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Përkthimi i kuptimeve të Kuranit Fisnik - El Muhtesar fi tefsir el Kuran el Kerim - Përkthimi indisht * - Përmbajtja e përkthimeve


Përkthimi i kuptimeve Surja: Jusuf   Ajeti:
وَمَا تَسْـَٔلُهُمْ عَلَیْهِ مِنْ اَجْرٍ ؕ— اِنْ هُوَ اِلَّا ذِكْرٌ لِّلْعٰلَمِیْنَ ۟۠
यदि वे समझ-बूझ से काम लेते तो आप पर ईमान ले आते। क्योंकि (ऐ रसूल) आप उनसे क़ुरआन तथा धर्म प्रचार पर कोई पारिश्रमिक नहीं माँगते। क़ुरआन तो केवल सभी लोगों के लिए एक उपदेश (याददेहानी) है।
Tefsiret në gjuhën arabe:
وَكَاَیِّنْ مِّنْ اٰیَةٍ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ یَمُرُّوْنَ عَلَیْهَا وَهُمْ عَنْهَا مُعْرِضُوْنَ ۟
अल्लाह पाक के एकल पूज्य होने को दर्शाने वाली बहुत-सी निशानियाँ हैं, जो आकाशों तथा धरती में फैली हुई हैं, जिनपर से वे गुज़रते हैं, परंतु वे उन पर विचार करने और उनसे सीख लेने से उपेक्षा करने वाले होते हैं, उनपर कोई ध्यान नहीं देते हैं।
Tefsiret në gjuhën arabe:
وَمَا یُؤْمِنُ اَكْثَرُهُمْ بِاللّٰهِ اِلَّا وَهُمْ مُّشْرِكُوْنَ ۟
अधिकांश लोग अल्लाह पर यह ईमान नहीं रखते कि वह पैदा करने वाला, रोज़ी देने वाला, जीवन एवं मृत्यु देने वाला है, परंतु इस हाल में कि वे उसके साथ अन्य मूर्तियों और बुतों की पूजा करते हैं और यह दावा करते हैं कि अल्लाह का कोई बेटा है, अल्लाह इससे बहुत पवित्र है।
Tefsiret në gjuhën arabe:
اَفَاَمِنُوْۤا اَنْ تَاْتِیَهُمْ غَاشِیَةٌ مِّنْ عَذَابِ اللّٰهِ اَوْ تَاْتِیَهُمُ السَّاعَةُ بَغْتَةً وَّهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
तो क्या ये मुश्रिक लोग इस बात से निश्चिंत हो गए हैं कि उनपर दुनिया में कोई सज़ा आ जाए, जो उन्हें ढाँक ले और वे उसे टाल न सकें, या उनपर अचानक क़ियामत आ जाए, और उन्हें उसके आने की भनक तक न लगे कि उसके लिए तैयारी कर लें। क्या इसी (निर्भय होने के) कारण ये लोग ईमान नहीं लाए?
Tefsiret në gjuhën arabe:
قُلْ هٰذِهٖ سَبِیْلِیْۤ اَدْعُوْۤا اِلَی اللّٰهِ ؔ۫— عَلٰی بَصِیْرَةٍ اَنَا وَمَنِ اتَّبَعَنِیْ ؕ— وَسُبْحٰنَ اللّٰهِ وَمَاۤ اَنَا مِنَ الْمُشْرِكِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप उससे कह दीजिए जिसे आप आमंत्रित करते हैं : यही मेरा मार्ग है जिसकी ओर मैं लोगों को आमंत्रित करता हूँ। मैं इसकी ओर स्पष्ट तर्क के साथ आमंत्रित करता हूँ, तथा मेरा अनुसरण करने वाले, मेरे मार्गदर्शन को ग्रहण करने वाले और मेरी सुन्नत (तरीक़े) का पालन करने वाले (भी) इसी की ओर आमंत्रित करते हैं। तथा अल्लाह पवित्र है उस चीज़ से जिसकी उसकी ओर निस्बत की गई है जो उसकी महिमा के योग्य नहीं है, या उसकी पूर्णता के विपरीत है और मैं अल्लाह का साझी ठहराने वालों में से नहीं हूँ। बल्कि, मैं उसके एकेश्वरवादियों में से हूँ।
Tefsiret në gjuhën arabe:
وَمَاۤ اَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ اِلَّا رِجَالًا نُّوْحِیْۤ اِلَیْهِمْ مِّنْ اَهْلِ الْقُرٰی ؕ— اَفَلَمْ یَسِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَیَنْظُرُوْا كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ ؕ— وَلَدَارُ الْاٰخِرَةِ خَیْرٌ لِّلَّذِیْنَ اتَّقَوْا ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) हमने आपसे पहले मानव जाति में से पुरुषों ही को (नबी बनाकर) भेजे, फरिश्तों को नहीं। हम उनकी ओर वह़्य करते थे, जैसे हमने आपकी ओर वह़्य की है। वे शहरों के लोगों में से थे, देहात वालों में से नहीं। उनके समुदायों ने उन्हें झुठलाया, तो हमने उन्हें नष्ट कर दिया। तो क्या आपको झुठलाने वाले ये लोग धरती में नहीं चले-फिरे कि विचार करते कि इनसे पहले झुठलाने वालों का अंत कैसा रहा और उनसे सीख प्राप्त करते?! और आख़िरत की नेमतें उन लोगों के लिए उत्तम हैं, जो दुनिया में अल्लाह से डरते रहे। तो क्या तुम नहीं समझते कि यह उत्तम है, इसलिए (तुम भी) अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके (जिनमें सबसे महान ईमान है) और उसके निषेधों से बचकर (जिनमें सबसे बड़ा शिर्क है), डरने लगो।
Tefsiret në gjuhën arabe:
حَتّٰۤی اِذَا اسْتَیْـَٔسَ الرُّسُلُ وَظَنُّوْۤا اَنَّهُمْ قَدْ كُذِبُوْا جَآءَهُمْ نَصْرُنَا ۙ— فَنُجِّیَ مَنْ نَّشَآءُ ؕ— وَلَا یُرَدُّ بَاْسُنَا عَنِ الْقَوْمِ الْمُجْرِمِیْنَ ۟
हम इन रसूलों के दुश्मनों को मोहलत देते रहते हैं और इसी ढील के कारण उन्हें अज़ाब देने में जल्दी नहीं करते। यहाँ तक कि जब उन्हें विनाश करने में देरी हो गई और रसूल उनके विनाश से निराश हो गए और काफ़िरों को यक़ीन हो गया कि उनके रसूलों ने उनसे झुठलाने वालों के अज़ाब और मोमिनों की मुक्ति का जो वादा किया था, वह झूठा था; तो रसूलों के पास हमारी मदद आ गई और रसूलों तथा मोमिनों को झुठलाने वालों पर आने वाले विनाश से बचा लिया गया। और हमारा अज़ाब जब अपराधियों पर आ जाता है, तो उसे हटाया नहीं जाता है।
Tefsiret në gjuhën arabe:
لَقَدْ كَانَ فِیْ قَصَصِهِمْ عِبْرَةٌ لِّاُولِی الْاَلْبَابِ ؕ— مَا كَانَ حَدِیْثًا یُّفْتَرٰی وَلٰكِنْ تَصْدِیْقَ الَّذِیْ بَیْنَ یَدَیْهِ وَتَفْصِیْلَ كُلِّ شَیْءٍ وَّهُدًی وَّرَحْمَةً لِّقَوْمٍ یُّؤْمِنُوْنَ ۟۠
रसूलों की कहानियों और उनके समुदायों की कहानियों में, तथा यूसुफ़ अलैहिस्सलाम और उनके भाइयों की कहानियों में बड़ी सीख और उपदेश है, जिससे सद्बुद्धि वाले उपदेश ग्रहण करते हैं। इन कथाओं पर आधारित क़ुरआन कोई गढ़ा हुआ कलाम नहीं है, जो झूठ-मूठ अल्लाह की ओर मनसूब कर दिया गया हो। बल्कि यह अल्लाह की ओर से उतरने वाली दिव्य पुस्तकों की पुष्टि करने वाला, जिन शरई प्रावधानों और नियमों के विस्तृत होने की आवश्यकता है उनका विस्तृत विवरण, हर भलाई के लिए मार्गदर्शन और उसपर ईमान रखने वालों के लिए दया है। क्योंकि वही उसकी शिक्षाओं से लाभ उठाते हैं।
Tefsiret në gjuhën arabe:
Dobitë e ajeteve të kësaj faqeje:
• أن الداعية لا يملك تصريف قلوب العباد وحملها على الطاعات، وأن أكثر الخلق ليسوا من أهل الهداية.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाला बंदों के दिलों को फेरने और उन्हें आज्ञाकारिता पर आमादा करने की क्षमता नहीं रखता है और यह कि अधिकतर लोग हिदायत के मार्ग पर चलने वाले नहीं हैं।

• ذم المعرضين عن آيات الله الكونية ودلائل توحيده المبثوثة في صفحات الكون.
• ब्रह्मांड में अल्लाह की आयतों तथा संसार में फैले हुए अल्लाह के एकेश्वरवाद के संकेतों (प्रमाणों) से मुँह फेरने वालों की निंदा।

• شملت هذه الآية ﴿ قُل هَذِهِ سَبِيلِي...﴾ ذكر بعض أركان الدعوة، ومنها: أ- وجود منهج:﴿ أَدعُواْ إِلَى اللهِ ﴾. ب - ويقوم المنهج على العلم: ﴿ عَلَى بَصِيرَةٍ﴾. ج - وجود داعية: ﴿ أَدعُواْ ﴾ ﴿أَنَا﴾. د - وجود مَدْعُوِّين: ﴿ وَمَنِ اتَّبَعَنِي ﴾.
• आयत {قُل هَذِهِ سَبِيلِي...} में अल्लाह के धर्म की ओर आमंत्रण के कुछ स्तंभों का उल्लेख किया गया है, जिनमें ये शामिल हैं : (क) एक पद्धति का होना : {أَدعُواْ إِلَى اللهِ}, (ख) उस पद्धति का ज्ञान पर आधारित होना : {عَلَى بَصِيرَةٍ} (ग) आह्वान कर्ता (आमंत्रक) का होना : {أَدعُواْ﴾ ﴿أَنَا}, (घ) ऐसे लोगों का होना जिन्हें आमंत्रित किया जाए : {وَمَنِ اتَّبَعَنِي}।

 
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