Përkthimi i kuptimeve të Kuranit Fisnik - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Përmbajtja e përkthimeve


Përkthimi i kuptimeve Ajeti: (106) Surja: Suretu Junus
وَلَا تَدْعُ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَا یَنْفَعُكَ وَلَا یَضُرُّكَ ۚ— فَاِنْ فَعَلْتَ فَاِنَّكَ اِذًا مِّنَ الظّٰلِمِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप अल्लाह के सिवा उन मूर्तियों और प्रतिमाओं इत्यादि को न पुकारें, जो न किसी लाभ के मालिक हैं कि आपको लाभ पहुँचा सकें और न किसी हानि के मालिक हैं कि आपको हानि पहुँचा सकें। क्योंकि यदि आपने उनकी पूजा की, तो फिर आप अल्लाह के अधिकार और स्वयं के अधिकार पर अतिक्रमण करने वाले अत्याचारियों में से हो जाएँगे।
Tefsiret në gjuhën arabe:
Dobitë e ajeteve të kësaj faqeje:
• الإيمان هو السبب في رفعة صاحبه إلى الدرجات العلى والتمتع في الحياة الدنيا.
• ईमान ही ईमान वाले को ऊँचे पदों पर पहुँचाने और इस दुनिया के जीवन का आनंद लेने का कारण है।

• ليس في مقدور أحد حمل أحد على الإيمان؛ لأن هذا عائد لمشيئة الله وحده.
• कोई भी किसी को ईमान लाने पर मजबूर नहीं कर सकता; क्योंकि यह केवल अल्लाह की इच्छा पर निर्भर है।

• لا تنفع الآيات والنذر من أصر على الكفر وداوم عليه.
• जो व्यक्ति कुफ़्र (अविश्वास) पर हठ करता है और निरंतर उसी पर जमा रहता है, उसे निशानियाँ और चेतावनियाँ लाभ नहीं देतीं।

• وجوب الاستقامة على الدين الحق، والبعد كل البعد عن الشرك والأديان الباطلة.
• सत्य धर्म पर मज़बूती से जमे रहना और बहुदेववाद तथा झूठे धर्मों से पूरी तरह से दूर रहना अनिवार्य है।

 
Përkthimi i kuptimeve Ajeti: (106) Surja: Suretu Junus
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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