Tradução dos significados do Nobre Qur’an. - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Índice de tradução


Tradução dos significados Versículo: (72) Surah: Suratu Al-Furqan
وَالَّذِیْنَ لَا یَشْهَدُوْنَ الزُّوْرَ ۙ— وَاِذَا مَرُّوْا بِاللَّغْوِ مَرُّوْا كِرَامًا ۟
तथा जो लोग असत्य में भाग नहीं लेते; जैसे पाप और और निषिद्ध मनोरंजन के स्थानों (पर उपस्थित नहीं होते)। और जब वे बेकार की बात और काम से गुज़रते हैं, तो अपने आपको उससे बचाते हुए सज्जनतापूर्वक गुज़र जाते हैं।
Os Tafssir em língua árabe:
Das notas do versículo nesta página:
• من صفات عباد الرحمن: البعد عن الشرك، وتجنُّب قتل الأنفس بغير حق، والبعد عن الزنى، والبعد عن الباطل، والاعتبار بآيات الله، والدعاء.
• रहमान (परम दयालु अल्लाह) के बंदों के गुणों में : शिर्क से दूर रहना, किसी की अकारण हत्या से बचना, व्यभिचार से दूर रहना, असत्य से दूर रहना, अल्लाह की निशानियों से सीख ग्रहण करना तथा दुआ करना, शामिल हैं।

• التوبة النصوح تقتضي ترك المعصية وفعل الطاعة.
• सच्ची तौबा गुनाह को छोड़ने और अच्छे काम करने की अपेक्षा करती है।

• الصبر سبب في دخول الفردوس الأعلى من الجنة.
• धैर्य (सब्र) जन्नतुल फ़िरदौस में प्रवेश करने का कारण है।

• غنى الله عن إيمان الكفار.
• अल्लाह काफ़िरों के ईमान से बेपरवाह है।

 
Tradução dos significados Versículo: (72) Surah: Suratu Al-Furqan
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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