Ibisobanuro bya qoran ntagatifu - Ibisobanuro mu gihindi * - Ishakiro ry'ibisobanuro

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Ibisobanuro by'amagambo Isura: Al Ankabut (Igitagangurirwa)   Umurongo:

सूरा अल्-अन्कबूत

الٓمّٓ ۟ۚ
अलिफ़, लाम, मीम।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَحَسِبَ النَّاسُ اَنْ یُّتْرَكُوْۤا اَنْ یَّقُوْلُوْۤا اٰمَنَّا وَهُمْ لَا یُفْتَنُوْنَ ۟
क्या लोगों ने यह समझ लिया है कि वे केवल यह कहने पर छोड़ दिए जाएँगे कि "हम ईमान लाए" और उनकी परीक्षा न ली जाएगी?
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَقَدْ فَتَنَّا الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ فَلَیَعْلَمَنَّ اللّٰهُ الَّذِیْنَ صَدَقُوْا وَلَیَعْلَمَنَّ الْكٰذِبِیْنَ ۟
हालाँकि निःसंदेह हमने उन लोगों की परीक्षा ली जो इनसे पहले थे। अतः अल्लाह उन लोगों को अवश्य जान लेगा जिन्होंने सच कहा, तथा वह उन लोगों को (भी) अवश्य जान लेगा जो झूठे हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَمْ حَسِبَ الَّذِیْنَ یَعْمَلُوْنَ السَّیِّاٰتِ اَنْ یَّسْبِقُوْنَا ؕ— سَآءَ مَا یَحْكُمُوْنَ ۟
या उन लोगों ने जो बुरे काम करते हैं, यह समझ लिया है कि वे हमसे बचकर निकल जाएँगे?[1] बुरा है जो वे निर्णय कर रहे हैं।
1. अर्थात हमें विवश कर देंगे और हमारे नियंत्रण में नहीं आएँगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
مَنْ كَانَ یَرْجُوْا لِقَآءَ اللّٰهِ فَاِنَّ اَجَلَ اللّٰهِ لَاٰتٍ ؕ— وَهُوَ السَّمِیْعُ الْعَلِیْمُ ۟
जो अल्लाह से मिलने[2] की आशा रखता हो, तो निःसंदेह अल्लाह का नियत समय[3] अवश्य आने वाला है। और वही सब कुछ सुनने वाला, सब कुछ जानने[4] वाला है।
2. अर्थात प्रलय के दिन। 3. अर्थात प्रलय का दिन। 4. अर्थात प्रत्येक के कथन और कर्म को उसका प्रतिकार देने के लिए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَمَنْ جٰهَدَ فَاِنَّمَا یُجَاهِدُ لِنَفْسِهٖ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ لَغَنِیٌّ عَنِ الْعٰلَمِیْنَ ۟
और जो व्यक्ति संघर्ष करता है, तो वह अपने ही लिए संघर्ष करता है। निश्चय अल्लाह सारे संसार से बड़ा बेपरवाह है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ لَنُكَفِّرَنَّ عَنْهُمْ سَیِّاٰتِهِمْ وَلَنَجْزِیَنَّهُمْ اَحْسَنَ الَّذِیْ كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
तथा जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, निश्चय हम उनसे उनकी बुराइयाँ अवश्य दूर कर देंगे तथा निश्चय उन्हें उस कार्य का उत्तम बदला अवश्य देंगे जो वे किया करते थे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَوَصَّیْنَا الْاِنْسَانَ بِوَالِدَیْهِ حُسْنًا ؕ— وَاِنْ جٰهَدٰكَ لِتُشْرِكَ بِیْ مَا لَیْسَ لَكَ بِهٖ عِلْمٌ فَلَا تُطِعْهُمَا ؕ— اِلَیَّ مَرْجِعُكُمْ فَاُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
और हमने मनुष्य को अपने माँ-बाप के साथ भलाई करने की ताकीद[5] की है और यदि वे तुझपर ज़ोर डालें कि तू मेरे साथ उस चीज़ को साझी ठहराए, जिसका तुझको कोई ज्ञान नहीं, तो उनकी बात न मान।[6] तुम्हें मेरी ओर ही लौटकर आना है। फिर मैं तुम्हें बताऊँगा जो तुम किया करते थे।
5. ह़दीस में है कि जब सा'द बिन अबी वक़्क़ास इस्लाम लाए, तो उनकी माँ ने दबाव डाला और शपथ ली कि जब तक इस्लाम न छोड़ दें, वह न उनसे बात करेगी और न खाएगी न पिएगी, इसी पर यह आयत उतरी। (सह़ीह़ मुस्लिम : 1748) 6. इस्लाम का यह नियम है, जैसा कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का कथन है कि "किसी के आदेश का पालन अल्लाह की अवज्ञा में नहीं है।" (मुसनद अह़्मद : 1/66, सिलसिला सह़ीह़ा - अल्बानी : 179)
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ لَنُدْخِلَنَّهُمْ فِی الصّٰلِحِیْنَ ۟
और जो लोग ईमान लाए तथा अच्छे कर्म किए, हम उन्हें अवश्य सदाचारियों में सम्मिलित करेंगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَمِنَ النَّاسِ مَنْ یَّقُوْلُ اٰمَنَّا بِاللّٰهِ فَاِذَاۤ اُوْذِیَ فِی اللّٰهِ جَعَلَ فِتْنَةَ النَّاسِ كَعَذَابِ اللّٰهِ ؕ— وَلَىِٕنْ جَآءَ نَصْرٌ مِّنْ رَّبِّكَ لَیَقُوْلُنَّ اِنَّا كُنَّا مَعَكُمْ ؕ— اَوَلَیْسَ اللّٰهُ بِاَعْلَمَ بِمَا فِیْ صُدُوْرِ الْعٰلَمِیْنَ ۟
और लोगों में से कुछ ऐसे हैं, जो कहते हैं : हम अल्लाह पर ईमान लाए। फिर जब अल्लाह के मामले में उसे सताया जए, तो लोगों के सताने को अल्लाह की यातना के समान समझ लेता है। और निश्चय यदि आपके पालनहार की ओर से कोई सहायता आ जाए, तो निश्चय ज़रूर कहेंगे : हम तो तुम्हारे साथ थे। और क्या अल्लाह उसे अधिक जानने वाला नहीं, जो सारे संसार के दिलों में है?
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَیَعْلَمَنَّ اللّٰهُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَلَیَعْلَمَنَّ الْمُنٰفِقِیْنَ ۟
और निश्चय अल्लाह उन लोगों को अवश्य जान लेगा, जो ईमान लाए तथा निश्चय उन्हें भी अवश्य जान लेगा, जो मुनाफ़िक़ हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لِلَّذِیْنَ اٰمَنُوا اتَّبِعُوْا سَبِیْلَنَا وَلْنَحْمِلْ خَطٰیٰكُمْ ؕ— وَمَا هُمْ بِحٰمِلِیْنَ مِنْ خَطٰیٰهُمْ مِّنْ شَیْءٍ ؕ— اِنَّهُمْ لَكٰذِبُوْنَ ۟
और काफ़िरों ने उन लोगों से कहा जो ईमान लाए कि तुम हमारे पथ पर चलो और हम तुम्हारे पापों का बोझ उठा लेंगे। हालाँकि वे कदापि उनके पापों में से कुछ भी उठाने वाले नहीं हैं। बेशक वे निश्चय झूठे हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَیَحْمِلُنَّ اَثْقَالَهُمْ وَاَثْقَالًا مَّعَ اَثْقَالِهِمْ ؗ— وَلَیُسْـَٔلُنَّ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ عَمَّا كَانُوْا یَفْتَرُوْنَ ۟۠
और निश्चय वे अवश्य अपने बोझ उठाएँगे और अपने बोझों के साथ कई और[7] बोझ भी। और निश्चय वे क़ियामत के दिन उसके बारे में अवश्य पूछे जाएँगे, जो वे झूठ गढ़ा करते थे।
7. अर्थात दूसरों को कुपथ करने के पापों का।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا نُوْحًا اِلٰی قَوْمِهٖ فَلَبِثَ فِیْهِمْ اَلْفَ سَنَةٍ اِلَّا خَمْسِیْنَ عَامًا ؕ— فَاَخَذَهُمُ الطُّوْفَانُ وَهُمْ ظٰلِمُوْنَ ۟
और निःसंदेह हमने[8] नूह़ को उसकी जाति की ओर भेजा, तो वह उनके बीच पचास वर्ष कम हज़ार वर्ष[9] रहा। फिर उन्हें तूफ़ान ने पकड़ लिया इस स्थिति में कि वे अत्याचारी थे।
8. यहाँ से कुछ नबियों की चर्चा की जा रही है जिन्होंने धैर्य से काम लिया। 9. अर्थात नूह़ (अलैहिस्सलाम) (950) वर्ष तक अपनी जाति में धर्म का प्रचार करते रहे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَاَنْجَیْنٰهُ وَاَصْحٰبَ السَّفِیْنَةِ وَجَعَلْنٰهَاۤ اٰیَةً لِّلْعٰلَمِیْنَ ۟
फिर हमने उसे और नाव वालों को बचा लिया और उस (नाव) को सारे संसार के लिए एक निशानी बना दिया।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاِبْرٰهِیْمَ اِذْ قَالَ لِقَوْمِهِ اعْبُدُوا اللّٰهَ وَاتَّقُوْهُ ؕ— ذٰلِكُمْ خَیْرٌ لَّكُمْ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟
तथा इबराहीम को (याद करो) जब उसने अपनी जाति से कहा : अल्लाह की इबादत करो तथा उससे डरो। यह तुम्हारे लिए उत्तम है, यदि तुम जानते हो।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اِنَّمَا تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اَوْثَانًا وَّتَخْلُقُوْنَ اِفْكًا ؕ— اِنَّ الَّذِیْنَ تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ لَا یَمْلِكُوْنَ لَكُمْ رِزْقًا فَابْتَغُوْا عِنْدَ اللّٰهِ الرِّزْقَ وَاعْبُدُوْهُ وَاشْكُرُوْا لَهٗ ؕ— اِلَیْهِ تُرْجَعُوْنَ ۟
तुम अल्लाह के सिवा कुछ मूर्तियों ही की तो पूजा करते हो और तुम घोर झूठ गढ़ते हो। निःसंदेह अल्लाह के सिवा जिनकी तुम पूजा करते हो, वे तुम्हारे लिए किसी रोज़ी के मालिक नहीं हैं। अतः तुम अल्लाह के पास ही रोज़ी तलाश करो और उसकी इबादत करो और उसका शुक्र करो। तुम उसी की तरफ़ लौटाए जाओगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاِنْ تُكَذِّبُوْا فَقَدْ كَذَّبَ اُمَمٌ مِّنْ قَبْلِكُمْ ؕ— وَمَا عَلَی الرَّسُوْلِ اِلَّا الْبَلٰغُ الْمُبِیْنُ ۟
और यदि तुम झुठलाते हो, तो तुमसे पहले (भी) बहुत-से समुदायों ने झुठलाया है और रसूल का दायित्व[10] स्पष्ट रूप से पहुँचा देने के सिवा कुछ नहीं है।
10. अर्थात् अल्लाह का उपदेश मनवा देना रसूल का कर्तव्य नहीं है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَوَلَمْ یَرَوْا كَیْفَ یُبْدِئُ اللّٰهُ الْخَلْقَ ثُمَّ یُعِیْدُهٗ ؕ— اِنَّ ذٰلِكَ عَلَی اللّٰهِ یَسِیْرٌ ۟
क्या उन्होंने नहीं देखा कि अल्लाह किस प्रकार सृष्टि का आरंभ करता है, फिर उसे दोहराएगा? निश्चय ही यह अल्लाह के लिए अत्यंत सरल है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
قُلْ سِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَانْظُرُوْا كَیْفَ بَدَاَ الْخَلْقَ ثُمَّ اللّٰهُ یُنْشِئُ النَّشْاَةَ الْاٰخِرَةَ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَلٰى كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟ۚ
कह दें : धरती में चलो-फिरो, फिर देखो कि उसने किस प्रकार सृष्टि का आरंभ किया? फिर अल्लाह ही दूसरी बार पैदा[11] करेगा। निःसंदेह अल्लाह प्रत्येक वस्तु पर सर्वशक्तिमान है।
11. अर्थात प्रलय के दिन कर्मों का प्रतिफल देने के लिए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یُعَذِّبُ مَنْ یَّشَآءُ وَیَرْحَمُ مَنْ یَّشَآءُ ۚ— وَاِلَیْهِ تُقْلَبُوْنَ ۟
वह जिसे चाहता है, दंड देता है और जिसपर चाहता है दया करता है, और तुम उसी की ओर लौटाए जाओगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَمَاۤ اَنْتُمْ بِمُعْجِزِیْنَ فِی الْاَرْضِ وَلَا فِی السَّمَآءِ ؗ— وَمَا لَكُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ مِنْ وَّلِیٍّ وَّلَا نَصِیْرٍ ۟۠
और न तुम किसी भी तरह धरती में विवश करने वाले हो और न आकाश में, और न अल्लाह के अलावा तुम्हारा कोई दोस्त है और न कोई मददगार।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَالَّذِیْنَ كَفَرُوْا بِاٰیٰتِ اللّٰهِ وَلِقَآىِٕهٖۤ اُولٰٓىِٕكَ یَىِٕسُوْا مِنْ رَّحْمَتِیْ وَاُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
तथा जिन लोगों ने अल्लाह की आयतों और उससे मिलने का इनकार किया, वे मेरी दया से निराश हो गए हैं और वही लोग हैं जिनके लिए दर्दनाक यातना है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَمَا كَانَ جَوَابَ قَوْمِهٖۤ اِلَّاۤ اَنْ قَالُوا اقْتُلُوْهُ اَوْ حَرِّقُوْهُ فَاَنْجٰىهُ اللّٰهُ مِنَ النَّارِ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّقَوْمٍ یُّؤْمِنُوْنَ ۟
फिर उस (इबराहीम) की जाति का उत्तर बस यही था कि उन्होंने कहा कि इसे क़त्ल कर दो, या इसे जला दो। तो अल्लाह ने उसे आग से बचा लिया। निःसंदेह इसमें उन लोगों के लिए बहुत-सी निशानियाँ हैं जो ईमान रखते हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالَ اِنَّمَا اتَّخَذْتُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ اَوْثَانًا ۙ— مَّوَدَّةَ بَیْنِكُمْ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ۚ— ثُمَّ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ یَكْفُرُ بَعْضُكُمْ بِبَعْضٍ وَّیَلْعَنُ بَعْضُكُمْ بَعْضًا ؗ— وَّمَاْوٰىكُمُ النَّارُ وَمَا لَكُمْ مِّنْ نّٰصِرِیْنَ ۟ۗۖ
और उसने कहा : बात यही है कि तुमने अल्लाह के सिवा मूर्तियाँ बना रखी हैं, दुनिया के जीवन में पारस्परिक दोस्ती के कारण। फिर क़ियामत के दिन तुम एक-दूसरे का इनकार करोगे तथा तुम एक-दूसरे पर ला'नत करोगे। और तुम्हारा ठिकाना आग ही है और तुम्हारे लिए कोई मदद करने वाले नहीं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَاٰمَنَ لَهٗ لُوْطٌ ۘ— وَقَالَ اِنِّیْ مُهَاجِرٌ اِلٰی رَبِّیْ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟
तो लूत[12] उसपर ईमान ले आया। और उस (इबराहीम) ने कहा : निःसंदेह मैं अपने रब[13] की ओर हिजरत करने वाला हूँ। निश्चय वही सब पर प्रभुत्वशाली, पूर्ण हिकमत वाला है।
12. लूत अलैहिस्सलाम इब्राहीम अलैहिस्सलाम के भतीजे थे, जो उनपर ईमान लाए। 13. अर्थात अल्लाह के आदेशानुसार शाम जा रहा हूँ।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَوَهَبْنَا لَهٗۤ اِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ وَجَعَلْنَا فِیْ ذُرِّیَّتِهِ النُّبُوَّةَ وَالْكِتٰبَ وَاٰتَیْنٰهُ اَجْرَهٗ فِی الدُّنْیَا ۚ— وَاِنَّهٗ فِی الْاٰخِرَةِ لَمِنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟
और हमने उसे इसह़ाक़ तथा याक़ूब प्रदान किया। तथा हमने उसकी संतान में नुबुव्वत तथा किताब रख दी। और हमने उसे दुनिया में उसका बदला दिया और निःसंदेह वह आख़िरत में निश्चय नेक लोगों में से है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلُوْطًا اِذْ قَالَ لِقَوْمِهٖۤ اِنَّكُمْ لَتَاْتُوْنَ الْفَاحِشَةَ ؗ— مَا سَبَقَكُمْ بِهَا مِنْ اَحَدٍ مِّنَ الْعٰلَمِیْنَ ۟
तथा लूत को (याद करो) जब उसने अपनी जाति से कहा : तुम तो वह निर्लज्जता का कार्य करते हो, जो तुमसे पहले दुनिया वालों में से किसी ने नहीं किया।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَىِٕنَّكُمْ لَتَاْتُوْنَ الرِّجَالَ وَتَقْطَعُوْنَ السَّبِیْلَ ۙ۬— وَتَاْتُوْنَ فِیْ نَادِیْكُمُ الْمُنْكَرَ ؕ— فَمَا كَانَ جَوَابَ قَوْمِهٖۤ اِلَّاۤ اَنْ قَالُوا ائْتِنَا بِعَذَابِ اللّٰهِ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
क्या तुम सचमुच पुरुषों के पास जाते हो और (यात्रियों का) रास्ता काटते हो तथा अपनी सभा में बुरे काम करते हो? तो उसकी जाति का उत्तर इसके सिवा कुछ न था कि उन्होंने कहा : हम पर अल्लाह की यातना ले आ, यदि तू सच्चा है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
قَالَ رَبِّ انْصُرْنِیْ عَلَی الْقَوْمِ الْمُفْسِدِیْنَ ۟۠
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! इन बिगाड़ पैदा करने वाले लोगों के विरुद्ध मेरी सहायता कर।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَمَّا جَآءَتْ رُسُلُنَاۤ اِبْرٰهِیْمَ بِالْبُشْرٰی ۙ— قَالُوْۤا اِنَّا مُهْلِكُوْۤا اَهْلِ هٰذِهِ الْقَرْیَةِ ۚ— اِنَّ اَهْلَهَا كَانُوْا ظٰلِمِیْنَ ۟ۚۖ
और जब हमारे भेजे हुए (फ़रिश्ते) इबराहीम के पास शुभ-सूचना लेकर आए, तो उन्होंने कहा : निश्चय हम इस बस्ती के वासियों को विनष्ट करने वाले हैं। निःसंदेह इसके निवासी अत्याचारी रहे हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
قَالَ اِنَّ فِیْهَا لُوْطًا ؕ— قَالُوْا نَحْنُ اَعْلَمُ بِمَنْ فِیْهَا ؗ— لَنُنَجِّیَنَّهٗ وَاَهْلَهٗۤ اِلَّا امْرَاَتَهٗ ؗ— كَانَتْ مِنَ الْغٰبِرِیْنَ ۟
उसने कहा : उसमें तो लूत है। उन्होंने कहा : हम उसे अधिक जानने वाले हैं, जो उसमें है। निश्चय हम उसे और उसके घर वालों को अवश्य बचा लेंगे, सिवाय उसकी पत्नी के। वह पीछे रहने वालों में से है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَمَّاۤ اَنْ جَآءَتْ رُسُلُنَا لُوْطًا سِیْٓءَ بِهِمْ وَضَاقَ بِهِمْ ذَرْعًا وَّقَالُوْا لَا تَخَفْ وَلَا تَحْزَنْ ۫— اِنَّا مُنَجُّوْكَ وَاَهْلَكَ اِلَّا امْرَاَتَكَ كَانَتْ مِنَ الْغٰبِرِیْنَ ۟
और जब हमारे भेजे हुए (फ़रिश्ते) लूत के पास आए, तो वह उनके आने से उदास हुआ और उनके कारण उसका मन व्याकुल[14] हो गया। और उन्होंने कहा : न डरो और न शोक करो। निःसंदेह हम तुम्हें और तुम्हारे घर वालों को बचाने वाले हैं, सिवाय तुम्हारी पत्नी के, वह पीछो रह जाने वालों में से है।
14. क्योंकि लूत (अलैहिस्सलाम) को अपनी जाति की निर्लज्जता का ज्ञान था।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اِنَّا مُنْزِلُوْنَ عَلٰۤی اَهْلِ هٰذِهِ الْقَرْیَةِ رِجْزًا مِّنَ السَّمَآءِ بِمَا كَانُوْا یَفْسُقُوْنَ ۟
निःसंदेह हम इस बस्ती वालों पर आकाश से एक यातना उतारने वाले हैं, इस कारण कि वे अवज्ञा किया करते थे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَقَدْ تَّرَكْنَا مِنْهَاۤ اٰیَةً بَیِّنَةً لِّقَوْمٍ یَّعْقِلُوْنَ ۟
तथा निःसंदेह हमने उससे उन लोगों के लिए एक स्पष्ट निशानी छोड़ दी, जो समझ-बूझ रखते हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاِلٰی مَدْیَنَ اَخَاهُمْ شُعَیْبًا ۙ— فَقَالَ یٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ وَارْجُوا الْیَوْمَ الْاٰخِرَ وَلَا تَعْثَوْا فِی الْاَرْضِ مُفْسِدِیْنَ ۟
तथा मदयन की ओर उनके भाई शुऐब को (भेजा), तो उसने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! अल्लाह की इबादत करो तथा आख़िरत के दिन[15] की आशा रखो और धरती में बिगाड़ पैदा करने वाले बनकर उपद्रव न मचाओ।
15. अर्थात सांसारिक जीवन ही को सब कुछ न समझो, परलोक के अच्छे परिणाम की भी आशा रखो और सत्कर्म करो।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَكَذَّبُوْهُ فَاَخَذَتْهُمُ الرَّجْفَةُ فَاَصْبَحُوْا فِیْ دَارِهِمْ جٰثِمِیْنَ ۟ؗ
तो उन्होंने उसे झुठला दिया। अंततः उन्हें भूकंप ने पकड़ लिया, फिर वे अपने घरों में औंधे मुँह पड़े रह गए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَعَادًا وَّثَمُوْدَاۡ وَقَدْ تَّبَیَّنَ لَكُمْ مِّنْ مَّسٰكِنِهِمْ ۫— وَزَیَّنَ لَهُمُ الشَّیْطٰنُ اَعْمَالَهُمْ فَصَدَّهُمْ عَنِ السَّبِیْلِ وَكَانُوْا مُسْتَبْصِرِیْنَ ۟ۙ
तथा हमने आद और समूद को भी विनष्ट कर दिया और उनके आवासों से तुम्हारे लिए (उनका विनाश) स्पष्ट हो चुका है। और शैतान ने उनके लिए उनके कर्मों को शोभनीय बना दिया था। अतः उसने उन्हें सीधे रास्ते से रोक दिया था, हालाँकि वे बहुत समझ-बूझ वाले थे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَارُوْنَ وَفِرْعَوْنَ وَهَامٰنَ ۫— وَلَقَدْ جَآءَهُمْ مُّوْسٰی بِالْبَیِّنٰتِ فَاسْتَكْبَرُوْا فِی الْاَرْضِ وَمَا كَانُوْا سٰبِقِیْنَ ۟ۚ
तथा क़ारून और फ़िरऔन और हामान को (विनष्ट किया) और निःसंदेह उनके पास मूसा खुली निशानियाँ लेकर आए, तो उन्होंने धरती में अभिमान किया और वे बच निकलने[16] वाले न थे।
16. अर्थात हमारी पकड़ से नहीं बच सकते थे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَكُلًّا اَخَذْنَا بِذَنْۢبِهٖ ۚ— فَمِنْهُمْ مَّنْ اَرْسَلْنَا عَلَیْهِ حَاصِبًا ۚ— وَمِنْهُمْ مَّنْ اَخَذَتْهُ الصَّیْحَةُ ۚ— وَمِنْهُمْ مَّنْ خَسَفْنَا بِهِ الْاَرْضَ ۚ— وَمِنْهُمْ مَّنْ اَغْرَقْنَا ۚ— وَمَا كَانَ اللّٰهُ لِیَظْلِمَهُمْ وَلٰكِنْ كَانُوْۤا اَنْفُسَهُمْ یَظْلِمُوْنَ ۟
तो हमने हर एक को उसके पाप के कारण पकड़ लिया। फिर उनमें से कुछ पर हमने पथराव करने वाली हवा[17] भेजी, और उनमें से कुछ को चीख[18] ने पकड़ लिया, और उनमें से कुछ को हमने धरती में धँसा[19] दिया और उनमें से कुछ को हमने डुबो[20] दिया। तथा अल्लाह ऐसा नहीं था कि उनपर अत्याचार करे, परंतु वे स्वयं अपने आपपर अत्याचार करते थे।
17. अर्थात लूत की जाति पर। 18. अर्थात सालेह़ और शुऐब (अलैहिमस्सलाम) की जाति को। 19. जैसे क़ारून को। 20. अर्थात नूह़ तथा मूसा (अलैहिमस्सलाम) की जातियों को।
Ibisobanuro by'icyarabu:
مَثَلُ الَّذِیْنَ اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اَوْلِیَآءَ كَمَثَلِ الْعَنْكَبُوْتِ ۚ— اِتَّخَذَتْ بَیْتًا ؕ— وَاِنَّ اَوْهَنَ الْبُیُوْتِ لَبَیْتُ الْعَنْكَبُوْتِ ۘ— لَوْ كَانُوْا یَعْلَمُوْنَ ۟
उन लोगों का उदाहरण जिन्होंने अल्लाह के सिवा अन्य संरक्षक बना रखे हैं, मकड़ी के उदाहरण जैसा है, जिसने एक घर बनाया। हालाँकि, निःसंदेह सब घरों से कमज़ोर[21] तो मकड़ी का घर है, अगर वे जानते होते।
21. जिस प्रकार मकड़ी का घर उसकी रक्षा नहीं करता, वैसे ही अल्लाह की यातना के समय इन जातियों के पूज्य उनकी रक्षा नहीं कर सके।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اِنَّ اللّٰهَ یَعْلَمُ مَا یَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهٖ مِنْ شَیْءٍ ؕ— وَهُوَ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟
निश्चय ही अल्लाह जानता है जिसे वे उसे छोड़कर पुकारते हैं कोई भी चीज़ हो, और वही सबपर प्रभुत्वशाली, पूर्ण हिकमत वाला है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَتِلْكَ الْاَمْثَالُ نَضْرِبُهَا لِلنَّاسِ ۚ— وَمَا یَعْقِلُهَاۤ اِلَّا الْعٰلِمُوْنَ ۟
और ये उदाहरण हैं, जो हम लोगों के लिए प्रस्तुत करते हैं और इन्हें केवल जानने वाले ही समझते हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
خَلَقَ اللّٰهُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ بِالْحَقِّ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً لِّلْمُؤْمِنِیْنَ ۟۠
अल्लाह ने आकाशों तथा धरती को सत्य के साथ पैदा किया। निःसंदेह इसमें ईमान वालों के लिए निश्चय बड़ी निशानी है।[22]
22. अर्थात इस संसार की उत्पत्ति तथा व्यवस्था ही इसका प्रमाण है कि अल्लाह के सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اُتْلُ مَاۤ اُوْحِیَ اِلَیْكَ مِنَ الْكِتٰبِ وَاَقِمِ الصَّلٰوةَ ؕ— اِنَّ الصَّلٰوةَ تَنْهٰی عَنِ الْفَحْشَآءِ وَالْمُنْكَرِ ؕ— وَلَذِكْرُ اللّٰهِ اَكْبَرُ ؕ— وَاللّٰهُ یَعْلَمُ مَا تَصْنَعُوْنَ ۟
आप उस पुस्तक को पढ़ें, जो आपकी ओर वह़्य (प्रकाशना) की गई है तथा नमाज़ क़ायम करें। निःसंदेह नमाज़ निर्लज्जता और बुराई से रोकती है। और निश्चय अल्लाह का स्मरण सबसे बड़ा है और अल्लाह जानता है[23], जो कुछ तुम करते हो।
23. अर्थात जो भला-बुरा तुम करते हो, उसका तुम्हें प्रतिफल देगा।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَا تُجَادِلُوْۤا اَهْلَ الْكِتٰبِ اِلَّا بِالَّتِیْ هِیَ اَحْسَنُ ؗ— اِلَّا الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا مِنْهُمْ وَقُوْلُوْۤا اٰمَنَّا بِالَّذِیْۤ اُنْزِلَ اِلَیْنَا وَاُنْزِلَ اِلَیْكُمْ وَاِلٰهُنَا وَاِلٰهُكُمْ وَاحِدٌ وَّنَحْنُ لَهٗ مُسْلِمُوْنَ ۟
और तुम किताब वालों[24] से केवल ऐसे तरीक़े से वाद-विवाद करो, जो सबसे उत्तम हो, सिवाय उन लोगों के जिन्होंने उनमें से ज़ुल्म किया। तथा तुम कहो : हम ईमान लाए उसपर, जो हमारी ओर उतारा गया और तुम्हारी ओर उतारा गया, तथा हमारा पूज्य और तुम्हारा पूज्य एक ही है[25] और हम उसी के आज्ञाकारी हैं।[26]
24. किताब वालों से अभिप्रेत यहूदी तथा ईसाई हैं। 25. अर्थात उसका कोई साझी नहीं। 26. अतः तुम भी उसकी आज्ञा के आधीन हो जाओ और सभी आकाशीय पुस्तकों को क़ुरआन सहित स्वीकार करो।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَكَذٰلِكَ اَنْزَلْنَاۤ اِلَیْكَ الْكِتٰبَ ؕ— فَالَّذِیْنَ اٰتَیْنٰهُمُ الْكِتٰبَ یُؤْمِنُوْنَ بِهٖ ۚ— وَمِنْ هٰۤؤُلَآءِ مَنْ یُّؤْمِنُ بِهٖ ؕ— وَمَا یَجْحَدُ بِاٰیٰتِنَاۤ اِلَّا الْكٰفِرُوْنَ ۟
और इसी प्रकार, हमने आपकी ओर यह पुस्तक उतारी है। तो जिन लोगों को हमने (आपसे पहले) पुस्तक प्रदान की है, वे इसपर ईमान लाते हैं।[27] और इन (मुश्रिकों) में से भी कुछ[28] ऐसे हैं, जो इस (क़ुरआन) पर ईमान लाते हैं। और हमारी आयतों का इनकार वही लोग करते हैं, जो काफ़िर हैं।
27. अर्थात अह्ले किताब में से जो अपनी पुस्तकों के सच्चे अनुयायी हैं। 28.अर्थात मक्का वासियों में से।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَمَا كُنْتَ تَتْلُوْا مِنْ قَبْلِهٖ مِنْ كِتٰبٍ وَّلَا تَخُطُّهٗ بِیَمِیْنِكَ اِذًا لَّارْتَابَ الْمُبْطِلُوْنَ ۟
और आप इससे पहले न कोई पुस्तक पढ़ते थे और न उसे अपने दाहिने हाथ से लिखते थे। (यदि ऐसा होता) तो असत्यवादी अवश्य संदेह करते।[29]
29. अर्थात यह संदेह करते कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने ये बातें आदि ग्रंथों से सीख लीं या लिख ली हैं। आप तो निरक्षर थे लिखना पढ़ना जानते ही नहीं थे, तो फिर आपके नबी होने और क़ुरआन के अल्लाह की ओर से अवतरित किए जाने में क्या संदेह हो सकता है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
بَلْ هُوَ اٰیٰتٌۢ بَیِّنٰتٌ فِیْ صُدُوْرِ الَّذِیْنَ اُوْتُوا الْعِلْمَ ؕ— وَمَا یَجْحَدُ بِاٰیٰتِنَاۤ اِلَّا الظّٰلِمُوْنَ ۟
बल्कि यह (क़ुरआन) स्पष्ट आयतें हैं, उन लोगों के सीनों में जिन्हें ज्ञान दिया गया है तथा हमारी आयतों का इनकार वही लोग करते हैं, जो अत्याचारी हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالُوْا لَوْلَاۤ اُنْزِلَ عَلَیْهِ اٰیٰتٌ مِّنْ رَّبِّهٖ ؕ— قُلْ اِنَّمَا الْاٰیٰتُ عِنْدَ اللّٰهِ ؕ— وَاِنَّمَاۤ اَنَا نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟
तथा उन्होंने कहा : उसपर उसके पालनहार की ओर से निशानियाँ क्यों नहीं उतारी गईं? आप कह दें : निशानियाँ तो अल्लाह ही के पास[30] हैं और मैं तो केवल स्पष्ट रूप से सावधान करने वाला हूँ।
30. अर्थात उसे उतारना न उतारना मेरे अधिकार में नहीं, मैं तो अपने कर्तव्य का पालन कर रहा हूँ।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَوَلَمْ یَكْفِهِمْ اَنَّاۤ اَنْزَلْنَا عَلَیْكَ الْكِتٰبَ یُتْلٰی عَلَیْهِمْ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَرَحْمَةً وَّذِكْرٰی لِقَوْمٍ یُّؤْمِنُوْنَ ۟۠
क्या उनके लिए यह पर्याप्त नहीं है कि हमने आपपर यह पुस्तक (क़ुरआन) उतारी, जो उनके सामने पढ़ी जाती है। निःसंदेह इसमें उन लोगों के लिए बड़ी दया और उपदेश है, जो ईमान रखते हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
قُلْ كَفٰی بِاللّٰهِ بَیْنِیْ وَبَیْنَكُمْ شَهِیْدًا ۚ— یَعْلَمُ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا بِالْبَاطِلِ وَكَفَرُوْا بِاللّٰهِ ۙ— اُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْخٰسِرُوْنَ ۟
आप कह दें : अल्लाह मेरे और तुम्हारे बीच गवाह के रूप में काफ़ी[31] है। वह जानता है, जो कुछ आकाशों और धरती में है। तथा जो लोग असत्य पर ईमान लाए और उन्होंने अल्लाह का इनकार किया, वही घाटा उठाने वाले हैं।
31. अर्थात मेरे नबी होने पर।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَیَسْتَعْجِلُوْنَكَ بِالْعَذَابِ ؕ— وَلَوْلَاۤ اَجَلٌ مُّسَمًّی لَّجَآءَهُمُ الْعَذَابُ ؕ— وَلَیَاْتِیَنَّهُمْ بَغْتَةً وَّهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
और वे[32] आपसे यातना के लिए जल्दी मचा रहे हैं। और यदि (उसका) एक नियत समय न होता, तो उनपर यातना अवश्य आ जाती। और निश्चय वह उनपर अचानक आएगी और उन्हें ख़बर तक न होगी।
32. अर्थात मक्का के काफ़िर।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یَسْتَعْجِلُوْنَكَ بِالْعَذَابِ ؕ— وَاِنَّ جَهَنَّمَ لَمُحِیْطَةٌ بِالْكٰفِرِیْنَ ۟ۙ
वे आपसे यातना के लिए जल्दी मचा[33] रहे है, हालाँकि निःसंदेह जहन्नम निश्चय काफ़िरों को घेरने वाला[34] है।
33. अर्थात संसार ही में उपहास स्वरूप यातना की माँग कर रहे हैं। 34. अर्थात परलोक में।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یَوْمَ یَغْشٰىهُمُ الْعَذَابُ مِنْ فَوْقِهِمْ وَمِنْ تَحْتِ اَرْجُلِهِمْ وَیَقُوْلُ ذُوْقُوْا مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
जिस दिन यातना उन्हें उनके ऊपर से और उनके पाँव के नीचे से ढाँप लेगी और अल्लाह कहेगा : चखो उसका मज़ा जो तुम किया करते थे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یٰعِبَادِیَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اِنَّ اَرْضِیْ وَاسِعَةٌ فَاِیَّایَ فَاعْبُدُوْنِ ۟
ऐ मेरे बंदो जो ईमान लाए हो! निःसंदेह मेरी धरती विशाल है। अतः तुम मेरी ही इबादत[35] करो।
35. अर्थात किसी धरती में अल्लाह की इबादत न कर सको, तो वहाँ से निकल जाओ जैसा कि आरंभिक युग में मक्का के काफ़िरों ने अल्लाह की इबादत से रोक दिया, तो मुसलमान ह़ब्शा और फिर मदीना चले गए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
كُلُّ نَفْسٍ ذَآىِٕقَةُ الْمَوْتِ ۫— ثُمَّ اِلَیْنَا تُرْجَعُوْنَ ۟
प्रत्येक प्राणी मौत का स्वाद चखने वाला है, फिर तुम हमारी ही ओर लौटाए[36] जाओगे।
36. अर्थात अपने कर्मों का फल भोगन के लिए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ لَنُبَوِّئَنَّهُمْ مِّنَ الْجَنَّةِ غُرَفًا تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا ؕ— نِعْمَ اَجْرُ الْعٰمِلِیْنَ ۟ۗۖ
तथा जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कार्य किए, हम उन्हें अवश्य ही जन्नत के ऊँचे भवनों में जगह देंगे, जिनके नीचे से नहरें बहती हैं, वे उनमें सदावासी होंगे। यह उन कर्म करने वालों का क्या ही अच्छा बदला है!
Ibisobanuro by'icyarabu:
الَّذِیْنَ صَبَرُوْا وَعَلٰی رَبِّهِمْ یَتَوَكَّلُوْنَ ۟
जिन्होंने धैर्य से काम लिया तथा अपने पालनहार ही पर भरोसा रखते हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَكَاَیِّنْ مِّنْ دَآبَّةٍ لَّا تَحْمِلُ رِزْقَهَا ۖۗؗ— اَللّٰهُ یَرْزُقُهَا وَاِیَّاكُمْ ۖؗ— وَهُوَ السَّمِیْعُ الْعَلِیْمُ ۟
कितने ही जीव हैं, जो अपनी रोज़ी नहीं उठा सकते।[37] अल्लाह ही उन्हें रोज़ी देता है और तुम्हें भी! और वह सब कुछ सुनने वाला, सब कुछ जानने वाला है।
37. ह़दीस में है कि यदि तुम अल्लाह पर पूरा भरोसा करो, तो वह तुम्हें पक्षियों के समान जीविका देगा जो सवेरे भूखा जाते हैं और शाम को अघा कर आते हैं। (तिर्मिज़ी : 2344, यह ह़दीस ह़सन सह़ीह़ है।)
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَىِٕنْ سَاَلْتَهُمْ مَّنْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَسَخَّرَ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَ لَیَقُوْلُنَّ اللّٰهُ ۚ— فَاَنّٰی یُؤْفَكُوْنَ ۟
और निश्चय यदि आप उनसे पूछें कि आकाशों और धरती को किसने पैदा किया और (किसने) सूर्य और चाँद को वशीभूत किया? तो वे अवश्य कहेंगे कि अल्लाह ने। तो फिर वे कहाँ बहकाए जा रहे हैं?
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَللّٰهُ یَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ یَّشَآءُ مِنْ عِبَادِهٖ وَیَقْدِرُ لَهٗ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ بِكُلِّ شَیْءٍ عَلِیْمٌ ۟
अल्लाह अपने बंदों में से जिसके लिए चाहता है जीविका विस्तृत कर देता है और जिसके लिए चाहता है तंग कर देता है। निःसंदेह अल्लाह हर चीज़ को अच्छी तरह जानने वाला है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَىِٕنْ سَاَلْتَهُمْ مَّنْ نَّزَّلَ مِنَ السَّمَآءِ مَآءً فَاَحْیَا بِهِ الْاَرْضَ مِنْ بَعْدِ مَوْتِهَا لَیَقُوْلُنَّ اللّٰهُ ؕ— قُلِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ ؕ— بَلْ اَكْثَرُهُمْ لَا یَعْقِلُوْنَ ۟۠
और निश्चय यदि आप उनसे पूछें कि किसने आकाश से पानी उतारा, फिर उसके द्वारा धरती को, उसके मुर्दा हो जाने के बाद जीवित किया? तो वे अवश्य कहेंगे कि अल्लाह ने। आप कह दें कि सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है। बल्कि उनमें से अधिकतर लोग नहीं समझते।[38]
38. अर्थात उन्हें जब यह स्वीकार है कि रचयिता अल्लाह है और जीवन के साधन की व्यवस्था भी वही करता है, तो फिर इबादत (पूजा) भी उसी की करनी चाहिए और उसकी इबादत तथा उसके शुभ गुणों में किसी को उसका साझी नहीं बनाना चाहिए। यह तो मूर्खता की बात है कि रचयिता तथा जीवन के साधनों की व्यवस्था तो अल्लाह करे और उसकी इबादत में अन्य को साझी बनाया जाए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَمَا هٰذِهِ الْحَیٰوةُ الدُّنْیَاۤ اِلَّا لَهْوٌ وَّلَعِبٌ ؕ— وَاِنَّ الدَّارَ الْاٰخِرَةَ لَهِیَ الْحَیَوَانُ ۘ— لَوْ كَانُوْا یَعْلَمُوْنَ ۟
और दुनिया का यह जीवन[39] केवल मनोरंजन और खेल है। और निःसंदेह आखिरत का घर ही निश्चय वास्तविक जीवन है, यदि वे जानते होते।
39. अर्थात जिस सांसारिक जीवन का संबंध अल्लाह से न हो, तो उसका सुख सामयिक है। वास्तविक तथा स्थायी जीवन तो परलोक का है। अतः उसके लिए प्रयास करना चाहिए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَاِذَا رَكِبُوْا فِی الْفُلْكِ دَعَوُا اللّٰهَ مُخْلِصِیْنَ لَهُ الدِّیْنَ ۚ۬— فَلَمَّا نَجّٰىهُمْ اِلَی الْبَرِّ اِذَا هُمْ یُشْرِكُوْنَ ۟ۙ
फिर जब वे नाव पर सवार होते हैं, तो अल्लाह को, उसके लिए धर्म को विशुद्ध करते हुए, पुकारते हैं। फिर जब वह उन्हें बचाकर थल तक ले आता है, तो शिर्क करने लगते हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
لِیَكْفُرُوْا بِمَاۤ اٰتَیْنٰهُمْ ۙۚ— وَلِیَتَمَتَّعُوْا ۥ— فَسَوْفَ یَعْلَمُوْنَ ۟
ताकि जो कुछ हमने उन्हें प्रदान किया है, उसकी नाशुक्री करें, और ताकि वे (जीवन का) लाभ उठाएँ। तो शीघ्र ही उन्हें पता चल जाएगा।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَوَلَمْ یَرَوْا اَنَّا جَعَلْنَا حَرَمًا اٰمِنًا وَّیُتَخَطَّفُ النَّاسُ مِنْ حَوْلِهِمْ ؕ— اَفَبِالْبَاطِلِ یُؤْمِنُوْنَ وَبِنِعْمَةِ اللّٰهِ یَكْفُرُوْنَ ۟
क्या उन्होंने नहीं देखा कि हमने (उनके लिए) एक सुरक्षित व शांतिमय हरम बनाया है, जबकि उनके आस-पास से लोग उचक लिए जाते हैं? तो क्या वे असत्य पर ईमान लाते हैं और अल्लाह की नेमत की नाशुक्री करते हैं?
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنِ افْتَرٰی عَلَی اللّٰهِ كَذِبًا اَوْ كَذَّبَ بِالْحَقِّ لَمَّا جَآءَهٗ ؕ— اَلَیْسَ فِیْ جَهَنَّمَ مَثْوًی لِّلْكٰفِرِیْنَ ۟
तथा उससे अधिक अत्याचारी कौन है, जो अल्लाह पर झूठ गढ़े या जब सच उसके पास आ जाए, तो उसे झुठला दे? क्या (ऐसे) काफ़िरों का ठिकाना जहन्नम में नहीं है?
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وَالَّذِیْنَ جٰهَدُوْا فِیْنَا لَنَهْدِیَنَّهُمْ سُبُلَنَا ؕ— وَاِنَّ اللّٰهَ لَمَعَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟۠
तथा जिन लोगों ने हमारी ख़ातिर भरपूर प्रयास किया, हम अवश्य ही उन्हें अपने मार्ग दिखा देंगे[40] और निःसंदेह अल्लाह सदाचारियों के साथ है।
40. अर्थात अपनी राह पर चलने की अधिक क्षमता प्रदान करेंगे।
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Ibisobanuro by'amagambo Isura: Al Ankabut (Igitagangurirwa)
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