Tradução dos significados do Nobre Qur’an. - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Índice de tradução


Tradução dos significados Versículo: (13) Surah: Suratu Al-Hijr
لَا یُؤْمِنُوْنَ بِهٖ وَقَدْ خَلَتْ سُنَّةُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
ये लोग मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर अवतरित इस क़ुरआन पर ईमान नहीं लाएँगे। और अल्लाह की यह परंपरा रही है कि वह अपने रसूलों के लाए हुए संदेश को झुठलाने वालों को विनष्ट कर देता है। इसलिए आपको झुठलाने वाले लोगों को इससे सीख लेनी चाहिए।
Os Tafssir em língua árabe:
Das notas do versículo nesta página:
• القرآن الكريم جامع بين صفة الكمال في كل شيء، والوضوح والبيان.
• पवित्र क़ुरआन हर चीज़ में पूर्णता के गुण और स्पष्टता से सुसज्जित है।

• يهتم الكفار عادة بالماديات، فتراهم مُنْغَمِسين في الشهوات والأهواء، مغترين بالأماني الزائفة، منشغلين بالدنيا عن الآخرة.
• काफ़िर लोग आमतौर पर भौतिक चीज़ों पर ध्यान आकर्षित करते हैं। यही कारण है कि आप उन्हें इच्छाओं और वासनाओं में डूबे हुए, झूठी आकांक्षाओं के धोखे में पड़े हुए और आख़िरत से उपेक्षा कर दुनिया में व्यस्त देखेंगे।

• هلاك الأمم مُقَدَّر بتاريخ معين، ومقرر في أجل محدد، لا تأخير فيه ولا تقديم، وإن الله لا يَعْجَلُ لعجلة أحد.
• समुदायों के विनाश की एक नियत तिथि निर्धारित होती और एक निश्चित समय तय होता है, जो आगे-पीछे नहीं हो सकता। तथा अल्लाह किसी के जल्दी मचाने के कारण उसमें जल्दी नहीं करता।

• تكفل الله تعالى بحفظ القرآن الكريم من التغيير والتبديل، والزيادة والنقص، إلى يوم القيامة.
• अल्लाह सर्वशक्तिमान ने क़ियामत के दिन तक पवित्र क़ुरआन को हर तरह की विकृति और परिवर्तन, वृद्धि और कमी से सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी ली है।

 
Tradução dos significados Versículo: (13) Surah: Suratu Al-Hijr
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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