அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (87) அத்தியாயம்: ஸூரா அல்அன்பியா
وَذَا النُّوْنِ اِذْ ذَّهَبَ مُغَاضِبًا فَظَنَّ اَنْ لَّنْ نَّقْدِرَ عَلَیْهِ فَنَادٰی فِی الظُّلُمٰتِ اَنْ لَّاۤ اِلٰهَ اِلَّاۤ اَنْتَ سُبْحٰنَكَ ۖۗ— اِنِّیْ كُنْتُ مِنَ الظّٰلِمِیْنَ ۟ۚۖ
और (ऐ रसूल!) मछली वाले नबी, यूनुस अलैहिस्सलाम की कहानी याद करें, जब वह अपनी जाति के लोगों की लगातार अवज्ञा के कारण उनसे नाराज़ होकर अपने रब की अनुमति के बिना चले गए। उन्होंने समझा कि हम उनके चले जाने की सज़ा के तौर पर उन्हें तंगी में नहीं डालेंगे। लेकिन जब मछली ने उन्हें निगल लिया, तो वह गंभीर तंगी और क़ैद से पीड़ित हुए। तो उन्होंने मछली के पेट, समुद्र और रात के अंधेरे में, अपने पाप को स्वीकार करते हुए, अल्लाह के सामने तौबा करते हुए दुआ की : तेरे सिवा कोई सच्चा पूज्य नहीं, तू पाक एवं पवित्र है। निश्चय मैं ही अत्याचारियों में से हो गया हूँ।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• الصلاح سبب للرحمة.
• अच्छाई (धर्म-परायणता) दया का कारण है।

• الالتجاء إلى الله وسيلة لكشف الكروب.
• अल्लाह का सहारा लेना संकटों को दूर करने का कारण है।

• فضل طلب الولد الصالح ليبقى بعد الإنسان إذا مات.
• अल्लाह से नेक संतान माँगने की फज़ीलत, ताकि वह आदमी के मरने के बाद बाक़ी रहे।

• الإقرار بالذنب، والشعور بالاضطرار لله وشكوى الحال له، وطاعة الله في الرخاء من أسباب إجابة الدعاء وكشف الضر.
• गुनाह का इक़रार करना, अल्लाह के प्रति अपनी विवशता की भावना, उसी से अपनी स्थिति की शिकायत करना और खुशहाली में अल्लाह की आज्ञा का पालन करना, दुआ के क़बूल होने और संकट के मोचन के कारणों में से है।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (87) அத்தியாயம்: ஸூரா அல்அன்பியா
அத்தியாயங்களின் அட்டவணை பக்க எண்
 
அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

மூடுக