அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (51) அத்தியாயம்: ஸூரா ஆலஇம்ரான்
اِنَّ اللّٰهَ رَبِّیْ وَرَبُّكُمْ فَاعْبُدُوْهُ ؕ— هٰذَا صِرَاطٌ مُّسْتَقِیْمٌ ۟
ऐसा इसलिए है क्योंकि अल्लाह ही मेरा पालनहार और तुम्हारा पालनहार है। चुनाँचे वही अकेली आज्ञा मानने और डरने के योग्य है। अतः तुम अकेले उसी की इबादत करो। यह जो मैंने तुम्हें अल्लाह की इबादत करने और उससे डरने का आदेश दिया है, यही सीधा मार्ग है, जिसमें कोई टेढ़ नहीं।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• شرف الكتابة والخط وعلو منزلتهما، حيث بدأ الله تعالى بذكرهما قبل غيرهما.
• लेखन और सुलेख का सम्मान और उनकी उच्च स्थिति, क्योंकि अल्लाह तआला ने दूसरों से पहले उन्हीं दोनों का उल्लेख किया है।

• من سنن الله تعالى أن يؤيد رسله بالآيات الدالة على صدقهم، مما لا يقدر عليه البشر.
• अल्लाह का नियम रहा है कि वह अपने रसूलों का ऐसी निशानियों के साथ समर्थन करता है, जो उनकी सत्यता को प्रमाणित करने वाली होती हैं, जो मनुष्य की शक्ति से बाहर होती हैं।

• جاء عيسى بالتخفيف على بني إسرائيل فيما شُدِّد عليهم في بعض شرائع التوراة، وفي هذا دلالة على وقوع النسخ بين الشرائع.
• ईसा - अलैहिस्सलाम - बनी इसराईल के लिए तौरात के कुछ उन नियमों में आसानी लेकर आए थे जिनके संबंध में उनपर सख़्ती की गई थी। इसमें विभिन्न शरीयतों के बीच नस्ख़ होने (नियमों के निरस्तीकरण) की घटना का संकेत है।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (51) அத்தியாயம்: ஸூரா ஆலஇம்ரான்
அத்தியாயங்களின் அட்டவணை பக்க எண்
 
அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

மூடுக