د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: الجاثية   آیت:

सूरा अल्-जासिया

د سورت د مقصدونو څخه:
بيان أحوال الخلق من الآيات الشرعية والكونية، ونقض حجج منكري البعث المتكبرين وترهيبهم.
शरई और ब्रह्मांडीय आयतों के प्रति लोगों की स्थितियों का वर्णन, तथा मरने के बाद पुनः जीवित कर उठाए जाने का इनकार करने वाले अभिमानियों के तर्कों का खंडन करना और उन्हें डराना।

حٰمٓ ۟ۚ
{हा, मीम।} सूरतुल-बक़रा की शुरुआत में इस प्रकार के अक्षरों के बारे में बात गुज़र चुकी है।
عربي تفسیرونه:
تَنْزِیْلُ الْكِتٰبِ مِنَ اللّٰهِ الْعَزِیْزِ الْحَكِیْمِ ۟
क़ुरआन उस अल्लाह की ओर से उतारा गया है, जो प्रभुत्वशाली है, उसपर किसी का ज़ोर नहीं चलता। वह अपनी रचना, नियति और प्रबंधन में हिकमत वाला है।
عربي تفسیرونه:
اِنَّ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ لَاٰیٰتٍ لِّلْمُؤْمِنِیْنَ ۟ؕ
निःसंदेह आकाशों तथा धरती में ईमान वालों के लिए अल्लाह की शक्ति और उसकी एकता (एकेश्वरवाद) के बहुत-से प्रमाण हैं; क्योंकि वही लोग हैं जो निशानियों से इबरत हासिल करते हैं।
عربي تفسیرونه:
وَفِیْ خَلْقِكُمْ وَمَا یَبُثُّ مِنْ دَآبَّةٍ اٰیٰتٌ لِّقَوْمٍ یُّوْقِنُوْنَ ۟ۙ
और (ऐ लोगों!) तुम्हें वीर्य से, फिर जमे हुए रक्त से, फिर मांस के टुकड़े से पैदा करने में, तथा धरती पर चलने वाले अल्लाह के फैलाए हुए जानवरों की रचना में, उन लोगों के लिए अल्लाह की एकता (एकेश्वरवाद) की बहुत-सी निशानियाँ हैं, जो इस बात पर विश्वास करते हैं कि अल्लाह ही सृष्टिकर्ता है।
عربي تفسیرونه:
وَاخْتِلَافِ الَّیْلِ وَالنَّهَارِ وَمَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ مِنَ السَّمَآءِ مِنْ رِّزْقٍ فَاَحْیَا بِهِ الْاَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا وَتَصْرِیْفِ الرِّیٰحِ اٰیٰتٌ لِّقَوْمٍ یَّعْقِلُوْنَ ۟
तथा रात और दिन के आने-जाने में, और उस बारिश (पानी) में जो अल्लाह ने आकाश से उतारा, फिर उसके द्वारा धरती को, उसमें पेड़-पौधे उगाकर, पुनर्जीवित कर दिया, जबकि वह मृत हो चुकी थी उसमें एक पौधा भी नहीं था। तथा हवाओं के फेरने में; तुम्हारे लाभ के लिए उन्हें कभी एक दिशा से लाकर, तो कभी दूसरी दिशा से चलाकर; इन सभी चीज़ों में ऐसे लोगों के लिए निशानियाँ हैं, जो बुद्धि से काम लेते हैं। चुनाँचे वे उनसे यह निष्कर्ष निकालते हैं कि अल्लाह एक है, मरणोपरांत पुनर्जीवित करने में सक्षम है और हर चीज़ पर शक्ति रखता है।
عربي تفسیرونه:
تِلْكَ اٰیٰتُ اللّٰهِ نَتْلُوْهَا عَلَیْكَ بِالْحَقِّ ۚ— فَبِاَیِّ حَدِیْثٍ بَعْدَ اللّٰهِ وَاٰیٰتِهٖ یُؤْمِنُوْنَ ۟
इन निशानियों और प्रमाणों को हम (ऐ रसूल!) आपको सत्य के साथ सुना रहे हैं। अब अगर वे अल्लाह की अपने बंदे पर उतारी हुई वाणी और उसके प्रमाणों (तर्कों) पर ईमान नहीं लाते, तो इसके बाद वे किस बात पर ईमान लाएँगे और इसके बाद वे किन तर्कों को मानेंगे?
عربي تفسیرونه:
وَیْلٌ لِّكُلِّ اَفَّاكٍ اَثِیْمٍ ۟ۙ
अल्लाह की यातना और विनाश है हर उस व्यक्ति के लिए, जो बहुत झूठ बोलने वाला और बहुत पाप करने वाला है।
عربي تفسیرونه:
یَّسْمَعُ اٰیٰتِ اللّٰهِ تُتْلٰی عَلَیْهِ ثُمَّ یُصِرُّ مُسْتَكْبِرًا كَاَنْ لَّمْ یَسْمَعْهَا ۚ— فَبَشِّرْهُ بِعَذَابٍ اَلِیْمٍ ۟
यह काफ़िर क़ुरआन में अल्लाह की उन आयतों को सुनता है, जो उसके सामने पढ़ी जाती हैं, फिर वह अपने अभिमान के कारण सत्य का पालन करने से उपेक्षा करते हुए, अपने कुफ़्र और पाप की गतिविधि को जारी रखता है। मानो कि उसने उन आयतों को सुना ही नहीं, जो उसके सामने पढ़ी जाती हैं। तो (ऐ रसूल!) आप उसे आख़िरत में एक बुरी चीज़ की सूचना दे दीजिए और वह एक दर्दनाक यातना है जो उसका इंतज़ार कर रही है।
عربي تفسیرونه:
وَاِذَا عَلِمَ مِنْ اٰیٰتِنَا شَیْـَٔا ١تَّخَذَهَا هُزُوًا ؕ— اُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ عَذَابٌ مُّهِیْنٌ ۟ؕ
जब उसे क़ुरआन की कोई बात पहुँचती है, तो उसे उपहास का सामान बनाकर उसकी हँसी उड़ाता है। यही क़ुरआन की हँसी उड़ाने वाले लोग हैं, जिनके लिए क़ियामत के दिन अपमानजनक यातना है।
عربي تفسیرونه:
مِنْ وَّرَآىِٕهِمْ جَهَنَّمُ ۚ— وَلَا یُغْنِیْ عَنْهُمْ مَّا كَسَبُوْا شَیْـًٔا وَّلَا مَا اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اَوْلِیَآءَ ۚ— وَلَهُمْ عَذَابٌ عَظِیْمٌ ۟ؕ
उनके आगे जहन्नम की आग है, जो आख़िरत में उनकी प्रतीक्षा कर रही है। और उनके कमाए हुए धन उन्हें अल्लाह की यातना से बचाने में कुछ काम न आएँगे और न ही वे मूर्तियाँ उनके कुछ काम आ सकेंगी, जिनकी वे अल्लाह के सिवा पूजा किया करते थे। तथा उनके लिए क़ियामत के दिन बड़ी यातना है।
عربي تفسیرونه:
هٰذَا هُدًی ۚ— وَالَّذِیْنَ كَفَرُوْا بِاٰیٰتِ رَبِّهِمْ لَهُمْ عَذَابٌ مِّنْ رِّجْزٍ اَلِیْمٌ ۟۠
यह पुस्तक जो हमने अपने रसूल मुहम्मद पर उतारी है, सत्य का मार्ग दिखाती है। और जिन लोगों ने अपने पालनहार की उसके रसूल पर अवतरित आयतों का इनकार क्या, उनके लिए एक बुरी, पीड़ादायक यातना है।
عربي تفسیرونه:
اَللّٰهُ الَّذِیْ سَخَّرَ لَكُمُ الْبَحْرَ لِتَجْرِیَ الْفُلْكُ فِیْهِ بِاَمْرِهٖ وَلِتَبْتَغُوْا مِنْ فَضْلِهٖ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُوْنَ ۟ۚ
अकेला अल्लाह ही है, जिसने (ऐ लोगो!) तुम्हारे लिए समुद्र को वशीभूत कर दिया, ताकि उसके आदेश से उसमें नौकाएँ चलें, और ताकि तुम विभिन्न प्रकार की वैध कमाइयों के द्वारा उसका अनुग्रह तलाश करो और ताकि तुम अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों के प्रति आभार प्रकट करो।
عربي تفسیرونه:
وَسَخَّرَ لَكُمْ مَّا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ جَمِیْعًا مِّنْهُ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّقَوْمٍ یَّتَفَكَّرُوْنَ ۟
तथा उस महिमावान (अल्लाह) ने, आकाशों में जो सूरज, चाँद और सितारे तथा धरती में जो नदियाँ, पेड़ और पहाड़ आदि हैं, उन सबको तुम्हारे लिए वशीभूत कर दिया है। ये सभी नेमतें उसी की कृपा और उपकार से हैं। निःसंदेह इन चीज़ों को तुम्हारे लिए वशीभूत करने में उन लोगों के लिए अल्लाह की शक्ति और एकता की निशानियाँ हैं, जो उसकी निशानियों में चिंतन-मनन करते हैं और उनसे इबरत हासिल करते हैं।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• الكذب والإصرار على الذنب والكبر والاستهزاء بآيات الله: صفات أهل الضلال، وقد توعد الله المتصف بها.
• झूठ बोलना, पाप पर अड़े रहना, अहंकार करना और अल्लाह की आयतों का मज़ाक उड़ाना : पथ-भ्रष्ट लोगों की विशेषताएँ हैं और अल्लाह ने ऐसे लोगों को धमकी दी है।

• نعم الله على عباده كثيرة، ومنها تسخير ما في الكون لهم.
• अल्लाह की अपने बंदों पर बहुत-सी नेमतें हैं, जिनमें से एक ब्रह्मांड की समस्त चीज़ों को उनके लिए वशीभूत करना है।

• النعم تقتضي من العباد شكر المعبود الذي منحهم إياها.
• नेमतों की अपेक्षा यह है कि बंदे उस पूज्य का शुक्रिया अदा करें, जिसने उन्हें ये नेमतें प्रदान की हैं।

قُلْ لِّلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا یَغْفِرُوْا لِلَّذِیْنَ لَا یَرْجُوْنَ اَیَّامَ اللّٰهِ لِیَجْزِیَ قَوْمًا بِمَا كَانُوْا یَكْسِبُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप अल्लाह पर ईमान लाने वालों तथा उसके रसूल को सच्चा मानने वालों से कह दें : तुम अपने संग बुरा व्यवहार करने वाले काफ़िरों को क्षमा कर दो, जो अल्लाह की नेमतों या उसके प्रकोपों की परवाह नहीं करते हैं। निश्चय ही अल्लाह धैर्य रखने वाले मोमिनों तथा अतिक्रमण करने वाले काफ़िरों में से प्रत्येक को, उनके उन कर्मों का बदला देगा, जो वे संसार में किया करते थे।
عربي تفسیرونه:
مَنْ عَمِلَ صَالِحًا فَلِنَفْسِهٖ ۚ— وَمَنْ اَسَآءَ فَعَلَیْهَا ؗ— ثُمَّ اِلٰی رَبِّكُمْ تُرْجَعُوْنَ ۟
जिसने अच्छे कर्म किए, उसके अच्छे कर्म का परिणाम उसी के लिए है। और अल्लाह उसके अच्छे कर्म से बेनियाज़ है। और जिसने बुरे कर्म किए, तो उसके बुरे कर्म का परिणाम उसी को भुगतना पड़ेगा। उसका बुरा कर्म करना अल्लाह को कोई नुकसान नहीं पहुँचाएगा। फिर तुम आख़िरत में अकेले हमारी ही ओर वापस आओगे, ताकि हम हर एक को वह बदला दें, जिसका वह हक़दार है।
عربي تفسیرونه:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ الْكِتٰبَ وَالْحُكْمَ وَالنُّبُوَّةَ وَرَزَقْنٰهُمْ مِّنَ الطَّیِّبٰتِ وَفَضَّلْنٰهُمْ عَلَی الْعٰلَمِیْنَ ۟ۚ
निःसंदेह हमने बनी इसराईल को तौरात और उसके नियमों के अनुसार लोगों के बीच निर्णय करने का आदेश दिया, तथा हमने उनमें से अधिकांश नबियों को इबराहीम अलैहिस्सलाम के वंश से बनाया, और हमने उन्हें अनेक प्रकार की अच्छी चीज़ों से जीविका प्रदान की, और उन्हें उनके समय के संसार वालों पर श्रेष्ठता प्रदान की।
عربي تفسیرونه:
وَاٰتَیْنٰهُمْ بَیِّنٰتٍ مِّنَ الْاَمْرِ ۚ— فَمَا اخْتَلَفُوْۤا اِلَّا مِنْ بَعْدِ مَا جَآءَهُمُ الْعِلْمُ ۙ— بَغْیًا بَیْنَهُمْ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ یَقْضِیْ بَیْنَهُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ فِیْمَا كَانُوْا فِیْهِ یَخْتَلِفُوْنَ ۟
और हमने उन्हें ऐसे प्रमाण दिए, जो सत्य को असत्य से स्पष्ट करते हैं। लेकिन उन्होंने उस समय विभेद किया, जब हमारे पैग़ंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नबी बनाए जाने के द्वारा उनपर तर्क स्थापित हो चुका था। और उनके इस विभेद का एकमात्र कारण, वैभव और सरदारी के लोभ में, उनका एक-दूसरे पर अतिक्रमण करना था। निःसंदेह आपका पालनहार (ऐ रसूल!) क़ियामत के दिन उनके बीच उस चीज़ के बारे में फ़ैसला कर देगा, जिसमें वे दुनिया में मतभेद किया करते थे। अतः वह स्पष्ट कर देगा कि कौन सत्य पर था और कौन असत्य पर।
عربي تفسیرونه:
ثُمَّ جَعَلْنٰكَ عَلٰی شَرِیْعَةٍ مِّنَ الْاَمْرِ فَاتَّبِعْهَا وَلَا تَتَّبِعْ اَهْوَآءَ الَّذِیْنَ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
फिर हमने आपको अपने उस धर्म के एक स्पष्ट मार्ग, पद्वति और प्रणाली पर स्थापित कर दिया, जिसका आदेश हमने आपसे पूर्व अपने रसूलों को दिया था, जो ईमान और अच्छे कर्म की ओर बुलाता है। अतः आप इसी शरीयत का पालन करें और उन लोगों की इच्छाओं का पालन न करें, जो सत्य को नहीं जानते; क्योंकि उनकी इच्छाएँ सत्य से भ्रमित करने वाली हैं।
عربي تفسیرونه:
اِنَّهُمْ لَنْ یُّغْنُوْا عَنْكَ مِنَ اللّٰهِ شَیْـًٔا ؕ— وَاِنَّ الظّٰلِمِیْنَ بَعْضُهُمْ اَوْلِیَآءُ بَعْضٍ ۚ— وَاللّٰهُ وَلِیُّ الْمُتَّقِیْنَ ۟
निःसंदेह जो लोग सत्य का ज्ञान नहीं रखते, वे आपसे अल्लाह की यातना को कदापि नहीं रोकेंगे यदि आप उनकी इच्छाओं का पालन करते हैं। निश्चय सभी धर्मों और संप्रदायों एवं समुदायों के अत्याचारी लोग, मोमिनों के विरुद्ध एक-दूसरे के सहायक और समर्थक हैं। और अल्लाह उन लोगों का सहायक है, जो उसके आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचकर, उससे डरने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
هٰذَا بَصَآىِٕرُ لِلنَّاسِ وَهُدًی وَّرَحْمَةٌ لِّقَوْمٍ یُّوْقِنُوْنَ ۟
हमारे रसूल पर अवतरित यह क़ुरआन अंतर्दृष्टि और प्रबुद्धता है, जिसके द्वारा लोग असत्य से सत्य को देख सकते हैं, तथा सत्य का मार्गदर्शन और विश्वास करने वालों के लिए दया है; क्योंकि वही लोग उसके द्वारा सीधा रास्ता प्राप्त करते हैं, ताकि उनका पालनहार उनसे प्रसन्न हो जाए। फिर वह उन्हें जन्नत में दाखिल कर दे और जहन्नम से बचा ले।
عربي تفسیرونه:
اَمْ حَسِبَ الَّذِیْنَ اجْتَرَحُوا السَّیِّاٰتِ اَنْ نَّجْعَلَهُمْ كَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ ۙ— سَوَآءً مَّحْیَاهُمْ وَمَمَاتُهُمْ ؕ— سَآءَ مَا یَحْكُمُوْنَ ۟۠
क्या अपने शरीर के अंगों द्वारा कुफ़्र और पाप करने वालों ने यह समझ रखा है कि हम उन्हें उन लोगों के समान बदला देंगे, जो अल्लाह पर ईमान लाए और अच्छे कर्म किए, ताकि वे इस दुनिया और आख़िरत में बराबर हो जाएँ?! उनका यह निर्णय बहुत बुरा है।
عربي تفسیرونه:
وَخَلَقَ اللّٰهُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ بِالْحَقِّ وَلِتُجْزٰی كُلُّ نَفْسٍ بِمَا كَسَبَتْ وَهُمْ لَا یُظْلَمُوْنَ ۟
अल्लाह ने आकाशों तथा धरती की रचना व्यापक हिकमत के तहत की है, उसने उन्हें व्यर्थ नहीं बनाया है। और ताकि हर प्राणी को उसके किए हुए अच्छे या बुरे कर्म का बदला दिया जाए। तथा अल्लाह उनके अच्छे कामों में कमी करके, या उनकी बुराइयों में वृद्धि करके, उनपर अत्याचार नहीं करेगा।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• العفو والتجاوز عن الظالم إذا لم يُظهر الفساد في الأرض، ويَعْتَدِ على حدود الله؛ خلق فاضل أمر الله به المؤمنين إن غلب على ظنهم العاقبة الحسنة.
• यदि अत्याचारी धरती में खुल्लम खुल्ला उपद्रव न फैलाए और अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन न करे, तो उससे उपेक्षा करना और माफ़ कर देना; एक उत्तम आचरण है, जिसका अल्लाह ने ईमान वालों को आदेश दिया है, यदि उन्हें उसके अच्छे परिणाम का प्रबल अनुमान है।

• وجوب اتباع الشرع والبعد عن اتباع أهواء البشر.
• शरीयत का पालन करना तथा मानवीय इच्छाओं का पालन करने से दूर रहना आवश्यक है।

• كما لا يستوي المؤمنون والكافرون في الصفات، فلا يستوون في الجزاء.
• जिस तरह मोमिन और काफ़िर गुणों में समान नहीं हैं, उसी तरह वे प्रतिफल में भी समान नहीं हैं।

• خلق الله السماوات والأرض وفق حكمة بالغة يجهلها الماديون الملحدون.
• अल्लाह ने आकाशों तथा धरती को व्यापक हिकमत के अनुसार पैदा किया है, जिससे नास्तिक भौतिकवादी अनभिज्ञ हैं।

اَفَرَءَیْتَ مَنِ اتَّخَذَ اِلٰهَهٗ هَوٰىهُ وَاَضَلَّهُ اللّٰهُ عَلٰی عِلْمٍ وَّخَتَمَ عَلٰی سَمْعِهٖ وَقَلْبِهٖ وَجَعَلَ عَلٰی بَصَرِهٖ غِشٰوَةً ؕ— فَمَنْ یَّهْدِیْهِ مِنْ بَعْدِ اللّٰهِ ؕ— اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप उस व्यक्ति को देखें, जो अपनी इच्छाओं के पीछे चलता है और उसे अपने पूज्य के समान बना रखा है, जिसका वह विरोध नहीं करता। अल्लाह ने उसे उसके जानने-समझने के उपरांत भी पथभ्रष्ट कर दिया है; क्योंकि वह पथभ्रष्ट किए जाने ही का पत्र है। तथा उसके दिल पर ठप्पा लगा दिया है, इसलिए वह उस तरह नहीं सुनता, जिससे उसे लाभ प्राप्त हो, तथा उसकी आँख पर पर्दा डाल दिया है, जो उसे सत्य को देखने से रोकता है। तो फिर अल्लाह के उसे पथभ्रष्ट कर देने के बाद कौन उसे सत्य की तौफ़ीक़ दे सकता है?! क्या तुम इच्छाओं के पीछे चलने के नुकसान और अल्लाह की शरीयत का पालन करने के लाभ को याद नहीं करते?!
عربي تفسیرونه:
وَقَالُوْا مَا هِیَ اِلَّا حَیَاتُنَا الدُّنْیَا نَمُوْتُ وَنَحْیَا وَمَا یُهْلِكُنَاۤ اِلَّا الدَّهْرُ ۚ— وَمَا لَهُمْ بِذٰلِكَ مِنْ عِلْمٍ ۚ— اِنْ هُمْ اِلَّا یَظُنُّوْنَ ۟
मरणोपरांत पुनर्जीवित किए जाने का इनकार करने वाले काफ़िरों ने कहा : जीवन तो केवल यही हमारा सांसारिक जीवन है, इसके बाद कोई जीवन नहीं है। कुछ पीढ़ियाँ मर जाती हैं, फिर वे वापस नहीं लौटती हैं और कुछ दूसरी पीढ़ियाँ जीवित होती हैं। तथा हमारी मृत्यु का एकमात्र कारण रात और दिन का आना-जाना (कालचक्र) है। वास्तव में, उनके पास दोबारा जीवित होकर उठने के इनकार का कोई ज्ञान नहीं है। वे केवल अनुमान से काम ले रहे हैं और निश्चित रूप से, अनुमान का सत्य के सामने कोई लाभ नहीं है।
عربي تفسیرونه:
وَاِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِمْ اٰیٰتُنَا بَیِّنٰتٍ مَّا كَانَ حُجَّتَهُمْ اِلَّاۤ اَنْ قَالُوا ائْتُوْا بِاٰبَآىِٕنَاۤ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
और जब मरणोपरांत पुनर्जीवित करके उठाए जाने का इनकार करने वाले मश्रिकों के सामने हमारी स्पष्ट आयतें पढ़ी जाती हैं, तो उनके पास रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और आपके साथियों से यह कहने के अलावा कोई तर्क नहीं होता कि : हमारे उन बाप-दादाओं को जीवित करके दिखाओ, जिनकी मृत्यु हो चुकी, यदि तुम अपने इस दावे में सच्चे हो कि हम अपनी मृत्यु के बाद फिर से जीवित करके उठाए जाएँगे।
عربي تفسیرونه:
قُلِ اللّٰهُ یُحْیِیْكُمْ ثُمَّ یُمِیْتُكُمْ ثُمَّ یَجْمَعُكُمْ اِلٰی یَوْمِ الْقِیٰمَةِ لَا رَیْبَ فِیْهِ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟۠
(ऐ रसूल!) आप उनसे कह दें : अल्लाह ही तुम्हारी रचना करके तुम्हें जीवन प्रदान करता है, फिर वही तुम्हें मृत्यु देता है, फिर वही तुम्हारी मृत्य के पश्चात, तुम्हें क़ियामत के दिन हिसाब और बदले के लिए इकट्ठा करेगा। वह ऐसा दिन है, जिसके आने में कोई संदेह नहीं है, लेकिन अधिकांश लोग नहीं जानते; इसलिए, वे अच्छे कर्मों के साथ इसकी तैयारी नहीं करते हैं।
عربي تفسیرونه:
وَلِلّٰهِ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَیَوْمَ تَقُوْمُ السَّاعَةُ یَوْمَىِٕذٍ یَّخْسَرُ الْمُبْطِلُوْنَ ۟
आकाशों तथा धरती का साम्राज्य अल्लाह ही के हाथ में है। इसलिए, वास्तव में उन दोनों में उसके सिवा किसी अन्य की पूजा नहीं की जाएगी। तथा जिस दिन क़ियामत क़ायम होगी, जिसमें अल्लाह मृतकों को हिसाब और बदले के लिए पुनर्जीवित करके उठाएगा, तो झूठे लोग, जो अल्लाह के अलावा अन्य की पूजा करते थे तथा सत्य को असत्य और असत्य को सत्य ठहराने का यत्न करते थे, घाटे का सामना करेंगे।
عربي تفسیرونه:
وَتَرٰی كُلَّ اُمَّةٍ جَاثِیَةً ۫ؕ— كُلُّ اُمَّةٍ تُدْعٰۤی اِلٰی كِتٰبِهَا ؕ— اَلْیَوْمَ تُجْزَوْنَ مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
तथा (ऐ रसूल!) आप उस दिन देखेंगे कि हर समुदाय अपने घुटनों पर बैठकर इंतज़ार कर रहा है कि उसके साथ क्या किया जाएगा। प्रत्येक समुदाय को उसके कर्मपत्र की ओर बुलाया जाएगा, जिसे संरक्षक-फ़रिश्तों ने लिख रखा होगा। आज (ऐ लोगो!) तुम्हें उसका बदला दिया जाएगा, जो अच्छा या बुरा कर्म तुम संसार में किया करते थे।
عربي تفسیرونه:
هٰذَا كِتٰبُنَا یَنْطِقُ عَلَیْكُمْ بِالْحَقِّ ؕ— اِنَّا كُنَّا نَسْتَنْسِخُ مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
यह हमारी पंजिका, (जिसमें हमारे फ़रिश्ते तुम्हारे कामों को लिखते थे) तुम्हारे विरुद्ध सत्य के साथ साक्ष्य दे रही है। इसलिए इसे पढ़ो। निश्चय हम संरक्षक-फ़रिश्तों को, जो कुछ तुम दुनिया में कर रहे थे, उसे लिखने का आदेश दे रहे थे।
عربي تفسیرونه:
فَاَمَّا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ فَیُدْخِلُهُمْ رَبُّهُمْ فِیْ رَحْمَتِهٖ ؕ— ذٰلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْمُبِیْنُ ۟
अतः जो लोग ईमान लाए और अच्छे कर्म किए, तो उनका महिमावान पालनहार उन्हें अपनी दया से अपनी जन्नत में दाख़िल करेगा। अल्लाह ने उन्हें जो प्रतिफल दिया है, वही वह स्पष्ट सफलता है, जिसकी बराबरी कोई अन्य सफलता नहीं कर सकती।
عربي تفسیرونه:
وَاَمَّا الَّذِیْنَ كَفَرُوْا ۫— اَفَلَمْ تَكُنْ اٰیٰتِیْ تُتْلٰی عَلَیْكُمْ فَاسْتَكْبَرْتُمْ وَكُنْتُمْ قَوْمًا مُّجْرِمِیْنَ ۟
और रहे वे लोग जिन्होंने अल्लाह के साथ कुफ़्र किया, तो उन्हें फटकार लगाते हुए कहा जाएगा : क्या तुम्हें मेरी आयतें पढ़कर नहीं सुनाई जाती थीं, पर तुमने उनपर ईमान लाने से अहंकार किया, तथा तुम अपराधी लोग थे, कुफ़्र और गुनाहों में पड़े रहते थे?!
عربي تفسیرونه:
وَاِذَا قِیْلَ اِنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّ وَّالسَّاعَةُ لَا رَیْبَ فِیْهَا قُلْتُمْ مَّا نَدْرِیْ مَا السَّاعَةُ ۙ— اِنْ نَّظُنُّ اِلَّا ظَنًّا وَّمَا نَحْنُ بِمُسْتَیْقِنِیْنَ ۟
और जब तुमसे कहा जाता था कि : निःसंदेह अल्लाह का वादा - जो उसने अपने बंदों से वादा किया है कि वह उन्हें दोबारा जीवित करके उठाएगा और उन्हें बदला देगा - सच्चा है, जिसमें कोई संदेह नहीं है, तथा क़ियामत सत्य है, उसके बारे में कोई संदेह नहीं है, इसलिए तुम उसके लिए कार्य करो, तो तुम कहते थे : हम नहीं जानते कि यह क़ियामत क्या है। हमें केवल एक भ्रम-सा है कि वह आने वाली है, लेकिन हमें उसके आने पर पूर्ण विश्वास नहीं है।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• اتباع الهوى يهلك صاحبه، ويحجب عنه أسباب التوفيق.
• इच्छाओं का पालन करना मनुष्य का विनाश कर देता है, तथा सफलता के कारणों को उससे रोक देता है।

• هول يوم القيامة.
• क़ियामत के दिन की भयावहता।

• الظن لا يغني من الحق شيئًا، خاصةً في مجال الاعتقاد.
• अनुमान सत्य के मुक़ाबले में कोई लाभ नहीं देता, विशेष रूप से अक़ीदा (विश्वास) के क्षेत्र में।

وَبَدَا لَهُمْ سَیِّاٰتُ مَا عَمِلُوْا وَحَاقَ بِهِمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟
और दुनिया में उनके किए हुए कुफ़्र और पापों की बुराइयाँ उनके सामने प्रकट हो जाएँगी, और उनपर वह यातना उतर पड़ेगी, जिससे सावधान किए जाने पर वे उसका मज़ाक उड़ाया करते थे।
عربي تفسیرونه:
وَقِیْلَ الْیَوْمَ نَنْسٰىكُمْ كَمَا نَسِیْتُمْ لِقَآءَ یَوْمِكُمْ هٰذَا وَمَاْوٰىكُمُ النَّارُ وَمَا لَكُمْ مِّنْ نّٰصِرِیْنَ ۟
और अल्लाह उनसे कहेगा : आज हम तुम्हें आग में छोड़ देंगे, जैसे तुम अपने इस दिन के मिलने को भुला बैठे थे। इसलिए तुमने इसके लिए ईमान और अच्छे कर्मों के द्वारा तैयारी नहीं की। तथा तुम्हारा ठिकाना जहाँ तुम्हें जाना है, जहन्नम है। और तुम्हारे कोई सहायक नहीं हैं, जो तुमसे अल्लाह के अज़ाब को दूर कर सकें।
عربي تفسیرونه:
ذٰلِكُمْ بِاَنَّكُمُ اتَّخَذْتُمْ اٰیٰتِ اللّٰهِ هُزُوًا وَّغَرَّتْكُمُ الْحَیٰوةُ الدُّنْیَا ۚ— فَالْیَوْمَ لَا یُخْرَجُوْنَ مِنْهَا وَلَا هُمْ یُسْتَعْتَبُوْنَ ۟
यह अज़ाब जिससे तुम पीड़ित किए गए हो, इस कारण है कि तुमने अल्लाह की आयतों का मज़ाक़ बनाकर उनकी हँसी उड़ाई थी और दुनिया के जीवन ने अपने सुखों और इच्छाओं के साथ तुम्हें धोखे में डाल रखा था। अतः आज ये अल्लाह की आयतों का मज़ाक़ उड़ाने वाले काफ़िर जहन्नम से नहीं निकाले जाएँगे। बल्कि हमेशा के लिए उसी में पड़े रहेंगे। तथा ये दुनिया के जीवन की ओर भी नहीं लौटाए जाएँगे कि अच्छे कार्य करके आएँ, और इनका पालनहार इनसे प्रसन्न नहीं होगा।
عربي تفسیرونه:
فَلِلّٰهِ الْحَمْدُ رَبِّ السَّمٰوٰتِ وَرَبِّ الْاَرْضِ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
अतः केवल अल्लाह ही के लिए सारी प्रशंसा है, जो आकाशों का रब और धरती का रब और सभी प्राणियों का रब है।
عربي تفسیرونه:
وَلَهُ الْكِبْرِیَآءُ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَهُوَ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟۠
और उसी की महिमा और प्रताप है आकाशों और धरती में। और वह प्रभुत्वशाली है, जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता। वह अपनी रचना, तक़दीर (नियति), प्रबंधन और शरीयत में हिकमत वाला है।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• الاستهزاء بآيات الله كفر.
• अल्लाह की आयतों का मज़ाक़ उड़ाना कुफ़्र है।

• خطر الاغترار بلذات الدنيا وشهواتها.
• सांसारिक सुखों और वासनाओं के धोखे में आने का खतरा।

• ثبوت صفة الكبرياء لله تعالى.
• अल्लाह के लिए 'किब्रिया' (महिमा) की विशेषता का प्रमाण।

• إجابة الدعاء من أظهر أدلة وجود الله سبحانه وتعالى واستحقاقه العبادة.
• प्रार्थना स्वीकार करना सर्वशक्तिमान अल्लाह के अस्तित्व और उसके उपासना के योग्य होने के सबसे स्पष्ट प्रमाणों में से एक है।

 
د معناګانو ژباړه سورت: الجاثية
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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - د ژباړو فهرست (لړلیک)

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

بندول