Tradução dos significados do Nobre Qur’an. - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Índice de tradução


Tradução dos significados Versículo: (1) Surah: Suratu An-Naml

सूरा अन्-नम्ल

Dos propósitos do capítulo:
الامتنان على النبي صلى الله عليه وسلم بنعمة القرآن وشكرها والصبر على تبليغه.
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर क़ुरआन की ने'मत के द्वारा उपकार जताना, और इसपर आभारी होने तथा इसके प्रसार पर धैर्य रखने की प्रेरणा देना।

طٰسٓ ۫— تِلْكَ اٰیٰتُ الْقُرْاٰنِ وَكِتَابٍ مُّبِیْنٍ ۟ۙ
(ता, सीन) सूरतुल-बक़रा की शुरुआत में इस प्रकार के अक्षरों के बारे में बात गुज़र चुकी है। आपपर उतरने वाली ये आयतें क़ुरआन तथा एक स्पष्ट और असंदिग्ध पुस्तक की आयतें हैं। जो कोई भी इस (पुस्तक) पर विचार करता है, वह जान लेता है कि यह अल्लाह की ओर से है।
Os Tafssir em língua árabe:
Das notas do versículo nesta página:
• القرآن هداية وبشرى للمؤمنين.
• क़ुरआन मोमिनों के लिए मार्गदर्शन तथा शुभ सूचना है।

• الكفر بالله سبب في اتباع الباطل من الأعمال والأقوال، والحيرة، والاضطراب.
• अल्लाह का इनकार असत्य कर्मों और वचनों का पालन करने, हैरानी और बेचैनी का कारण है।

• تأمين الله لرسله وحفظه لهم سبحانه من كل سوء.
• अल्लाह अपने रसूलों की रक्षा करता है और हर बुराई से उन्हें सुरक्षित रखता है।

 
Tradução dos significados Versículo: (1) Surah: Suratu An-Naml
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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