அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (6) அத்தியாயம்: ஸூரா ஹூத்
وَمَا مِنْ دَآبَّةٍ فِی الْاَرْضِ اِلَّا عَلَی اللّٰهِ رِزْقُهَا وَیَعْلَمُ مُسْتَقَرَّهَا وَمُسْتَوْدَعَهَا ؕ— كُلٌّ فِیْ كِتٰبٍ مُّبِیْنٍ ۟
धरती पर चलने वाला जो भी प्राणी है, अल्लाह ने अपनी कृपा से उसकी आजीविका की ज़िम्मेदारी ले रखी है। अल्लाह महिमावान धरती पर उसके बसने के स्थान को जानता है, तथा वह उस स्थान का भी ज्ञान रखता है, जहाँ उसकी मृत्यु आनी है। इस तरह, सभी प्राणी और उनकी आजीविका और उनके ठहरने की जगहें और उनकी मृत्यु के स्थान, एक स्पष्ट पुस्तक अर्थात 'लौह़े मह़फ़ूज़' (संरक्षित पट्टिका) में अंकित हैं।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• سعة علم الله تعالى وتكفله بأرزاق مخلوقاته من إنسان وحيوان وغيرهما.
• अल्लाह के ज्ञान की व्यापकता और उसका मनुष्यों, जानवरों और अन्य सहित अपनी सभी सृष्टियों की आजीविका की ज़िम्मेदारी उठाना।

• بيان علة الخلق؛ وهي اختبار العباد بامتثال أوامر الله واجتناب نواهيه.
• सृष्टि की रचना के कारण का वर्णन; और वह अल्लाह के आदेशों के अनुपालन और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचने में बंदों का परीक्षण है।

• لا ينبغي الاغترار بإمهال الله تعالى لأهل معصيته، فإنه قد يأخذهم فجأة وهم لا يشعرون.
• गुनाहगारों के लिए अल्लाह की छूट से धोखा नहीं खाना चाहिए, क्योंकि वह अचानक उन्हें पकड़ सकता है और उन्हें एहसास भी नहीं होगा।

• بيان حال الإنسان في حالتي السعة والشدة، ومدح موقف المؤمن المتمثل في الصبر والشكر.
• संपन्नता और कठिनाई की स्थिति में मानवीय स्थिति का वर्णन तथा सब्र और शुक्र के रूप में प्रदर्शित मोमिन की स्थिति की प्रशंसा।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (6) அத்தியாயம்: ஸூரா ஹூத்
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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