Përkthimi i kuptimeve të Kuranit Fisnik - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Përmbajtja e përkthimeve


Përkthimi i kuptimeve Ajeti: (28) Surja: Suretu Junus
وَیَوْمَ نَحْشُرُهُمْ جَمِیْعًا ثُمَّ نَقُوْلُ لِلَّذِیْنَ اَشْرَكُوْا مَكَانَكُمْ اَنْتُمْ وَشُرَكَآؤُكُمْ ۚ— فَزَیَّلْنَا بَیْنَهُمْ وَقَالَ شُرَكَآؤُهُمْ مَّا كُنْتُمْ اِیَّانَا تَعْبُدُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप क़ियामत के दिन को याद करें, जब हम सभी प्राणियों को एकत्र करेंगे, फिर हम उन लोगों से कहेंगे, जिन्होंने दुनिया में अल्लाह के साथ शिर्क किया था : (ऐ मुश्रिको!) अपने-अपने स्थान पर ठहरे रहो, तुम भी और तुम्हारे वे पूज्य भी, जिन्हें तुम अल्लाह के सिवा पूजा करते थे। फिर हम पूज्यों (जिनकी पूजा की जाती थी) और पूजकों (पूजा करने वालों) के बीच अलगाव पैदा कर देंगे। तथा जिनकी पूजा की जाती थी, वे पूजा करने वालों से यह कहते हुए अलग हो जाएँगे : तुम दुनिया में हमारी तो पूजा नहीं करते थे।
Tefsiret në gjuhën arabe:
Dobitë e ajeteve të kësaj faqeje:
• أعظم نعيم يُرَغَّب به المؤمن هو النظر إلى وجه الله تعالى.
• सबसे बड़ी नेमत, जिसके द्वारा एक मोमिन को प्रलोभित किया जा सकता है, वह अल्लाह तआला के चेहरे का दर्शन है।

• بيان قدرة الله، وأنه على كل شيء قدير.
• अल्लाह की शक्ति का वर्णन, और यह कि वह सभी चीजों पर सर्वशक्तिमान है।

• التوحيد في الربوبية والإشراك في الإلهية باطل، فلا بد من توحيدهما معًا.
• अल्लाह के एकमात्र रब होने का इक़रार करना और इबादत में किसी और को उसका साझी बनाना अमान्य व अस्वीकार्य है। अतः उसे एक साथ दोनों में एक मानना आवश्यक है।

• إذا قضى الله بعدم إيمان قوم بسبب معاصيهم فإنهم لا يؤمنون.
• यदि अल्लाह किसी क़ौम की अवज्ञा के कारण उसके ईमान न लाने का निर्णय कर दे, तो वह ईमान नहीं ला सकती।

 
Përkthimi i kuptimeve Ajeti: (28) Surja: Suretu Junus
Përmbajtja e sureve Numri i faqes
 
Përkthimi i kuptimeve të Kuranit Fisnik - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Përmbajtja e përkthimeve

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

Mbyll