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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: اعراف   آیت:
وَاذْكُرُوْۤا اِذْ جَعَلَكُمْ خُلَفَآءَ مِنْ بَعْدِ عَادٍ وَّبَوَّاَكُمْ فِی الْاَرْضِ تَتَّخِذُوْنَ مِنْ سُهُوْلِهَا قُصُوْرًا وَّتَنْحِتُوْنَ الْجِبَالَ بُیُوْتًا ۚ— فَاذْكُرُوْۤا اٰلَآءَ اللّٰهِ وَلَا تَعْثَوْا فِی الْاَرْضِ مُفْسِدِیْنَ ۟
अपने ऊपर अल्लाह की नेमत को याद करो, जब उसने तुम्हें 'आद' जाति का उत्तराधिकारी बनाया और तुम्हें तुम्हारी भूमि में उतारा, जिससे तुम लाभान्वित होते हो और अपने उद्देश्यों को प्राप्त करते हो। ऐसा आद जाति को विनाश करने के बाद हुआ, जब वे अपने कुफ़्र तथा झुठलाने में चरम पर पहुँच गए। तुम पृथ्वी के मैदानों में महलों का निर्माण करते हो और पहाड़ों को तराश कर अपने लिए घर बनाते हो। सो अपने ऊपर अल्लाह की इन नेमतों को याद करो, ताकि उनपर अल्लाह का शुक्रिया अदा कर सको। तथा अल्लाह पर अविश्वास और पापों को त्यागकर, धरती में बिगाड़ फैलाना छोड़ दो।
عربي تفسیرونه:
قَالَ الْمَلَاُ الَّذِیْنَ اسْتَكْبَرُوْا مِنْ قَوْمِهٖ لِلَّذِیْنَ اسْتُضْعِفُوْا لِمَنْ اٰمَنَ مِنْهُمْ اَتَعْلَمُوْنَ اَنَّ صٰلِحًا مُّرْسَلٌ مِّنْ رَّبِّهٖ ؕ— قَالُوْۤا اِنَّا بِمَاۤ اُرْسِلَ بِهٖ مُؤْمِنُوْنَ ۟
उनकी जाति के घमंडी प्रमुखों और सरदारों ने उनकी जाति के मोमिनों से कहा, जिन्हें वे कमज़ोर समझते थे : क्या (ऐ ईमान वालो!) तुम जानते हो कि सालेह सच में अल्लाह का रसूल है? मोमिनों ने उन्हें उत्तर दिया : निःसंदेह सालेह - अलैहिस्सलाम - को जो कुछ देकर हमारी ओर भेजा गया है, हम उसकी पुष्टि करते, स्वीकारते और अनुसरण करते हैं तथा उनकी लाई हुई शरीयत के अनुसार कार्य करने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
قَالَ الَّذِیْنَ اسْتَكْبَرُوْۤا اِنَّا بِالَّذِیْۤ اٰمَنْتُمْ بِهٖ كٰفِرُوْنَ ۟
उनकी जाति के अभिमानी लोगों ने कहा : निःसंदेह हम उसका इनकार करने वाले हैं, जिसपर (ऐ मोमिनो!) तुम ईमान लाए हो। अतः हम उसपर ईमान नहीं लाएँगे और उसकी शरीयत के अनुसार कार्य नहीं करेंगे।
عربي تفسیرونه:
فَعَقَرُوا النَّاقَةَ وَعَتَوْا عَنْ اَمْرِ رَبِّهِمْ وَقَالُوْا یٰصٰلِحُ ائْتِنَا بِمَا تَعِدُنَاۤ اِنْ كُنْتَ مِنَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟
फिर उन्होंने अहंकार में आकर अल्लाह के आदेश की अवहेलना करते हुए, उस ऊँटनी का वध कर दिया, जिसे सालेह अलैहिस्सलाम ने कोई नुक़सान पहुँचाने से उन्हें मना किया था। तथा सालेह अलैहिस्सलाम ने उन्हें जिस चीज़ की धमकी दी थी, उसका मज़ाक़ उड़ाते हुए और उसे खारिज करते हुए उन्होंने कहा : ऐ सालेह! यदि तू वास्तव में अल्लाह के रसूलों में से है, तो वह दर्दनाक यातना हमपर ले आ, जिसकी तूने हमें धमकी दी थी।
عربي تفسیرونه:
فَاَخَذَتْهُمُ الرَّجْفَةُ فَاَصْبَحُوْا فِیْ دَارِهِمْ جٰثِمِیْنَ ۟
अतः काफ़िरों पर वह यातना आ गई, जिसके लिए उन्होंने जल्दी मचा रखी थी, जब उन्हें भयंकर भूकंप ने पकड़ लिया। फिर वे इस हाल में गिरे पड़े थे कि उनके मुँह और घुटने भूमि से चिपके हुए थे, और उनमें से कोई भी विनाश से नहीं बचा।
عربي تفسیرونه:
فَتَوَلّٰی عَنْهُمْ وَقَالَ یٰقَوْمِ لَقَدْ اَبْلَغْتُكُمْ رِسَالَةَ رَبِّیْ وَنَصَحْتُ لَكُمْ وَلٰكِنْ لَّا تُحِبُّوْنَ النّٰصِحِیْنَ ۟
सालेह - अलैहिस्सलाम - अपनी जाति के स्वीकरण से निराश होकर, उनसे मुँह फेर लिए और बोले : ऐ मेरी जाति के लोगो! निःसंदेह मैं तुम्हें वह संदेश पहुँचा चुका, जिसे अल्लाह ने मुझे तुम तक पहुँचाने का आदेश दिया था, और तुम्हें कभी प्रेरित करके और कभी भयभीत करके नसीहत की, लेकिन तुम ऐसे लोग हो कि उन नसीहत करने वालों को पसंद नहीं करते, जो तुम्हें भलाई के लिए मार्गदर्शन करने और बुराई से दूर रखने के इच्छुक हैं।
عربي تفسیرونه:
وَلُوْطًا اِذْ قَالَ لِقَوْمِهٖۤ اَتَاْتُوْنَ الْفَاحِشَةَ مَا سَبَقَكُمْ بِهَا مِنْ اَحَدٍ مِّنَ الْعٰلَمِیْنَ ۟
और लूत को याद करो, जब उन्होंने अपनी जाति की निंदा करते हुए कहा : क्या तुम पुरुषों के साथ संभोग का यह घिनौना और निंदनीय काम करते हो?! यह कार्य जो तुमने आविष्कार किया है, तुमसे पहले इसे किसी ने नहीं किया!
عربي تفسیرونه:
اِنَّكُمْ لَتَاْتُوْنَ الرِّجَالَ شَهْوَةً مِّنْ دُوْنِ النِّسَآءِ ؕ— بَلْ اَنْتُمْ قَوْمٌ مُّسْرِفُوْنَ ۟
तुम काम-वासना को पूरा करने के लिए पुरुषों के पास आते हो, उन महिलाओं को छोड़कर जिन्हें इसे पूरा करने के लिए बनाया गया है। अतः तुमने अपने इस कार्य में बुद्धि, या धर्म, या मानव प्रकृति का पालन नहीं किया। बल्कि, तुम मानव संयम की सीमा से निकलकर और स्वस्थ बुद्धि् और अच्छी प्रकृति की अपेक्षाओं से विचलित होकर, अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन करने वाले हो।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• الاستكبار يتولد غالبًا من كثرة المال والجاه، وقلة المال والجاه تحمل على الإيمان والتصديق والانقياد غالبًا.
• अहंकार अक्सर बहुत सारे धन और प्रतिष्ठा से पैदा होता है, जबकि धन और प्रतिष्ठा की कमी अक्सर ईमान, विश्वास और अधीनता की ओर ले जाती है।

• جواز البناء الرفيع كالقصور ونحوها؛ لأن من آثار النعمة: البناء الحسن مع شكر المنعم.
• ऊँचे भवनों जैसे महलों आदि की अनुमति; क्योंकि नेमत के प्रभावों में से : नेमत देने वाले के प्रति कृतज्ञता के साथ अच्छी इमारत (भी) है।

• الغالب في دعوة الأنبياء أن يبادر الضعفاء والفقراء إلى الإصغاء لكلمة الحق التي جاؤوا بها، وأما السادة والزعماء فيتمردون ويستعلون عليها.
• नबियों की दावत में अकसर यही हुआ है कि कमज़ोर और ग़रीब लोग उनके लाए हुए सत्य वचन को सुनने के लिए पहल करते हैं, जबकि सरदार और प्रमुख लोग सरकशी करते हैं और अपने आपको उससे ऊँचा समझते हैं।

• قد يعم عذاب الله المجتمع كله إذا كثر فيه الخَبَث، وعُدم فيه الإنكار.
• अल्लाह की यातना पूरे समाज में व्याप्त हो सकती है, यदि उसमें बुराई बहुत अधिक हो जाए और कोई मना करने वाला न हो।

 
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د مرکز تفسیر للدراسات القرآنیة لخوا خپور شوی.

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