அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (33) அத்தியாயம்: ஸூரா அர்ரூம்
وَاِذَا مَسَّ النَّاسَ ضُرٌّ دَعَوْا رَبَّهُمْ مُّنِیْبِیْنَ اِلَیْهِ ثُمَّ اِذَاۤ اَذَاقَهُمْ مِّنْهُ رَحْمَةً اِذَا فَرِیْقٌ مِّنْهُمْ بِرَبِّهِمْ یُشْرِكُوْنَ ۟ۙ
जब मुश्रिकों को बीमारी या गरीबी या सूखे की गंभीरता का सामना करना पड़ता है, तो वे केवल अपने महिमावान पालनहार ही को पुकारते हैं, विलाप और इस विनती के साथ उसकी ओर लौटते हुए कि वह उनकी विपत्ति को उनसे टाल दे। फिर जब वह उनकी विपत्ति को टालकर उनपर दया करता है, तो सहसा उनमें से एक समूह दुआ में अल्लाह के साथ उसके अलावा को साझी ठहराने की ओर लौट आता है।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• فرح البطر عند النعمة، والقنوط من الرحمة عند النقمة؛ صفتان من صفات الكفار.
• नेमत मिलने पर खुशी से इतराना और कष्ट आने पर दया से निराश हो जाना; काफिरों की दो विशेषताएँ हैं।

• إعطاء الحقوق لأهلها سبب للفلاح.
• हक़ वालों को उनका हक़ देना, सफलता का एक कारण है।

• مَحْقُ الربا، ومضاعفة أجر الإنفاق في سبيل الله.
• सूद का मिटा दिया जाना और अल्लाह के रास्ते में खर्च करने के सवाब को कई गुना कर दिया जाना।

• أثر الذنوب في انتشار الأوبئة وخراب البيئة مشاهد.
• महामारियों के फैलने और पर्यावरण के विनाश पर पापों का प्रभाव दृष्टिगोचर है।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (33) அத்தியாயம்: ஸூரா அர்ரூம்
அத்தியாயங்களின் அட்டவணை பக்க எண்
 
அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

மூடுக