د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژباړه * - د ژباړو فهرست (لړلیک)

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د معناګانو ژباړه آیت: (27) سورت: الحديد
ثُمَّ قَفَّیْنَا عَلٰۤی اٰثَارِهِمْ بِرُسُلِنَا وَقَفَّیْنَا بِعِیْسَی ابْنِ مَرْیَمَ وَاٰتَیْنٰهُ الْاِنْجِیْلَ ۙ۬— وَجَعَلْنَا فِیْ قُلُوْبِ الَّذِیْنَ اتَّبَعُوْهُ رَاْفَةً وَّرَحْمَةً ؕ— وَرَهْبَانِیَّةَ ١بْتَدَعُوْهَا مَا كَتَبْنٰهَا عَلَیْهِمْ اِلَّا ابْتِغَآءَ رِضْوَانِ اللّٰهِ فَمَا رَعَوْهَا حَقَّ رِعَایَتِهَا ۚ— فَاٰتَیْنَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مِنْهُمْ اَجْرَهُمْ ۚ— وَكَثِیْرٌ مِّنْهُمْ فٰسِقُوْنَ ۟
फिर हमने उनके पद्चिह्नों पर निरंतर अपने रसूल भेजे। और उनके पीछे मरयम के पुत्र ईसा को भेजा, और उसे इंजील प्रदान किया, और हमने उन लोगों के दिलों में जिन्होंने उसका अनुसरण किया नर्मी और मेहरबानी रख दी। रहा संन्यास, तो उन्होंने खुद इसका आविष्कार किया, हमने उसे उनके ऊपर अनिवार्य नहीं किया[15] था, परंतु अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए (उन्होंने ऐसा किया)। फिर उन्होंने उसका पूर्ण रूप से पालन नहीं किया। फिर हमने उनमें से जो लोग ईमान लाए उन्हें उनका बदला प्रदान कर दिया और उनमें से बहुत-से लोग अवज्ञाकारी हैं।
15. संसार त्याग अर्थात संन्यास के विषय में यह बताया गया है कि अल्लाह ने उन्हें इसका आदेश नहीं दिया। उन्होंने अल्लाह की प्रसन्नता के लिए स्वयं इसे अपने ऊपर अनिवार्य कर लिया। फिर भी इसे निभा नहीं सके। इसमें यह संकेत है कि योग तथा संन्यास का धर्म में कभी कोई आदेश नहीं दिया गया है। इस्लाम में भी शरीअत के स्थान पर तरीक़त बनाकर नई बातें बनाई गईं। और सत्धर्म का रूप बदल दिया गया। ह़दीस में है कि कोई हमारे धर्म में नई बात निकाले जो उसमें नहीं है, तो वह मान्य नहीं। (सह़ीह़ बुख़ारी : 2697, सह़ीह़ मुस्लिम : 1718)
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د معناګانو ژباړه آیت: (27) سورت: الحديد
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په هندي ژبه د قرآن کریم د معناګانو ژباړه، د عزیز الحق عمري لخوا ژباړل شوی.

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