Tradução dos significados do Nobre Qur’an. - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Índice de tradução


Tradução dos significados Versículo: (85) Surah: Suratu An-Naml
وَوَقَعَ الْقَوْلُ عَلَیْهِمْ بِمَا ظَلَمُوْا فَهُمْ لَا یَنْطِقُوْنَ ۟
अल्लाह के इनकार तथा उसकी आयतों को झुठलाकर अत्याचार करने के कारण उनपर यातना आ पहुँचेगी। अतः वे अपने बचाव के संदर्भ में कोई बात नहीं कर सकेंगे, क्योंकि वे ऐसा करने में असमर्थ और उनके तर्क अमान्य होंगे।
Os Tafssir em língua árabe:
Das notas do versículo nesta página:
• أهمية التوكل على الله.
• अल्लाह पर भरोसा करने का महत्त्व।

• تزكية النبي صلى الله عليه وسلم بأنه على الحق الواضح.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के प्रति यह सफ़ाई कि आप स्पष्ट सत्य पर हैं।

• هداية التوفيق بيد الله، وليست بيد الرسول صلى الله عليه وسلم.
• सुपथ पर चलने का सामर्थ्य प्रदान करना अल्लाह के हाथ में है, रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के हाथ में नहीं है।

• دلالة النوم على الموت، والاستيقاظ على البعث.
• 'नींद', मौत को तथा जागना, "मौत के बाद पुनः जीवित कर उठाए जाने" को दर्शाता है।

 
Tradução dos significados Versículo: (85) Surah: Suratu An-Naml
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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