Ibisobanuro bya qoran ntagatifu - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Ishakiro ry'ibisobanuro


Ibisobanuro by'amagambo Umurongo: (25) Isura: Al Jathiyat (Upfukamye)
وَاِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِمْ اٰیٰتُنَا بَیِّنٰتٍ مَّا كَانَ حُجَّتَهُمْ اِلَّاۤ اَنْ قَالُوا ائْتُوْا بِاٰبَآىِٕنَاۤ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
और जब मरणोपरांत पुनर्जीवित करके उठाए जाने का इनकार करने वाले मश्रिकों के सामने हमारी स्पष्ट आयतें पढ़ी जाती हैं, तो उनके पास रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और आपके साथियों से यह कहने के अलावा कोई तर्क नहीं होता कि : हमारे उन बाप-दादाओं को जीवित करके दिखाओ, जिनकी मृत्यु हो चुकी, यदि तुम अपने इस दावे में सच्चे हो कि हम अपनी मृत्यु के बाद फिर से जीवित करके उठाए जाएँगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
Inyungu dukura muri ayat kuri Uru rupapuro:
• اتباع الهوى يهلك صاحبه، ويحجب عنه أسباب التوفيق.
• इच्छाओं का पालन करना मनुष्य का विनाश कर देता है, तथा सफलता के कारणों को उससे रोक देता है।

• هول يوم القيامة.
• क़ियामत के दिन की भयावहता।

• الظن لا يغني من الحق شيئًا، خاصةً في مجال الاعتقاد.
• अनुमान सत्य के मुक़ाबले में कोई लाभ नहीं देता, विशेष रूप से अक़ीदा (विश्वास) के क्षेत्र में।

 
Ibisobanuro by'amagambo Umurongo: (25) Isura: Al Jathiyat (Upfukamye)
Urutonde rw'amasura numero y'urupapuro
 
Ibisobanuro bya qoran ntagatifu - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Ishakiro ry'ibisobanuro

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

Gufunga