அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (40) அத்தியாயம்: ஸூரா அல்புர்கான்
وَلَقَدْ اَتَوْا عَلَی الْقَرْیَةِ الَّتِیْۤ اُمْطِرَتْ مَطَرَ السَّوْءِ ؕ— اَفَلَمْ یَكُوْنُوْا یَرَوْنَهَا ۚ— بَلْ كَانُوْا لَا یَرْجُوْنَ نُشُوْرًا ۟
(ऐ नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम!) आपके समुदाय के ये झुठलाने वाले लोग - शाम के देश की यात्रा के समय - लूत की जाति की बस्ती के पास से गुज़रते हैं, जिस पर, उसकी अभद्रता की सज़ा के रूप में पत्थरों की वर्षा हुई थी, ताकि वे शिक्षा ग्रहण करें। तो क्या उन्होंने इस बस्ती से आँखें मूंद लीं, इसलिए उन्होंने इसे नहीं देखा? नहीं, बल्कि वे मरने के बाद पुनः जीवित होकर उठने की आशा ही नहीं रखते थे जिसके बाद उनका हिसाब-किताब लिया जाएगा।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• الكفر بالله والتكذيب بآياته سبب إهلاك الأمم.
• अल्लाह का इनकार करना तथा उसकी आयतों को झुठलाना समुदायों के विनाश का कारण रहा है।

• غياب الإيمان بالبعث سبب عدم الاتعاظ.
• पुनर्जीवन पर ईमान का अभाव, सीख ग्रहण न करने का कारण है।

• السخرية بأهل الحق شأن الكافرين.
• सच्चे लोगों का मज़ाक़ उड़ाना काफिरों का काम है।

• خطر اتباع الهوى.
• इच्छाओं का पालन करने का जोखिम।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (40) அத்தியாயம்: ஸூரா அல்புர்கான்
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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