Tradução dos significados do Nobre Qur’an. - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Índice de tradução


Tradução dos significados Versículo: (51) Surah: Suratu Ta-Ha
قَالَ فَمَا بَالُ الْقُرُوْنِ الْاُوْلٰی ۟
फ़िरऔन ने कहा : अच्छा, तो पिछले समुदायों का क्या हाल है, जो कुफ़्र पर थेॽ
Os Tafssir em língua árabe:
Das notas do versículo nesta página:
• كمال اعتناء الله بكليمه موسى عليه السلام والأنبياء والرسل، ولورثتهم نصيب من هذا الاعتناء على حسب أحوالهم مع الله.
• अल्लाह की अपने कलीम मूसा अलैहिस्सलाम तथा अन्य नबियों एवं रसूलों की पूर्ण देखभाल। तथा उनके उत्तराधिकारियों को भी, अल्लाह के साथ उनकी स्थितियों के अनुसार इस देखभाल का हिस्सा प्राप्त होता है।

• من الهداية العامة للمخلوقات أن تجد كل مخلوق يسعى لما خلق له من المنافع، وفي دفع المضار عن نفسه.
• सृष्टियों के सामान्य मार्गदर्शन ही का प्रतीक है कि आप हर प्राणी को उस लाभ को प्राप्त करने के लिए, जिसके लिए उसे पैदा किया गया है और ख़ुद से नुक़सान को दूर करने में प्रयासरत पाते है।

• بيان فضيلة الأمر بالمعروف والنهي عن المنكر، وأن ذلك يكون باللين من القول لمن معه القوة، وضُمِنَت له العصمة.
• भलाई का आदेश देने तथा बुराई से रोकने की फ़ज़ीलत का बयान और यह कि जिसके पास इसकी शक्ति हो और उसे सुरक्षा की गारंटी प्राप्त हो, उसे यह काम नरमी के साथ करना चाहिए।

• الله هو المختص بعلم الغيب في الماضي والحاضر والمستقبل.
• अतीत, वर्तमान और भविष्य से संबंधित परोक्ष का ज्ञान केवल अल्लाह के पास है।

 
Tradução dos significados Versículo: (51) Surah: Suratu Ta-Ha
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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