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د معناګانو ژباړه سورت: الحاقة   آیت:

सूरा अल्-ह़ाक़्क़ा

اَلْحَآقَّةُ ۟ۙ
होकर रहने वाली।
عربي تفسیرونه:
مَا الْحَآقَّةُ ۟ۚ
क्या है वह होकर रहने वाली?
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَدْرٰىكَ مَا الْحَآقَّةُ ۟ؕ
और आपको किस चीज़ ने अवगत कराया कि होकर रहने वाली क्या है?
عربي تفسیرونه:
كَذَّبَتْ ثَمُوْدُ وَعَادٌ بِالْقَارِعَةِ ۟
समूद तथा आद (जातियों) ने खड़खड़ाने वाली (क़ियामत) को झुठला दिया।
عربي تفسیرونه:
فَاَمَّا ثَمُوْدُ فَاُهْلِكُوْا بِالطَّاغِیَةِ ۟
फिर जो समूद थे, वे हद से बढ़ी हुई (तेज़) आवाज़ से विनष्ट कर दिए गए।
عربي تفسیرونه:
وَاَمَّا عَادٌ فَاُهْلِكُوْا بِرِیْحٍ صَرْصَرٍ عَاتِیَةٍ ۟ۙ
और रही बात आद की, तो वे बड़ी ठंडी और प्रचंड आँधी से नष्ट कर दिए गए।
عربي تفسیرونه:
سَخَّرَهَا عَلَیْهِمْ سَبْعَ لَیَالٍ وَّثَمٰنِیَةَ اَیَّامٍ ۙ— حُسُوْمًا فَتَرَی الْقَوْمَ فِیْهَا صَرْعٰی ۙ— كَاَنَّهُمْ اَعْجَازُ نَخْلٍ خَاوِیَةٍ ۟ۚ
अल्लाह ने उसे उनपर सात रातें और आठ दिन निरंतर चलाए रखा, तो आप उस जाति के लोगों को उसमें इस तरह गिरे हुए देखते, जैसे वे गिरी हुई खजूरों के खोखले तने हों।[1]
1. उनके भारी और लंबे होने की उपमा खजूर के तने से दी गई है।
عربي تفسیرونه:
فَهَلْ تَرٰی لَهُمْ مِّنْ بَاقِیَةٍ ۟
तो क्या आप उनका कोई भी बाक़ी रहने वाला देखते हैं?
عربي تفسیرونه:
وَجَآءَ فِرْعَوْنُ وَمَنْ قَبْلَهٗ وَالْمُؤْتَفِكٰتُ بِالْخَاطِئَةِ ۟ۚ
और फ़िरऔन ने तथा उससे पहले के लोगों ने एवं उलट जाने वाली बस्तियों ने पाप किया।
عربي تفسیرونه:
فَعَصَوْا رَسُوْلَ رَبِّهِمْ فَاَخَذَهُمْ اَخْذَةً رَّابِیَةً ۟
उन्होंने अपने पालनहार के रसूल की अवज्ञा की। तो अल्लाह ने उन्हें बड़ी कठोर पकड़ में ले लिया।
عربي تفسیرونه:
اِنَّا لَمَّا طَغَا الْمَآءُ حَمَلْنٰكُمْ فِی الْجَارِیَةِ ۟ۙ
निःसंदेह हमने ही, जब पानी सीमा पार कर गया, तुम्हें नाव[2] में सवार किया।
2. इसमें नूह़ (अलैहिस्सलाम) के तूफ़ान की ओर संकेत है। और सभी मनुष्य उनकी संतान हैं, इस लिए यह दया सब पर हुई है।
عربي تفسیرونه:
لِنَجْعَلَهَا لَكُمْ تَذْكِرَةً وَّتَعِیَهَاۤ اُذُنٌ وَّاعِیَةٌ ۟
ताकि हम उसे तुम्हारे लिए एक (शिक्षाप्रद) यादगार बना दें और (ताकि) याद रखने वाले कान उसे याद रखें।
عربي تفسیرونه:
فَاِذَا نُفِخَ فِی الصُّوْرِ نَفْخَةٌ وَّاحِدَةٌ ۟ۙ
फिर जब सूर (नरसिंघा) में एक फूँक मारी जाएगी।
عربي تفسیرونه:
وَّحُمِلَتِ الْاَرْضُ وَالْجِبَالُ فَدُكَّتَا دَكَّةً وَّاحِدَةً ۟ۙ
और धरती तथा पर्वतों को उठाया जाएगा और दोनों को एक ही बार में चूर्ण-विचूर्ण कर दिया जाएगा।[3]
3. दोखिए : सूरत ताहा, आयत : 20, आयत : 103, 108.
عربي تفسیرونه:
فَیَوْمَىِٕذٍ وَّقَعَتِ الْوَاقِعَةُ ۟ۙ
तो उस दिन घटित होने वाली घटित हो जाएगी।
عربي تفسیرونه:
وَانْشَقَّتِ السَّمَآءُ فَهِیَ یَوْمَىِٕذٍ وَّاهِیَةٌ ۟ۙ
तथा आकाश फट जाएगा, तो उस दिन वह कमज़ोर होगा।
عربي تفسیرونه:
وَّالْمَلَكُ عَلٰۤی اَرْجَآىِٕهَا ؕ— وَیَحْمِلُ عَرْشَ رَبِّكَ فَوْقَهُمْ یَوْمَىِٕذٍ ثَمٰنِیَةٌ ۟ؕ
और फ़रिश्ते उसके किनारों पर होंगे तथा उस दिन आपके पालनहार का अर्श (सिंहासन) आठ फ़रिश्ते अपने ऊपर उठाए हुए होंगे।
عربي تفسیرونه:
یَوْمَىِٕذٍ تُعْرَضُوْنَ لَا تَخْفٰی مِنْكُمْ خَافِیَةٌ ۟
उस दिन तुम (अल्लाह के सामने) पेश किए जाओगे। तुम्हारी कोई छिपी हुई बात छिपी नहीं रहेगी।
عربي تفسیرونه:
فَاَمَّا مَنْ اُوْتِیَ كِتٰبَهٗ بِیَمِیْنِهٖ فَیَقُوْلُ هَآؤُمُ اقْرَءُوْا كِتٰبِیَهْ ۟ۚ
फिर जिसे उसका कर्म-पत्र उसके दाएँ हाथ में दिया गिया, तो वह कहेगा : यह लो, मेरा कर्म-पत्र पढ़ो।
عربي تفسیرونه:
اِنِّیْ ظَنَنْتُ اَنِّیْ مُلٰقٍ حِسَابِیَهْ ۟ۚ
मुझे विश्वास था कि मैं अपने हिसाब से मिलने वाला हूँ।
عربي تفسیرونه:
فَهُوَ فِیْ عِیْشَةٍ رَّاضِیَةٍ ۟ۙ
चुनाँचे वह आनंदपूर्ण जीवन में होगा।
عربي تفسیرونه:
فِیْ جَنَّةٍ عَالِیَةٍ ۟ۙ
एक ऊँची जन्नत में।
عربي تفسیرونه:
قُطُوْفُهَا دَانِیَةٌ ۟
जिसके फल निकट होंगे।
عربي تفسیرونه:
كُلُوْا وَاشْرَبُوْا هَنِیْٓـًٔا بِمَاۤ اَسْلَفْتُمْ فِی الْاَیَّامِ الْخَالِیَةِ ۟
(उनसे कहा जायेगा :) आनंदपूर्वक खाओ और पियो, उसके बदले जो तुमने बीते दिनों में आगे भेजे।
عربي تفسیرونه:
وَاَمَّا مَنْ اُوْتِیَ كِتٰبَهٗ بِشِمَالِهٖ ۙ۬— فَیَقُوْلُ یٰلَیْتَنِیْ لَمْ اُوْتَ كِتٰبِیَهْ ۟ۚ
और लेकिन जिसे उसका कर्म-पत्र उसके बाएँ हाथ में दिया गया, तो वह कहेगा : ऐ काश! मुझे मेरा कर्म-पत्र न दिया जाता।
عربي تفسیرونه:
وَلَمْ اَدْرِ مَا حِسَابِیَهْ ۟ۚ
तथा मैं न जानता कि मेरा हिसाब क्या है!
عربي تفسیرونه:
یٰلَیْتَهَا كَانَتِ الْقَاضِیَةَ ۟ۚ
ऐ काश! वह (मृत्यु) काम तमाम कर देने वाली[4] होती।
4. अर्थात उसके पश्चात् मैं फिर जीवित न किया जाता।
عربي تفسیرونه:
مَاۤ اَغْنٰی عَنِّیْ مَالِیَهْ ۟ۚ
मेरा धन मेरे किसी काम न आया।
عربي تفسیرونه:
هَلَكَ عَنِّیْ سُلْطٰنِیَهْ ۟ۚ
मेरी सत्ता[5] मुझसे जाती रही।
5. इसका दूसरा अर्थ यह भी हो सकता है कि परलोक के इनकार पर जितने तर्क दिया करता था आज सब निष्फल हो गए।
عربي تفسیرونه:
خُذُوْهُ فَغُلُّوْهُ ۟ۙ
(आदेश होगा :) उसे पकड़ो और उसके गले में तौक़ डाल दो।
عربي تفسیرونه:
ثُمَّ الْجَحِیْمَ صَلُّوْهُ ۟ۙ
फिर उसे भड़कती हुई आग में झोंक दो।
عربي تفسیرونه:
ثُمَّ فِیْ سِلْسِلَةٍ ذَرْعُهَا سَبْعُوْنَ ذِرَاعًا فَاسْلُكُوْهُ ۟ؕ
फिर एक ज़ंजीर में, जिसकी लंबाई सत्तर गज़ है, उसे जकड़ दो।
عربي تفسیرونه:
اِنَّهٗ كَانَ لَا یُؤْمِنُ بِاللّٰهِ الْعَظِیْمِ ۟ۙ
निःसंदेह वह सबसे महान अल्लाह पर ईमान नहीं रखता था।
عربي تفسیرونه:
وَلَا یَحُضُّ عَلٰی طَعَامِ الْمِسْكِیْنِ ۟ؕ
तथा ग़रीब को खाना खिलाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करता था।
عربي تفسیرونه:
فَلَیْسَ لَهُ الْیَوْمَ هٰهُنَا حَمِیْمٌ ۟ۙ
अतः आज यहाँ उसका कोई मित्र नहीं है।
عربي تفسیرونه:
وَّلَا طَعَامٌ اِلَّا مِنْ غِسْلِیْنٍ ۟ۙ
और न पीप के सिवा कोई भोजन है।
عربي تفسیرونه:
لَّا یَاْكُلُهٗۤ اِلَّا الْخَاطِـُٔوْنَ ۟۠
जिसे पापियों के अलावा कोई नहीं खाता।
عربي تفسیرونه:
فَلَاۤ اُقْسِمُ بِمَا تُبْصِرُوْنَ ۟ۙ
मैं उन चीज़ों की क़सम खता हूँ, जिन्हें तुम देखते हो।
عربي تفسیرونه:
وَمَا لَا تُبْصِرُوْنَ ۟ۙ
तथा उनकी जिन्हें तुम नहीं देखते हो।
عربي تفسیرونه:
اِنَّهٗ لَقَوْلُ رَسُوْلٍ كَرِیْمٍ ۟ۚۙ
निःसंदेह यह (क़ुरआन) एक सम्मानित रसूल[6] का कथन है।
6. यहाँ सम्मानित रसूल से अभिप्राय मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) हैं। तथा सूरत अत्-तक्वीर आयत : 19 में फ़रिश्ते जिबरील (अलैहिस्सलाम) जो वह़्यी लाते थे वह अभिप्राय हैं। यहाँ क़ुरआन को आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का कथन इस अर्थ में कहा गया है कि लोग उसे आपसे सुन रहे थे। और इसी प्रकार आप जिबरील (अलैहिस्सलाम) से सुन रहे थे। अन्यथा, वास्तव में, क़ुरआन अल्लाह का कथन है, जैसा कि आगामी आयत : 43 में आ रहा है।
عربي تفسیرونه:
وَّمَا هُوَ بِقَوْلِ شَاعِرٍ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تُؤْمِنُوْنَ ۟ۙ
और यह किसी कवि की वाणी नहीं है। तुम बहुत कम ईमान लाते हो।
عربي تفسیرونه:
وَلَا بِقَوْلِ كَاهِنٍ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تَذَكَّرُوْنَ ۟ؕ
और न किसी काहिन की वाणी है, तुम बहुत कम शिक्षा ग्रहण करते हो।
عربي تفسیرونه:
تَنْزِیْلٌ مِّنْ رَّبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
(यह) सर्व संसार के पालनहार की ओर से उतारा हुआ है।
عربي تفسیرونه:
وَلَوْ تَقَوَّلَ عَلَیْنَا بَعْضَ الْاَقَاوِیْلِ ۟ۙ
और यदि वह (नबी) हमपर कोई बात बनाकर[7] लगाता।
7. इस आयत का भावार्थ यह कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को अपनी ओर से वह़्य (प्रकाशना) में कुछ अधिक या कम करने का अधिकार नहीं है। यदि वह ऐसा करेंगे, तो उन्हें कड़ी यातना दी जाएगी।
عربي تفسیرونه:
لَاَخَذْنَا مِنْهُ بِالْیَمِیْنِ ۟ۙ
तो निश्चय हम उसे दाएँ हाथ से पकते।
عربي تفسیرونه:
ثُمَّ لَقَطَعْنَا مِنْهُ الْوَتِیْنَ ۟ؗۖ
फिर अवश्य हम उसके जीवन की धमनी काट देते।
عربي تفسیرونه:
فَمَا مِنْكُمْ مِّنْ اَحَدٍ عَنْهُ حٰجِزِیْنَ ۟
फिर तुममें से कोई भी हमें उससे रोकने वाला न होता।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّهٗ لَتَذْكِرَةٌ لِّلْمُتَّقِیْنَ ۟
निःसंदेह यह (क़ुरआन) डरने वालों के लिए एक उपदेश है।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّا لَنَعْلَمُ اَنَّ مِنْكُمْ مُّكَذِّبِیْنَ ۟
तथा निःसंदेह हम निश्चित रूप से जानते हैं कि बेशक तुममें से कुछ झुठलाने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّهٗ لَحَسْرَةٌ عَلَی الْكٰفِرِیْنَ ۟
और निःसंदेह वह निश्चित रूप से काफ़िरों[8] के लिए पछतावे का कारण है।
8. अर्थात जो क़ुरआन को नहीं मानते, वे अंततः पछताएँगे।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّهٗ لَحَقُّ الْیَقِیْنِ ۟
और निःसंदेह वह निश्चय विश्वसनीय सत्य है।
عربي تفسیرونه:
فَسَبِّحْ بِاسْمِ رَبِّكَ الْعَظِیْمِ ۟۠
अतः आप अपने महान पालनहार के नाम की पवित्रता का वर्णन करें।
عربي تفسیرونه:
 
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په هندي ژبه د قرآن کریم د معناګانو ژباړه، د عزیز الحق عمري لخوا ژباړل شوی.

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