Përkthimi i kuptimeve të Kuranit Fisnik - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Përmbajtja e përkthimeve


Përkthimi i kuptimeve Ajeti: (102) Surja: Suretu Ali Imran
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوا اتَّقُوا اللّٰهَ حَقَّ تُقٰتِهٖ وَلَا تَمُوْتُنَّ اِلَّا وَاَنْتُمْ مُّسْلِمُوْنَ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान रखने और उसके रसूल का अनुसरण करने वालो! अपने पालनहार से वैसे ही डरो, जैसे उससे डरना चाहिए। और वह इस प्रकार कि उसके आदेशों का पालन करो, उसकी मना की हुई चीज़ों से दूर रहो है और उसकी नेमतों का शुक्र अदा करो। तथा अपने धर्म को मज़बूती से पकड़े रहो, यहाँ तक कि तुम्हारी मौत आए तो तुम इसी स्थिति में रहो।
Tefsiret në gjuhën arabe:
Dobitë e ajeteve të kësaj faqeje:
• متابعة أهل الكتاب في أهوائهم تقود إلى الضلال والبعد عن دين الله تعالى.
• पुस्तक वाले लोगों अर्थात यहूदियों एवं ईसाइयों का उनकी इच्छाओं में अनुसरण करना पथभ्रष्टता और सर्वशक्तिमान अल्लाह के धर्म से दूरी की ओर ले जाता है।

• الاعتصام بالكتاب والسُّنَّة والاستمساك بهديهما أعظم وسيلة للثبات على الحق، والعصمة من الضلال والافتراق.
• किताब और सुन्नत को मजबूती से थाम लेना और उनके मार्गदर्शन का पालन करना, सत्य पर दृढ़ता व स्थिरता तथा पथभ्रष्टता और विभेद से सुरक्षा का सबसे बड़ा साधन है।

• الافتراق والاختلاف الواقع في هذه الأمة في قضايا الاعتقاد فيه مشابهة لمن سبق من أهل الكتاب.
• इस उम्मत के भीतर अक़ीदा (विश्वास) के मुद्दे में घटित होनेवाले मतभेद और विवाद में भूतपूर्व अह्ले किताब (अर्थात यहूदियों एवं ईसाइयों) की समानता पाई जाती है।

• وجوب الأمر بالمعروف والنهي عن المنكر؛ لأن به فلاح الأمة وسبب تميزها.
• भलाई का आदेश देने एवं बुराई से रोकने की अनिवार्यता, इसलिए कि उसी में उम्मत की सफलता और उसकी उत्कृष्टता का कारण निहित है।

 
Përkthimi i kuptimeve Ajeti: (102) Surja: Suretu Ali Imran
Përmbajtja e sureve Numri i faqes
 
Përkthimi i kuptimeve të Kuranit Fisnik - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Përmbajtja e përkthimeve

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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