَلٰی رَجُلٍ یُّنَبِّئُكُمْ اِذَا مُزِّقْتُمْ كُلَّ مُمَزَّقٍ ۙ— اِنَّكُمْ لَفِیْ خَلْقٍ جَدِیْدٍ ۟ۚ
जिन लोगों ने अल्लाह का इनकार किया, वे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की लाई हुई बातों पर आश्चर्यचकित होकर और उसका उपहास करते हुए, अपने में से कुछ लोगों से कहते हैं : क्या हम तुम्हें एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताएँ, जो तुम्हें यह सूचना देता है कि जब तुम मर जाओगे और टुकड़े-टुकड़े हो जाओगे, तो तुम मौत के पश्चात पुनः जीवित किए जाओगे?!
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• سعة علم الله سبحانه المحيط بكل شيء.
• अल्लाह सर्वशक्तिमान के ज्ञान की विशालता जो हर चीज़ से अवगत है।

• فضل أهل العلم.
• ज्ञान वाले लोगों की फज़ीलत।

• إنكار المشركين لبعث الأجساد تَنَكُّر لقدرة الله الذي خلقهم.
• मुश्रिकों का पुनः जीवित किए जाने का इनकार करना, दरअसल अल्लाह की शक्ति का इनकार करना है, जिसने उन्हें पैदा किया है।

اَفْتَرٰی عَلَی اللّٰهِ كَذِبًا اَمْ بِهٖ جِنَّةٌ ؕ— بَلِ الَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ فِی الْعَذَابِ وَالضَّلٰلِ الْبَعِیْدِ ۟
तथा उन्होंने कहा : क्या इस व्यक्ति ने अल्लाह पर कोई झूठ गढ़ लिया है, जिसके कारण वह हमारी मृत्यु के पश्चात हमारे पुनर्जीवित किए जाने का दावा कर रहा है, या वह पागल हो गया है, जो ऐसी बात कह रहा है जिसकी कोई सच्चाई नहीं है? बात ऐसी नहीं है, जैसा कि इन्होंने दावा किया है, बल्कि बात यह है कि जो लोग आख़िरत पर विश्वास नहीं रखते, वे क़ियामत के दिन सख्त यातना में होंगे तथा दुनिया में वे सत्य से बहुत दूर की गुमराही में हैं।
عربي تفسیرونه:
اَفَلَمْ یَرَوْا اِلٰی مَا بَیْنَ اَیْدِیْهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ مِّنَ السَّمَآءِ وَالْاَرْضِ ؕ— اِنْ نَّشَاْ نَخْسِفْ بِهِمُ الْاَرْضَ اَوْ نُسْقِطْ عَلَیْهِمْ كِسَفًا مِّنَ السَّمَآءِ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً لِّكُلِّ عَبْدٍ مُّنِیْبٍ ۟۠
क्या मरणोपरांत पुनर्जीवन को झुठलाने वाले ये लोग, अपने आगे धरती को तथा अपने पीछे आकाश को नहीं देखते? यदि हम उनके पैरों के नीचे से धरती को धँसाना चाहें, तो हम उसे धंँसा सकते हैं। और यदि हम उनपर आकाश के टुकड़े गिराना चाहें, तो हम उनपर उन्हें गिरा सकते हैं। निःसंदेह इसमें हर उस बंदे के लिए, जो अपने पालनहार की आज्ञाकारिता की ओर बहुलता से लौटने वाला है, एक निश्चित संकेत है, जिससे वह अल्लाह की शक्ति का प्रमाण ग्रहण करता है। क्योंकि जो ऐसा करने में सक्षम है, वह तुम्हारी मृत्यु तथा तुम्हारे शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो जाने के पश्चात्, तुम्हें पुनर्जीवित करने में भी सक्षम है।
عربي تفسیرونه:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا دَاوٗدَ مِنَّا فَضْلًا ؕ— یٰجِبَالُ اَوِّبِیْ مَعَهٗ وَالطَّیْرَ ۚ— وَاَلَنَّا لَهُ الْحَدِیْدَ ۟ۙ
हमने दाऊद अलैहिस्सलाम को अपनी ओर से नुबुव्वत और राज्य प्रदान किया, तथा हमने पर्वतों से कहा : ऐ पर्वतो! तुम दाऊद के साथ अल्लाह की पवित्रता का गान करो। इसी प्रकार हमने पक्षियों से (भी) कहा। और हमने उनके लिए लोहे को नरम कर दिया, ताकि वह उससे जो उपकरण चाहें, बनाएँ।
عربي تفسیرونه:
اَنِ اعْمَلْ سٰبِغٰتٍ وَّقَدِّرْ فِی السَّرْدِ وَاعْمَلُوْا صَالِحًا ؕ— اِنِّیْ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِیْرٌ ۟
(ऐ दाऊद) तुम विस्तृत कवचें बनाओ, जो तुम्हारे सेनानियों को उनके दुश्मन की वार से बचा सकें। और कीलों को कड़ियों के अनुकूल बनाओ। उन्हें इतनी पतली न बनाओ कि कड़ियों के अंदर रुक न पाएँँ और न ही वे इतनी मोटी हों कि उनके अंदर घुस न सकें। तथा सत्कर्म करते रहो। मैं तुम्हारे कर्मों को भली-भाँति देख रहा हूँ। तुम्हारे कर्मों में से कुछ भी मुझसे छिपा नहीं है, और मैं तुम्हें उनका बदला दूँगा।
عربي تفسیرونه:
وَلِسُلَیْمٰنَ الرِّیْحَ غُدُوُّهَا شَهْرٌ وَّرَوَاحُهَا شَهْرٌ ۚ— وَاَسَلْنَا لَهٗ عَیْنَ الْقِطْرِ ؕ— وَمِنَ الْجِنِّ مَنْ یَّعْمَلُ بَیْنَ یَدَیْهِ بِاِذْنِ رَبِّهٖ ؕ— وَمَنْ یَّزِغْ مِنْهُمْ عَنْ اَمْرِنَا نُذِقْهُ مِنْ عَذَابِ السَّعِیْرِ ۟
तथा हमने सुलैमान बिन दाऊद अलैहिमस्सलाम के लिए हवा को वशीभूत कर दिया। वह प्रातः काल एक महीने की दूरी तय करती थी और सायंकाल एक महीने की दूरी तय करती थी। और हमने उनके लिए ताँबे का स्रोत बहा दिया, ताकि वह ताँबे से जो चाहें, बनाएँ। और हमने कुछ जिन्नों को भी उनके वश में कर दिया, जो अपने पालनहार के आदेश से उनके आगे काम करते थे। और जिन्नों में से जो भी मेरे आदेश से मुँह फेरेगा, उसे हम दहकती आग की यातना चखाएँगे।
عربي تفسیرونه:
یَعْمَلُوْنَ لَهٗ مَا یَشَآءُ مِنْ مَّحَارِیْبَ وَتَمَاثِیْلَ وَجِفَانٍ كَالْجَوَابِ وَقُدُوْرٍ رّٰسِیٰتٍ ؕ— اِعْمَلُوْۤا اٰلَ دَاوٗدَ شُكْرًا ؕ— وَقَلِیْلٌ مِّنْ عِبَادِیَ الشَّكُوْرُ ۟
ये जिन्न सुलैमान अलैहिस्लाम के लिए वह सब कुछ बनाते थे, जो वह चाहते थे। जैसे नमाज़ के लिए मस्जिदें, महलें, प्रतिमाएँ, पानी के बड़े-बड़े हौज़ों के समान लगन (टब) और एक ही जगह जमी हुई खाना बनाने की देगें, जो बड़ी होने के कारण अपनी जगह से हटाई नहीं जा सकती थीं। और हमने उनसे कहा : (ऐ दाऊद के घर वालो) तुम लोग अल्लाह की प्रदान की हुई नेमतों के लिए धन्यवाद करते हुए अच्छे कार्य करो। और मेरे बंदों में से कम ही लोग मेरी नेमतों के प्रति मेरे कृतज्ञ होते हैं।
عربي تفسیرونه:
فَلَمَّا قَضَیْنَا عَلَیْهِ الْمَوْتَ مَا دَلَّهُمْ عَلٰی مَوْتِهٖۤ اِلَّا دَآبَّةُ الْاَرْضِ تَاْكُلُ مِنْسَاَتَهٗ ۚ— فَلَمَّا خَرَّ تَبَیَّنَتِ الْجِنُّ اَنْ لَّوْ كَانُوْا یَعْلَمُوْنَ الْغَیْبَ مَا لَبِثُوْا فِی الْعَذَابِ الْمُهِیْنِ ۟
फिर जब हमने सुलैमान अलैहिस्सलाम पर मौत का निर्णय कर दिया, तो जिन्नों को इस बात की सूचना कि वह मर चुके हैं केवल उस घुन के माध्यम से मिली, जो उनकी उस लाठी को खा रहा था, जिसपर सुलैमान अलैहिस्सलाम टेक लगाए हुए थे। फिर जब वह गिर गए, तो जिन्नों के सामने यह स्पष्ट हो गया कि उनके पास गैब (परोक्ष) की जानकारी नहीं है; क्योंकि यदि वे गैब की बात जानते, तो उस अपमानजनक यातना में न रहते। इससे अभिप्राय वे कठिन काम हैं जो वे सुलैमान अलैहिस्सलाम के लिए करते रहे, यह सोचकर कि वह जीवित हैं और उन्हें देख रहे हैं।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• تكريم الله لنبيه داود بالنبوة والملك، وبتسخير الجبال والطير يسبحن بتسبيحه، وإلانة الحديد له.
• अल्लाह का अपने नबी दाऊद को नुबुव्वत और राज्य से सम्मानित करना, तथा पहाड़ों एवं चिड़ियों को उनके वश में कर देना, जो उनके साथ अल्लाह की तस्बीह दोहराती थीं। और उनके लिए लोहे को नरम करना।

• تكريم الله لنبيه سليمان عليه السلام بالنبوة والملك.
• अल्लाह का अपने नबी सुलैमान अलैहिस्सलाम को नुबुव्वत और राज्य से सम्मानित करना।

• اقتضاء النعم لشكر الله عليها.
• नेमतों की अपेक्षा यह है कि उनपर अल्लाह का शुक्रिया अदा किया जाए।

• اختصاص الله بعلم الغيب، فلا أساس لما يُدَّعى من أن للجن أو غيرهم اطلاعًا على الغيب.
• परोक्ष (गैब) की जानकारी केवल अल्लाह के साथ विशिष्ट है। अतः इस बात का कोई आधार नहीं है जो यह दावा किया जाता है कि जिन्न या अन्य को परोक्ष का ज्ञान है।

لَقَدْ كَانَ لِسَبَاٍ فِیْ مَسْكَنِهِمْ اٰیَةٌ ۚ— جَنَّتٰنِ عَنْ یَّمِیْنٍ وَّشِمَالٍ ؕ۬— كُلُوْا مِنْ رِّزْقِ رَبِّكُمْ وَاشْكُرُوْا لَهٗ ؕ— بَلْدَةٌ طَیِّبَةٌ وَّرَبٌّ غَفُوْرٌ ۟
सबा जाति के लोगों के लिए उनके उस निवास-स्थान में जिसमें वे रहते थे, अल्लाह की शक्ति और उनपर उसके अनुग्रह की एक स्पष्ट निशानी थी। वह निशानी दो बाग़ थे : उनमें से एक उसके दाईं ओर था और दूसरा उसके बाईं ओर। तथा हमने उनसे कहा था : तुम अपने पालनहार की रोज़ी में से खाओ और उसकी नेमतों पर उसका शुक्रिया अदा करो। यह एक अच्छा नगर है और यह अल्लाह अति क्षमाशील पालनहार है, जो तौबा करने वाले लोगों के पापों को माफ़ कर देता है।
عربي تفسیرونه:
فَاَعْرَضُوْا فَاَرْسَلْنَا عَلَیْهِمْ سَیْلَ الْعَرِمِ وَبَدَّلْنٰهُمْ بِجَنَّتَیْهِمْ جَنَّتَیْنِ ذَوَاتَیْ اُكُلٍ خَمْطٍ وَّاَثْلٍ وَّشَیْءٍ مِّنْ سِدْرٍ قَلِیْلٍ ۟
फिर उन्होंने अल्लाह का शुक्रिया अदा करने और उसके रसूलों पर ईमान लाने से मुँह फेर लिया। अतः हमने उनकी नेमतों को यातना में बदलकर उन्हें दंडित किया, और उनपर एक भयंकर बाढ़ भेज दी, जिसने उनके बाँध को नष्ट कर दिया और उनके खेतों को डुबो दिया। तथा उनके दोनों बाग़ों को ऐसे दो बाग़ों से बदल दिया जो कड़वे फल देने वाले थे और उनके अंदर झाऊ के फलहीन पेड़ तथा कुछ थोड़े-से बेर थे।
عربي تفسیرونه:
ذٰلِكَ جَزَیْنٰهُمْ بِمَا كَفَرُوْا ؕ— وَهَلْ نُجٰزِیْۤ اِلَّا الْكَفُوْرَ ۟
यह परिवर्तन (जो उन्हें प्राप्त नेमतों में हुआ) उनके कुफ़्र के कारण तथा उनके नेमतों के प्रति आभार प्रकट करने से उपेक्षा करने के कारण है। और हम यह कठोर दंड केवल उसी को देते हैं जो अल्लाह की नेमतों का इनकार करने वाला तथा महिमावान अल्लाह के प्रति बहुत कृतघ्न हो।
عربي تفسیرونه:
وَجَعَلْنَا بَیْنَهُمْ وَبَیْنَ الْقُرَی الَّتِیْ بٰرَكْنَا فِیْهَا قُرًی ظَاهِرَةً وَّقَدَّرْنَا فِیْهَا السَّیْرَ ؕ— سِیْرُوْا فِیْهَا لَیَالِیَ وَاَیَّامًا اٰمِنِیْنَ ۟
और हमने यमन में सबा वालों के बीच और शाम की उन बस्तियों के बीच, जिनमें हमने बरकत रखी थी, पास-पास कुछ और बस्तियाँ बना दी थीं। और हमने उनमें यात्रा के पड़ाव इस प्रकार निर्धारित किए थे कि वे एक बस्ती से दूसरी बस्ती तक बिना किसी कष्ट के यात्रा करते थे यहाँ तक कि वे शाम पहुँच जाते थे। और हमने उनसे कहा था : तुम दुश्मन, भूख और प्यास से सुरक्षित होकर, रात या दिन में जितना चाहो चलो।
عربي تفسیرونه:
فَقَالُوْا رَبَّنَا بٰعِدْ بَیْنَ اَسْفَارِنَا وَظَلَمُوْۤا اَنْفُسَهُمْ فَجَعَلْنٰهُمْ اَحَادِیْثَ وَمَزَّقْنٰهُمْ كُلَّ مُمَزَّقٍ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّكُلِّ صَبَّارٍ شَكُوْرٍ ۟
उन्होंने यात्रा के दौरान दूरियों को कम करने की अपने ऊपर अल्लाह की नेमत को ठुकरा दिया और कहने लगे : ऐ हमारे पालनहार! इन बस्तियों को हटाकर हमारी यात्राओं के बीच दूरी पैदा कर दे; ताकि हम यात्राओं की थकान का स्वाद ले सकें और हमारी सवारियों की विशिष्टता प्रकट हो सके। उन्होंने अल्लाह की नेमत को ठुकराकर, उसके प्रति आभार प्रकट करने से मुँह फेरकर और अपने बीच गरीबों से ईर्ष्या करके स्वयं पर अत्याचार किया। अतः हमने उन्हें क़िस्से-कहानियाँ बनाकर छोड़ दिया कि बाद में आने वाले उनके बारे में बातें करें। और हमने उन्हें विभिन्न देशों में इस तरह विभाजित कर दिया कि वे एक दूसरे के साथ संवाद न कर सकें। निःसंदेह उपर्युक्त कहानी (सबा वालों को नेमत प्रदान करने और फिर उनकी कृतघ्नता और अहंकार के कारण उनसे प्रतिशोध लेने) में हर उस व्यक्ति के लिए शिक्षा (इबरत) है, जो अल्लाह की आज्ञाकारिता करने पर, उसकी अवज्ञा से बचने में तथा विपत्ति पर बहुत धैर्य से काम लेने वाला तथा अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों के प्रति बहुत कृतज्ञ है।
عربي تفسیرونه:
وَلَقَدْ صَدَّقَ عَلَیْهِمْ اِبْلِیْسُ ظَنَّهٗ فَاتَّبَعُوْهُ اِلَّا فَرِیْقًا مِّنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
इबलीस ने जो गुमान व्यक्त किया था कि वह उन्हें बहका सकता है और उन्हें सत्य से गुमराह कर सकता है, वह उसने सच कर दिखया। चुनाँचे वे कुफ़्र और गुमराही में उसके पीछे चलने लगे, सिवाय ईमान वालों के एक समूह के। क्योंकि उन्होंने उसका पालन न करके उसे निराश कर दिया।
عربي تفسیرونه:
وَمَا كَانَ لَهٗ عَلَیْهِمْ مِّنْ سُلْطٰنٍ اِلَّا لِنَعْلَمَ مَنْ یُّؤْمِنُ بِالْاٰخِرَةِ مِمَّنْ هُوَ مِنْهَا فِیْ شَكٍّ ؕ— وَرَبُّكَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ حَفِیْظٌ ۟۠
इबलीस के पास उन पर कोई शक्ति नहीं थी जिससे वह उन्हें गुमराह होने पर विवश कर सके। वह तो केवल उनके लिए (गुमराही को) सुशोभित कर रहा था और उन्हें बहका रहा था। परंतु हमने उसे उन लोगों को बहकाने की अनुमति दी, ताकि उस व्यक्ति की बात ज़ाहिर हो जाए जो आख़िरत तथा उसमें मिलने वाले बदले पर ईमान रखता है और जो उसके बारे में संदेह में पड़ा है। तथा (ऐ रसूल!) आपका पालनहार प्रत्येक चीज़ का संरक्षक है। वह अपने बंदों के कामों को सुरक्षित रखता है और उन्हें उनका बदला देता है।
عربي تفسیرونه:
قُلِ ادْعُوا الَّذِیْنَ زَعَمْتُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ ۚ— لَا یَمْلِكُوْنَ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ فِی السَّمٰوٰتِ وَلَا فِی الْاَرْضِ وَمَا لَهُمْ فِیْهِمَا مِنْ شِرْكٍ وَّمَا لَهٗ مِنْهُمْ مِّنْ ظَهِیْرٍ ۟
(ऐ रसूल) इन बहुदेववादियों से कह दीजिए : जिन्हें तुमने अल्लाह के सिवा अपना पूज्य समझ रखा है, उन्हें पुकारो, ताकि वे तुम्हें लाभ पहुँचाएँ या तुमसे हानि को दूर करें। क्योंकि वे आकाशों तथा धरती में एक कण के बराबर भी अधिकार नहीं रखते। तथा उनमें अल्लाह के साथ उनकी कोई भागीदारी भी नहीं है। और न ही अल्लाह का कोई सहायक है, जो उसकी मदद करे। क्योंकि वह साझेदारों से तथा सहायकों से बेनियाज़ है।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• الشكر يحفظ النعم، والجحود يسبب سلبها.
• कृतज्ञता नेमतों की रक्षा करती और कृतघ्नता के कारण नेमतें छिन जाती हैं।

• الأمن من أعظم النعم التي يمتنّ الله بها على العباد.
• सुरक्षा उन बड़ी नेमतों में से एक है, जिसके द्वारा अल्लाह बंदों पर एहसान जताता है।

• الإيمان الصحيح يعصم من اتباع إغواء الشيطان بإذن الله.
• सच्चा ईमान, अल्लाह की अनुमति से शैतान के प्रलोभन का पालनका करने से बचाता है।

• ظهور إبطال أسباب الشرك ومداخله كالزعم بأن للأصنام مُلْكًا أو مشاركة لله، أو إعانة أو شفاعة عند الله.
• शिर्क के कारणों और उसके प्रवेश द्वारों का खंडन। जैसे यह समझना कि मूर्तियों को राज्य का कुछ अधिकार या अल्लाह के साथ भागीदारी प्राप्त है, या वे सहायक हैं या अल्लाह के निकट सिफारिश करने का अधिकार रखते हैं।

وَلَا تَنْفَعُ الشَّفَاعَةُ عِنْدَهٗۤ اِلَّا لِمَنْ اَذِنَ لَهٗ ؕ— حَتّٰۤی اِذَا فُزِّعَ عَنْ قُلُوْبِهِمْ قَالُوْا مَاذَا ۙ— قَالَ رَبُّكُمْ ؕ— قَالُوا الْحَقَّ ۚ— وَهُوَ الْعَلِیُّ الْكَبِیْرُ ۟
और महिमावान अल्लाह के पास सिफारिश केवल उस व्यक्ति के लिए लाभदायक होगी, जिसे अल्लाह सिफारिश की अनुमति प्रदान कर दे। और अल्लाह अपनी महानता के कारण, केवल उसी को सिफारिश की अनुमति देगा, जिसे वह पसंद करे। और उसकी महानता का एक दृश्य यह है कि जब वह आकाश में बात करता है, तो फ़रिश्ते उसके फरमान के आगे विनम्रता अपनाते हुए अपने परों को फड़फड़ाने लगते हैं। यहाँ तक कि जब उनके दिलों से घबराहट दूर कर दी जाती है, तो फ़रिश्ते जिबरील से पूछते हैं : तुम्हारे पालनहार ने क्या कहा? जबरील कहते हैं : उसने सत्य कहा है और वह अपने अस्तित्व और प्रभुता में सबसे ऊँचा, और बहुत महान है जिसके सामने हर चीज़ हीन (छोटी) है।
عربي تفسیرونه:
قُلْ مَنْ یَّرْزُقُكُمْ مِّنَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— قُلِ اللّٰهُ ۙ— وَاِنَّاۤ اَوْ اِیَّاكُمْ لَعَلٰی هُدًی اَوْ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
(ऐ रसूल!) आप इन मुश्रिकों से कह दें : तुम्हें आकाशों से बारिश उतारकर और धरती से फल, फसलें, मेवे और अन्य चीज़ें उगाकर रोज़ी कौन देता है? आप कह दें : अल्लाह ही है, जो तुम्हें इनसे जीविका प्रदान करता है। और निश्चय हम या (ऐ मुश्रिको!) तुम लोग अवश्य सन्मार्ग पर हैं अथवा खुली गुमराही में हैं। हम में से कोई एक अनिवार्य रूप से ऐसा है। और इसमें कोई संदेह नहीं कि हिदायत वाले लोग ईमान वाले ही हैं, और गुमराही वाले लोग बहुदेववादी ही हैं।
عربي تفسیرونه:
قُلْ لَّا تُسْـَٔلُوْنَ عَمَّاۤ اَجْرَمْنَا وَلَا نُسْـَٔلُ عَمَّا تَعْمَلُوْنَ ۟
(ऐ रसूल) आप उनसे कह दें : हमने जो पाप किए हैं, उनके बारे में क़ियामत के दिन तुमसे नहीं पूछा जाएगा, और जो कुछ तुम कर रहे थे, उसके बारे में हमसे नहीं पूछा जाएगा।
عربي تفسیرونه:
قُلْ یَجْمَعُ بَیْنَنَا رَبُّنَا ثُمَّ یَفْتَحُ بَیْنَنَا بِالْحَقِّ ؕ— وَهُوَ الْفَتَّاحُ الْعَلِیْمُ ۟
आप उनसे कह दें : अल्लाह क़ियामत के दिन हमें और तुम्हें एकत्रित करेगा। फिर हमारे और तुम्हारे बीच न्याय के साथ निर्णय करेगा। चुनाँचे जो सत्य पर है, उसे उस व्यक्ति से अलग कर देगा जो असत्य पर है। वह ऐसा निर्णयकारी है, जो न्याय के साथ निर्णय करता है और वह जो कुछ निर्णय करता है, उसे भली-भाँति जानने वाला है।
عربي تفسیرونه:
قُلْ اَرُوْنِیَ الَّذِیْنَ اَلْحَقْتُمْ بِهٖ شُرَكَآءَ كَلَّا ؕ— بَلْ هُوَ اللّٰهُ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟
(ऐ रसूल) आप उनसे कह दें : मुझे वो लोग दिखाओ, जिन्हें तुमने अल्लाह का साझी बना लिया है, जिनको तुम अल्लाह के साथ इबादत में साझेदार बनाते हो। कदापि नहीं, मामला वैसा नहीं है जैसा कि तुमने कल्पना की है कि उसके साझेदार हैं। बल्कि वह अल्लाह अत्यंत प्रभुत्वशाली है, जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता, तथा वह अपनी रचना, अपने निर्णय और अपने प्रबंधन में हिकमत वाला है।
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَرْسَلْنٰكَ اِلَّا كَآفَّةً لِّلنَّاسِ بَشِیْرًا وَّنَذِیْرًا وَّلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
और हमने आपको (ऐ रसूल) सर्व मानव जाति के लिए भेजा है, (आप) धर्मपरायण लोगों को यह शुभ सूचना देने वाले हैं कि उनके लिए जन्नत है, तथा काफिरों और दुराचारियों को जहन्नम से डराने वाले हैं। लेकिन अधिकतर लोग यह नहीं जानते हैं। अगर उन्हें यह पता होता, तो वे आपको नहीं झुठलाते।
عربي تفسیرونه:
وَیَقُوْلُوْنَ مَتٰی هٰذَا الْوَعْدُ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
तथा बहुदेववादी लोग उस यातना के लिए, जिससे उन्हें डराया जाता है, जल्दी मचाते हुए आपसे कहते हैं : यातना का यह वादा कब पूरा होगा, यदि तुम अपने इस दावे में सच्चे हो कि वह सत्य है?
عربي تفسیرونه:
قُلْ لَّكُمْ مِّیْعَادُ یَوْمٍ لَّا تَسْتَاْخِرُوْنَ عَنْهُ سَاعَةً وَّلَا تَسْتَقْدِمُوْنَ ۟۠
(ऐ रसूल) आप यातना के लिए जल्दी मचाने वाले इन लोगों से कह दीजिए : तुम्हारे लिए एक विशिष्ट दिन का वादा है; उससे न एक घड़ी पीछे रह सकते हो और न उससे एक घड़ी आगे बढ़ सकते हो। और यह दिन क़ियामत का दिन है।
عربي تفسیرونه:
وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَنْ نُّؤْمِنَ بِهٰذَا الْقُرْاٰنِ وَلَا بِالَّذِیْ بَیْنَ یَدَیْهِ ؕ— وَلَوْ تَرٰۤی اِذِ الظّٰلِمُوْنَ مَوْقُوْفُوْنَ عِنْدَ رَبِّهِمْ ۖۚ— یَرْجِعُ بَعْضُهُمْ اِلٰی بَعْضِ ١لْقَوْلَ ۚ— یَقُوْلُ الَّذِیْنَ اسْتُضْعِفُوْا لِلَّذِیْنَ اسْتَكْبَرُوْا لَوْلَاۤ اَنْتُمْ لَكُنَّا مُؤْمِنِیْنَ ۟
और अल्लाह के साथ कुफ़्र करने वालों ने कहा : हम इस क़ुरआन पर कदापि ईमान नहीं लाएँगे, जिसके बारे में मुहम्मद का दावा है कि वह उसपर अवतरित हुआ है। इसी तरह हम पिछली आसमानी पुस्तकों पर भी ईमान नहीं लाएँगे। और (ऐ रसूल) यदि आप देखें, जब क़ियामत के दिन अत्याचारियों को उनके पालनहार के पास हिसाब के लिए रोक लिया जाएगा, वे आपस में एक-दूसरे की बात का उत्तर दे रहे होंगे, उनमें से प्रत्येक व्यक्ति दूसरे को ज़िम्मेदार ठहरा रहा होगा और उसे दोष दे रहा होगा। अनुयायी लोग जो कमज़ोर समझ लिए गए थे अपने उन आकाओं से जिन्होंने उन्हें दुनिया में कमज़ोर बनाकर रखा था, कहेंगे : यदि तुम लोगों ने हमें गुमराह न किया होता, तो हम अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान लाने वाले होते।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• التلطف بالمدعو حتى لا يلوذ بالعناد والمكابرة.
• आमंत्रित व्यक्ति के साथ कोमल व्यवहार करना, ताकि वह हठ और अहंकार का सहारा न ले।

• صاحب الهدى مُسْتَعْلٍ بالهدى مرتفع به، وصاحب الضلال منغمس فيه محتقر.
• मार्गदर्शन वाला व्यक्ति मार्गदर्शन के कारण उच्च और बुलंद रहता हैं। और गुमराही वाला व्यक्ति उसमें लिप्त और तुच्छ होता है।

• شمول رسالة النبي صلى الله عليه وسلم للبشرية جمعاء، والجن كذلك.
• नबी सल्लल्लाहु अलैही व सल्लम का संदेश सर्व मानव जाति तथा जिन्न को भी शामिल है।

قَالَ الَّذِیْنَ اسْتَكْبَرُوْا لِلَّذِیْنَ اسْتُضْعِفُوْۤا اَنَحْنُ صَدَدْنٰكُمْ عَنِ الْهُدٰی بَعْدَ اِذْ جَآءَكُمْ بَلْ كُنْتُمْ مُّجْرِمِیْنَ ۟
जिन अनुसरण किए गए लोगों ने अभिमान के कारण सत्य को अस्वीकार कर दिया था, वे उन अनुसरणकारियों से कहेंगे, जिन्हें उन्होंने कमज़ोर समझ रखा था : क्या हमने तुम्हें उस मार्गदर्शन से रोका था जो मुहम्मद तुम्हारे पास लेकर आए थे?! नहीं, बल्कि तुम स्वयं अत्याचारी, भ्रष्ट और बिगाड़ पैदा करने वाले लोग थे।
عربي تفسیرونه:
وَقَالَ الَّذِیْنَ اسْتُضْعِفُوْا لِلَّذِیْنَ اسْتَكْبَرُوْا بَلْ مَكْرُ الَّیْلِ وَالنَّهَارِ اِذْ تَاْمُرُوْنَنَاۤ اَنْ نَّكْفُرَ بِاللّٰهِ وَنَجْعَلَ لَهٗۤ اَنْدَادًا ؕ— وَاَسَرُّوا النَّدَامَةَ لَمَّا رَاَوُا الْعَذَابَ ؕ— وَجَعَلْنَا الْاَغْلٰلَ فِیْۤ اَعْنَاقِ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا ؕ— هَلْ یُجْزَوْنَ اِلَّا مَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
वे अनुयायी, जिन्हें उनके आक़ाओं ने कमज़ोर समझ रखा था, अपने उन प्रमुखों से जिन्होंने सत्य स्वीकारने से अभिमान किया, कहेंगे : बल्कि तुम्हारी हमारे साथ रात और दिन की चालों ही ने हमें मार्गदर्शन से रोका था, जब तुम हमें अल्लाह के साथ कुफ़्र करने और उसके सिवा दूसरे मखलूक़ों की इबादत का आदेश देते थे। और जब वे खुद अपनी आँखों से सज़ा देख लेंगे और मालूम हो जाएगा कि अब उन्हें सज़ा होने वाली है, तो वे दुनिया में जो कुफ़्र किया करते थे, उसपर अपने दिल में पछतावा छिपाएँगे। और हम काफिरों के गले में तौक़ डाल देंगे। यह सज़ा उन्हें उनके उन कर्मों के बदले दी जाएगी, जो वे दुनिया में किया करते थे, जैसे अल्लाह के अलावा अन्य की पूजा करना और पाप करना।
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَرْسَلْنَا فِیْ قَرْیَةٍ مِّنْ نَّذِیْرٍ اِلَّا قَالَ مُتْرَفُوْهَاۤ اِنَّا بِمَاۤ اُرْسِلْتُمْ بِهٖ كٰفِرُوْنَ ۟
तथा हमने जिस बस्ती में भी कोई रसूल भेजा, जो उन्हें अल्लाह की सज़ा से डराता था, तो उसके सत्ता, प्रतिष्ठा और धन से संपन्न लोगों ने कहा : (ऐ रसूलो) तुम जिस चीज़ के साथ भेजे गए हो, हम उसका इनकार करते हैं।
عربي تفسیرونه:
وَقَالُوْا نَحْنُ اَكْثَرُ اَمْوَالًا وَّاَوْلَادًا ۙ— وَّمَا نَحْنُ بِمُعَذَّبِیْنَ ۟
इन प्रतिष्ठा वाले लोगों ने इतराते और गर्व करते हुए कहा : हम अधिक धन वाले और अधिक संतान वाले हैं। और तुम जो यह दावा करते हो कि हम यातना से पीड़ित किए जाने वाले है, वह झूठ है। हम न तो दुनिया में यातना से पीड़ित किए जाएँगे और न आखिरत में।
عربي تفسیرونه:
قُلْ اِنَّ رَبِّیْ یَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ یَّشَآءُ وَیَقْدِرُ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟۠
(ऐ रसूल) आप इन लोगों से कह दें, जो अल्लाह की ओर से प्राप्त नेमतों के धोखे में पड़े हैं : मेरा सर्वशक्तिमान व महिमावान पालनहार जिसके लिए चाहता है, जीविका विस्तृत कर देता है उसका परीक्षण करने के लिए कि वह शुक्रिया अदा करता है या नाशुक्री करता है, तथा वह जिसके लिए चाहता है, रोज़ी तंग कर देता है यह जाँचने के लिए कि वह सब्र करता है या क्रोध प्रकट करता है? लेकिन ज़्यादातर लोग नहीं जानते कि अल्लाह हिकमत वाला है। वह किसी मामले का निर्णय एक व्यापक हिकमत के तहत ही करता है, जिसे कुछ लोग जानते हैं, तो कुछ लोग उससे अनभिज्ञ होते हैं।
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَمْوَالُكُمْ وَلَاۤ اَوْلَادُكُمْ بِالَّتِیْ تُقَرِّبُكُمْ عِنْدَنَا زُلْفٰۤی اِلَّا مَنْ اٰمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا ؗ— فَاُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ جَزَآءُ الضِّعْفِ بِمَا عَمِلُوْا وَهُمْ فِی الْغُرُفٰتِ اٰمِنُوْنَ ۟
तुम्हारे धन और तुम्हारी संतान जिनपर तुम गर्व करते हो, तुम्हें अल्लाह की प्रसन्नता का रास्ता नहीं दिखा सकते। परन्तु जो व्यक्ति ईमान लाया और अच्छा कर्म किया, उसे दोहरा बदला मिलेगा। चुनाँचे धन को अल्लाह के रास्ते में खर्च करने से और संतान के उसके लिए दुआ करने से, उसे अल्लाह की निकटता प्राप्त होती है। अतः उन सत्कर्म करने वाले मोमिनों के लिए, उनके किए हुए अच्छे कामों का दोहरा प्रतिफल है। और वे जन्नत के ऊँचे घरों में यातना, मृत्यु और नेमतों की समाप्ति आदि के भय से निश्चिंत होकर रहेंगे।
عربي تفسیرونه:
وَالَّذِیْنَ یَسْعَوْنَ فِیْۤ اٰیٰتِنَا مُعٰجِزِیْنَ اُولٰٓىِٕكَ فِی الْعَذَابِ مُحْضَرُوْنَ ۟
तथा जो काफ़िर, लोगों को हमारी आयतों से फेरने का अथक प्रयास करते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की कोशिश में लगे रहते हैं, वे दुनिया में घाटा उठाने वाले हैं तथा आखिरत में यातना से ग्रस्त किए जाएँगे।
عربي تفسیرونه:
قُلْ اِنَّ رَبِّیْ یَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ یَّشَآءُ مِنْ عِبَادِهٖ وَیَقْدِرُ لَهٗ ؕ— وَمَاۤ اَنْفَقْتُمْ مِّنْ شَیْءٍ فَهُوَ یُخْلِفُهٗ ۚ— وَهُوَ خَیْرُ الرّٰزِقِیْنَ ۟
(ऐ रसूल) आप कह दीजिए : निःसंदेह मेरा पालनहार अपने बंदों में से जिसके लिए चाहता है, जीविका विस्तृत कर देता है और जिसके लिए चाहता है, उसे तंग कर देता है। और तुम अल्लाह के मार्ग में जो चीज़ भी खर्च करोगे, अल्लाह उसके बदले दुनिया में तुम्हें उससे बेहतर चीज़ प्रदान करेगा तथा आखिरत में भरपूर सवाब देगा। और अल्लाह ही सबसे उत्तम जीविका प्रदान करने वाला है। अतः जिसे जीविका चाहिए, वह महिमावान अल्लाह का सहारा ले।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• تبرؤ الأتباع والمتبوعين بعضهم من بعض، لا يُعْفِي كلًّا من مسؤوليته.
• अनुयायियों तथा प्रमुखों का एक-दूसरे से अलगाव व्यक्त करना, उनमें से किसी को उसकी ज़िम्मेदारी से मुक्त नहीं करेगा।

• الترف مُبْعِد عن الإذعان للحق والانقياد له.
• विलासमयता (भोग-विलास में लिप्त होना) सत्य के प्रति समर्पित होने और उसका पालन करने से रोकती है।

• المؤمن ينفعه ماله وولده، والكافر لا ينتفع بهما.
• मोमिन को उसके धन और संतान से फायदा होता है, जबकि काफ़िर को उनसे कोई फायदा नहीं होता है।

• الإنفاق في سبيل الله يؤدي إلى إخلاف المال في الدنيا، والجزاء الحسن في الآخرة.
• अल्लाह के मार्ग में खर्च करने से दुनिया ही में उसकी भरपाई हो जाती है और आखिरत में अच्छा बदला मिलता है।

وَیَوْمَ یَحْشُرُهُمْ جَمِیْعًا ثُمَّ یَقُوْلُ لِلْمَلٰٓىِٕكَةِ اَهٰۤؤُلَآءِ اِیَّاكُمْ كَانُوْا یَعْبُدُوْنَ ۟
और (ऐ रसूल) याद करें, जिस दिन अल्लाह उन सभी को एकत्रित करेगा। फिर वह महिमावान अल्लाह बहुदेववादियों को फटकारने और डांटने के तौर पर, फरिश्तों से कहेगा : क्या यही लोग दुनिया में अल्लाह को छोड़कर तुम्हारी पूजा किया करते थे?
عربي تفسیرونه:
قَالُوْا سُبْحٰنَكَ اَنْتَ وَلِیُّنَا مِنْ دُوْنِهِمْ ۚ— بَلْ كَانُوْا یَعْبُدُوْنَ الْجِنَّ ۚ— اَكْثَرُهُمْ بِهِمْ مُّؤْمِنُوْنَ ۟
फ़रिश्ते कहेंगे : तू पाक और पवित्र है! तू ही उनके सिवा हमारा संरक्षक है। हमारे और उनके बीच कोई दोस्ती नहीं है। बल्कि ये बहुदेववादी शैतानों की पूजा करते थे। शैतान उनके सामने फरिश्तों के रूप में आते थे, तो ये अल्लाह को छोड़कर उनकी पूजा करते थे। उनमें से अधिकतर लोग उनपर ईमान रखने वाले थे।
عربي تفسیرونه:
فَالْیَوْمَ لَا یَمْلِكُ بَعْضُكُمْ لِبَعْضٍ نَّفْعًا وَّلَا ضَرًّا ؕ— وَنَقُوْلُ لِلَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ذُوْقُوْا عَذَابَ النَّارِ الَّتِیْ كُنْتُمْ بِهَا تُكَذِّبُوْنَ ۟
हश्र और हिसाब के दिन, उपास्यों के पास उन लोगों के लिए जो दुनिया में अल्लाह को छोड़कर उनकी उपासना किया करते थे, किसी लाभ और हानि का कोई अधिकार नहीं होगा। तथा हम उन लोगों से, जिन्होंने कुफ़्र तथा गुनाहों के द्वारा अपने ऊपर अत्याचार किया, कहेंगे : उस आग की यातना चखो, जिसे तुम दुनिया में झुठलाया करते थे।
عربي تفسیرونه:
وَاِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِمْ اٰیٰتُنَا بَیِّنٰتٍ قَالُوْا مَا هٰذَاۤ اِلَّا رَجُلٌ یُّرِیْدُ اَنْ یَّصُدَّكُمْ عَمَّا كَانَ یَعْبُدُ اٰبَآؤُكُمْ ۚ— وَقَالُوْا مَا هٰذَاۤ اِلَّاۤ اِفْكٌ مُّفْتَرًی ؕ— وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لِلْحَقِّ لَمَّا جَآءَهُمْ ۙ— اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا سِحْرٌ مُّبِیْنٌ ۟
और जब इन झुठलाने वाले बहुदेववादियों के सामने, हमारे रसूल पर उतरने वाली स्पष्ट आयतें पढ़ी जाती हैं, जिनमें कोई अस्पष्टता नहीं होती है, तो वे कहते हैं : यह व्यक्ति जो इसे लेकर आया है, एक ऐसा व्यक्ति है जो तुम्हें केवल तुम्हारे बाप-दादा के धर्म से हटाना चाहता है। उन्होंने यह भी कहा : यह क़ुरआन मात्र एक झूठ है, जो इसने अल्लाह पर मढ़ दिया है। तथा काफिरों के पास जब अल्लाह के पास से क़ुरआन आया, तो उन्होंने उसके बारे में कहा : यह तो स्पष्ट जादू है; क्योंकि यह पति-पत्नि और बाप-बेटे के बीच जुदाई डाल देता है।
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اٰتَیْنٰهُمْ مِّنْ كُتُبٍ یَّدْرُسُوْنَهَا وَمَاۤ اَرْسَلْنَاۤ اِلَیْهِمْ قَبْلَكَ مِنْ نَّذِیْرٍ ۟ؕ
और हमने उन्हें पुस्तकें नहीं दी हैं, जिन्हें ये लोग पढ़ते हों, जो उन्हें यह बताएँ कि यह क़ुरआन झूठ है, जिसे मुहम्मद ने गढ़ लिया है। तथा (ऐ रसूल) आपको भेजने से पहले हमने उनकी ओर कोई रसूल नहीं भेजा है, जो उन्हें अल्लाह के अज़ाब से डराता।
عربي تفسیرونه:
وَكَذَّبَ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ ۙ— وَمَا بَلَغُوْا مِعْشَارَ مَاۤ اٰتَیْنٰهُمْ فَكَذَّبُوْا رُسُلِیْ ۫— فَكَیْفَ كَانَ نَكِیْرِ ۟۠
तथा पिछले समुदायों जैसे आद, समूद और लूत अलैहिस्सलाम की जाति ने भी झुठलाया था। जबकि आपकी जाति के बहुदेववादी लोग, शक्ति, अजेयता, धन और संख्या बल में पिछले समुदायों के दसवें भाग तक भी नहीं पहुँचे हैं। चुनाँचे उनमें से प्रत्येक जाति ने अपने रसूल को झुठलाया, तो उनके धन, शक्ति और संख्या ने उन्हें कोई लाभ नहीं दिया और अंततः उनपर मेरा अज़ाब आकर रहा। तो (ऐ रसूल!) देखो कि मेरा उनका खंडन करना कैसा रहा और मेरा उन्हें दंडित करना कैसा रहा।
عربي تفسیرونه:
قُلْ اِنَّمَاۤ اَعِظُكُمْ بِوَاحِدَةٍ ۚ— اَنْ تَقُوْمُوْا لِلّٰهِ مَثْنٰی وَفُرَادٰی ثُمَّ تَتَفَكَّرُوْا ۫— مَا بِصَاحِبِكُمْ مِّنْ جِنَّةٍ ؕ— اِنْ هُوَ اِلَّا نَذِیْرٌ لَّكُمْ بَیْنَ یَدَیْ عَذَابٍ شَدِیْدٍ ۟
(ऐ रसूल!) आप इन मुश्रिकों से कह दीजिए : मैं तुम्हें एक बात की सलाह और मशवरा देता हूँ; यह कि तुम अपनी इच्छाओं से अलग होकर अल्लाह के लिए दो-दो करके या अकेले-अकेले खड़े हो जाओ। फिर अपने साथी की जीवनी के बारे में, तथा तुम्हें उसके विवेक, सच्चाई और अमानतदारी के बारे में जो कुछ पता है उसमें मनन चिंतन करो; ताकि तुम्हें स्पष्ट रूप से पता चल जाए कि तुम्हारे साथी में कोई पागलपन नहीं है। वह तो केवल तुम्हें एक कठोर यातना के आने से पहले डराने वाला है, यदि तुमने अल्लाह के साथ शिर्क करने से तौबा नहीं किया।
عربي تفسیرونه:
قُلْ مَا سَاَلْتُكُمْ مِّنْ اَجْرٍ فَهُوَ لَكُمْ ؕ— اِنْ اَجْرِیَ اِلَّا عَلَی اللّٰهِ ۚ— وَهُوَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ شَهِیْدٌ ۟
(ऐ रसूल) आप इन झुठलाने वाले मुश्रिकों से कह दीजिए : मैं तुम्हारे पास जो मार्गदर्शन और भलाई लेकर आया हूँ, उसपर मैंने तुमसे जो बदला या पारिश्रमिक माँगा है (यदि मान लिया जाए कि कुछ माँगा है), तो वह तुम्हारे लिए है। मेरा प्रतिफल तो केवल अल्लाह पर है। वह प्रत्येक वस्तु का गवाह है। वह गवाही देगा कि मैंने तुम्हें संदेश पहुँचा दिया है। तथा वह तुम्हारे कर्मों का भी साक्षी है। अतः वह तुम्हें उनका पूरा-पूरा बदला देगा।
عربي تفسیرونه:
قُلْ اِنَّ رَبِّیْ یَقْذِفُ بِالْحَقِّ ۚ— عَلَّامُ الْغُیُوْبِ ۟
(ऐ रसूल) आप कह दीजिए कि वास्तव में मेरा पालनहार सत्य को असत्य पर हावी करके उसे नष्ट कर देता है और वह परोक्ष को खूब जानने वाला है। आकाशों तथा धरती में उससे कुछ भी छिपा नहीं है, और न ही उससे उसके बंदों के कार्य छिपे हैं।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• التقليد الأعمى للآباء صارف عن الهداية.
• बाप-दादा का अंध अनुकरण आदमी को मार्गदर्शन से विचलित कर देता है।

• التفكُّر مع التجرد من الهوى وسيلة للوصول إلى القرار الصحيح، والفكر الصائب.
• इच्छा से मुक्त होकर विचार करना, सही निर्णय और सही विचार तक पहुँचने का एक साधन है।

• الداعية إلى الله لا ينتظر الأجر من الناس، وإنما ينتظره من رب الناس.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाला व्यक्ति लोगों से इनाम (बदले) की प्रतीक्षा नहीं करता है, बल्कि वह लोगों के पालनहार से उसकी प्रतीक्षा करता है।

قُلْ جَآءَ الْحَقُّ وَمَا یُبْدِئُ الْبَاطِلُ وَمَا یُعِیْدُ ۟
(ऐ रसूल) आप इन झुठलाने वाले मुश्रिकों से कह दें : सत्य अर्थात इस्लाम आ गया और असत्य (झूठ) जिसका कोई प्रभाव या शक्ति दिखाई नहीं देती, वह मिट गया और वह कभी अपने प्रभाव में वापस नहीं आएगा।
عربي تفسیرونه:
قُلْ اِنْ ضَلَلْتُ فَاِنَّمَاۤ اَضِلُّ عَلٰی نَفْسِیْ ۚ— وَاِنِ اهْتَدَیْتُ فَبِمَا یُوْحِیْۤ اِلَیَّ رَبِّیْ ؕ— اِنَّهٗ سَمِیْعٌ قَرِیْبٌ ۟
और (ऐ रसूल) आप इन झुठलाने वाले मुश्रिकों से कह दें : यदि मैं तुम्हें जो संदेश पहुँचा रहा हूँ, उसमें सत्य मार्ग से भटका हुआ हूँ, तो मेरे भटकने का नुकसान मेरे तक ही सीमित है, उससे तुम्हें कोई हानि नहीं पहुँचेगी। और यदि मैं सीधे मार्ग पर हूँ, तो इसका कारण वह वह़्य है, जो मेरा पालनहार मेरी ओर उतारता है। वह अपने बंदों की बातों को सुनने वाला और इतना निकट है कि मेरी बात सुनना उसके लिए कुछ भी कठिन नहीं है।
عربي تفسیرونه:
وَلَوْ تَرٰۤی اِذْ فَزِعُوْا فَلَا فَوْتَ وَاُخِذُوْا مِنْ مَّكَانٍ قَرِیْبٍ ۟ۙ
और यदि (ऐ रसूल) आप देखें, जब ये झुठलाने वाले क़ियामत के दिन यातना को अपने सामने देखकर घबराए हुए होंगे, तो उनके लिए भागने और शरण लेने का कोई स्थान नहीं होगा और वे पहली बार ही में एक नज़दीकी आसान जगह से पकड़ लिए जाएँगे। यदि आप इस स्थिति को देखें, तो आपको एक अद्भुत चीज़ नज़र आएगी।
عربي تفسیرونه:
وَّقَالُوْۤا اٰمَنَّا بِهٖ ۚ— وَاَنّٰی لَهُمُ التَّنَاوُشُ مِنْ مَّكَانٍ بَعِیْدٍ ۟ۚ
और जब वे अपना परिणाम देख लेंगे, तो कहेंगे : हम क़ियामत के दिन पर ईमान लाए। भला अब उनके लिए ईमान ग्रहण करना कैसे संभव है, जबकि ईमान की स्वीकृति का स्थान उनसे बहुत दूर हो गया है?! क्योंकि वे दुनिया के घर से, जो केवल कार्य करने का स्थान है, बदले का नहीं, (उससे) निकलकर आखिरत के घर में प्रवेश कर चुके हैं, जो केवल बदला दिए जाने का घर है, कार्य करने का नहीं।
عربي تفسیرونه:
وَقَدْ كَفَرُوْا بِهٖ مِنْ قَبْلُ ۚ— وَیَقْذِفُوْنَ بِالْغَیْبِ مِنْ مَّكَانٍ بَعِیْدٍ ۟
और अब उनका ईमान लाना कैसे सही हो सकता तथा उसे कैसे स्वीकार किया जा सकता है, जबकि वे सांसारिक जीवन में इसका इनकार कर चुके हैं, और सत्य को पहुँचने से दूर गुमान के आधार पर अटकल बातें करते रहे हैं, जैसा कि रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के बारे में उनका यह कहना कि : वह जादूगर, काहिन और कवि हैं?!
عربي تفسیرونه:
وَحِیْلَ بَیْنَهُمْ وَبَیْنَ مَا یَشْتَهُوْنَ كَمَا فُعِلَ بِاَشْیَاعِهِمْ مِّنْ قَبْلُ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا فِیْ شَكٍّ مُّرِیْبٍ ۟۠
और इन झुठलाने वालों को इनकी इच्छाओं की प्राप्ति, जैसे जीवन के सुखों, कुफ़्र से तौबा, आग से मुक्ति और सांसारिक जीवन में वापसी, से रोक दिया जाएगा, जैसा कि इनसे पहले झुठलाने वाले समुदायों में से इन जैसे लोगों के साथ किया जा चुका है। वे रसूलों की लाई हुई बातों, जैसे एकेश्वरवाद और मरणोपरांत पुनर्जीवन पर ईमान के संबंध में संदेह में पड़े हुए थे, एक ऐसा संदेह जो कुफ़्र का कारण बन गया।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• مشهد فزع الكفار يوم القيامة مشهد عظيم.
• क़ियामत के दिन काफिरों की घबराहट का दृश्य, एक महान दृश्य होगा।

• محل نفع الإيمان في الدنيا؛ لأنها هي دار العمل.
• ईमान के लाभदायक होने का स्थान इस दुनिया में है; क्योंकि यह काम का घर है।

• عظم خلق الملائكة يدل على عظمة خالقهم سبحانه.
• फरिश्तों की सृष्टि की महानता, उनके सृष्टिकर्ता की महानता को इंगित करती है।

 
د معناګانو ژباړه سورت: سبإ
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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - د ژباړو فهرست (لړلیک)

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

بندول