Ibisobanuro bya qoran ntagatifu - Ibisobanuro mu gihindi * - Ishakiro ry'ibisobanuro

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Ibisobanuro by'amagambo Isura: Ghafir (Uhanagura ibyaha)   Umurongo:

सूरा ग़ाफ़िर

حٰمٓ ۟ۚ
ह़ा, मीम।
Ibisobanuro by'icyarabu:
تَنْزِیْلُ الْكِتٰبِ مِنَ اللّٰهِ الْعَزِیْزِ الْعَلِیْمِ ۟ۙ
इस पुस्तक का अवतरण अति प्रभुत्वशाली, सब कुछ जानने वाले अल्लाह की ओर से है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
غَافِرِ الذَّنْۢبِ وَقَابِلِ التَّوْبِ شَدِیْدِ الْعِقَابِ ذِی الطَّوْلِ ؕ— لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ؕ— اِلَیْهِ الْمَصِیْرُ ۟
जो पाप क्षमा करने वाला और तौबा स्वीकार करने वाला, कठोर दंड देने वाला, बड़ा अनुग्रहशील है। उसके सिवा कोई (सच्चा) पूज्य नहीं। उसी की ओर (सबको) जाना है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
مَا یُجَادِلُ فِیْۤ اٰیٰتِ اللّٰهِ اِلَّا الَّذِیْنَ كَفَرُوْا فَلَا یَغْرُرْكَ تَقَلُّبُهُمْ فِی الْبِلَادِ ۟
अल्लाह की आयतों के बारे में केवल वही लोग झगड़ा करते हैं, जो काफ़िर हैं। अतः आपको उनका नगरों में चलना-फिरना धोखे में न डाले।
Ibisobanuro by'icyarabu:
كَذَّبَتْ قَبْلَهُمْ قَوْمُ نُوْحٍ وَّالْاَحْزَابُ مِنْ بَعْدِهِمْ ۪— وَهَمَّتْ كُلُّ اُمَّةٍ بِرَسُوْلِهِمْ لِیَاْخُذُوْهُ وَجٰدَلُوْا بِالْبَاطِلِ لِیُدْحِضُوْا بِهِ الْحَقَّ فَاَخَذْتُهُمْ ۫— فَكَیْفَ كَانَ عِقَابِ ۟
इनसे पहले नूह की जाति ने झुठलाया तथा उनके बाद के (दूसरे) समूहों ने भी (झुठलाया)। और प्रत्येक समुदाय के लोगों ने इरादा किया कि अपने रसूल को पकड़ लें। तथा उन्होंने असत्य के साथ झगड़ा किया ताकि उसके द्वारा सत्य को ग़लत ठहरा दें। अंततः मैंने उन्हें पकड़ लिया। तो मेरी सज़ा कैसी थी?
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَكَذٰلِكَ حَقَّتْ كَلِمَتُ رَبِّكَ عَلَی الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اَنَّهُمْ اَصْحٰبُ النَّارِ ۟
और इसी प्रकार आपके पालनहार की बात उन लोगों पर सिद्ध हो गई, जिन्होंने कुफ़्र किया कि वे जहन्नम वाले हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَلَّذِیْنَ یَحْمِلُوْنَ الْعَرْشَ وَمَنْ حَوْلَهٗ یُسَبِّحُوْنَ بِحَمْدِ رَبِّهِمْ وَیُؤْمِنُوْنَ بِهٖ وَیَسْتَغْفِرُوْنَ لِلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا ۚ— رَبَّنَا وَسِعْتَ كُلَّ شَیْءٍ رَّحْمَةً وَّعِلْمًا فَاغْفِرْ لِلَّذِیْنَ تَابُوْا وَاتَّبَعُوْا سَبِیْلَكَ وَقِهِمْ عَذَابَ الْجَحِیْمِ ۟
जो (फ़रिश्ते) अर्श (सिंहासन) को उठाए हुए हैं और जो उसके आस-पास हैं, वे अपने पालनहार की प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता बयान करते हैं, तथा उसपर ईमान रखते हैं, और उन लोगों के लिए क्षमा याचना करते हैं[1] जो ईमान लाए। (वे कहते हैं :) ऐ हमारे पालनहार! तूने हर चीज़ को (अपनी) दया और ज्ञान से घेर रखा है। अतः उन लोगों को क्षमा कर दे, जिन्होंने तौबा की और तेरे मार्ग का अनुसरण किया, तथा उन्हें भड़कती हुई आग की यातना से बचा।
1. यहाँ फ़रिश्तों के दो गिरोह का वर्णन किया गया है। एक वह जो अर्श को उठाए हुए है। और दूसरा वह जो अर्श के चारों ओर घूमकर अल्लाह की प्रशंसा का गान और ईमान वालों के लिए क्षमा याचना करता है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
رَبَّنَا وَاَدْخِلْهُمْ جَنّٰتِ عَدْنِ ١لَّتِیْ وَعَدْتَّهُمْ وَمَنْ صَلَحَ مِنْ اٰبَآىِٕهِمْ وَاَزْوَاجِهِمْ وَذُرِّیّٰتِهِمْ ؕ— اِنَّكَ اَنْتَ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟ۙ
ऐ हमारे पालनहार! तथा उन्हें उन स्थायी जन्नतों में दाखिल कर, जिनका तूने उनसे वादा किया है। तथा उनके सदाचारी बाप-दादाओं, पत्नियों और संतानों को भी। निःसंदेह तू प्रभुत्वशाली, पूर्ण हिकमत वाला है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقِهِمُ السَّیِّاٰتِ ؕ— وَمَنْ تَقِ السَّیِّاٰتِ یَوْمَىِٕذٍ فَقَدْ رَحِمْتَهٗ ؕ— وَذٰلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِیْمُ ۟۠
तथा उन्हें बुराइयों (के दुष्परिणाम) से सुरक्षित रख। और जिसे तूने उस दिन बुराइयों के दुष्परिणाम से सुरक्षित रखा, तो निश्चय ही तूने उसपर दया की। और यही बड़ी सफलता है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اِنَّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا یُنَادَوْنَ لَمَقْتُ اللّٰهِ اَكْبَرُ مِنْ مَّقْتِكُمْ اَنْفُسَكُمْ اِذْ تُدْعَوْنَ اِلَی الْاِیْمَانِ فَتَكْفُرُوْنَ ۟
निःसंदेह जिन लोगों ने कुफ़्र किया, उन्हें (क़ियामत के दिन) पुकारकर कहा जाएगा कि अल्लाह का क्रोध तुमपर उससे अधिक था, जितना तुम्हें आज अपने ऊपर क्रोध आ रहा है, जब तुम संसार में ईमान की ओर बुलाए[2] जाते थे, तो तुम इनकार कर देते थे।
2. आयत का अर्थ यह है कि जब काफ़िर लोग प्रलय के दिन यातना देखेंगे, तो अपने ऊपर क्रोधित होंगे। उस समय उनसे पुकारकर यह कहा जाएगा कि जब संसार में तुम्हें ईमान की ओर बुलाया जाता था, फिर भी तुम कुफ़्र करते थे तो अल्लाह को इससे अधिक क्रोध होता था जितना आज तुम्हें अपने ऊपर हो रहा है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
قَالُوْا رَبَّنَاۤ اَمَتَّنَا اثْنَتَیْنِ وَاَحْیَیْتَنَا اثْنَتَیْنِ فَاعْتَرَفْنَا بِذُنُوْبِنَا فَهَلْ اِلٰی خُرُوْجٍ مِّنْ سَبِیْلٍ ۟
वे कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! तूने हमें दो बार मारा[3] तथा दो बार जीवित किया। अब हमने अपने पापों को स्वीकार किया। तो क्या (यहाँ से) निकलने का कोई रास्ता है?
3. देखिए : सूरतुल-बक़रा, आयत : 28.
Ibisobanuro by'icyarabu:
ذٰلِكُمْ بِاَنَّهٗۤ اِذَا دُعِیَ اللّٰهُ وَحْدَهٗ كَفَرْتُمْ ۚ— وَاِنْ یُّشْرَكْ بِهٖ تُؤْمِنُوْا ؕ— فَالْحُكْمُ لِلّٰهِ الْعَلِیِّ الْكَبِیْرِ ۟
तुम्हें यह (यातना) इस कारण है कि जब अकेले अल्लाह को पुकारा जाता था, तो तुम इनकार कर देते थे। और यदि उसके साथ साझी ठहराया जाता, तो तुम मान लेते थे। अतः अब फ़ैसला अल्लाह के अधिकार में है, जो सर्वोच्च, बड़ा महान है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
هُوَ الَّذِیْ یُرِیْكُمْ اٰیٰتِهٖ وَیُنَزِّلُ لَكُمْ مِّنَ السَّمَآءِ رِزْقًا ؕ— وَمَا یَتَذَكَّرُ اِلَّا مَنْ یُّنِیْبُ ۟
वही है जो तुम्हें अपनी निशानियाँ दिखाता है, तथा तुम्हारे लिए आकाश से रोज़ी उतारता है, और शिक्षा तो केवल वही ग्रहण करता है, जो (उसकी ओर) लौटता है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَادْعُوا اللّٰهَ مُخْلِصِیْنَ لَهُ الدِّیْنَ وَلَوْ كَرِهَ الْكٰفِرُوْنَ ۟
अतः तुम अल्लाह को, उसके लिए धर्म को विशुद्ध करते हुए पुकारो, यद्यपि काफ़िरों को बुरा लगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
رَفِیْعُ الدَّرَجٰتِ ذُو الْعَرْشِ ۚ— یُلْقِی الرُّوْحَ مِنْ اَمْرِهٖ عَلٰی مَنْ یَّشَآءُ مِنْ عِبَادِهٖ لِیُنْذِرَ یَوْمَ التَّلَاقِ ۟ۙ
वह उच्च श्रेणियों वाला, अर्श का स्वामी है। वह अपने आदेश से, अपने बंदों में से जिसपर चाहता है, वह़्य[4] (प्रकाशना) उतारता है, ताकि वह मिलने के दिन से सचेत करे।
4. यहाँ वह़्य को रूह़ कहा गया है; क्योंकि जिस प्रकार रूह़ (आत्मा) मनुष्य के जीवन का कारण होती है, वैसे ही प्रकाशना भी अंतरात्मा को जीवित करती है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یَوْمَ هُمْ بَارِزُوْنَ ۚ۬— لَا یَخْفٰی عَلَی اللّٰهِ مِنْهُمْ شَیْءٌ ؕ— لِمَنِ الْمُلْكُ الْیَوْمَ ؕ— لِلّٰهِ الْوَاحِدِ الْقَهَّارِ ۟
जिस दिन वे (अपने पालनहार के सामने) प्रकट होंगे। अल्लाह से उनकी कोई चीज़ छिपी न होगी। (अल्लाह पूछेगा :) आज[5] किसका राज्य है? (फिर खुद ही फरमाएगा :) अकेले अल्लाह का, जो सब पर प्रभुत्वशाली है।
5. अर्थात प्रलय के दिन। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4812)
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَلْیَوْمَ تُجْزٰی كُلُّ نَفْسٍ بِمَا كَسَبَتْ ؕ— لَا ظُلْمَ الْیَوْمَ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ سَرِیْعُ الْحِسَابِ ۟
आज प्रत्येक प्राणी को उसके किए का बदला दिया जाएगा। आज कोई अत्याचार नहीं होगा। निःसंदेह अल्लाह अति शीघ्र हिसाब लेने वाला है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاَنْذِرْهُمْ یَوْمَ الْاٰزِفَةِ اِذِ الْقُلُوْبُ لَدَی الْحَنَاجِرِ كٰظِمِیْنَ ؕ۬— مَا لِلظّٰلِمِیْنَ مِنْ حَمِیْمٍ وَّلَا شَفِیْعٍ یُّطَاعُ ۟ؕ
तथा आप उन्हें निकट आने वाले (क़ियामत के) दिन से सावधान कर दें, जब शोक से भरे हुए दिल गले को आ पहुँचेंगे। अत्याचारियों का न कोई मित्र होगा, न कोई सिफ़ारिशी जिसकी बात मानी जाए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یَعْلَمُ خَآىِٕنَةَ الْاَعْیُنِ وَمَا تُخْفِی الصُّدُوْرُ ۟
वह आँखों की चोरी तथा सीने की छिपाई हुई बातों को जानता है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاللّٰهُ یَقْضِیْ بِالْحَقِّ ؕ— وَالَّذِیْنَ یَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهٖ لَا یَقْضُوْنَ بِشَیْءٍ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ هُوَ السَّمِیْعُ الْبَصِیْرُ ۟۠
अल्लाह ही सत्य (न्याय) के साथ निर्णय करता है तथा जिन्हें वे अल्लाह के अतिरिक्त पुकारते हैं, वे किसी भी चीज़ का निर्णय नहीं करते। निःसंदेह अल्लाह ही सब कुछ सुनने वाला, सब कुछ देखने वाला है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَوَلَمْ یَسِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَیَنْظُرُوْا كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِیْنَ كَانُوْا مِنْ قَبْلِهِمْ ؕ— كَانُوْا هُمْ اَشَدَّ مِنْهُمْ قُوَّةً وَّاٰثَارًا فِی الْاَرْضِ فَاَخَذَهُمُ اللّٰهُ بِذُنُوْبِهِمْ ؕ— وَمَا كَانَ لَهُمْ مِّنَ اللّٰهِ مِنْ وَّاقٍ ۟
क्या वे धरती में चले-फिरे नहीं, ताकि देखते कि उन लोगों का परिणाम कैसा रहा, जो इनसे पहले थे? वे इनसे अधिक शक्तिशाली थे तथा धरती में इनसे अधिक चिह्न भी छोड़ गए। तो अल्लाह ने उन्हें उनके पापों के कारण पकड़ लिया और उन्हें अल्लाह से बचाने वाला कोई न था।
Ibisobanuro by'icyarabu:
ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ كَانَتْ تَّاْتِیْهِمْ رُسُلُهُمْ بِالْبَیِّنٰتِ فَكَفَرُوْا فَاَخَذَهُمُ اللّٰهُ ؕ— اِنَّهٗ قَوِیٌّ شَدِیْدُ الْعِقَابِ ۟
यह इस कारण हुआ कि उनके रसूल उनके पास खुली निशानियाँ लाते थे, तो उन्होंने इनकार किया। अंततः अल्लाह ने उन्हें पकड़ लिया। निःसंदेह वह बड़ा शक्तिशाली, कठोर दंड देने वाला है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا مُوْسٰی بِاٰیٰتِنَا وَسُلْطٰنٍ مُّبِیْنٍ ۟ۙ
और हमने मूसा को अपनी निशानियों (चमत्कारों) तथा स्पष्ट तर्क के साथ भेजा।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اِلٰی فِرْعَوْنَ وَهَامٰنَ وَقَارُوْنَ فَقَالُوْا سٰحِرٌ كَذَّابٌ ۟
फ़िरऔन और (उसके मंत्री) हामान तथा क़ारून के पास। तो उन्होंने कहा : यह तो बड़ा झूठा जादूगर है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَلَمَّا جَآءَهُمْ بِالْحَقِّ مِنْ عِنْدِنَا قَالُوا اقْتُلُوْۤا اَبْنَآءَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗ وَاسْتَحْیُوْا نِسَآءَهُمْ ؕ— وَمَا كَیْدُ الْكٰفِرِیْنَ اِلَّا فِیْ ضَلٰلٍ ۟
फिर जब वह हमारी ओर से उनके पास सत्य लेकर आया, तो उन्होंने कहा : उसके साथ जो लोग ईमान लाए हैं, उनके बेटों को मार डालो और उनकी स्त्रियों को जीवित रहने दो। और काफ़िरों की चाल विफल ही हुआ करती है।[6]
6. अर्थात फ़िरऔन और उसकी जाति की। जबकि मूसा (अलैहिस्सलाम) और उनकी जाति बनी इसराईल को कोई हानि नहीं हुई। इससे उनकी शक्ति बढ़ती ही गई यहाँ तक कि वे पवित्र स्थान के स्वामी बन गए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالَ فِرْعَوْنُ ذَرُوْنِیْۤ اَقْتُلْ مُوْسٰی وَلْیَدْعُ رَبَّهٗ ۚؕ— اِنِّیْۤ اَخَافُ اَنْ یُّبَدِّلَ دِیْنَكُمْ اَوْ اَنْ یُّظْهِرَ فِی الْاَرْضِ الْفَسَادَ ۟
और फ़िरऔन ने (अपने प्रमुखों से) कहा : मुझे छोड़ो, मैं मूसा को क़त्ल कर दूँ और उसे चाहिए कि अपने पालनहार को पुकारे। निःसंदेह मैं डरता हूँ कि वह तुम्हारे धर्म को बदल[7] देगा या इस धरती (मिस्र) में बिगाड़ पैदा कर देगा।
7. अर्थात शिर्क तथा देवी-देवता की पूजा से रोककर एक अल्लाह की इबादत में लगा देगा। जो उपद्रव तथा अशांति का कारण बन जाएगा और देश हमारे हाथ से निकल जाएगा।
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وَقَالَ مُوْسٰۤی اِنِّیْ عُذْتُ بِرَبِّیْ وَرَبِّكُمْ مِّنْ كُلِّ مُتَكَبِّرٍ لَّا یُؤْمِنُ بِیَوْمِ الْحِسَابِ ۟۠
तथा मूसा ने कहा : निःसंदेह मैंने अपने पालनहार तथा तुम्हारे पालनहार की हर उस अहंकारी से शरण ली है, जो हिसाब के दिन पर ईमान नहीं रखता।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالَ رَجُلٌ مُّؤْمِنٌ ۖۗ— مِّنْ اٰلِ فِرْعَوْنَ یَكْتُمُ اِیْمَانَهٗۤ اَتَقْتُلُوْنَ رَجُلًا اَنْ یَّقُوْلَ رَبِّیَ اللّٰهُ وَقَدْ جَآءَكُمْ بِالْبَیِّنٰتِ مِنْ رَّبِّكُمْ ؕ— وَاِنْ یَّكُ كَاذِبًا فَعَلَیْهِ كَذِبُهٗ ۚ— وَاِنْ یَّكُ صَادِقًا یُّصِبْكُمْ بَعْضُ الَّذِیْ یَعِدُكُمْ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ لَا یَهْدِیْ مَنْ هُوَ مُسْرِفٌ كَذَّابٌ ۟
तथा फ़िरऔन के घराने के एक ईमानवाले व्यक्ति ने, जो अपना ईमान छिपा रहा था, कहा : क्या तुम एक व्यक्ति को केवल इसलिए मार डालना चाहते हो कि वह कहता है कि मेरा पालनहार अल्लाह है, जबकि वह तुम्हारे पास तुम्हारे पालनहार की ओर से खुली निशानियाँ लेकर आया है? और यदि वह झूठा है, तो उसका झूठ उसी के ऊपर है और यदि वह सच्चा है, तो तुम्हें उस (यातना) का कुछ अंश पहुँचकर रहेगा, जिसका वह तुमसे वादा कर रहा है। निःसंदेह अल्लाह उसका मार्गदर्शन नहीं करता, जो उल्लंघनकारी, बहुत झूठा है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یٰقَوْمِ لَكُمُ الْمُلْكُ الْیَوْمَ ظٰهِرِیْنَ فِی الْاَرْضِ ؗ— فَمَنْ یَّنْصُرُنَا مِنْ بَاْسِ اللّٰهِ اِنْ جَآءَنَا ؕ— قَالَ فِرْعَوْنُ مَاۤ اُرِیْكُمْ اِلَّا مَاۤ اَرٰی وَمَاۤ اَهْدِیْكُمْ اِلَّا سَبِیْلَ الرَّشَادِ ۟
ऐ मेरी जाति के लोगो! आज तुम्हारा राज्य है। तुम धरती में प्रभावशाली हो। यदि अल्लाह की यातना हमपर आ जाए, तो उससे बचाने के लिए कौन हमारी मदद करेगा? फ़िरऔन ने कहा : मैं तुम सब को वही समझा रहा हूँ, जिसे मैं उचित समझता हूँ और मैं तुम्हें सीधी राह ही दिखा रहा हूँ।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالَ الَّذِیْۤ اٰمَنَ یٰقَوْمِ اِنِّیْۤ اَخَافُ عَلَیْكُمْ مِّثْلَ یَوْمِ الْاَحْزَابِ ۟ۙ
तथा जो व्यक्ति ईमान लाया था, उसने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! निःसंदेह मैं तुमपर (अगले) समुदायों के दिन जैसे (दिन)[8] से डरता हूँ।
8. अर्थात उनकी यातना के दिन जैसे दिन से।
Ibisobanuro by'icyarabu:
مِثْلَ دَاْبِ قَوْمِ نُوْحٍ وَّعَادٍ وَّثَمُوْدَ وَالَّذِیْنَ مِنْ بَعْدِهِمْ ؕ— وَمَا اللّٰهُ یُرِیْدُ ظُلْمًا لِّلْعِبَادِ ۟
नूह की जाति, तथा आद और समूद और उनके बाद होने वाले लोगों की स्थिति के समान। तथा अल्लाह अपने बंदों पर अत्याचार नहीं चाहता।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَیٰقَوْمِ اِنِّیْۤ اَخَافُ عَلَیْكُمْ یَوْمَ التَّنَادِ ۟ۙ
तथा ऐ मेरी जाति के लोगो! निःसंदेह मैं तुमपर एक-दूसरे को पुकारने के दिन[9] से डरता हूँ।
9. अर्थात प्रलय के दिन से, जब भय के कारण एक-दूसरे को पुकारेंगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یَوْمَ تُوَلُّوْنَ مُدْبِرِیْنَ ۚ— مَا لَكُمْ مِّنَ اللّٰهِ مِنْ عَاصِمٍ ۚ— وَمَنْ یُّضْلِلِ اللّٰهُ فَمَا لَهٗ مِنْ هَادٍ ۟
जिस दिन तुम पीठ फेरकर भागोगे। तुम्हें अल्लाह से कोई बचाने वाला न होगा। तथा जिसे अल्लाह राह से भटका दे, उसे राह दिखाने वाला कोई नहीं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَقَدْ جَآءَكُمْ یُوْسُفُ مِنْ قَبْلُ بِالْبَیِّنٰتِ فَمَا زِلْتُمْ فِیْ شَكٍّ مِّمَّا جَآءَكُمْ بِهٖ ؕ— حَتّٰۤی اِذَا هَلَكَ قُلْتُمْ لَنْ یَّبْعَثَ اللّٰهُ مِنْ بَعْدِهٖ رَسُوْلًا ؕ— كَذٰلِكَ یُضِلُّ اللّٰهُ مَنْ هُوَ مُسْرِفٌ مُّرْتَابُ ۟ۚۖ
तथा इससे पूर्व यूसुफ़ तुम्हारे पास स्पष्ट प्रमाणों के साथ आए, तो तुम उस चीज़ के बारे में बराबर संदेह में पड़े रहे, जो वह तुम्हारे पास लेकर आए। यहाँ तक कि जब वह मर गए, तो तुमने कहा कि अल्लाह उनके पश्चात् कोई रसूल[10] हरगिज़ नहीं भेजेगा। इसी प्रकार अल्लाह उसे राह से भटका देता है, जो हद से बढ़ने वाला, संदेह करने वाला हो।
10. अर्थात तुम्हारा आचरण ही प्रत्येक नबी का विरोध रहा है। इसीलिए तुम समझते थे कि अब कोई रसूल नहीं आएगा।
Ibisobanuro by'icyarabu:
١لَّذِیْنَ یُجَادِلُوْنَ فِیْۤ اٰیٰتِ اللّٰهِ بِغَیْرِ سُلْطٰنٍ اَتٰىهُمْ ؕ— كَبُرَ مَقْتًا عِنْدَ اللّٰهِ وَعِنْدَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا ؕ— كَذٰلِكَ یَطْبَعُ اللّٰهُ عَلٰی كُلِّ قَلْبِ مُتَكَبِّرٍ جَبَّارٍ ۟
जो अल्लाह की आयतों के बारे में झगड़ते हैं, बिना किसी प्रमाण के, जो उनके पास आया हो। यह अल्लाह के निकट तथा उन लोगों के निकट, जो ईमान लाए हैं, बड़े क्रोध की बात है। इसी प्रकार, अल्लाह प्रत्येक अहंकारी अत्याचारी के दिल पर मुहर लगा देता है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالَ فِرْعَوْنُ یٰهَامٰنُ ابْنِ لِیْ صَرْحًا لَّعَلِّیْۤ اَبْلُغُ الْاَسْبَابَ ۟ۙ
तथा फ़िरऔन ने कहा : ऐ हामान! मेरे लिए एक उच्च भवन बनाओ, ताकि मैं मार्गों तक पहुँच सकूँ।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَسْبَابَ السَّمٰوٰتِ فَاَطَّلِعَ اِلٰۤی اِلٰهِ مُوْسٰی وَاِنِّیْ لَاَظُنُّهٗ كَاذِبًا ؕ— وَكَذٰلِكَ زُیِّنَ لِفِرْعَوْنَ سُوْٓءُ عَمَلِهٖ وَصُدَّ عَنِ السَّبِیْلِ ؕ— وَمَا كَیْدُ فِرْعَوْنَ اِلَّا فِیْ تَبَابٍ ۟۠
आकाशों के मार्गों तक। फिर मैं मूसा के पूज्य को देख लूँ। और निश्चय ही मैं उसे झूठा समझता हूँ। इसी प्रकार, फ़िरऔन के लिए उसके बुरे कर्म को सुंदर बना दिया गया और उसे सत्य मार्ग से रोक दिया गया। और फ़िरऔन की चाल विनाश होकर रही।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالَ الَّذِیْۤ اٰمَنَ یٰقَوْمِ اتَّبِعُوْنِ اَهْدِكُمْ سَبِیْلَ الرَّشَادِ ۟ۚ
तथा जो व्यक्ति ईमान लाया था, उसने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! मेरा अनुसरण करो, मैं तुम्हे भलाई का रास्ता दिखाऊँगा।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یٰقَوْمِ اِنَّمَا هٰذِهِ الْحَیٰوةُ الدُّنْیَا مَتَاعٌ ؗ— وَّاِنَّ الْاٰخِرَةَ هِیَ دَارُ الْقَرَارِ ۟
ऐ मेरी जाति के लोगो! यह सांसारिक जीवन तो मात्र कुछ दिनों का लाभ है और निःसंदेह स्थायी निवास का स्थान तो आख़िरत ही है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
مَنْ عَمِلَ سَیِّئَةً فَلَا یُجْزٰۤی اِلَّا مِثْلَهَا ۚ— وَمَنْ عَمِلَ صَالِحًا مِّنْ ذَكَرٍ اَوْ اُ وَهُوَ مُؤْمِنٌ فَاُولٰٓىِٕكَ یَدْخُلُوْنَ الْجَنَّةَ یُرْزَقُوْنَ فِیْهَا بِغَیْرِ حِسَابٍ ۟
जिसने बुरा काम किया, उसे उसी के जैसा बदला दिया जाएगा तथा जिसने अच्छा काम किया, वह नर हो अथवा नारी, जबकि वह ईमान वाला (एकेश्वरवादी) हो, तो ऐसे लोग जन्नत में प्रवेश करेंगे। वहाँ उन्हें बेहिसाब रोज़ी दी जाएगी।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَیٰقَوْمِ مَا لِیْۤ اَدْعُوْكُمْ اِلَی النَّجٰوةِ وَتَدْعُوْنَنِیْۤ اِلَی النَّارِ ۟ؕ
तथा ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या बात है कि मैं तुम्हें मुक्ति की ओर बुला रहा हूँ और तुम मुझे आग (नरक) की ओर बुला रहे हो?
Ibisobanuro by'icyarabu:
تَدْعُوْنَنِیْ لِاَكْفُرَ بِاللّٰهِ وَاُشْرِكَ بِهٖ مَا لَیْسَ لِیْ بِهٖ عِلْمٌ ؗ— وَّاَنَا اَدْعُوْكُمْ اِلَی الْعَزِیْزِ الْغَفَّارِ ۟
तुम मुझे इस बात की ओर बुला रहे हो कि मैं अल्लाह के साथ कुफ़्र करूँ और उसके साथ उसे साझी ठहराऊँ जिसका मुझे कोई ज्ञान नहीं, तथा मैं तुम्हें प्रभुत्वशाली, अत्यंत क्षमाशील (अल्लाह) की ओर बुला रहा हूँ।
Ibisobanuro by'icyarabu:
لَا جَرَمَ اَنَّمَا تَدْعُوْنَنِیْۤ اِلَیْهِ لَیْسَ لَهٗ دَعْوَةٌ فِی الدُّنْیَا وَلَا فِی الْاٰخِرَةِ وَاَنَّ مَرَدَّنَاۤ اِلَی اللّٰهِ وَاَنَّ الْمُسْرِفِیْنَ هُمْ اَصْحٰبُ النَّارِ ۟
निःसंदेह तुम जिसकी ओर मुझे बुला रहे हो, वह न तो दुनिया में पुकारे जाने के योग्य[11] है और न आख़िरत में। तथा यह कि निश्चय हमारा लौटना अल्लाह की ओर है और यह कि निश्चय हद से आगे बढ़ने वाले ही, आग में रहने वाले हैं।
11. क्योंकि लोक तथा परलोक में कोई सहायता नही कर सकते। (देखिए : सूरत-फ़ातिर, आयत : 140, तथा सूरतुल-ह़्क़ाफ़, आयत : 5)
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَسَتَذْكُرُوْنَ مَاۤ اَقُوْلُ لَكُمْ ؕ— وَاُفَوِّضُ اَمْرِیْۤ اِلَی اللّٰهِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ بَصِیْرٌ بِالْعِبَادِ ۟
तो जो कुछ मैं तुमसे कह रहा हूँ, शीघ्र ही तुम उसे याद करोगे। तथा मैं अपना मामला अल्लाह के हवाले करता हूँ। निःसंदेह अल्लाह बंदों को देख रहा है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَوَقٰىهُ اللّٰهُ سَیِّاٰتِ مَا مَكَرُوْا وَحَاقَ بِاٰلِ فِرْعَوْنَ سُوْٓءُ الْعَذَابِ ۟ۚ
तो अल्लाह ने उसे उनकी चालों की बुराइयों से बचा लिया और फ़िरऔनियों को बुरी यातना ने घेर लिया।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَلنَّارُ یُعْرَضُوْنَ عَلَیْهَا غُدُوًّا وَّعَشِیًّا ۚ— وَیَوْمَ تَقُوْمُ السَّاعَةُ ۫— اَدْخِلُوْۤا اٰلَ فِرْعَوْنَ اَشَدَّ الْعَذَابِ ۟
वे[12] सुबह और शाम आग पर प्रस्तुत किए जाते हैं, तथा जिस दिन क़ियामत क़ायम होगी, (तो आदेश होगा) कि फ़िरऔनियों को सबसे कठोर यातना में डाल दो।
12. ह़दीस में है कि जब तुममें से कोई मरता है तो (क़ब्र में) उसपर सुबह और शाम उसका स्थान प्रस्तुत किया जाता है। (अर्थात स्वार्गी है तो स्वर्ग और नारकी है तो नरक)। और कहा जाता है कि यही प्रलय के दिन तेरा स्थान होगा। (सह़ीह़ बुख़ारी : 1379, मुस्लिम :
2866)
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاِذْ یَتَحَآجُّوْنَ فِی النَّارِ فَیَقُوْلُ الضُّعَفٰٓؤُا لِلَّذِیْنَ اسْتَكْبَرُوْۤا اِنَّا كُنَّا لَكُمْ تَبَعًا فَهَلْ اَنْتُمْ مُّغْنُوْنَ عَنَّا نَصِیْبًا مِّنَ النَّارِ ۟
तथा (याद करो) जब वे नरक में आपस में झगड़ा करेंगे, तो कमज़ोर लोग बड़ा बनने वाले लोगों से कहेंगे : हम (दुनिया में) तुम्हारे अनुयायी थे। तो क्या तुम हमसे आग का कुछ भाग हटा सकते हो?
Ibisobanuro by'icyarabu:
قَالَ الَّذِیْنَ اسْتَكْبَرُوْۤا اِنَّا كُلٌّ فِیْهَاۤ اِنَّ اللّٰهَ قَدْ حَكَمَ بَیْنَ الْعِبَادِ ۟
वे बड़ा बनने वाले लोग कहेंगे : निःसंदेह हम सब इसी में हैं। निश्चय ही अल्लाह ने बंदों के बीच निर्णय कर दिया है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالَ الَّذِیْنَ فِی النَّارِ لِخَزَنَةِ جَهَنَّمَ ادْعُوْا رَبَّكُمْ یُخَفِّفْ عَنَّا یَوْمًا مِّنَ الْعَذَابِ ۟
तथा जो लोग आग में होंगे, वे जहन्नम के रक्षकों से कहेंगे : अपने पालनहार से प्रार्थना करो कि वह हमसे एक दिन तो कुछ यातना हल्की कर दे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
قَالُوْۤا اَوَلَمْ تَكُ تَاْتِیْكُمْ رُسُلُكُمْ بِالْبَیِّنٰتِ ؕ— قَالُوْا بَلٰی ؕ— قَالُوْا فَادْعُوْا ۚ— وَمَا دُعٰٓؤُا الْكٰفِرِیْنَ اِلَّا فِیْ ضَلٰلٍ ۟۠
जहन्नम के रक्षक कहेंगे : क्या तुम्हारे पास, तुम्हारे रसूल, स्पष्ट प्रमाण लेकर नहीं आए थे? काफ़िर लोग कहेंगे : क्यों नहीं? रक्षकगण कहेंगे : तो तुम ही प्रार्थना करो। और काफ़िरों की प्रार्थना व्यर्थ ही होगी।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اِنَّا لَنَنْصُرُ رُسُلَنَا وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا وَیَوْمَ یَقُوْمُ الْاَشْهَادُ ۟ۙ
निःसंदेह हम अपने रसूलों की और उन लोगों की जो ईमान लाए, सांसारिक जीवन में भी अवश्य सहायता करते हैं तथा उस दिन[13] भी (करेंगे) जब साक्षी खड़े होंगे।
13. अर्थात प्रलय के दिन, जब अंबिया और फ़रिश्ते गवाही देंगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یَوْمَ لَا یَنْفَعُ الظّٰلِمِیْنَ مَعْذِرَتُهُمْ وَلَهُمُ اللَّعْنَةُ وَلَهُمْ سُوْٓءُ الدَّارِ ۟
जिस दिन अत्याचारियों को उनका बहाना (सफ़ाई देना) कोई लाभ नहीं देगा तथा उनके लिए धिक्कार है और उनके लिए बुरा घर है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا مُوْسَی الْهُدٰی وَاَوْرَثْنَا بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ الْكِتٰبَ ۟ۙ
तथा हमने मूसा को मार्गदर्शन प्रदान किया और इसराईल की संतान को पुस्तक (तौरात) का उत्तराधिकारी बनाया।
Ibisobanuro by'icyarabu:
هُدًی وَّذِكْرٰی لِاُولِی الْاَلْبَابِ ۟
जो बुद्धि वालों के लिए मार्गदर्शन तथा उपदेश थी।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَاصْبِرْ اِنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّ وَّاسْتَغْفِرْ لِذَنْۢبِكَ وَسَبِّحْ بِحَمْدِ رَبِّكَ بِالْعَشِیِّ وَالْاِبْكَارِ ۟
अतः (ऐ नबी!) आप धैर्य रखें। निःसंदेह अल्लाह का वचन[14] सत्य है। तथा अपने पापों[15] की क्षमा माँगें और सायंकाल तथा प्रातःकाल अपने पालनहार की प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता का वर्णन करते रहें।
14. नबियों की सहायता करने का। 15. अर्थात भूल-चूक की। आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया मैं दिन में 70 बार क्षमा माँगता हूँ। और 70 बार से अधिक तौबा करता हूँ। (सह़ीह़ बुख़ारी : 6307)
Ibisobanuro by'icyarabu:
اِنَّ الَّذِیْنَ یُجَادِلُوْنَ فِیْۤ اٰیٰتِ اللّٰهِ بِغَیْرِ سُلْطٰنٍ اَتٰىهُمْ ۙ— اِنْ فِیْ صُدُوْرِهِمْ اِلَّا كِبْرٌ مَّا هُمْ بِبَالِغِیْهِ ۚ— فَاسْتَعِذْ بِاللّٰهِ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ السَّمِیْعُ الْبَصِیْرُ ۟
निःसंदेह जो लोग बिना किसी प्रमाण के, जो उनके पास आया हो[16], अल्लाह की आयतों के बारे में झगड़ते हैं, उनके दिलों में बड़ाई के सिवा कुछ नहीं है, जिस तक वे पहुँचने वाले नहीं हैं। अतः आप अल्लाह की शरण लें। निःसंदेह वही सब कुछ सुनने वाला, सब कुछ जानने वाला है।
16. अर्थात बिना किसी ऐसे प्रमाण के जो अल्लाह की ओर से आया हो। उनके सब प्रमाण वे हैं, जो उन्होंने अपने पूर्वजों से सीखे हैं। जिनकी कोई वास्तविकता नहीं है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
لَخَلْقُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ اَكْبَرُ مِنْ خَلْقِ النَّاسِ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
निश्चय ही आकाशों तथा धरती को पैदा करना, मनुष्य को पैदा करने से अधिक बड़ा (कार्य) है। परंतु अधिकतर लोग नहीं जानते।[17]
17. और मनुष्य के पुनः जीवित किए जाने का इनकार करते हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَمَا یَسْتَوِی الْاَعْمٰی وَالْبَصِیْرُ ۙ۬— وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ وَلَا الْمُسِیْٓءُ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تَتَذَكَّرُوْنَ ۟
तथा अंधा और आँखों वाला बराबर नहीं हो सकते। तथा जो लोग ईमान लाए और अच्छे कर्म किए, वे और बुरा कर्म करने वाला बराबर नहीं हो सकते। तुम (बहुत) कम ही शिक्षा ग्रहण करते हो।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اِنَّ السَّاعَةَ لَاٰتِیَةٌ لَّا رَیْبَ فِیْهَا ؗ— وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟
निःसंदेह क़ियामत अवश्य आने वाली है। इसमें कोई संदेह नहीं। लेकिन अधिकतर लोग ईमान नहीं लाते।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالَ رَبُّكُمُ ادْعُوْنِیْۤ اَسْتَجِبْ لَكُمْ ؕ— اِنَّ الَّذِیْنَ یَسْتَكْبِرُوْنَ عَنْ عِبَادَتِیْ سَیَدْخُلُوْنَ جَهَنَّمَ دٰخِرِیْنَ ۟۠
तथा तुम्हारे पालनहार ने कहा है : तुम मुझे पुकारो। मैं तुम्हारी प्रार्थना[18] स्वीकार करूँगा। निःसंदेह जो लोग मेरी इबादत से अहंकार करते हैं, वे शीघ्र ही अपमानित होकर जहन्नम में प्रवेश करेंगे।
18. ह़दीस में है कि प्रार्थना ही इबादत है। फिर आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने यही आयत पढ़ी। (तिर्मिज़ी : 2969) इस ह़दीस की सनद ह़सन है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَللّٰهُ الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الَّیْلَ لِتَسْكُنُوْا فِیْهِ وَالنَّهَارَ مُبْصِرًا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ لَذُوْ فَضْلٍ عَلَی النَّاسِ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَشْكُرُوْنَ ۟
अल्लाह ही ने तुम्हारे लिए रात बनाई, ताकि तुम उसमें विश्राम करो तथा दिन को प्रकाशमान बनाया।[19] निःसंदेह अल्लाह लोगों पर बड़ा अनुग्रह वाला है। लेकिन अधिकतर लोग आभार प्रकट नहीं करते।
19. ताकि तुम जीविका प्राप्त करने के लिए दौड़-धूप करो।
Ibisobanuro by'icyarabu:
ذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمْ خَالِقُ كُلِّ شَیْءٍ ۘ— لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ؗ— فَاَنّٰی تُؤْفَكُوْنَ ۟
यही अल्लाह तुम्हारा पालनहार है, प्रत्येक वस्तु का रचयिता, उसके सिवा कोई सच्चा पूज्य नहीं। फिर तुम कहाँ बहकाए जाते हो?
Ibisobanuro by'icyarabu:
كَذٰلِكَ یُؤْفَكُ الَّذِیْنَ كَانُوْا بِاٰیٰتِ اللّٰهِ یَجْحَدُوْنَ ۟
इसी प्रकार वे लोग बहकाए जाते रहे हैं, जो अल्लाह की आयतों का इनकार किया करते थे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَللّٰهُ الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الْاَرْضَ قَرَارًا وَّالسَّمَآءَ بِنَآءً وَّصَوَّرَكُمْ فَاَحْسَنَ صُوَرَكُمْ وَرَزَقَكُمْ مِّنَ الطَّیِّبٰتِ ؕ— ذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمْ ۖۚ— فَتَبٰرَكَ اللّٰهُ رَبُّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
अल्लाह ही है, जिसने धरती को तुम्हारे लिए निवास स्थान तथा आकाश को छत बनाया और तुम्हारा रूप बनाया, तो सुंदर रूप बनाया, तथा तुम्हें पाकीज़ा चीज़ों से जीविका प्रदान की। वही अल्लाह तुम्हारा पालनहार है। तो सारे संसार का पालनहार अल्लाह बहुत बरकत वाला है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
هُوَ الْحَیُّ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ فَادْعُوْهُ مُخْلِصِیْنَ لَهُ الدِّیْنَ ؕ— اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
वही जीवित है, उसके सिवा कोई (सच्चा) पूज्य नहीं। अतः उसी को पुकारो, उसके लिए धर्म को विशुद्ध करते हुए। सब प्रशंसा सारे संसारों के पालनहार, अल्लाह के लिए है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
قُلْ اِنِّیْ نُهِیْتُ اَنْ اَعْبُدَ الَّذِیْنَ تَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ لَمَّا جَآءَنِیَ الْبَیِّنٰتُ مِنْ رَّبِّیْ ؗ— وَاُمِرْتُ اَنْ اُسْلِمَ لِرَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
आप कह दें : निःसंदेह मुझे इस बात से रोक दिया गया है कि मैं उनकी इबादत करूँ, जिन्हें तुम अल्लाह के सिवा पुकारते हो, जबकि मेरे पास मेरे पालनहार की ओर से स्पष्ट प्रमाण आ गए। तथा मुझे आदेश दिया गया है कि मैं सारे संसारों के पालनहार का आज्ञाकारी रहूँ।
Ibisobanuro by'icyarabu:
هُوَ الَّذِیْ خَلَقَكُمْ مِّنْ تُرَابٍ ثُمَّ مِنْ نُّطْفَةٍ ثُمَّ مِنْ عَلَقَةٍ ثُمَّ یُخْرِجُكُمْ طِفْلًا ثُمَّ لِتَبْلُغُوْۤا اَشُدَّكُمْ ثُمَّ لِتَكُوْنُوْا شُیُوْخًا ۚ— وَمِنْكُمْ مَّنْ یُّتَوَفّٰی مِنْ قَبْلُ وَلِتَبْلُغُوْۤا اَجَلًا مُّسَمًّی وَّلَعَلَّكُمْ تَعْقِلُوْنَ ۟
वही है, जिसने तुम्हें मिट्टी से पैदा किया, फिर वीर्य से, फिर जमे हुए रक्त से। फिर वह तुम्हें बच्चे के रूप में निकालता है। फिर (बड़ा करता है) ताकि तुम अपनी पूरी शक्ति को पहुँचो, फिर ताकि तुम बूढ़े हो जाओ, तथा तुममें कुछ इससे पहले ही मर जाते हैं। और (यह इसलिए होता है) ताकि तुम अपनी निश्चित आयु को पहुँच जाओ, तथा ताकि तुम समझो।[20]
20. अर्थात तुम यह समझो कि जो अल्लाह तुम्हें अस्तित्व में लाता है तथा गर्भ से लेकर आयु पूरी होने तक तुम्हारा पालन-पोषण करता है, तुम स्वयं अपने जीवन और मरण के विषय में कोई अधिकार नहीं रखते, तो फिर तुम्हें इबादत भी उसी एक की करनी चाहिए। यही समझ-बूझ का निर्णय है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
هُوَ الَّذِیْ یُحْیٖ وَیُمِیْتُ ۚ— فَاِذَا قَضٰۤی اَمْرًا فَاِنَّمَا یَقُوْلُ لَهٗ كُنْ فَیَكُوْنُ ۟۠
वही है जो जीवित करता है और मारता है। फिर जब वह किसी काम का निर्णय कर लेता है, तो उसे मात्र यह कहता है कि "हो जा", तो वह हो जाता है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَلَمْ تَرَ اِلَی الَّذِیْنَ یُجَادِلُوْنَ فِیْۤ اٰیٰتِ اللّٰهِ ؕ— اَنّٰی یُصْرَفُوْنَ ۟ۙۛ
क्या आपने उन लोगों को नहीं देखा, जो अल्लाह की आयतों के बारे में झगड़ते[21] हैं, वे कहाँ फेरे जा रहे हैं?
21. अर्थात अल्लाह की आयतों का विरोध करते हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِالْكِتٰبِ وَبِمَاۤ اَرْسَلْنَا بِهٖ رُسُلَنَا ۛ۫— فَسَوْفَ یَعْلَمُوْنَ ۟ۙ
जिन्होंने पुस्तक को और जो कुछ हमने अपने रसूलों को देकर भेजा, उसे झुठला दिया। तो शीघ्र ही वे जान लेंगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اِذِ الْاَغْلٰلُ فِیْۤ اَعْنَاقِهِمْ وَالسَّلٰسِلُ ؕ— یُسْحَبُوْنَ ۟ۙ
जब उनके गले में तौक़ होंगे तथा (पैरों में) बेड़ियाँ होंगी, वे घसीटे जाएँगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فِی الْحَمِیْمِ ۙ۬— ثُمَّ فِی النَّارِ یُسْجَرُوْنَ ۟ۚ
खौलते पानी में (घसीटे जाएँगे)। फिर आग में झोंक दिए जाएँगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
ثُمَّ قِیْلَ لَهُمْ اَیْنَ مَا كُنْتُمْ تُشْرِكُوْنَ ۟ۙ
फिर उनसे कहा जाएगा : कहाँ हैं वे, जिन्हें तुम साझी बनाया करते थे?
Ibisobanuro by'icyarabu:
مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ؕ— قَالُوْا ضَلُّوْا عَنَّا بَلْ لَّمْ نَكُنْ نَّدْعُوْا مِنْ قَبْلُ شَیْـًٔا ؕ— كَذٰلِكَ یُضِلُّ اللّٰهُ الْكٰفِرِیْنَ ۟
अल्लाह के सिवा? वे कहेंगे : वे हमसे गुम हो गए। बल्कि, हम इससे पहले किसी चीज़ को नहीं पुकारते थे। इसी प्रकार, अल्लाह काफ़िरों को गुमराह कर देता है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
ذٰلِكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَفْرَحُوْنَ فِی الْاَرْضِ بِغَیْرِ الْحَقِّ وَبِمَا كُنْتُمْ تَمْرَحُوْنَ ۟ۚ
यह यातना इसलिए है कि तुम धरती में नाहक़ बहुत प्रसन्न होते थे तथा इस कारण कि तुम अकड़ते फिरते थे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اُدْخُلُوْۤا اَبْوَابَ جَهَنَّمَ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا ۚ— فَبِئْسَ مَثْوَی الْمُتَكَبِّرِیْنَ ۟
जहन्नम के द्वारों में प्रवेश कर जाओ, उसमें सदैव रहने वाले हो। अतः अभिमानियों का ठिकाना बहुत बुरा है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَاصْبِرْ اِنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّ ۚ— فَاِمَّا نُرِیَنَّكَ بَعْضَ الَّذِیْ نَعِدُهُمْ اَوْ نَتَوَفَّیَنَّكَ فَاِلَیْنَا یُرْجَعُوْنَ ۟
अतः आप धैर्य रखें। निःसंदेह अल्लाह का वादा सच्चा है। फिर यदि हम आपको उस (यातना) का कुछ भाग दिखा दें, जिसका हम उनसे वादा करते हैं या हम आपको (उससे पहले ही) मृत्यु दे दें, तो वे हमारी ही ओर लौटाए जाएँगे।[22]
22. अर्थात प्रलय के दिन। फिर वे अपनी यातना देख लेंगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا رُسُلًا مِّنْ قَبْلِكَ مِنْهُمْ مَّنْ قَصَصْنَا عَلَیْكَ وَمِنْهُمْ مَّنْ لَّمْ نَقْصُصْ عَلَیْكَ ؕ— وَمَا كَانَ لِرَسُوْلٍ اَنْ یَّاْتِیَ بِاٰیَةٍ اِلَّا بِاِذْنِ اللّٰهِ ۚ— فَاِذَا جَآءَ اَمْرُ اللّٰهِ قُضِیَ بِالْحَقِّ وَخَسِرَ هُنَالِكَ الْمُبْطِلُوْنَ ۟۠
तथा (ऐ नबी!) हम आपसे पहले बहुत-से रसूलों को भेज चुके हैं, जिनमें से कुछ ऐसे हैं जिनका हाल हम आपसे वर्णन कर चुके हैं तथा उनमें से कुछ ऐसे हैं जिनके हाल का वर्णन हमने आपसे नहीं किया है। तथा किसी रसूल के वश[23] में यह नहीं था कि वह अल्लाह की अनुमति के बिना कोई आयत (चमत्कार) ले आए। फिर जब अल्लाह का आदेश आ गया, तो सत्य के साथ निर्णय कर दिया गया और उस समय झूठे लोग घाटे में रहे।
23. मक्का के काफ़िर लोग, नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से यह माँग कर रहे थे कि आप अपने सत्य रसूल होने के प्रमाण में कोई चमत्कार दिखाएँ। जिसके अनेक उत्तर आगामी आयतों में दिए जा रहे हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَللّٰهُ الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الْاَنْعَامَ لِتَرْكَبُوْا مِنْهَا وَمِنْهَا تَاْكُلُوْنَ ۟ؗ
अल्लाह ही है, जिसने तुम्हारे लिए चौपाए बनाए, ताकि उनमें से कुछ पर तुम सवारी करो और उनमें से कुछ को तुम खाते हो।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَكُمْ فِیْهَا مَنَافِعُ وَلِتَبْلُغُوْا عَلَیْهَا حَاجَةً فِیْ صُدُوْرِكُمْ وَعَلَیْهَا وَعَلَی الْفُلْكِ تُحْمَلُوْنَ ۟ؕ
तथा तुम्हारे लिए उनमें बहुत लाभ हैं। और ताकि उनपर सवार होकर तुम अपनी उस आवश्यकता तक पहुँचो, जो तुम्हारे दिलों में है। तथा उन (चौपायों) पर और नावों पर तुम सवार किए जाते हो।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَیُرِیْكُمْ اٰیٰتِهٖ ۖۗ— فَاَیَّ اٰیٰتِ اللّٰهِ تُنْكِرُوْنَ ۟
तथा वह तुम्हें अपनी निशानियाँ दिखाता है। तो तुम अल्लाह की किन-किन निशानियों का इनकार करोगे?
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَفَلَمْ یَسِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَیَنْظُرُوْا كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ ؕ— كَانُوْۤا اَكْثَرَ مِنْهُمْ وَاَشَدَّ قُوَّةً وَّاٰثَارًا فِی الْاَرْضِ فَمَاۤ اَغْنٰی عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا یَكْسِبُوْنَ ۟
तो क्या वे धरती में चले-फिरे नहीं, ताकि देखते कि उन लोगों का परिणाम कैसा रहा, जो उनसे पहले गुज़र चुके हैं? वे (धन में) इनसे अधिक तथा शक्ति और धरती में (छोड़ी हुई) निशानियों[24] में अधिक बढ़कर थे। किंतु वे जो कुछ कमाते थे, वह उनके कुछ काम न आया।
24. अर्थात निर्माण तथा भवन इत्यादि।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَلَمَّا جَآءَتْهُمْ رُسُلُهُمْ بِالْبَیِّنٰتِ فَرِحُوْا بِمَا عِنْدَهُمْ مِّنَ الْعِلْمِ وَحَاقَ بِهِمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟
फिर जब उनके रसूल उनके पास स्पष्ट प्रमाण लेकर आए, तो वे उस ज्ञान[25] पर इतराने लगे, जो उनके पास था, और उन्हें उस (यातना) ने घेर लिया, जिसका वे उपहास कर रहे थे।
25. अर्थात सत्य-विरोधी ज्ञान।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَلَمَّا رَاَوْا بَاْسَنَا قَالُوْۤا اٰمَنَّا بِاللّٰهِ وَحْدَهٗ وَكَفَرْنَا بِمَا كُنَّا بِهٖ مُشْرِكِیْنَ ۟
फिर जब उन्होंने हमारी यातना देखी, तो कहने लगे : हम अल्लाह अकेले पर ईमान लाए, तथा उसका इनकार किया, जिसे हम उसका साझी बनाया करते थे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَلَمْ یَكُ یَنْفَعُهُمْ اِیْمَانُهُمْ لَمَّا رَاَوْا بَاْسَنَا ؕ— سُنَّتَ اللّٰهِ الَّتِیْ قَدْ خَلَتْ فِیْ عِبَادِهٖ ۚ— وَخَسِرَ هُنَالِكَ الْكٰفِرُوْنَ ۟۠
फिर यह न था कि जब उन्होंने हमारी यातना को देख लिया, तो उनका ईमान (लाना) उन्हें लाभ देता। यही अल्लाह की रीति है, जो उसके बंदों में गुज़र चुकी। और उस समय काफ़िर घाटे में पड़ गए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
 
Ibisobanuro by'amagambo Isura: Ghafir (Uhanagura ibyaha)
Urutonde rw'amasura numero y'urupapuro
 
Ibisobanuro bya qoran ntagatifu - Ibisobanuro mu gihindi - Ishakiro ry'ibisobanuro

Guhindura ibisobanuro bya Quran mu gihinde byasobanuwe na Azizul-Haqq Al-Umary

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