Përkthimi i kuptimeve të Kuranit Fisnik - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Përmbajtja e përkthimeve


Përkthimi i kuptimeve Ajeti: (80) Surja: Suretu El Muminun
وَهُوَ الَّذِیْ یُحْیٖ وَیُمِیْتُ وَلَهُ اخْتِلَافُ الَّیْلِ وَالنَّهَارِ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟
वही अकेला सर्वशक्तिमान है, जो जीवन देता है, उसके सिवा कोई दूसरा जीवन देने वाला नहीं। वही अकेला मौत देता है, उसके सिवा कोई दूसरा मौत देने वाला नहीं। तथा उसी अकेले के अधिकार में अंधेरे और रोशनी, लंबाई और लघुता के एतिबार से रात और दिन के बदलने का आकलन करना है। तो क्या तुम उसकी शक्ति तथा पैदा करने और प्रबंध करने में उसकी एकता को नहीं समझते?
Tefsiret në gjuhën arabe:
Dobitë e ajeteve të kësaj faqeje:
• عدم اعتبار الكفار بالنعم أو النقم التي تقع عليهم دليل على فساد فطرهم.
• काफिरों का नेमतों या अपने ऊपर आने वाली सज़ाओं से शिक्षा ग्रहण न करना, उनकी प्रकृति के भ्रष्ट होने का प्रमाण है।

• كفران النعم صفة من صفات الكفار.
• नेमतों की नाशुक्री काफिरों की विशेषता है।

• التمسك بالتقليد الأعمى يمنع من الوصول للحق.
• अंधा अनुकरण सच्चाई तक पहुँचने से रोकता है।

• الإقرار بالربوبية ما لم يصحبه إقرار بالألوهية لا ينجي صاحبه.
• अल्लाह के पालनहार होने का इक़रार नरक से नहीं बचा सकता, जब तक कि उसके साथ ही अल्लाह के एकमात्र पूज्य होने का भी इक़रार न किया जाए।

 
Përkthimi i kuptimeve Ajeti: (80) Surja: Suretu El Muminun
Përmbajtja e sureve Numri i faqes
 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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