د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: الزخرف   آیت:

सूरा अज़्-ज़ुख़रुफ़

د سورت د مقصدونو څخه:
التحذير من الافتتان بزخرف الحياة الدنيا؛ لئلا يكون وسيلة للشرك.
सांसारिक जीवन के अलंकारों (चमक-दमक) से मोहित न होने की चेतावनी; ताकि ऐसा न हो कि वह शिर्क का साधन बन जाए।

حٰمٓ ۟ۚۛ
{हा, मीम।} सूरतुल-बक़रा की शुरुआत में इस प्रकार के अक्षरों के बारे में बात गुज़र चुकी है।
عربي تفسیرونه:
وَالْكِتٰبِ الْمُبِیْنِ ۟ۙۛ
अल्लाह ने सत्य का मार्ग दर्शाने वाले क़ुरआन की क़सम खाई है।
عربي تفسیرونه:
اِنَّا جَعَلْنٰهُ قُرْءٰنًا عَرَبِیًّا لَّعَلَّكُمْ تَعْقِلُوْنَ ۟ۚ
हमने इसे अरबों की भाषा का क़ुरआन बनाया है, ताकि (ऐ वे लोगो! जिनकी भाषा में कुरआन उतरा है) तुम उसके अर्थ को समझ सको और फिर उसे दूसरे समुदायों तक स्थानांतरित करो।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّهٗ فِیْۤ اُمِّ الْكِتٰبِ لَدَیْنَا لَعَلِیٌّ حَكِیْمٌ ۟ؕ
निःसंदेह यह क़ुरआन लौह़े मह़फ़ूज़ में बड़े ऊँचे स्थान वाला और हिकमत वाला है। उसकी आयतों को उसके आदेशों और निषेधों में सुदृढ़ बनाया गया है।
عربي تفسیرونه:
اَفَنَضْرِبُ عَنْكُمُ الذِّكْرَ صَفْحًا اَنْ كُنْتُمْ قَوْمًا مُّسْرِفِیْنَ ۟
क्या हम तुम्हारे ऊपर क़ुरआन उतारना, इस कारण से छोड़ दें कि तुम बहुत ज़्यादा शिर्क और पाप करते हो? हम ऐसा नहीं करेंगे। बल्कि तुम्हारे प्रति दया इसके विपरीत की अपेक्षा करती है।
عربي تفسیرونه:
وَكَمْ اَرْسَلْنَا مِنْ نَّبِیٍّ فِی الْاَوَّلِیْنَ ۟
और हमने पिछले समुदायों में कितने ही नबी भेजे।
عربي تفسیرونه:
وَمَا یَاْتِیْهِمْ مِّنْ نَّبِیٍّ اِلَّا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟
तथा उन पिछले समुदायों के पास अल्लाह की ओर से जब भी कोई नबी आता, तो वे उसका मज़ाक़ उड़ाया करते थे।
عربي تفسیرونه:
فَاَهْلَكْنَاۤ اَشَدَّ مِنْهُمْ بَطْشًا وَّمَضٰی مَثَلُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
अंततः हमने उन समुदायों को विनष्ट कर दिया, जो अधिक बलवान थे। इसलिए हम उनसे कमज़ोर लोगों को विनष्ट करने से विवश नहीं हो सकते। और क़ुरआन में पिछले समुदायों, जैसे आद, समूद, लूत अलैहिस्सलाम की जाति और मद्यन वालों के विनाश का हाल गुज़र चुका है।
عربي تفسیرونه:
وَلَىِٕنْ سَاَلْتَهُمْ مَّنْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ لَیَقُوْلُنَّ خَلَقَهُنَّ الْعَزِیْزُ الْعَلِیْمُ ۟ۙ
(ऐ रसूल!) अगर आप इन झुठलाने वाले मुश्रिकों से पूछें कि आकाशों को किसने पैदा किया और धरती को किसने पैदा किया? तो वे आपके सवाल का जवाब देते हुए अवश्य कहेंगे : उन्हें उस प्रभुत्वशाली अल्लाह ने पैदा किया है, जिसपर किसी का ज़ोर नहीं चलता, जो हर चीज़ को जानने वाला है।
عربي تفسیرونه:
الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الْاَرْضَ مَهْدًا وَّجَعَلَ لَكُمْ فِیْهَا سُبُلًا لَّعَلَّكُمْ تَهْتَدُوْنَ ۟ۚ
वही अल्लाह जिसने तुम्हारे लिए पृथ्वी को समतल बनाया। चुनाँचे उसे तुम्हारे लिए हमवार कर दिया जिसपर तुम अपने पैरों से चलते हो, तथा उसके पहाड़ों और घाटियों में तुम्हारे लिए रास्ते बना दिए, ताकि तुम अपने चलने में उनसे मार्गदर्शन प्राप्त कर सको।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• سمي الوحي روحًا لأهمية الوحي في هداية الناس، فهو بمنزلة الروح للجسد.
• लोगों का मार्गदर्शन करने में वह़्य के महत्व के कारण वह़्य को 'रूह़' (आत्मा) कहा गया है। क्योंकि यह शरीर के लिए आत्मा के समान स्थिति में है।

• الهداية المسندة إلى الرسول صلى الله عليه وسلم هي هداية الإرشاد لا هداية التوفيق.
• रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को सौंपा गया मार्गदर्शन (हिदायत) केवल सत्यमार्ग को दर्शाना है, सत्यमार्ग को ग्रहण करने का सामर्थ्य (तौफीक़) प्रदान करना नहीं है।

• ما عند المشركين من توحيد الربوبية لا ينفعهم يوم القيامة.
• मुश्रिकों के पास जो रुबूबियत का तौहीद (यानी अल्लाह को एकमात्र पालनहार स्वीकारने की मान्यता) है, वह क़ियामत के दिन उन्हें लाभ नहीं देगा।

وَالَّذِیْ نَزَّلَ مِنَ السَّمَآءِ مَآءً بِقَدَرٍ ۚ— فَاَنْشَرْنَا بِهٖ بَلْدَةً مَّیْتًا ۚ— كَذٰلِكَ تُخْرَجُوْنَ ۟
और वह जिसने आकाश से इतना पानी उतारा, जो तुम्हारे लिए पर्याप्त है और तुम्हारे पशुधन और फसलों के लिए पर्याप्त है। फिर हमने उससे एक बंजर भूमि को जीवित कर दिया, जो पेड़-पौधों से खाली थी। और जैसे अल्लाह ने उस बंजर भूमि को पौधों के द्वारा जीवित किया है, वैसे ही वह तुम्हें क़ियामत (महा-प्रलय) के लिए पुनर्जीवित करेगा।
عربي تفسیرونه:
وَالَّذِیْ خَلَقَ الْاَزْوَاجَ كُلَّهَا وَجَعَلَ لَكُمْ مِّنَ الْفُلْكِ وَالْاَنْعَامِ مَا تَرْكَبُوْنَ ۟ۙ
और वह जिसने रात और दिन, नर और मादा, और अन्य सभी प्रकार की चीजें पैदा कीं तथा तुम्हारे लिए नाव एवं जानवर बनाए, जिनकी तुम अपनी यात्राओं में सवारी करते हो। चुनाँचे तुम जल में नावों पर सवार होते हो और थल में अपने जानवरों पर सवार होते हो।
عربي تفسیرونه:
لِتَسْتَوٗا عَلٰی ظُهُوْرِهٖ ثُمَّ تَذْكُرُوْا نِعْمَةَ رَبِّكُمْ اِذَا اسْتَوَیْتُمْ عَلَیْهِ وَتَقُوْلُوْا سُبْحٰنَ الَّذِیْ سَخَّرَ لَنَا هٰذَا وَمَا كُنَّا لَهٗ مُقْرِنِیْنَ ۟ۙ
यह सब उसने तुम्हारे लिए इसलिए बनाया है, ताकि सफ़र में उनकी पीठ पर जमकर बैठ सको। फिर जब तुम उनकी पीठ पर बैठ जाओ, तो अपने पालनहार की नेमत को याद करो कि उसने इन्हें तुम्हारे वश में कर दिया और तुम अपनी ज़बान से कहो : पवित्र है वह अल्लाह, जिसने इस सवारी को हमारे वश में कर दिया, तो हम इसपर नियंत्रण रखते हैं। हालाँकि यदि अल्लाह ने उसे हमारे वश में न कर दिया होता, तो हम ऐसा करने में सक्षम नहीं थे।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّاۤ اِلٰی رَبِّنَا لَمُنْقَلِبُوْنَ ۟
निःसंदेह हम अपनी मृत्यु के बाद, हिसाब और बदले के लिए अकेले अपने पालनहार की ओर लौटने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
وَجَعَلُوْا لَهٗ مِنْ عِبَادِهٖ جُزْءًا ؕ— اِنَّ الْاِنْسَانَ لَكَفُوْرٌ مُّبِیْنٌ ۟ؕ۠
मुश्रिकों ने दावा किया कि कुछ जीव महिमावान सृष्टिकर्ता (अल्लाह) से पैदा हुए हैं, जब उन्होंने कहा : फ़रिश्ते अल्लाह की बेटियाँ हैं। निश्चय ही ऐसा कहने वाला व्यक्ति स्पष्ट कृतघ्न और गुमराह है।
عربي تفسیرونه:
اَمِ اتَّخَذَ مِمَّا یَخْلُقُ بَنٰتٍ وَّاَصْفٰىكُمْ بِالْبَنِیْنَ ۟
(ऐ मुश्रिको!) क्या तुम कहते हो कि अल्लाह ने अपनी पैदा की हुई चीज़ों में से अपने लिए बेटियाँ बना ली हैं और तुम्हें बेटों के लिए चुन लिया है?! भला यह कैसा विभाजन है, जिसका तुमने दावा किया है?!
عربي تفسیرونه:
وَاِذَا بُشِّرَ اَحَدُهُمْ بِمَا ضَرَبَ لِلرَّحْمٰنِ مَثَلًا ظَلَّ وَجْهُهٗ مُسْوَدًّا وَّهُوَ كَظِیْمٌ ۟
हालाँकि जब उनमें से किसी को उस बेटी की शुभ सूचना दी जाए, जिसकी निस्बत वह अपने पालनहार की ओर करता है, तो शोक और दु:ख की तीव्रता से उसका चेहरा काला हो जाता है और वह क्रोध से भर जाता है। तो वह अपने पालनहार की ओर ऐसी चीज़ की निस्बत कैसे करता है, जिसकी शुभ सूचना दिए जाने पर वह शोकाकुल हो जाता है।
عربي تفسیرونه:
اَوَمَنْ یُّنَشَّؤُا فِی الْحِلْیَةِ وَهُوَ فِی الْخِصَامِ غَیْرُ مُبِیْنٍ ۟
क्या वे अपने पालनहार की ओर उसकी निस्बत करते हैं, जो आभूषणों में पलती है और वह अपने स्त्रीत्व के कारण विवाद के समय खुलकर बात (भी) नहीं कर सकती?!
عربي تفسیرونه:
وَجَعَلُوا الْمَلٰٓىِٕكَةَ الَّذِیْنَ هُمْ عِبٰدُ الرَّحْمٰنِ اِنَاثًا ؕ— اَشَهِدُوْا خَلْقَهُمْ ؕ— سَتُكْتَبُ شَهَادَتُهُمْ وَیُسْـَٔلُوْنَ ۟
उन्होंने फ़रिश्तों को, जो कि परम दयालु अल्लाह के बंदे हैं, नारी ठहरा लिया है। क्या वे उस समय उपस्थित थे जब अल्लाह ने उन्हें बनाया था, इसलिए उन्हें पता चल गया कि वे नारी हैं?! फ़रिश्ते उनकी इस गवाही को लिख लेंगे और वे क़ियामत के दिन इसके बारे में पूछे जाएँगे तथा उनके झूठ बोलने के कारण इसपर उन्हें यातना दी जाएगी।
عربي تفسیرونه:
وَقَالُوْا لَوْ شَآءَ الرَّحْمٰنُ مَا عَبَدْنٰهُمْ ؕ— مَا لَهُمْ بِذٰلِكَ مِنْ عِلْمٍ ۗ— اِنْ هُمْ اِلَّا یَخْرُصُوْنَ ۟ؕ
उन्होंने तक़दीर को तर्क (बहाना) बनाते हुए कहा : अगर अल्लाह चाहता कि हम फ़रिश्तों की पूजा न करें, तो हम उनकी पूजा न करते। अतः उसका हमसे यह चाहना उसकी संतुष्टि को इंगित करता है। उन्हें अपनी इस बात का कोई ज्ञान नहीं है, वे केवल झूठ बोल रहे हैं।
عربي تفسیرونه:
اَمْ اٰتَیْنٰهُمْ كِتٰبًا مِّنْ قَبْلِهٖ فَهُمْ بِهٖ مُسْتَمْسِكُوْنَ ۟
क्या हमने इन मुश्रिकों को क़ुरआन से पहले कोई पुस्तक दी है, जो उन्हें अल्लाह के अलावा किसी अन्य की पूजा करने की अनुमति देती है?! अतः वे उसी पुस्तक को थामे हुए हैं, उसी को तर्क बनाते हैं।
عربي تفسیرونه:
بَلْ قَالُوْۤا اِنَّا وَجَدْنَاۤ اٰبَآءَنَا عَلٰۤی اُمَّةٍ وَّاِنَّا عَلٰۤی اٰثٰرِهِمْ مُّهْتَدُوْنَ ۟
नहीं, ऐसा नहीं हुआ। बल्कि, उन्होंने (बाप-दादा के) अनुकरण को तर्क बनाते हुए कहा : हमने अपने बाप-दादा को एक धर्म और एक मार्ग पर पाया है, और वे मूर्तियों की पूजा करते थे। हम इन (मूर्तियों) की पूजा में उन्हीं के पदचिह्नों पर चल रहे हैं।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• كل نعمة تقتضي شكرًا.
• हर नेमत के लिए आभार प्रकट करने की आवश्यकता होती है।

• جور المشركين في تصوراتهم عن ربهم حين نسبوا الإناث إليه، وكَرِهوهنّ لأنفسهم.
• मुश्रिकों का अपने पालनहार के प्रति धारणा में अन्याय और अनौचित्य, जब उन्होंने नारियों को उससे संबंधित किया और अपने लिए उन्हें नापसंद किया।

• بطلان الاحتجاج على المعاصي بالقدر.
• गुनाहों पर तक़दीर को तर्क (बहाना) बनाना अमान्य है।

• المشاهدة أحد الأسس لإثبات الحقائق.
• अवलोकन तथ्यों को साबित करने का एक आधार है।

وَكَذٰلِكَ مَاۤ اَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ فِیْ قَرْیَةٍ مِّنْ نَّذِیْرٍ اِلَّا قَالَ مُتْرَفُوْهَاۤ ۙ— اِنَّا وَجَدْنَاۤ اٰبَآءَنَا عَلٰۤی اُمَّةٍ وَّاِنَّا عَلٰۤی اٰثٰرِهِمْ مُّقْتَدُوْنَ ۟
जिस तरह इन लोगों ने झुठलाया और अपने बाप-दादा का अनुकरण करने को तर्क बनाया, उसी तरह (ऐ रसूल) हमने आपसे पहले जिस बस्ती में भी किसी रसूल को उसकी जाति के लोगों को सावधान करने के लिए भेजा, तो उनके समृद्ध प्रमुखों तथा बड़े लोगों ने कहा : हमने अपने बाप-दादा को एक धर्म और एक मार्ग पर पाया है और हम उन्हीं के पदचिह्नों पर चल रहे हैं। अतः आपकी जाति इस मामले में कोई अनूठी नहीं है।
عربي تفسیرونه:
قٰلَ اَوَلَوْ جِئْتُكُمْ بِاَهْدٰی مِمَّا وَجَدْتُّمْ عَلَیْهِ اٰبَآءَكُمْ ؕ— قَالُوْۤا اِنَّا بِمَاۤ اُرْسِلْتُمْ بِهٖ كٰفِرُوْنَ ۟
उनके रसूल ने उनसे कहा : क्या तुम अपने बाप-दादा का अनुसरण करते रहोगे, अगरचे मैं तुम्हारे पास उससे बेहतर मार्ग लाया हूँ जिसपर तुम्हारे बाप-दादा थे? उन्होंने कहा : जो (धर्म) तुम और तुमसे पहले के रसूल देकर भेजे गए हैं, हम उसका इनकार करते हैं।
عربي تفسیرونه:
فَانْتَقَمْنَا مِنْهُمْ فَانْظُرْ كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُكَذِّبِیْنَ ۟۠
चुनाँचे हमने आपसे पूर्व रसूलों को झुठलाने वाले समुदायों से बदला लिया, सो हमने उन्हें विनष्ट कर दिया। अतः विचार करें कि अपने रसूलों को झुठलाने वालों का अंत कैसा हुआ। वास्तव में, वह एक दर्दनाक अंत था।
عربي تفسیرونه:
وَاِذْ قَالَ اِبْرٰهِیْمُ لِاَبِیْهِ وَقَوْمِهٖۤ اِنَّنِیْ بَرَآءٌ مِّمَّا تَعْبُدُوْنَ ۟ۙ
(ऐ रसूल!) उस समय को याद करें, जब इबराहीम अलैहिस्सलाम ने अपने बाप और अपनी जाति से कहा : तुम अल्लाह के सिवा जिन मूर्तियों को पूजते हो, मैं उनसे बरी हूँ।
عربي تفسیرونه:
اِلَّا الَّذِیْ فَطَرَنِیْ فَاِنَّهٗ سَیَهْدِیْنِ ۟
सिवाय उस अल्लाह के, जिसने मुझे पैदा किया है। अतः निःसंदेह वही मुझे अपने सीधे धर्म का पालन करने के लिए मार्गदर्शन करेगा, जिसमें मेरा लाभ निहित है।
عربي تفسیرونه:
وَجَعَلَهَا كَلِمَةً بَاقِیَةً فِیْ عَقِبِهٖ لَعَلَّهُمْ یَرْجِعُوْنَ ۟
इबराहीम अलैहिस्सालाम ने तौहीद (एकेश्वरवाद) के वाक्य : (ला इलाहा इल्लल्लाह) को, अपने बाद, अपनी संतान में बाक़ी रहने वाला वाक्य बना दिया। चुनाँचे उनके अंदर हमेशा ऐसे लोग रहे हैं, जो अल्लाह को एकमात्र पूज्य मानते हैं और उसके साथ किसी भी चीज़ को साझी नहीं बनाते। इस आशा में कि वे शिर्क और पाप से तौबा करके अल्लाह की ओर लौट आएँ।
عربي تفسیرونه:
بَلْ مَتَّعْتُ هٰۤؤُلَآءِ وَاٰبَآءَهُمْ حَتّٰی جَآءَهُمُ الْحَقُّ وَرَسُوْلٌ مُّبِیْنٌ ۟
मैंने इन झूठलाने वाले मुश्रिकों को नष्ट करने में जल्दी नहीं की, बल्कि उन्हें दुनिया में बाकी रहने दिया और उनसे पहले उनके बाप-दादा को भी बाकी रहने दिया था, यहाँ तक कि उनके पास क़ुरआन और स्पष्ट रसूल अर्थात मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम आ गए।
عربي تفسیرونه:
وَلَمَّا جَآءَهُمُ الْحَقُّ قَالُوْا هٰذَا سِحْرٌ وَّاِنَّا بِهٖ كٰفِرُوْنَ ۟
और जब उनके पास यह क़ुरआन आ गया, जो ऐसा सत्य है, जिसमें कोई संदेह नहीं है, तो उन्होंने कहा : यह तो एक जादू है, जिसके द्वारा मुहम्मद हमपर जादू कर देता है। हम तो इसका इनकार करते हैं। अतः हम कदापि इसपर ईमान नहीं लाएँगे।
عربي تفسیرونه:
وَقَالُوْا لَوْلَا نُزِّلَ هٰذَا الْقُرْاٰنُ عَلٰی رَجُلٍ مِّنَ الْقَرْیَتَیْنِ عَظِیْمٍ ۟
झूठलाने वाले मुश्रिकों ने कहा : अल्लाह ने इस क़ुरआन को मुहम्मद जैसे निर्धन अनाथ पर उतारने के बजाय, मक्का अथवा तायफ़ के दो महान व्यक्तियों में से किसी एक पर क्यों नहीं उतारा?
عربي تفسیرونه:
اَهُمْ یَقْسِمُوْنَ رَحْمَتَ رَبِّكَ ؕ— نَحْنُ قَسَمْنَا بَیْنَهُمْ مَّعِیْشَتَهُمْ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا وَرَفَعْنَا بَعْضَهُمْ فَوْقَ بَعْضٍ دَرَجٰتٍ لِّیَتَّخِذَ بَعْضُهُمْ بَعْضًا سُخْرِیًّا ؕ— وَرَحْمَتُ رَبِّكَ خَیْرٌ مِّمَّا یَجْمَعُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) क्या आपके पालनहार की दया को ये लोग बाँटते हैं कि जिसे चाहते हैं देते हैं और जिसे चाहते हैं नहीं देते हैं या अल्लाह बाँटता है? हमने ही दुनिया में उनके बीच उनकी रोज़ी को बाँटा है और उनमें से किसी को धनवान् और किसी को निर्धन बनाया है; ताकि उनमें से कुछ लोग कुछ के अधीन हो जाएँ। और आख़िरत में आपके पालनहार की अपने बंदों के प्रति दया, उससे बेहतर है, जिसे ये लोग इस नश्वर दुनिया के सामान से इकट्ठा कर रहे हैं।
عربي تفسیرونه:
وَلَوْلَاۤ اَنْ یَّكُوْنَ النَّاسُ اُمَّةً وَّاحِدَةً لَّجَعَلْنَا لِمَنْ یَّكْفُرُ بِالرَّحْمٰنِ لِبُیُوْتِهِمْ سُقُفًا مِّنْ فِضَّةٍ وَّمَعَارِجَ عَلَیْهَا یَظْهَرُوْنَ ۟ۙ
अगर यह बात न होती कि सभी लोग कुफ़्र की राह पर चल पड़ेंगे, तो हम उन लोगों के घरों की छतों को, जो अल्लाह का इनकार करते हैं, चाँदी की बना देते और उनके लिए सीढ़ियाँ भी बना देते, जिनपर वे चढ़ते।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• التقليد من أسباب ضلال الأمم السابقة.
• तक़लीद (अंधानुकरण) पिछले समुदायों की गुमराही के कारणों में से है।

• البراءة من الكفر والكافرين لازمة.
• कुफ़्र और काफ़िरों से बेज़ारी ज़रूरी है।

• تقسيم الأرزاق خاضع لحكمة الله.
• आजीविका का विभाजन अल्लाह की हिकमत के अधीन है।

• حقارة الدنيا عند الله، فلو كانت تزن عنده جناح بعوضة ما سقى منها كافرًا شربة ماء.
• अल्लाह के निकट दुनिया की तुच्छता (हीनता)। चुनाँचे अगर उसके निकट दुनिया का महत्व एक मच्छर के पंख के बराबर भी होता, तो वह उससे किसी काफ़िर को पानी का एक घूँट भी न पिलाता।

وَلِبُیُوْتِهِمْ اَبْوَابًا وَّسُرُرًا عَلَیْهَا یَتَّكِـُٔوْنَ ۟ۙ
और हम उन्हें ढील देने तथा आज़माने के उद्देश्य से, उनके घरों के द्वार बना देते और उनके लिए ऐसे तख़्त बना देते, जिनपर वे तकिया लगाकर बैठते।
عربي تفسیرونه:
وَزُخْرُفًا ؕ— وَاِنْ كُلُّ ذٰلِكَ لَمَّا مَتَاعُ الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ؕ— وَالْاٰخِرَةُ عِنْدَ رَبِّكَ لِلْمُتَّقِیْنَ ۟۠
तथा हम उनके लिए सोना बना देते। ये सारी चीज़ें सांसारिक जीवन की सुख सामग्री के सिवा कुछ नहीं हैं। इनका लाभ बहुत कम है, क्योंकि ये बाकी रहने वाली नहीं हैं। और आख़िरत में जो नेमत है, वह (ऐ रसूल!) आपके पालनहार के निकट उन लोगों के लिए उत्तम है, जो अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचकर, डरते हैं।
عربي تفسیرونه:
وَمَنْ یَّعْشُ عَنْ ذِكْرِ الرَّحْمٰنِ نُقَیِّضْ لَهٗ شَیْطٰنًا فَهُوَ لَهٗ قَرِیْنٌ ۟
जो क़ुरआन को ध्यानपूर्वक न पढ़ने के कारणवश उससे विमुख हो जाता है, उसपर, सज़ा के तौर पर, एक शैतान नियुक्त कर दिया जाता है, जो हमेशा उसके साथ लगा रहता है और उसे पथभ्रष्टता में बढ़ाता रहता है।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّهُمْ لَیَصُدُّوْنَهُمْ عَنِ السَّبِیْلِ وَیَحْسَبُوْنَ اَنَّهُمْ مُّهْتَدُوْنَ ۟
और ये साथ रहने वाले (शैतान), जो क़ुरआन से मुँह फेरने वाले लोगों पर नियुक्त कर दिए जाते हैं, अवश्य उन्हें अल्लाह के धर्म से रोकते हैं। चुनाँचे वे न अल्लाह के आदेशों का पानल करते हैं और न उसकी मना की हुई चीज़ों से बचते हैं। और यह समझते हैं कि वे सत्य के मार्ग पर चलने वाले हैं। इसी कारण वे अपनी गुमराही से तौबा नहीं करते हैं।
عربي تفسیرونه:
حَتّٰۤی اِذَا جَآءَنَا قَالَ یٰلَیْتَ بَیْنِیْ وَبَیْنَكَ بُعْدَ الْمَشْرِقَیْنِ فَبِئْسَ الْقَرِیْنُ ۟
यहाँ तक कि जब अल्लाह के ज़िक्र से मुँह मोड़ने वाला व्यक्ति क़ियामत के दिन हमारे पास आएगा, तो कामना करते हुए कहेगा : ऐ काश! मेरे और (ऐ हमेशा साथ रहने वाले शैतान!) तेरे बीच पूर्व और पश्चिम के बीच की दूरी होती। तू तो बहुत बुरा साथी है।
عربي تفسیرونه:
وَلَنْ یَّنْفَعَكُمُ الْیَوْمَ اِذْ ظَّلَمْتُمْ اَنَّكُمْ فِی الْعَذَابِ مُشْتَرِكُوْنَ ۟
अल्लाह क़ियामत के दिन काफ़िरों से कहेगा : आज तुम्हारा यातना में एक साथ होना, तुम्हें हरगिज़ लाभ न देगा, जबकि तुम शिर्क और पाप के द्वारा अपने ऊपर अत्याचार कर चुके हो। क्योंकि तुम्हारे साथी तुम्हारी ओर से तुम्हारी यातना का कुछ भी वहन नहीं करेंगे।
عربي تفسیرونه:
اَفَاَنْتَ تُسْمِعُ الصُّمَّ اَوْ تَهْدِی الْعُمْیَ وَمَنْ كَانَ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
ये लोग सत्य सुनने से बहरे और उसे देखने से अंधे हैं। तो क्या (ऐ रसूल!) आप बहरे को सुना सकते हैं, अथवा अंधे को रास्ता दिखा सकते हैं, अथवा उन्हें राह पर ला सकते हैं, जो सीधे मार्ग से खुले तौर पर भटके हुए हैं?!
عربي تفسیرونه:
فَاِمَّا نَذْهَبَنَّ بِكَ فَاِنَّا مِنْهُمْ مُّنْتَقِمُوْنَ ۟ۙ
फिर अगर हम आपको उठा लें - इस प्रकार कि उन्हें यातना देने से पहले आपको मृत्यु दे दें - तो भी हम उन्हें दुनिया और आख़िरत में यातना देकर उनसे बदला लेने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
اَوْ نُرِیَنَّكَ الَّذِیْ وَعَدْنٰهُمْ فَاِنَّا عَلَیْهِمْ مُّقْتَدِرُوْنَ ۟
या हम आपको उस यातना का कुछ भाग दिखा दें, जिसका हम उनसे वादा कर रहे हैं, तो निश्चय ही हम उनपर शक्तिमान हैं। वे किसी भी चीज़ में हमारा मुक़ाबला नहीं कर सकते।
عربي تفسیرونه:
فَاسْتَمْسِكْ بِالَّذِیْۤ اُوْحِیَ اِلَیْكَ ۚ— اِنَّكَ عَلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟
अतः (ऐ रसूल!) आप उसे मज़बूती से थामे रहें, जिसकी आपके पालनहार ने आपकी ओर वह़्य की है और उसपर अमल करते रहें। निःसंदेह आप सत्य मार्ग पर हैं, जिसमें कोई संशय नहीं है।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّهٗ لَذِكْرٌ لَّكَ وَلِقَوْمِكَ ۚ— وَسَوْفَ تُسْـَٔلُوْنَ ۟
निःसंदेह यह क़ुरआन आपके लिए तथा आपकी जाति के लिए एक सम्मान है। और क़ियामत के दिन तुमसे इसपर ईमान लाने, इसके मार्गदर्शन का पालन करने और इसकी ओर लोगों को आमंत्रित करने के बारे में पूछा जाएगा।
عربي تفسیرونه:
وَسْـَٔلْ مَنْ اَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ مِنْ رُّسُلِنَاۤ اَجَعَلْنَا مِنْ دُوْنِ الرَّحْمٰنِ اٰلِهَةً یُّعْبَدُوْنَ ۟۠
(ऐ रसूल!) आप उन रसूलों से पूछ लें, जिन्हें हमने आपसे पहले भेजा था : क्या हमने रहमान (परम दयालु अल्लाह) के सिवा भी कुछ पूज्य बनाए हैं, जिनकी पूजा की जाए?!
عربي تفسیرونه:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا مُوْسٰی بِاٰیٰتِنَاۤ اِلٰی فِرْعَوْنَ وَمَلَاۡىِٕهٖ فَقَالَ اِنِّیْ رَسُوْلُ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
और हमने मूसा को अपनी निशानियाँ देकर फ़िरऔन और उसकी जाति के प्रमुख लोगों के पास भेजा, तो उसने उनसे कहा : मैं सभी प्राणियों के पालनहार का रसूल हूँ।
عربي تفسیرونه:
فَلَمَّا جَآءَهُمْ بِاٰیٰتِنَاۤ اِذَا هُمْ مِّنْهَا یَضْحَكُوْنَ ۟
तो जब वह उनके पास हमारी निशानियाँ लेकर आए, तो वे मज़ाक़ और उपहास के तौर पर उनपर हँसने लगे।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• خطر الإعراض عن القرآن.
• क़ुरआन से मुँह मोड़ना घातक है।

• القرآن شرف لرسول الله صلى الله عليه وسلم ولأمته.
• क़ुरआन रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और आपकी उम्मत के लिए एक सम्मान है।

• اتفاق الرسالات كلها على نبذ الشرك.
• सभी नबियों के संदेश शिर्क को अस्वीकार करने पर सहमत हैं।

• السخرية من الحق صفة من صفات الكفر.
• सत्य का मज़ाक़ उड़ाना, काफ़िरों की विशेषताओं में से एक है।

وَمَا نُرِیْهِمْ مِّنْ اٰیَةٍ اِلَّا هِیَ اَكْبَرُ مِنْ اُخْتِهَا ؗ— وَاَخَذْنٰهُمْ بِالْعَذَابِ لَعَلَّهُمْ یَرْجِعُوْنَ ۟
और हम फ़िरऔन तथा उसकी जाति के प्रमुखों को, मूसा अलैहिस्सलाम के लाए हुए धर्म के सही होने की जो भी निशानी दिखाते, वह उससे पहले की निशानी से बढ़कर होती थी। और हमने उन्हें दुनिया में यातना से ग्रस्त किया, ताकि वे अपने कुफ़्र से बाज़ आ जाएँ। लेकिन इसका कोई फ़ायदा न हुआ।
عربي تفسیرونه:
وَقَالُوْا یٰۤاَیُّهَ السّٰحِرُ ادْعُ لَنَا رَبَّكَ بِمَا عَهِدَ عِنْدَكَ ۚ— اِنَّنَا لَمُهْتَدُوْنَ ۟
जब उन्हें कुछ यातना का सामना हुआ, तो उन्होंने मूसा अलैहिस्सलाम से कहा : ऐ जादूगर! अपने पालनहार से हमारे लिए उसके द्वारा दुआ कर, जो उसने तुझे बताया है कि हमारे ईमान लाने पर वह यातना हटा देगा। अगर वह हमसे यातना हटा देता है, तो हम अवश्य उसकी राह पर चल पड़ेंगे।
عربي تفسیرونه:
فَلَمَّا كَشَفْنَا عَنْهُمُ الْعَذَابَ اِذَا هُمْ یَنْكُثُوْنَ ۟
फिर जब हम उनसे यातना को दूर कर देते, तो वे (तुरंत) अपना वचन तोड़ देते और उसे पूरा नहींं करते।
عربي تفسیرونه:
وَنَادٰی فِرْعَوْنُ فِیْ قَوْمِهٖ قَالَ یٰقَوْمِ اَلَیْسَ لِیْ مُلْكُ مِصْرَ وَهٰذِهِ الْاَنْهٰرُ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِیْ ۚ— اَفَلَا تُبْصِرُوْنَ ۟ؕ
और फ़िरऔन ने अपने राज्य पर गर्व करते हुए अपनी जाति के बीच पुकारते हुए कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या मिस्र का राज्य मेरा नहीं है और नील नदी से निकलने वाली ये नहरें मेरे महलों के नीचे नहीं बहती हैं? क्या तुम मेरे राज्य को नहीं देखते और मेरी महानता को नहीं पहचानते?!
عربي تفسیرونه:
اَمْ اَنَا خَیْرٌ مِّنْ هٰذَا الَّذِیْ هُوَ مَهِیْنٌ ۙ۬— وَّلَا یَكَادُ یُبِیْنُ ۟
मैं प्रतिष्ठाहीन और कमज़ोर मूसा से बेहतर हूँ, जो सही से बात भी नहीं कर पाता।
عربي تفسیرونه:
فَلَوْلَاۤ اُلْقِیَ عَلَیْهِ اَسْوِرَةٌ مِّنْ ذَهَبٍ اَوْ جَآءَ مَعَهُ الْمَلٰٓىِٕكَةُ مُقْتَرِنِیْنَ ۟
तो उसे रसूल बनाकर भेजने वाले अल्लाह ने उसपर सोने के कंगन क्यों नहीं उतारे; यह दिखाने के लिए कि वह अल्लाह का रसूल है, या उसके साथ सिलसिलेवार फ़रिश्ते क्यों न आए?!
عربي تفسیرونه:
فَاسْتَخَفَّ قَوْمَهٗ فَاَطَاعُوْهُ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمًا فٰسِقِیْنَ ۟
इस तरह फ़िरऔन ने अपनी जाति के लोगों को बहकाया और उन्होंने उसकी गुमराही में उसका पालन किया। निःसंदेह वे अल्लाह की आज्ञाकारिता से निकले हुए लोग थे।
عربي تفسیرونه:
فَلَمَّاۤ اٰسَفُوْنَا انْتَقَمْنَا مِنْهُمْ فَاَغْرَقْنٰهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟ۙ
फिर जब उन्होंने कुफ़्र पर स्थिर रहकर हमें क्रोधित कर दिया, तो हमने उनसे बदला लिया और उन सभी को डुबो दिया।
عربي تفسیرونه:
فَجَعَلْنٰهُمْ سَلَفًا وَّمَثَلًا لِّلْاٰخِرِیْنَ ۟۠
तो हमने फ़िरऔन और उसकी जाति के प्रमुखों को लोगों के लिए अग्रगामी बना दिया और आपकी जाति के काफ़िर उन्हीं के पदचिह्नों पर चल रहे हैं। तथा हमने उन्हें सीख लेने वाले के लिए शिक्षाप्रद उदाहरण बना दिया, ताकि वह उन्हीं जैसा कर्म करके उन्हीं के अंजाम को न पहुँचे।
عربي تفسیرونه:
وَلَمَّا ضُرِبَ ابْنُ مَرْیَمَ مَثَلًا اِذَا قَوْمُكَ مِنْهُ یَصِدُّوْنَ ۟
जब मुश्रिकों ने यह समझा कि ईसा अलैहिस्सलाम, जिनकी ईसाई पूजा करते हैं, अल्लाह के फरमान : (إِنَّكُمْ وَمَا تَعْبُدُونَ مِنْ دُونِ اللَّهِ حَصَبُ جَهَنَّمَ أَنْتُمْ لَهَا وَارِدُونَ) ''निःसंदेह तुम और जिन्हें तुम अल्लाह के सिवा पूजते हो, सब नरक का ईंधन बनेंगे, तुम उसमें प्रवेश करने वाले हो।'' (सूरतुल अंबिया : 98) में दाखिल हैं, तथा अल्लाह ने ईसा अलैहिस्सलाम की पूजा करने से वैसे ही रोका है, जैसे मूर्तियों की पूजा से रोका है, तो अचानक (ऐ रसूल!) आपकी जाति के लोग खुशी से शोर मचाने लगे और कहने लगे : हम इस बात से संतुष्ट हैं कि हमारे देवता ईसा (अलैहिस्सलाम) की तरह हैं। इसपर अल्लाह ने उनके जवाब में यह आयत उतारी : (إِنَّ الَّذِينَ سَبَقَتْ لَهُمْ مِنَّا الْحُسْنَى أُولَئِكَ عَنْهَا مُبْعَدُونَ) ''निःसंदेह जिनके के लिए हमारी ओर से पहले भलाई निर्धारित हो चुकी है, वे उस (नरक) से दूर रखे जाएँगे।'' (सूरतुल अंबिया : 101).
عربي تفسیرونه:
وَقَالُوْۤا ءَاٰلِهَتُنَا خَیْرٌ اَمْ هُوَ ؕ— مَا ضَرَبُوْهُ لَكَ اِلَّا جَدَلًا ؕ— بَلْ هُمْ قَوْمٌ خَصِمُوْنَ ۟
और उन्होंने कहा : क्या हमारे पूज्य बेहतर हैं या ईसा?! ज़िबा'रा के पुत्र और उस जैसे लोगों ने यह उदाहरण सत्य तक पहुँचने के लिए नहीं दिया है, बल्कि बहस करने और झगड़ने के लिए दिया है। क्योंकि वे ऐसे लोग हैं कि झगड़ना उनके स्वभाव में दाखिल है।
عربي تفسیرونه:
اِنْ هُوَ اِلَّا عَبْدٌ اَنْعَمْنَا عَلَیْهِ وَجَعَلْنٰهُ مَثَلًا لِّبَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ ۟ؕ
मर्यम का पुत्र ईसा केवल अल्लाह का एक बंदा है, जिसे हमने नबी और रसूल बनाया। तथा हमने उसे बनी इसराईल के लिए एक उदाहरण बना दिया, जिससे वे अल्लाह की शक्ति का अनुमान लगाते हैं कि उसने ईसा अलैहिस्सलाम को बिना पिता के बनाया, जिस तरह कि आदम अलैहिस्सलाम को बिना माता-पिता के बनाया था।
عربي تفسیرونه:
وَلَوْ نَشَآءُ لَجَعَلْنَا مِنْكُمْ مَّلٰٓىِٕكَةً فِی الْاَرْضِ یَخْلُفُوْنَ ۟
और अगर हम (ऐ आदम की संतान!) तुम्हें नष्ट करना चाहें, तो अवश्य तुम्हें नष्ट कर दें और तुम्हारे स्थान पर फ़रिश्तों को ले आएँ, जो धरती में तुम्हारे उत्तराधिकारी बनें। वे अल्लाह की इबादत करें और उसके साथ किसी को साझी न करें।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• نَكْث العهود من صفات الكفار.
• वचन तोड़ना काफ़िरों की विशेषताओं में से है।

• الفاسق خفيف العقل يستخفّه من أراد استخفافه.
• अवज्ञाकारी अल्पबुद्धि वाला होता है। उसे जो चाहे, बेवकूफ़ बना जाए।

• غضب الله يوجب الخسران.
• अल्लाह का क्रोध हानि का कारण बनता है।

• أهل الضلال يسعون إلى تحريف دلالات النص القرآني حسب أهوائهم.
• गुमराह लोग क़ुरआनी आयतों के अर्थों को अपनी इच्छाओं के अनुसार विकृत करने की कोशिश करते हैं।

وَاِنَّهٗ لَعِلْمٌ لِّلسَّاعَةِ فَلَا تَمْتَرُنَّ بِهَا وَاتَّبِعُوْنِ ؕ— هٰذَا صِرَاطٌ مُّسْتَقِیْمٌ ۟
ईसा अलैहिस्सलाम का आख़िरी ज़माने में उतरना क़ियामत की बड़ी निशानियों में से एक निशानी है। अतः तुम क़ियामत के आने के बारे में संदेह न करो, तथा मैं अल्लाह की ओर से तुम्हारे पास जो कुछ लेकर आया हूँ, उसमें मेरा अनुसरण करो। यह जो मैं तुम्हारे पास लेकर आया हूँ, वही सीधा मार्ग है जिसमें कोई टेढ़ापन नहीं है।
عربي تفسیرونه:
وَلَا یَصُدَّنَّكُمُ الشَّیْطٰنُ ۚ— اِنَّهٗ لَكُمْ عَدُوٌّ مُّبِیْنٌ ۟
और शैतान तुम्हें बहकाकर और प्रलोभन देकर सीधे रास्ते से विचलित न कर दे। निःसंदेह वह तुम्हारा खुला दुश्मन है।
عربي تفسیرونه:
وَلَمَّا جَآءَ عِیْسٰی بِالْبَیِّنٰتِ قَالَ قَدْ جِئْتُكُمْ بِالْحِكْمَةِ وَلِاُبَیِّنَ لَكُمْ بَعْضَ الَّذِیْ تَخْتَلِفُوْنَ فِیْهِ ۚ— فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَطِیْعُوْنِ ۟
जब ईसा अलैहिस्सलाम अपनी जाति के पास अपने रसूल होने के सपष्ट प्रमाण लेकर आए, तो उनसे कहा : मैं तुम्हारे पास अल्लाह की ओर से हिकमत लेकर आया हुँ और (इसलिए भी) ताकि मैं तुम्हारे लिए तुम्हारे धर्म की कुछ उन बातों को स्पष्ट कर दूँ, जिनमें तुम मतभेद करते हो। अतः तुम अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई बातों से बचकर, डरो और उन बातों में मेरा अनुसरण करो, जिनका मैं तुम्हें आदेश दूँ और जिनसे मैं तुम्हें मना करूँ।
عربي تفسیرونه:
اِنَّ اللّٰهَ هُوَ رَبِّیْ وَرَبُّكُمْ فَاعْبُدُوْهُ ؕ— هٰذَا صِرَاطٌ مُّسْتَقِیْمٌ ۟
निःसंदेह अल्लाह ही मेरा पालनहार और तुम्हारा पालनहार है, उसके सिवा हमारा कोई पालनहार नहीं है। अतः केवल उसी की इबादत करो। और यह एकेश्वरवाद (तौहीद) ही वह सीधा रास्ता है, जिसमें कोई टेढ़ापन नहीं है।
عربي تفسیرونه:
فَاخْتَلَفَ الْاَحْزَابُ مِنْ بَیْنِهِمْ ۚ— فَوَیْلٌ لِّلَّذِیْنَ ظَلَمُوْا مِنْ عَذَابِ یَوْمٍ اَلِیْمٍ ۟
फिर ईसाइयों के समूहों ने ईसा अलैहिस्सलाम के बारे में परस्पर मतभेद किया; चुनाँचे उनमें से कुछ का कहना है कि वह पूज्य हैं, तथा कुछ का कहना है कि वह अल्लाह के बेटे हैं। जबकि उनमें से कुछ कहते हैं कि वह और उनकी माँ दोनों पूज्य हैं। तो जिन लोगों ने (ईसा अलैहिस्सलाम के बारे में पूज्य होने, या अल्लाह का बेटा होने या तीन पूज्यों में से तीसरा होने की बात कहकर) अपने ऊपर अत्याचार किया है, उनके लिए दुःखदायी यातना की ख़राबी है, जो क़ियामत के दिन उनकी प्रतीक्षा कर रही है।
عربي تفسیرونه:
هَلْ یَنْظُرُوْنَ اِلَّا السَّاعَةَ اَنْ تَاْتِیَهُمْ بَغْتَةً وَّهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
क्या ईसा अलैहिस्सलाम के बारे में मतभेद करने वाले ये समूह इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि क़ियामत उनके पास अचानक आ जाए और उन्हें उसके आने की आहट तक न लगे?! यदि वह उनपर उनके कुफ़्र की अवस्था में आ जाती है, तो उनका अंजाम पीड़ादायक यातना है।
عربي تفسیرونه:
اَلْاَخِلَّآءُ یَوْمَىِٕذٍ بَعْضُهُمْ لِبَعْضٍ عَدُوٌّ اِلَّا الْمُتَّقِیْنَ ۟ؕ۠
कुफ़्र तथा गुमराही के आधार पर मित्रता और दोस्ती रखने वाले क़ियामत के दिन एक-दूसरे के शत्रु होंगे, लेकिन जो लोग अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचते हुए उससे डरने वाले हैं, उनकी मित्रता स्थायी और अंतहीन होगी।
عربي تفسیرونه:
یٰعِبَادِ لَا خَوْفٌ عَلَیْكُمُ الْیَوْمَ وَلَاۤ اَنْتُمْ تَحْزَنُوْنَ ۟ۚ
और अल्लाह उनसे कहेगा : ऐ मेरे बंदो! जो कुछ तुम सामना करने वाले हो, उसमें आज तुम्हारे लिए कोई भय नहीं है, और न ही तुम उसपर शोक करोगे जो संसार के आनंदों में से तुमसे छूट गया है।
عربي تفسیرونه:
اَلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا بِاٰیٰتِنَا وَكَانُوْا مُسْلِمِیْنَ ۟ۚ
वे लोग जो अपने रसूल पर उतरने वाले क़ुरआन पर ईमान लाए तथा वे क़ुरआन के आज्ञाकारी थे; उसके आदेशों का पालन करते और उसके निषेधों से बचते थे।
عربي تفسیرونه:
اُدْخُلُوا الْجَنَّةَ اَنْتُمْ وَاَزْوَاجُكُمْ تُحْبَرُوْنَ ۟
तुम और तुम जैसे ईमान वाले लोग जन्नत में प्रवेश कर जाओ। तुम उसमें प्राप्त होने वाले शाश्वत आनंद से प्रसन्न किए जाओगे, जो न कभी ख़त्म होगा और न बाधित होगा।
عربي تفسیرونه:
یُطَافُ عَلَیْهِمْ بِصِحَافٍ مِّنْ ذَهَبٍ وَّاَكْوَابٍ ۚ— وَفِیْهَا مَا تَشْتَهِیْهِ الْاَنْفُسُ وَتَلَذُّ الْاَعْیُنُ ۚ— وَاَنْتُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟ۚ
उनके सेवक उनके चारों ओर सोने के थाल और बिना हत्थे वाले प्याले लेकर फिरेंगे। तथा जन्नत के अंदर, हर वह चीज़ उपलब्ध होगी, जिसको दिल चाहेंगे और जिसे देखकर आँखें आनंदित होंगी। तथा तुम उसी में रहोगे, वहाँ से कभी बाहर नहीं निकलोगे।
عربي تفسیرونه:
وَتِلْكَ الْجَنَّةُ الَّتِیْۤ اُوْرِثْتُمُوْهَا بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
वह जन्नत जिसकी विशेषताएँ तुम्हारे सामने बयान की गईं, यही वह जन्नत है जिसका अल्लाह ने तुम्हें, अपनी कृपा से, तुम्हारे कर्मों के कारण वारिस बनाया है।
عربي تفسیرونه:
لَكُمْ فِیْهَا فَاكِهَةٌ كَثِیْرَةٌ مِّنْهَا تَاْكُلُوْنَ ۟
तुम्हारे लिए उसमें न खत्म होने वाले बहुत-से फल होंगे, जिनमें से तुम खाओगे।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• نزول عيسى من علامات الساعة الكبرى.
• ईसा अलैहिस्सलाम का उतरना क़ियामत की बड़ी निशानियों में से है।

• انقطاع خُلَّة الفساق يوم القيامة، ودوام خُلَّة المتقين.
• क़ियामत के दिन अवज्ञाकारियों की दोस्ती ख़त्म हो जाएगी और आज्ञाकारियों की दोस्ती बाक़ी रहेगी।

• بشارة الله للمؤمنين وتطمينه لهم عما خلفوا وراءهم من الدنيا وعما يستقبلونه في الآخرة.
• अल्लाह की ओर से ईमान वालों के लिए शुभ सूचना तथा उन्होंने अपने पीछे जो कुछ दुनिया से छोड़ा है और आख़िरत में वे जिस चीज़ का सामना करने वाले हैं, उसके प्रति उन्हें आश्वासन देना।

اِنَّ الْمُجْرِمِیْنَ فِیْ عَذَابِ جَهَنَّمَ خٰلِدُوْنَ ۟ۚ
निःसंदेह कुफ़्र और पाप करने वाले अपराधी क़ियामत के दिन जहन्नम की यातना में होंगे, जिसमें वे सदैव रहेंगे।
عربي تفسیرونه:
لَا یُفَتَّرُ عَنْهُمْ وَهُمْ فِیْهِ مُبْلِسُوْنَ ۟ۚ
उनसे यातना कम नहीं की जाएगी और वे उसमें अल्लाह की दया से निराश होंगे।
عربي تفسیرونه:
وَمَا ظَلَمْنٰهُمْ وَلٰكِنْ كَانُوْا هُمُ الظّٰلِمِیْنَ ۟
हमने उन्हें जहन्नम में दाखिल करके उनपर अत्याचार नहीं किया, बल्कि वे कुफ़्र करके स्वयं ही अपने आप पर अत्याचार करने वाले थे।
عربي تفسیرونه:
وَنَادَوْا یٰمٰلِكُ لِیَقْضِ عَلَیْنَا رَبُّكَ ؕ— قَالَ اِنَّكُمْ مّٰكِثُوْنَ ۟
वे जहन्नम के दारोग़ा मालिक को पुकारकर कहेंगे : ऐ मालिक! तुम्हारा पालनहार हमें मृत्यु दे दे, ताकि हम यातना से आराम पा जाएँ। तो मालिक उन्हें जवाब देते हुए कहेगा : तुम सदैव यातना में रहने वाले हो, तुम्हारी मृत्यु नहीं होगी और न तुम्हारी यातना रुकेगी।
عربي تفسیرونه:
لَقَدْ جِئْنٰكُمْ بِالْحَقِّ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَكُمْ لِلْحَقِّ كٰرِهُوْنَ ۟
निश्चय ही हम दुनिया में तुम्हारे पास संदेहरहित सत्य लेकर आए थे, लेकिन तुममें से अधिकतर लोग सत्य को नापसंद करने वाले थे।
عربي تفسیرونه:
اَمْ اَبْرَمُوْۤا اَمْرًا فَاِنَّا مُبْرِمُوْنَ ۟ۚ
यदि वे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ कोई चाल चलते हैं और आपके विरुद्ध कोई षड्यंत्र करते हैं, तो हम उनके लिए उनके षड्यंत्र से बढ़कर उपाय करने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
اَمْ یَحْسَبُوْنَ اَنَّا لَا نَسْمَعُ سِرَّهُمْ وَنَجْوٰىهُمْ ؕ— بَلٰی وَرُسُلُنَا لَدَیْهِمْ یَكْتُبُوْنَ ۟
क्या वे समझ्ते हैं कि हम उनकी छिपी बात (भेद) को जो उन्होंने अपने दिलों में छिपा रखी है या उनकी कानाफूसी को जो वे एक-दूसरे से करते हैं, नहीं सुनते हैं? क्यों नहीं, हम उनकी सारी बातें सुनते हैं और उनके साथ नियुक्त फ़रिश्ते उनके प्रत्येक कार्य को लिखते रहते हैं।
عربي تفسیرونه:
قُلْ اِنْ كَانَ لِلرَّحْمٰنِ وَلَدٌ ۖۗ— فَاَنَا اَوَّلُ الْعٰبِدِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप उन लोगों से, जो अल्लाह की ओर बेटियों की निस्बत करते हैं, (अल्लाह उनकी इस बात से बहुत ऊँचा है) कह दें : अल्लाह की कोई संतान नहीं है; अल्लाह इससे बहुत पाक एवं पवित्र है। मैं तो अल्लाह की सबसे पहले इबादत करने वाला तथा उसकी पवित्रता बयान करने वाला हूँ।
عربي تفسیرونه:
سُبْحٰنَ رَبِّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ رَبِّ الْعَرْشِ عَمَّا یَصِفُوْنَ ۟
आकाशों और धरती का रब तथा अर्श (सिंहासन) का स्वामी उससे पवित्र है, जो ये मुश्रिक (बहुदेववादी) लोग उसकी ओर साझी, पत्नी और संतान की निस्बत करते हैं।
عربي تفسیرونه:
فَذَرْهُمْ یَخُوْضُوْا وَیَلْعَبُوْا حَتّٰی یُلٰقُوْا یَوْمَهُمُ الَّذِیْ یُوْعَدُوْنَ ۟
अतः (ऐ रसूल!) आप उन्हें छोड़ दें कि वे अपनी झूठ और व्यर्थ की बहसों में पड़े रहें और खेलते रहें, यहाँ तक कि उनका सामना उस दिन से हो जाए, जिसका उनसे वादा किया जा रहा है और वह क़ियामत का दिन है।
عربي تفسیرونه:
وَهُوَ الَّذِیْ فِی السَّمَآءِ اِلٰهٌ وَّفِی الْاَرْضِ اِلٰهٌ ؕ— وَهُوَ الْحَكِیْمُ الْعَلِیْمُ ۟
और वही पवित्र अल्लाह आकाश में सत्य पूज्य है और वही धरती में भी सत्य पूज्य है। तथा वह अपनी रचना, तक़दीर (नियति) और प्रबंधन में पूर्ण हिकमत वाला, तथा अपने बंदों की स्थितियों से अवगत है। उससे उनमें से कुछ भी छिपा नहीं है।
عربي تفسیرونه:
وَتَبٰرَكَ الَّذِیْ لَهٗ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا ۚ— وَعِنْدَهٗ عِلْمُ السَّاعَةِ ۚ— وَاِلَیْهِ تُرْجَعُوْنَ ۟
बड़ी भलाई तथा बरकत वाला है वह पवित्र अल्लाह, जिस अकेले के पास ही आकाशों का राज्य, धरती का राज्य तथा उन दोनों के बीच की सारी चीज़ों का राज्य है। तथा अकेले उसी के पास उस घड़ी का ज्ञान है, जिसमें क़ियामत क़ायम होगी, उसे उसके सिवा कोई नहीं जानता। और तुम आख़िरत में हिसाब और बदले के लिए अकेले उसी की ओर लौटाए जाओगे।
عربي تفسیرونه:
وَلَا یَمْلِكُ الَّذِیْنَ یَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهِ الشَّفَاعَةَ اِلَّا مَنْ شَهِدَ بِالْحَقِّ وَهُمْ یَعْلَمُوْنَ ۟
और वे लोग, जिन्हें ये मुश्रिक अल्लाह को छोड़कर पूजते हैं, अल्लाह के निकट सिफ़ारिश का अधिकार नहीं रखते। अधिकार केवल वही रखता है, जो इस बात की गवाही दे कि अल्लाह के सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं और वह उस बात को जानता हो, जिसकी उसने गवाही दी है; जैसे कि ईसा, उज़ैर और फ़रिश्ते।
عربي تفسیرونه:
وَلَىِٕنْ سَاَلْتَهُمْ مَّنْ خَلَقَهُمْ لَیَقُوْلُنَّ اللّٰهُ فَاَنّٰی یُؤْفَكُوْنَ ۟ۙ
यदि आप उनसे पूछें कि उन्हें किसने पैदा किया है? तो वे अवश्य कहेंगे : हमें अल्लाह ने पैदा किया है। फिर इस स्वीकृति के बाद वे उसकी इबादत से कैसे फेर दिए जाते हैं?!
عربي تفسیرونه:
وَقِیْلِهٖ یٰرَبِّ اِنَّ هٰۤؤُلَآءِ قَوْمٌ لَّا یُؤْمِنُوْنَ ۟ۘ
अल्लाह महिमावान को अपने रसूल की इस शिकायत का ज्ञान है कि उसकी जाति ने उसे झुठलाया है और उसमें उनका कहना है कि : ऐ मेरे पालनहार! ये ऐसे लोग हैं, जो उसपर ईमान लाने वाले नहीं हैं, जिसके साथ तूने मुझे उनकी ओर भेजा है।
عربي تفسیرونه:
فَاصْفَحْ عَنْهُمْ وَقُلْ سَلٰمٌ ؕ— فَسَوْفَ یَعْلَمُوْنَ ۟۠
अतः आप उनसे मुँह फेर लें और उनसे ऐसी बात करें, जिससे उनकी बुराई से बच सकें। (यह उस समय की बात है जब आप मक्का में थे।) क्योंकि शीघ्र ही उन्हें पता चल जाएगा कि उन्हें किस सज़ा का सामना करना पड़ेगा।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• كراهة الحق خطر عظيم.
• सत्य को नापसंद करना बहुत खतरनाक है।

• مكر الكافرين يعود عليهم ولو بعد حين.
• काफ़िरो की चाल उन्हीं पर पलट आती है, चाहे कुछ समय बाद ही सही।

• كلما ازداد علم العبد بربه، ازداد ثقة بربه وتسليمًا لشرعه.
• बंदे का अपने पालनहार के बारे में ज्ञान जितना अधिक होता जाता है, उसका अपने पालनहार पर विश्वास और उसकी शरीयत के प्रति स्वीकरण एवं समर्पण उतना ही बढ़ जाता है।

• اختصاص الله بعلم وقت الساعة.
• क़ियामत के समय का ज्ञान केवल अल्लाह को है।

 
د معناګانو ژباړه سورت: الزخرف
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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - د ژباړو فهرست (لړلیک)

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

بندول