அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (62) அத்தியாயம்: ஸூரா அல்அன்கபூத்
اَللّٰهُ یَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ یَّشَآءُ مِنْ عِبَادِهٖ وَیَقْدِرُ لَهٗ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ بِكُلِّ شَیْءٍ عَلِیْمٌ ۟
अल्लाह अपने बंदों में से जिसपर चाहता है जीविका का विस्तार कर देता है और जिसपर चाहता है जीविका तंग कर देता है; वह ऐसा किसी हिकमत के तहत करता है जिसे वही जानता है। निःसंदेह अल्लाह हर चीज़ को अच्छी तरह जानने वाला है। उससे कोई चीज़ छिपी नहीं है। इसलिए उसके बंदों के लिए उपयुक्त कोई भी उपाय उससे गुप्त नहीं है।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• استعجال الكافر بالعذاب دليل على حمقه.
• काफ़िर का अज़ाब के लिए जल्दी मचाना, उसकी मूर्खता का प्रमाण है।

• باب الهجرة من أجل سلامة الدين مفتوح.
• धर्म की सुरक्षा के लिए हिजरत का द्वार खुला हुआ है।

• فضل الصبر والتوكل على الله.
• सब्र और अल्लाह पर भरोसा रखने की फ़ज़ीलत।

• الإقرار بالربوبية دون الإقرار بالألوهية لا يحقق لصاحبه النجاة والإيمان.
• अल्लाह की पूज्यता का इक़रार किए बिना, रुबूबियत का इक़रार करने से न आदमी मोमिन हो सकता है और न उसे मुक्ति मिल सकती है।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (62) அத்தியாயம்: ஸூரா அல்அன்கபூத்
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