Ibisobanuro bya qoran ntagatifu - Ibisobanuro mu gihindi * - Ishakiro ry'ibisobanuro

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Ibisobanuro by'amagambo Isura: Zukh’ruf (Imitako)   Umurongo:

सूरा अज़्-ज़ुख़रुफ़

حٰمٓ ۟ۚۛ
ह़ा, मीम।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَالْكِتٰبِ الْمُبِیْنِ ۟ۙۛ
क़सम है स्पष्ट करने वाली पुस्तक की।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اِنَّا جَعَلْنٰهُ قُرْءٰنًا عَرَبِیًّا لَّعَلَّكُمْ تَعْقِلُوْنَ ۟ۚ
निःसंदेह हमने इसे अरबी क़ुरआन बनाया, ताकि तुम समझो।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاِنَّهٗ فِیْۤ اُمِّ الْكِتٰبِ لَدَیْنَا لَعَلِیٌّ حَكِیْمٌ ۟ؕ
तथा निःसंदेह वह हमारे पास मूल पुस्तक[1] में निश्चय बड़ा उच्च तथा पूर्ण हिकमत वाला है।
1. मूल पुस्तक से अभिप्राय 'लौह़-मह़फ़ूज़' (सुरक्षित पुस्तक) है। जिससे सभी आकाशीय पुस्तकें अलग करके अवतरित की गई हैं। सूरतुल-वाक़िआ में इसी को "किताब-मक्नून" कहा गया है। सूरतुल-बुरूज में इसे "लौह़-मह़फ़ूज़" कहा गया है। सूरतुश्-शुअरा में कहा गया है कि यह अगले लोगों की पुस्तकों में है। सूरतुल-आला में कहा गया है कि यह विषय पहली पुस्तकों में भी अंकित है। सारांश यह है कि क़ुरआन के इनकार करने का कोई कारण नहीं। तथा क़ुरआन का इनकार सभी पहली पुस्तकों का इनकार करने के बराबर है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَفَنَضْرِبُ عَنْكُمُ الذِّكْرَ صَفْحًا اَنْ كُنْتُمْ قَوْمًا مُّسْرِفِیْنَ ۟
तो क्या हम तुमसे इस नसीहत को फेर दें, उपेक्षा करते हुए, इस कारण कि तुम हद से बढ़ने वाले लोग हो?
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَكَمْ اَرْسَلْنَا مِنْ نَّبِیٍّ فِی الْاَوَّلِیْنَ ۟
और कितने ही नबी हमने पहले लोगों में भेजे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَمَا یَاْتِیْهِمْ مِّنْ نَّبِیٍّ اِلَّا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟
और उनके पास कोई नबी नहीं आता था, परंतु वे उसका उपहास करते थे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَاَهْلَكْنَاۤ اَشَدَّ مِنْهُمْ بَطْشًا وَّمَضٰی مَثَلُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
तो हमने इनसे[2] कहीं अधिक बलशाली लोगों को विनष्ट कर दिया तथा अगले लोगों का उदाहरण गुज़र चुका।
2. अर्थात मक्का वासियों से।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَىِٕنْ سَاَلْتَهُمْ مَّنْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ لَیَقُوْلُنَّ خَلَقَهُنَّ الْعَزِیْزُ الْعَلِیْمُ ۟ۙ
और निःसंदेह यदि आप उनसे पूछें कि आकाशों तथा धरती को किसने पैदा किया? तो निश्चय अवश्य कहेंगे कि उन्हें सब पर प्रभुत्वशाली, सब कुछ जानने वाले ने पैदा किया है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الْاَرْضَ مَهْدًا وَّجَعَلَ لَكُمْ فِیْهَا سُبُلًا لَّعَلَّكُمْ تَهْتَدُوْنَ ۟ۚ
वह जिसने तुमहारे लिए धरती को समतल बनाया और उसमें तुम्हारे लिए मार्ग बनाए, ताकि तुम राह पा सको।[3]
3. एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَالَّذِیْ نَزَّلَ مِنَ السَّمَآءِ مَآءً بِقَدَرٍ ۚ— فَاَنْشَرْنَا بِهٖ بَلْدَةً مَّیْتًا ۚ— كَذٰلِكَ تُخْرَجُوْنَ ۟
तथा वह जिसने आकाश से एक विशेष मात्रा में जल उतारा। फिर हमने उसके द्वारा एक मुर्दा शहर को ज़िंदा कर दिया, इसी तरह तुम निकाले जाओगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَالَّذِیْ خَلَقَ الْاَزْوَاجَ كُلَّهَا وَجَعَلَ لَكُمْ مِّنَ الْفُلْكِ وَالْاَنْعَامِ مَا تَرْكَبُوْنَ ۟ۙ
तथा वह जिसने सब प्रकार के जोड़े पैदा किए तथा तुम्हारे लिए वे नौकाएँ एवं पशु बनाए, जिनपर तुम सवार होते हो।
Ibisobanuro by'icyarabu:
لِتَسْتَوٗا عَلٰی ظُهُوْرِهٖ ثُمَّ تَذْكُرُوْا نِعْمَةَ رَبِّكُمْ اِذَا اسْتَوَیْتُمْ عَلَیْهِ وَتَقُوْلُوْا سُبْحٰنَ الَّذِیْ سَخَّرَ لَنَا هٰذَا وَمَا كُنَّا لَهٗ مُقْرِنِیْنَ ۟ۙ
ताकि तुम उनकी पीठों पर जमकर बैठो, फिर अपने पालनहार की नेमत को याद करो जब उनपर जमकर बैठ जाओ और कहो : पवित्र है वह अल्लाह, जिसने इसे हमारे वश में कर दिया। हालाँकि हम इसे वश में करने वाले नहीं थे।
4. आदरणीय अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ियल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि जब नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ऊँट पर सवार होते, तो तीन बार 'अल्लाहु अक्बर' कहते, फिर यही आयत "मुन्क़लिबून" तक पढ़ते। और कुछ और प्रार्थना के शब्द कहते थे जो दुआओं की पुस्तकों में मिलेंगे। (सह़ीह़ मुस्लिम, ह़दीस संख्या : 1342)
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاِنَّاۤ اِلٰی رَبِّنَا لَمُنْقَلِبُوْنَ ۟
तथा निःसंदेह हम अपने पालनहार की ओर अवश्य लौटकर जाने वाले हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَجَعَلُوْا لَهٗ مِنْ عِبَادِهٖ جُزْءًا ؕ— اِنَّ الْاِنْسَانَ لَكَفُوْرٌ مُّبِیْنٌ ۟ؕ۠
और उन्होंने[5] उसके बंदों में से कुछ को उसका अंश बना लिया। निःसंदेह मनुष्य खुला कृतघ्न (नाशुक्रा) है।
5. जैसे मक्का के मुश्रिक लोग फ़रिश्तों को अल्लाह की पुत्रियाँ मानते थे। और ईसाइयों ने ईसा (अलैहिस्सलाम) को अल्लाह का पुत्र माना। और किसी ने आत्मा को प्रमात्मा तथा अवतारों को प्रभु बना दिया। और फिर उन्हें पूजने लगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَمِ اتَّخَذَ مِمَّا یَخْلُقُ بَنٰتٍ وَّاَصْفٰىكُمْ بِالْبَنِیْنَ ۟
या उसने उसमें से जिसे वह पैदा करता है अपने लिए पुत्रियाँ रख लीं और तुम्हें पुत्रों के लिए चुन लिया?
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاِذَا بُشِّرَ اَحَدُهُمْ بِمَا ضَرَبَ لِلرَّحْمٰنِ مَثَلًا ظَلَّ وَجْهُهٗ مُسْوَدًّا وَّهُوَ كَظِیْمٌ ۟
हालाँकि जब उनमें से किसी को उस चीज़ की मंगल सूचना दी जाए, जिसकी उसने रहमान (परम दयावान्) के लिए मिसाल बयान की है, तो उसके मुँह पर कलौंस[6] छा जाती है और वह शोक से भर जाता है।
6. इस्लाम से पूर्व यही दशा थी कि यदि किसी के हाँ बच्ची जन्म लेती, तो लज्जा के मारे उसका मुख काला हो जाता। और कुछ अरब के क़बीले उसे जन्म लेते ही जीवित गाड़ दिया करते थे। किंतु इस्लाम ने उसको सम्मान दिया। तथा उसकी रक्षा की। और उसके पालन-पोषण को पुण्य कार्य घोषित किया। ह़दीस में है कि जो पुत्रियों के कारण दुःख झेले और उनके साथ उपकार करे, तो उसके लिए वे नरक से पर्दा बनेंगी। (सह़ीह़ बुख़ारी : 5995, सह़ीह़ मुस्लिम : 2629) आज भी कुछ पापी लोग गर्भ में बच्ची का पता लगते ही गर्भपात करा देते हैं। जिसको इस्लाम बहुत बड़ा अत्याचार समझता है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَوَمَنْ یُّنَشَّؤُا فِی الْحِلْیَةِ وَهُوَ فِی الْخِصَامِ غَیْرُ مُبِیْنٍ ۟
और क्या वह (अल्लाह के लिए) है, जिसका पालन-पोषण आभूषण में किया जाता है तथा वह वाद-विवाद में खुलकर बात नहीं कर सकती?
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَجَعَلُوا الْمَلٰٓىِٕكَةَ الَّذِیْنَ هُمْ عِبٰدُ الرَّحْمٰنِ اِنَاثًا ؕ— اَشَهِدُوْا خَلْقَهُمْ ؕ— سَتُكْتَبُ شَهَادَتُهُمْ وَیُسْـَٔلُوْنَ ۟
और उन्होंने फ़रिश्तों को, जो 'रहमान' के बंदे हैं, स्त्रियाँ क़रार दे लिया। क्या वे उनकी उत्पत्ति के समय उपस्थित थे? उनकी गवाही लिख ली जाएगी और उनसे पूछताछ की जाएगी।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالُوْا لَوْ شَآءَ الرَّحْمٰنُ مَا عَبَدْنٰهُمْ ؕ— مَا لَهُمْ بِذٰلِكَ مِنْ عِلْمٍ ۗ— اِنْ هُمْ اِلَّا یَخْرُصُوْنَ ۟ؕ
तथा उन्होंने कहा : यदि 'रहमान' चाहता, तो हम उनकी इबादत न करते। उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं, वे तो केवल अटकलें दौड़ा रहे हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَمْ اٰتَیْنٰهُمْ كِتٰبًا مِّنْ قَبْلِهٖ فَهُمْ بِهٖ مُسْتَمْسِكُوْنَ ۟
या हमने उन्हें इससे पहले कोई पुस्तक प्रदान की है? तो वे उसे दृढ़ता से थामने वाले हैं?[1]
7. अर्थात क़ुरआन से पहले की किसी ईश-पुस्तक में अल्लाह के सिवा किसी और की उपासना की शिक्षा दी ही नहीं गई है कि वे कोई पुस्तक ला सकें।
Ibisobanuro by'icyarabu:
بَلْ قَالُوْۤا اِنَّا وَجَدْنَاۤ اٰبَآءَنَا عَلٰۤی اُمَّةٍ وَّاِنَّا عَلٰۤی اٰثٰرِهِمْ مُّهْتَدُوْنَ ۟
बल्कि उन्होंने कहा : निःसंदेह हमने अपने बाप-दादा को एक मार्ग पर पाया है और निःसंदेह हम उन्हीं के पदचिह्नों पर राह पाने वाले हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَكَذٰلِكَ مَاۤ اَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ فِیْ قَرْیَةٍ مِّنْ نَّذِیْرٍ اِلَّا قَالَ مُتْرَفُوْهَاۤ ۙ— اِنَّا وَجَدْنَاۤ اٰبَآءَنَا عَلٰۤی اُمَّةٍ وَّاِنَّا عَلٰۤی اٰثٰرِهِمْ مُّقْتَدُوْنَ ۟
तथा इसी प्रकार, हमने आपसे पूर्व जिस बस्ती में भी कोई सावधान करने वाला भेजा, तो वहाँ के संपन्न लोगों ने यही कहा कि निःसंदेह हमने अपने बाप-दादा को एक रीति पर पाया और निःसंदेह हम उन्हीं के पद्चिह्नों का अनुसरण करने वाले हैं।[8]
8. आयत का भावार्थ यह है कि प्रत्येक युग के काफ़िर अपने पूर्वजों के अनुसरण के कारण अपने शिर्क और अंधविश्वास पर क़ायम रहे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
قٰلَ اَوَلَوْ جِئْتُكُمْ بِاَهْدٰی مِمَّا وَجَدْتُّمْ عَلَیْهِ اٰبَآءَكُمْ ؕ— قَالُوْۤا اِنَّا بِمَاۤ اُرْسِلْتُمْ بِهٖ كٰفِرُوْنَ ۟
उसने कहा : और क्या यदि मैं तुम्हारे पास उससे अधिक सीधा मार्ग ले आऊँ, जिसपर तुमने अपने बाप-दादा को पाया है? उन्होंने कहा : निःसंदेह हम उसका इनकार करने वाले हैं, जिसके साथ तुम भेजे गए हो।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَانْتَقَمْنَا مِنْهُمْ فَانْظُرْ كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُكَذِّبِیْنَ ۟۠
अंततः हमने उनसे बदला लिया। तो देख लो कि झुठलाने वालों का परिणाम कैसा हुआ।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاِذْ قَالَ اِبْرٰهِیْمُ لِاَبِیْهِ وَقَوْمِهٖۤ اِنَّنِیْ بَرَآءٌ مِّمَّا تَعْبُدُوْنَ ۟ۙ
तथा याद करो, जब इबराहीम ने अपने पिता तथा अपनी जाति से कहा : निःसंदेह मैं उन चीज़ों से बरी हूँ, जिनकी तुम इबादत करते हो।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اِلَّا الَّذِیْ فَطَرَنِیْ فَاِنَّهٗ سَیَهْدِیْنِ ۟
सिवाय उसके जिसने मुझे पैदा किया। अतः निःसंदेह वह मुझे अवश्य मार्ग दिखाएगा।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَجَعَلَهَا كَلِمَةً بَاقِیَةً فِیْ عَقِبِهٖ لَعَلَّهُمْ یَرْجِعُوْنَ ۟
तथा उसने इस (एकेश्वरवाद की बात)[9] को अपने पिछलों में बाक़ी रहने वाली बात बना दिया। ताकि वे लौट आएँ।
9. आयत 26 से 28 तक का भावार्थ यह है कि यदि तुम्हें अपने पूर्वजों ही का अनुसरण करना है, तो अपने पूर्वज इबराहीम (अलैहिस्सलाम) का अनुसरण करो। जो शिर्क से विरक्त तथा एकेश्वरवादी थे। और अपनी संतान में एकेश्वरवाद (तौह़ीद) की शिक्षा छोड़ गए ताकि लोग शिर्क से बचते रहें।
Ibisobanuro by'icyarabu:
بَلْ مَتَّعْتُ هٰۤؤُلَآءِ وَاٰبَآءَهُمْ حَتّٰی جَآءَهُمُ الْحَقُّ وَرَسُوْلٌ مُّبِیْنٌ ۟
बल्कि, मैंने इन्हें तथा इनके बाप-दादा को जीवन का सामान दिया। यहाँ तक कि उनके पास सत्य (क़ुरआन) और खोलकर बयान करने वाला रसूल[10] आ गया।
10. अर्थात मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَمَّا جَآءَهُمُ الْحَقُّ قَالُوْا هٰذَا سِحْرٌ وَّاِنَّا بِهٖ كٰفِرُوْنَ ۟
तथा जब उनके पास सत्य आ गया, तो उन्होंने कहा : यह तो जादू है तथा निःसंदेह हम इसका इनकार करते हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالُوْا لَوْلَا نُزِّلَ هٰذَا الْقُرْاٰنُ عَلٰی رَجُلٍ مِّنَ الْقَرْیَتَیْنِ عَظِیْمٍ ۟
तथा उन्होंने कहा कि यह क़ुरआन इन दो बस्तियों में से किसी बड़े आदमी पर क्यों नहीं उतारा गया?[11]
11. मक्का के काफ़िरों ने कहा कि यदि अल्लाह को रसूल ही भेजना था, तो मक्का और ताइफ़ के नगरों में से किसी प्रधान व्यक्ति पर क़ुरआन उतार देता। अब्दुल्लाह का अनाथ-निर्धन पुत्र मुह़म्मद तो कदापि इसके योग्य नहीं है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَهُمْ یَقْسِمُوْنَ رَحْمَتَ رَبِّكَ ؕ— نَحْنُ قَسَمْنَا بَیْنَهُمْ مَّعِیْشَتَهُمْ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا وَرَفَعْنَا بَعْضَهُمْ فَوْقَ بَعْضٍ دَرَجٰتٍ لِّیَتَّخِذَ بَعْضُهُمْ بَعْضًا سُخْرِیًّا ؕ— وَرَحْمَتُ رَبِّكَ خَیْرٌ مِّمَّا یَجْمَعُوْنَ ۟
कया वे आपके पालनहार की दया को बाँटते[12] हैं? हमने ही दुनिया के जीवन में उनके बीच उनकी रोज़ी को बाँटा है तथा उनमें से कुछ को दूसरों से श्रेणियों की दृष्टि से उच्च रखा है, ताकि उनमें से कुछ दूसरों को (अपने) अधीन बना लें, तथा आपके पालनहार की दया[13] उससे उत्तम है, जिसे वे इकट्ठा करते हैं।
12. आयत का भावार्थ यह है कि अल्लाह ने जैसे सांसारिक धन-धान्य में लोगों की विभिन्न श्रेणियाँ बनाई हैं उसी प्रकार नुबुव्वत और रिसालत, जो उसकी दया हैं, उनसे भी जिसे चाहा सम्मानित किया है। 13. अर्थात परलोक में स्वर्ग सदाचारी बंदों को मिलेगी।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَوْلَاۤ اَنْ یَّكُوْنَ النَّاسُ اُمَّةً وَّاحِدَةً لَّجَعَلْنَا لِمَنْ یَّكْفُرُ بِالرَّحْمٰنِ لِبُیُوْتِهِمْ سُقُفًا مِّنْ فِضَّةٍ وَّمَعَارِجَ عَلَیْهَا یَظْهَرُوْنَ ۟ۙ
और यदि ऐसा न होता कि सब लोग एक ही समुदाय हो जाएँगे, तो निश्चय हम उन लोगों के लिए जो रहमान के साथ कुफ़्र करते हैं, उनके घरों की छतें चाँदी की बना देते और सीढ़ियाँ भी, जिनपर वे चढ़ते हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلِبُیُوْتِهِمْ اَبْوَابًا وَّسُرُرًا عَلَیْهَا یَتَّكِـُٔوْنَ ۟ۙ
तथा उनके घरों के द्वार और तख़्त भी, जिनपर वे टेक लगाते हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَزُخْرُفًا ؕ— وَاِنْ كُلُّ ذٰلِكَ لَمَّا مَتَاعُ الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ؕ— وَالْاٰخِرَةُ عِنْدَ رَبِّكَ لِلْمُتَّقِیْنَ ۟۠
और सोने के (बना देते)। यह सब तो मात्र सांसारिक जीवन का सामान है तथा आख़िरत[14] आपके पालनहार के यहाँ केवल परहेज़गारों के लिए है।
14. भावार्थ यह है कि सांसारिक धन-धान्य का अल्लाह के यहाँ कोई महत्व नहीं है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَمَنْ یَّعْشُ عَنْ ذِكْرِ الرَّحْمٰنِ نُقَیِّضْ لَهٗ شَیْطٰنًا فَهُوَ لَهٗ قَرِیْنٌ ۟
और जो व्यक्ति 'रहमान' (परम दयालु अल्लाह) के स्मरण से अंधा बन जाए, हम उसके लिए एक शैतान नियुक्त कर देते हैं, फिर वह उसके साथ रहने वाला होता है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاِنَّهُمْ لَیَصُدُّوْنَهُمْ عَنِ السَّبِیْلِ وَیَحْسَبُوْنَ اَنَّهُمْ مُّهْتَدُوْنَ ۟
और निःसंदेह ये (शैतान) उन्हें सत्य मार्ग से रोकते हैं और वे समझते हैं कि वे सीधे मार्ग पर चलने वाले हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
حَتّٰۤی اِذَا جَآءَنَا قَالَ یٰلَیْتَ بَیْنِیْ وَبَیْنَكَ بُعْدَ الْمَشْرِقَیْنِ فَبِئْسَ الْقَرِیْنُ ۟
यहाँ तक कि जब वह हमारे पास आएगा, तो कहेगा : ऐ काश! मेरे और तेरे बीच पूर्व और पश्चिम की दूरी होती। अतः तू बहुत बुरा साथी है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَنْ یَّنْفَعَكُمُ الْیَوْمَ اِذْ ظَّلَمْتُمْ اَنَّكُمْ فِی الْعَذَابِ مُشْتَرِكُوْنَ ۟
और आज इस बात से तुम्हें कुछ लाभ न होगा, जबकि तुमने ज़ुल्म किया, कि तुम (सब) यातना में एक-दूसरे के साझी हो।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَفَاَنْتَ تُسْمِعُ الصُّمَّ اَوْ تَهْدِی الْعُمْیَ وَمَنْ كَانَ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
फिर क्या आप बहरों को सुनाएँगे या अंधों को राह दिखाएँगे और उनको जो खुली गुमराही[15] में पड़े हैं?
15. अर्थ यह है कि जो सच को न सुने तथा दिल का अंधा हो, तो आपके सीधी राह दिखाने का उसपर कोई प्रभाव नहीं होगा।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَاِمَّا نَذْهَبَنَّ بِكَ فَاِنَّا مِنْهُمْ مُّنْتَقِمُوْنَ ۟ۙ
फिर यदि हम आपको (संसार से) ले ही जाएँ, तो निःसंदेह हम उनसे बदला लेने वाले हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَوْ نُرِیَنَّكَ الَّذِیْ وَعَدْنٰهُمْ فَاِنَّا عَلَیْهِمْ مُّقْتَدِرُوْنَ ۟
या हम आपको वह (यातना) दिखा दें, जिसका हमने उनसे वादा किया है, तो निःसंदेह हम उनपर पूरी शक्ति रखने वाले हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَاسْتَمْسِكْ بِالَّذِیْۤ اُوْحِیَ اِلَیْكَ ۚ— اِنَّكَ عَلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟
अतः आप उसे दृढ़ता से पकड़े रहें, जिसकी आपकी ओर वह़्य की गई है। निश्चय ही आप सीधी राह पर हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاِنَّهٗ لَذِكْرٌ لَّكَ وَلِقَوْمِكَ ۚ— وَسَوْفَ تُسْـَٔلُوْنَ ۟
और निःसंदेह वह निश्चय आपके लिए तथा आपकी जाति के लिए एक नसीहत (तथा सम्मान) है और शीघ्र ही तुमसे प्रश्न किया जाएगा।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَسْـَٔلْ مَنْ اَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ مِنْ رُّسُلِنَاۤ اَجَعَلْنَا مِنْ دُوْنِ الرَّحْمٰنِ اٰلِهَةً یُّعْبَدُوْنَ ۟۠
तथा (ऐ नबी!) आप उनसे पूछ लें, जिन्हें हमने आपसे पहले अपने रसूलों में से भेजा, क्या हमने 'रहमान' के अलावा कोई पूज्य बनाए, जिनकी इबादत की जाए?
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا مُوْسٰی بِاٰیٰتِنَاۤ اِلٰی فِرْعَوْنَ وَمَلَاۡىِٕهٖ فَقَالَ اِنِّیْ رَسُوْلُ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
तथा निःसंदेह हमने मूसा को अपनी निशानियों के साथ फ़िरऔन और उसके प्रमुखों की ओर भेजा। तो उसने कहा : निःसंदेह मैं सारे संसारों के पालनहार का रसूल हूँ।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَلَمَّا جَآءَهُمْ بِاٰیٰتِنَاۤ اِذَا هُمْ مِّنْهَا یَضْحَكُوْنَ ۟
फिर जब वह उनके पास हमारी निशानियाँ लेकर आया, तो सहसा वे उनकी हँसी उड़ाने लगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَمَا نُرِیْهِمْ مِّنْ اٰیَةٍ اِلَّا هِیَ اَكْبَرُ مِنْ اُخْتِهَا ؗ— وَاَخَذْنٰهُمْ بِالْعَذَابِ لَعَلَّهُمْ یَرْجِعُوْنَ ۟
और हम उन्हें जो भी निशानी दिखाते, वह अपने जैसी (पहली निशानी) से बढ़कर होती थी। तथा हम उन्हें यातना से ग्रस्त किया, ताकि वे लौट आएँ।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالُوْا یٰۤاَیُّهَ السّٰحِرُ ادْعُ لَنَا رَبَّكَ بِمَا عَهِدَ عِنْدَكَ ۚ— اِنَّنَا لَمُهْتَدُوْنَ ۟
और उन्होंने कहा : ऐ जादूगर! हमारे लिए अपने पालनहार से उसके द्वारा दुआ कर, जो उसने तुझसे प्रतिज्ञा कर रखी है। निःसंदेह हम अवश्य ही सीधी राह पर आने वाले हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَلَمَّا كَشَفْنَا عَنْهُمُ الْعَذَابَ اِذَا هُمْ یَنْكُثُوْنَ ۟
फिर जब हम उनसे यातना दूर कर देते, सहसा वे वचन तोड़ देते थे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَنَادٰی فِرْعَوْنُ فِیْ قَوْمِهٖ قَالَ یٰقَوْمِ اَلَیْسَ لِیْ مُلْكُ مِصْرَ وَهٰذِهِ الْاَنْهٰرُ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِیْ ۚ— اَفَلَا تُبْصِرُوْنَ ۟ؕ
तथा फ़िरऔन ने अपनी जाति में घोषणा करवाया, उसने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या मेरे पास मिस्र का राज्य नहीं है? तथा ये नहरें मेरे तहत नहीं चलतीं? तो क्या तुम नहीं देखते?
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَمْ اَنَا خَیْرٌ مِّنْ هٰذَا الَّذِیْ هُوَ مَهِیْنٌ ۙ۬— وَّلَا یَكَادُ یُبِیْنُ ۟
बल्कि मैं इस व्यक्ति से बेहतर हूँ, जो हीन है और क़रीब नहीं कि वह अपनी बात स्पष्ट कर सके।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَلَوْلَاۤ اُلْقِیَ عَلَیْهِ اَسْوِرَةٌ مِّنْ ذَهَبٍ اَوْ جَآءَ مَعَهُ الْمَلٰٓىِٕكَةُ مُقْتَرِنِیْنَ ۟
सो उसपर सोने के कंगन क्यों नहीं डाले गए, या उसके साथ फ़रिश्ते मिलकर क्यों नहीं आए?[16]
16. अर्थात यदि मूसा (अलैहिस्सलाम) अल्लाह का रसूल होता, तो उसके पास राज्य, और हाथों में सोने के कंगन तथा उसकी रक्षा के लिए फ़रिश्तों को उसके साथ रहना चाहिए था। जैसे मेरे पास राज्य, हाथों में सोने के कंगन तथा सुरक्षा के लिये सेना है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَاسْتَخَفَّ قَوْمَهٗ فَاَطَاعُوْهُ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمًا فٰسِقِیْنَ ۟
फिर उसने अपनी जाति को फुसलाया, तो उन्होंने उसकी बात मान ली, निश्चय ही वे अवज्ञाकारी लोग थे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَلَمَّاۤ اٰسَفُوْنَا انْتَقَمْنَا مِنْهُمْ فَاَغْرَقْنٰهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟ۙ
फिर जब उन्होंने हमें क्रोधित कर दिया, तो हमने उनसे बदला लिया। अतः हमने उन सबको डुबो दिया।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَجَعَلْنٰهُمْ سَلَفًا وَّمَثَلًا لِّلْاٰخِرِیْنَ ۟۠
तो हमने उन्हें बाद में आने वाले लोगों के लिए अग्रगामी और एक उदाहरण बना दिया।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَمَّا ضُرِبَ ابْنُ مَرْیَمَ مَثَلًا اِذَا قَوْمُكَ مِنْهُ یَصِدُّوْنَ ۟
तथा जब मरयम के पुत्र का उदाहरण[17] दिया गया, तो सहसा आपकी जाति उसपर शोर मचाने लगी।
17. आयत संख्या 45 में कहा है कि पहले नबियों की शिक्षा पढ़कर देखो कि क्या किसी ने यह आदेश दिया है कि अल्लाह अत्यंत कृपाशील के सिवा दूसरों की इबादत की जाए? इसपर मुश्रिकों ने कहा कि ईसा (अलैहिस्सलाम) की इबादत क्यों की जाती है? क्या हमारे पूज्य उनसे कम हैं?
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالُوْۤا ءَاٰلِهَتُنَا خَیْرٌ اَمْ هُوَ ؕ— مَا ضَرَبُوْهُ لَكَ اِلَّا جَدَلًا ؕ— بَلْ هُمْ قَوْمٌ خَصِمُوْنَ ۟
तथा उन्होंने कहा : क्या हमारे देवता अच्छे हैं या वह? उन्होंने आपके लिए यह (उदाहरण) केवल झगड़ने के लिए दिया है। बल्कि वे झगड़ालू लोग हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اِنْ هُوَ اِلَّا عَبْدٌ اَنْعَمْنَا عَلَیْهِ وَجَعَلْنٰهُ مَثَلًا لِّبَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ ۟ؕ
वह[18] तो केवल एक बंदा है, जिसपर हमने उपकार किया तथा हमने उसे बनी इसराईल के लिए एक उदाहरण बना दिया।
18. इस आयत में बताया जा रहा है कि ये मुश्रिक ईसा (अलैहिस्सलाम) के उदाहरण पर बड़ा शोर मचा रहे हैं। और उसे कुतर्क स्वरूप प्रस्तुत कर रहे हैं। जबकि वह पूज्य नहीं, अल्लाह के दास हैं। जिनपर अल्लाह ने उपकार किया और इसराईल की संतान के लिए एक उदाहरण बना दिया।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَوْ نَشَآءُ لَجَعَلْنَا مِنْكُمْ مَّلٰٓىِٕكَةً فِی الْاَرْضِ یَخْلُفُوْنَ ۟
और यदि हम चाहें तो अवश्य तुम्हारे स्थान पर फ़रिश्तों को बना दें, जो धरती में उत्ताराधिकारी हों।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاِنَّهٗ لَعِلْمٌ لِّلسَّاعَةِ فَلَا تَمْتَرُنَّ بِهَا وَاتَّبِعُوْنِ ؕ— هٰذَا صِرَاطٌ مُّسْتَقِیْمٌ ۟
तथा निःसंदेह वह (ईसा) निश्चय क़ियामत की एक निशानी[19] है। अतः तुम उसमें कदापि संदेह न करो और मेरी पैरवी करो, यही सीधा रास्ता है।
19. ह़दीस शरीफ़ में आया है कि प्रलय की बड़ी दस निशानियों में से ईसा (अलैहिस्सलाम) का आकाश से उतरना भी एक निशानी है। (सह़ीह़ मुस्लिम : 2901)
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَا یَصُدَّنَّكُمُ الشَّیْطٰنُ ۚ— اِنَّهٗ لَكُمْ عَدُوٌّ مُّبِیْنٌ ۟
तथा शौतान तुम्हें कदापि रोकने न पाए। निश्चय वह तुम्हारा खुला शत्रु है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَمَّا جَآءَ عِیْسٰی بِالْبَیِّنٰتِ قَالَ قَدْ جِئْتُكُمْ بِالْحِكْمَةِ وَلِاُبَیِّنَ لَكُمْ بَعْضَ الَّذِیْ تَخْتَلِفُوْنَ فِیْهِ ۚ— فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَطِیْعُوْنِ ۟
और जब ईसा खुले तर्कों के साथ आया, तो उसने कहा : निःसंदेह मैं तुम्हारे पास हिकमत लेकर आया हूँ और ताकि मैं तुम्हारे लिए कुछ ऐसी बातें स्पष्ट कर दूँ, जिनमें तुम विभेद करते हो। अतः अल्लाह से डरो और मेरा कहना मानो।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اِنَّ اللّٰهَ هُوَ رَبِّیْ وَرَبُّكُمْ فَاعْبُدُوْهُ ؕ— هٰذَا صِرَاطٌ مُّسْتَقِیْمٌ ۟
निःसंदेह अल्लाह ही मेरा रब और तुम्हारा रब है। अतः उसी की इबादत करो। यही सीधा मार्ग है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَاخْتَلَفَ الْاَحْزَابُ مِنْ بَیْنِهِمْ ۚ— فَوَیْلٌ لِّلَّذِیْنَ ظَلَمُوْا مِنْ عَذَابِ یَوْمٍ اَلِیْمٍ ۟
फिर कई गिरोहों[20] ने आपस में विभेद किया। तो उन लोगों के लिए जिन्होंने ज़ुल्म किया एक दर्दनाक दिन के अज़ाब से बड़ा विनाश है।
20. इसराईली समुदायों में कुछ ने ईसा (अलैहिस्सलाम) को अल्लाह का पुत्र, किसी ने प्रभु तथा किसी ने उसे तीन का तीसरा (तीन खुदाओं में से एक) कहा। केवल एक ही समुदाय ने उन्हें अल्लाह का बंदा तथा नबी माना।
Ibisobanuro by'icyarabu:
هَلْ یَنْظُرُوْنَ اِلَّا السَّاعَةَ اَنْ تَاْتِیَهُمْ بَغْتَةً وَّهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
वे क़ियामत के सिवा किस चीज़ का इंतज़ार कर रहे हैं कि वह उनपर अचानक आ जाए और वे सोचते भी न हों?
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَلْاَخِلَّآءُ یَوْمَىِٕذٍ بَعْضُهُمْ لِبَعْضٍ عَدُوٌّ اِلَّا الْمُتَّقِیْنَ ۟ؕ۠
उस दिन नेक लोगों को छोड़कर सभी सच्चे दोस्त एक-दूसरे के दुश्मन होंगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یٰعِبَادِ لَا خَوْفٌ عَلَیْكُمُ الْیَوْمَ وَلَاۤ اَنْتُمْ تَحْزَنُوْنَ ۟ۚ
ऐ मेरे बंदो! आज न तुमपर कोई भय है और न तुम शोकाकुल होगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا بِاٰیٰتِنَا وَكَانُوْا مُسْلِمِیْنَ ۟ۚ
वे लोग जो हमारी आयतों पर ईमान लाए तथा वे आज्ञाकारी थे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اُدْخُلُوا الْجَنَّةَ اَنْتُمْ وَاَزْوَاجُكُمْ تُحْبَرُوْنَ ۟
तुम और तुम्हारी पत्नियाँ जन्नत में प्रवेश कर जाओ। तुम्हें खुश रखा जाएगा।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یُطَافُ عَلَیْهِمْ بِصِحَافٍ مِّنْ ذَهَبٍ وَّاَكْوَابٍ ۚ— وَفِیْهَا مَا تَشْتَهِیْهِ الْاَنْفُسُ وَتَلَذُّ الْاَعْیُنُ ۚ— وَاَنْتُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟ۚ
उनपर सोने की थालें तथा प्याले फिराए जाएँगे और वहाँ वह सब कुछ होगा, जो दिलों को भाए और जिससे आँखें आनंदित हों और तुम उसमें सदा निवास करने वाले हो।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَتِلْكَ الْجَنَّةُ الَّتِیْۤ اُوْرِثْتُمُوْهَا بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
और यही वह जन्नत है, जिसके तुम उत्तराधिकारी बनाए गए हो, उसके बदले में जो तुम कार्य करते थे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
لَكُمْ فِیْهَا فَاكِهَةٌ كَثِیْرَةٌ مِّنْهَا تَاْكُلُوْنَ ۟
तुम्हारे लिए इसमें बहुत-से मेवे हैं, जिनसे तुम खाते रहोगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اِنَّ الْمُجْرِمِیْنَ فِیْ عَذَابِ جَهَنَّمَ خٰلِدُوْنَ ۟ۚ
निःसंदेह अपराधी लोग जहन्नम की यातना में सदैव रहने वाले हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
لَا یُفَتَّرُ عَنْهُمْ وَهُمْ فِیْهِ مُبْلِسُوْنَ ۟ۚ
वह (यातना) उनसे हल्की नहीं की जाएगी तथा वे उसी में निराश पड़े रहेंगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَمَا ظَلَمْنٰهُمْ وَلٰكِنْ كَانُوْا هُمُ الظّٰلِمِیْنَ ۟
और हमने उनपर अत्याचार नहीं किया, बल्कि वे स्वयं ही अत्याचारी थे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَنَادَوْا یٰمٰلِكُ لِیَقْضِ عَلَیْنَا رَبُّكَ ؕ— قَالَ اِنَّكُمْ مّٰكِثُوْنَ ۟
तथा वे पुकारेंगे : ऐ मालिक![21] तेरा पालनहार हमारा काम तमाम ही कर दे। वह कहेगा : निःसंदेह तुम (यहीं) ठहरने वाले हो।
21. मालिक, नरक के अधिकारी फ़रिश्ते का नाम है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
لَقَدْ جِئْنٰكُمْ بِالْحَقِّ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَكُمْ لِلْحَقِّ كٰرِهُوْنَ ۟
निःसंदेह हम तो तुम्हारे पास सत्य लेकर आए हैं, लेकिन तुममें से अधिकतर लोग सत्य को नापसंद करने वाले हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَمْ اَبْرَمُوْۤا اَمْرًا فَاِنَّا مُبْرِمُوْنَ ۟ۚ
या उन्होंने किसी कार्य का दृढ़ निश्चय कर लिया है? तो निःसंदेह हम भी दृढ़ उपाय करने वाले हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَمْ یَحْسَبُوْنَ اَنَّا لَا نَسْمَعُ سِرَّهُمْ وَنَجْوٰىهُمْ ؕ— بَلٰی وَرُسُلُنَا لَدَیْهِمْ یَكْتُبُوْنَ ۟
या वे समझते हैं कि हम उनके रहस्य और उनकी कानाफूसी को नहीं सुनते? क्यों नहीं, और हमारे भेजे हुए (फ़रिश्ते) उनके पास लिखते रहते हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
قُلْ اِنْ كَانَ لِلرَّحْمٰنِ وَلَدٌ ۖۗ— فَاَنَا اَوَّلُ الْعٰبِدِیْنَ ۟
(ऐ नबी!) आप कह दें : यदि रहमान की कोई संतान हो, तो मैं सबसे पहले इबादत करने वाला हूँ।
Ibisobanuro by'icyarabu:
سُبْحٰنَ رَبِّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ رَبِّ الْعَرْشِ عَمَّا یَصِفُوْنَ ۟
पवित्र है आकाशों तथा धरती का पालनहार, सिंहासन का स्वामी उन बातों से जो वे बयान करते हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَذَرْهُمْ یَخُوْضُوْا وَیَلْعَبُوْا حَتّٰی یُلٰقُوْا یَوْمَهُمُ الَّذِیْ یُوْعَدُوْنَ ۟
तो आप उन्हें छोड़ दें व्यर्थ की बहस करते रहें तथा खेलते रहें, यहाँ तक कि उनका सामना उनके उस दिन से हो जाए, जिसका उनसे वादा किया जाता है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَهُوَ الَّذِیْ فِی السَّمَآءِ اِلٰهٌ وَّفِی الْاَرْضِ اِلٰهٌ ؕ— وَهُوَ الْحَكِیْمُ الْعَلِیْمُ ۟
वही है जो आकाश में पूज्य है और धरती में भी पूज्य है और वही पूर्ण ह़िकमत वाला, सब कुछ जानने वाला है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَتَبٰرَكَ الَّذِیْ لَهٗ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا ۚ— وَعِنْدَهٗ عِلْمُ السَّاعَةِ ۚ— وَاِلَیْهِ تُرْجَعُوْنَ ۟
और बड़ा ही बरकत वाला है वह, जिसके पास आसमानों और ज़मीन की बादशाही है और उसकी भी जो उन दोनों के दरमियान है तथा उसी के पास क़ियामत का ज्ञान है और उसी की ओर तुम लौटाए जाओगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَا یَمْلِكُ الَّذِیْنَ یَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهِ الشَّفَاعَةَ اِلَّا مَنْ شَهِدَ بِالْحَقِّ وَهُمْ یَعْلَمُوْنَ ۟
तथा वे लोग जिन्हें ये उसके सिवा पुकारते हैं, वे सिफ़ारिश का अधिकार नहीं रखते। परंतु जिसने सत्य[22] की गवाही दी और वे (उसे) जानते हों।
22. सत्य से अभिप्राय धर्म-सूत्र "ला इलाहा इल्लल्लाह" है। अर्थात जो इसे जान-बूझ कर स्वीकार करते हों, तो शफ़ाअत उन्हीं के लिए होगी। उन काफ़िरों के लिए नहीं, जो मूर्तियों को पुकारते हैं। अथवा इससे अभिप्राय यह है कि सिफ़ारिश का अधिकार उनको मिलेगा जिन्होंने सत्य को स्वीकार किया है। जैसे नबियों, फ़रिश्तों तथा सदाचारियों को, न कि उन झूठे पूज्यों को जिन्हें मुश्रिक अपना सिफ़ारिशी समझते हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَىِٕنْ سَاَلْتَهُمْ مَّنْ خَلَقَهُمْ لَیَقُوْلُنَّ اللّٰهُ فَاَنّٰی یُؤْفَكُوْنَ ۟ۙ
और निश्चय यदि आप उनसे पूछें कि उन्हें किसने पैदा किया? तो वे अवश्य कहेंगे : अल्लाह ने। तो फिर वे कहाँ बहकाए जाते हैं?[23]
23. अर्थात अल्लाह की उपासना से।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقِیْلِهٖ یٰرَبِّ اِنَّ هٰۤؤُلَآءِ قَوْمٌ لَّا یُؤْمِنُوْنَ ۟ۘ
तथा (उसके पास) रसूल के इस कथन (का भी ज्ञान है कि) : ऐ मेरे पालनहार! ये तो ऐसे लोग हैं, जो ईमान नहीं लाते।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَاصْفَحْ عَنْهُمْ وَقُلْ سَلٰمٌ ؕ— فَسَوْفَ یَعْلَمُوْنَ ۟۠
अतः आप उनसे मुँह फेर लें तथा कह दें कि सलाम[24] है तुम्हें। जल्द ही उन्हें पता चल जाएगा।
24. अर्थात उनसे न उलझें।
Ibisobanuro by'icyarabu:
 
Ibisobanuro by'amagambo Isura: Zukh’ruf (Imitako)
Urutonde rw'amasura numero y'urupapuro
 
Ibisobanuro bya qoran ntagatifu - Ibisobanuro mu gihindi - Ishakiro ry'ibisobanuro

Guhindura ibisobanuro bya Quran mu gihinde byasobanuwe na Azizul-Haqq Al-Umary

Gufunga