Ibisobanuro bya qoran ntagatifu - Ibisobanuro mu gihindi * - Ishakiro ry'ibisobanuro

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Ibisobanuro by'amagambo Isura: Almasad (Umurunga)   Umurongo:

सूरा अल्-मसद

تَبَّتْ یَدَاۤ اَبِیْ لَهَبٍ وَّتَبَّ ۟ؕ
अबू लहब के दोनों हाथ नाश हो जाएँ! और वह (स्वयं) विनष्ट हो गया।[1]
1. अबू लहब का अर्थ शोला वाला है। वह अति सुंदर और गोरा था। उसका नाम वास्तव में 'अब्दुल उज़्ज़ा' था, अर्थात उज़्ज़ा का भक्त और दास। 'उज़्ज़ा' उनकी एक देवी का नाम था। परंतु वह अबू लहब के नाम से जाना जाता था। इसलिए क़ुरआन ने उसका यही नाम प्रयोग किया है और इसमें उसके नरक की ज्वाला में पड़ने का संकेत भी है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
مَاۤ اَغْنٰی عَنْهُ مَالُهٗ وَمَا كَسَبَ ۟ؕ
उसका धन तथा जो कुछ उसने कमाया था, उसके काम नहीं आया।
Ibisobanuro by'icyarabu:
سَیَصْلٰی نَارًا ذَاتَ لَهَبٍ ۟ۙ
जल्द ही वह लपट वाली आग में दाख़िल होगा।[2]
2. (1-2) यह आयतें उसकी इस्लाम को दबाने की योजना के विफल हो जाने की भविष्यवाणी हैं। और संसार ने देखा कि अभी इन आयतों के उतरे कुछ वर्ष ही हुए थे कि 'बद्र' की लड़ाई में मक्के के बड़े-बड़े वीर प्रमुख मारे गए। और 'अबू लहब' को इस खबर से इतना दुःख हुआ कि उसके सातवें दिन मर गया। और मरा भी ऐसे कि उसे मलगिनानत पुसतुले (प्लेग जैसा कोई रोग) की बामारी लग गई। और छूत के भय से उसे अलग फेंक दिया गया। कोई उसके पास नहीं जाता था। मृत्यु के बाद भी तीन दिन तक उसका शव पड़ा रहा। और जब उसमें गंध होने लगी, तो उसे दूर से लकड़ी से एक गढ़े में डाल दिया गया। और ऊपर से मिट्टी और पत्थर डाल दिए गए। और क़ुरआन की यह भविष्यवाणी पूरी हुई। और जैसा कि आयत संख्या 2 में कहा गया उसका धन और उसकी कमाई उसके कुछ काम नहीं आई। उसकी कमाई से उद्देश्य अधिकतर भाष्यकारों ने 'उसकी संतान' लिया है। जैसा कि सह़ीह ह़दीसों में आया है कि तुम्हारी संतान तुम्हारी उत्तम कमाई है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَّامْرَاَتُهٗ ؕ— حَمَّالَةَ الْحَطَبِ ۟ۚ
तथा उसकी पत्नी (भी जहन्नम में जाएगी), जो ईंधन उठाने वाली है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فِیْ جِیْدِهَا حَبْلٌ مِّنْ مَّسَدٍ ۟۠
उसकी गर्दन में मज़बूत बटी हुई रस्सी होगी।[3]
3. (1-5) अबू लहब की पत्नी का नाम 'अरवा' था। और उस की उपाधि (कुन्नियत) 'उम्मे जमील' थी। आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की शत्रुता में किसी प्रकार कम न थी। लकड़ी लादने का अर्थ भाष्यकारों ने अनेक किया है। परंतु इसका अर्थ उसको अपमानित करना है। या पापों का बोझ लाद रखने के अर्थ में है। वह सोने का हार पहनती थी और 'लात' तथा 'उज़्ज़ा' की शपथ ले कर - ये दोनों उनकी देवियों के नाम हैं - कहा करती थी कि मुह़म्मद के विरोध में यह मूल्यवान हार भी बेचकर खर्च कर दूँगी। अतः यह कहा गया है कि आज तो वह एक धन्यवान व्यक्ति की पत्नी है। उसके गले में बहुमूल्य हार पड़ा हुआ है, परंतु आख़िरत में वह ईंधन ढोने वाली लौंडी की तरह होगी। गले में आभूषण के बदले बटी हुई मूँज की रस्सी पड़ी होगी। जैसी रस्सी ईंधन ढोने वाली लौंडियों के गले में पड़ी होती है। और इस्लाम का यह चमत्कार ही तो है कि जिस 'अबु लहब' और उसकी पत्नी ने नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से शत्रुता की, उन्हीं की औलाद 'उत्बा', 'मुअत्तब' तथा 'दुर्रह' ने इस्लमा स्वीकार कर लिया।
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Ibisobanuro by'amagambo Isura: Almasad (Umurunga)
Urutonde rw'amasura numero y'urupapuro
 
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