Përkthimi i kuptimeve të Kuranit Fisnik - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Përmbajtja e përkthimeve


Përkthimi i kuptimeve Ajeti: (146) Surja: Suretu Esh Shuara
اَتُتْرَكُوْنَ فِیْ مَا هٰهُنَاۤ اٰمِنِیْنَ ۟ۙ
क्या तुम यह इच्छा रखते हो कि यहाँ की सुख-सुविधाओं और नेमतों में निश्चिंत छोड़ दिए जाओगे, तुम डर से पीड़ित नहीं होगे?!
Tefsiret në gjuhën arabe:
Dobitë e ajeteve të kësaj faqeje:
• توالي النعم مع الكفر استدراج للهلاك.
• कुफ़्र के बावजूद निरंतर नेमतों का मिलना, विनाश के लिए ढील (प्रलोभन) है।

• التذكير بالنعم يُرتجى منه الإيمان والعودة إلى الله من العبد.
• नेमतों को याद दिलाने से यह आशा की जाती है कि बंदा ईमान ले आएगा और अल्लाह की तरफ़ लौट आएगा।

• المعاصي هي سبب الفساد في الأرض.
• पाप ही धरती पर बिगाड़ का कारण है।

 
Përkthimi i kuptimeve Ajeti: (146) Surja: Suretu Esh Shuara
Përmbajtja e sureve Numri i faqes
 
Përkthimi i kuptimeve të Kuranit Fisnik - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Përmbajtja e përkthimeve

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

Mbyll