Tradução dos significados do Nobre Qur’an. - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Índice de tradução


Tradução dos significados Versículo: (24) Surah: Suratu Fussilat
فَاِنْ یَّصْبِرُوْا فَالنَّارُ مَثْوًی لَّهُمْ ؕ— وَاِنْ یَّسْتَعْتِبُوْا فَمَا هُمْ مِّنَ الْمُعْتَبِیْنَ ۟
तो यदि यह लोग, जिनके विरुद्ध उनके कानों, आँखों एवं खालों ने गवाही दी है, धैर्य रखें, तो भी उनका आवास जहन्नम है और यदि यतना से मुक्ति और अल्लाह की प्रसन्नता की प्राप्ति की दुआ करें, तो भी न उसकी प्रसन्नता प्राप्त कर सकते हैं, न जन्नत में प्रवेश कर सकते हैं।
Os Tafssir em língua árabe:
Das notas do versículo nesta página:
• سوء الظن بالله صفة من صفات الكفار.
• अल्लाह के बारे में बदगुमानी रखना, काफ़िरों की विशेषताओं में से एक विशेषता है।

• الكفر والمعاصي سبب تسليط الشياطين على الإنسان.
• कुफ़्र और पाप के कारण शैतान इनसान पर हावी हो जाता है।

• تمنّي الأتباع أن ينال متبوعوهم أشدّ العذاب يوم القيامة.
• क़ियामत के दिन अनुसरणकारी इस बात की कामना करेंगे कि उनके अगुवाओं को कठोरतम यातना दी जाए।

 
Tradução dos significados Versículo: (24) Surah: Suratu Fussilat
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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