د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژباړه * - د ژباړو فهرست (لړلیک)

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د معناګانو ژباړه آیت: (52) سورت: الشورى
وَكَذٰلِكَ اَوْحَیْنَاۤ اِلَیْكَ رُوْحًا مِّنْ اَمْرِنَا ؕ— مَا كُنْتَ تَدْرِیْ مَا الْكِتٰبُ وَلَا الْاِیْمَانُ وَلٰكِنْ جَعَلْنٰهُ نُوْرًا نَّهْدِیْ بِهٖ مَنْ نَّشَآءُ مِنْ عِبَادِنَا ؕ— وَاِنَّكَ لَتَهْدِیْۤ اِلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟ۙ
और इसी प्रकार हमने आपकी ओर अपने आदेश से एक रूह़ (क़ुरआन) की वह़्य की। आप नहीं जानते थे कि पुस्तक क्या है और न यह कि ईमान[35] क्या है। परंतु हमने उसे एक ऐसा प्रकाश बनाया दिया है, जिसके द्वारा हम अपने बंदों में से जिसे चाहते हैं, मार्ग दिखाते हैं। और निःसंदेह आप सीधी राह[36] की ओर मार्गदर्शन करते हैं।
35. मक्का वासियों को यह आश्चर्य था कि मनुष्य अल्लाह का नबी कैसे हो सकता है? इसपर क़ुरआन बता रहा है कि आप नबी होने से पहले न तो किसी आकाशीय पुस्तक से अवगत थे और न कभी ईमान की बात ही आपके विचार में आई। और यह दोनों बातें ऐसी थीं जिनका मक्कावासी भी इनकार नहीं कर सकते थे। और यही आपका अपढ़ होना आपके सत्य नबी होने का प्रमाण है। जिसे क़ुरआन की अनेक आयतों में वर्णन किया गया है। 36. सीधी राह से अभिप्राय सत्धर्म इस्लाम है।
عربي تفسیرونه:
 
د معناګانو ژباړه آیت: (52) سورت: الشورى
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په هندي ژبه د قرآن کریم د معناګانو ژباړه، د عزیز الحق عمري لخوا ژباړل شوی.

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