அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (50) அத்தியாயம்: ஸூரா அர்ரூம்
فَانْظُرْ اِلٰۤی اٰثٰرِ رَحْمَتِ اللّٰهِ كَیْفَ یُحْیِ الْاَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا ؕ— اِنَّ ذٰلِكَ لَمُحْیِ الْمَوْتٰى ۚ— وَهُوَ عَلٰى كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟
अतः (ऐ रसूल) आप उस बारिश के प्रभावों को देखें, जिसे अल्लाह अपने बंदों के लिए दया के रूप में उतारता है कि अल्लाह किस तरह धरती को, उसके सूख जाने के बाद उसपर तरह-तरह के पौधे उगाकर, पुनर्जीवित कर देता है। निःसंदेह जिसने उस सूखी भूमि को पुनर्जीवित कर दिया, निश्चय वही मरे हुए लोगों को जीवित करके उठाने वाला है। और वह सब कुछ करने में सक्षम है, कोई चीज़ उसे विवश नहीं कर सकती।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• إرسال الرياح، وإنزال المطر، وجريان السفن في البحر: نِعَم تستدعي أن نشكر الله عليها.
• हवाओं को भेजना, बारिश उतारना और समुद्र में नावों का चलना : ऐसी नेमतें हैं, जो इस बात की अपेक्षा करती हैं कि हम उनपर अल्लाह का शुक्रिया अदा करें।

• إهلاك المجرمين ونصر المؤمنين سُنَّة إلهية.
• अत्याचारियों का विनाश करना तथा मोमिनों की मदद करना एक ईश्वरीय नियम है।

• إنبات الأرض بعد جفافها دليل على البعث.
• धरती का उसके सूख जाने के बाद पौधे उगाना, मरणोपरांत पुनर्जीवन का प्रमाण है।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (50) அத்தியாயம்: ஸூரா அர்ரூம்
அத்தியாயங்களின் அட்டவணை பக்க எண்
 
அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

மூடுக