அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (20) அத்தியாயம்: ஸூரா லுக்மான்
اَلَمْ تَرَوْا اَنَّ اللّٰهَ سَخَّرَ لَكُمْ مَّا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ وَاَسْبَغَ عَلَیْكُمْ نِعَمَهٗ ظَاهِرَةً وَّبَاطِنَةً ؕ— وَمِنَ النَّاسِ مَنْ یُّجَادِلُ فِی اللّٰهِ بِغَیْرِ عِلْمٍ وَّلَا هُدًی وَّلَا كِتٰبٍ مُّنِیْرٍ ۟
(ऐ लोगो!) क्या तुमने नहीं देखा कि अल्लाह ने तुम्हारे लिए आकाशों में जो कुछ सूर्य, चंद्रमा और ग्रहें हैं, उनसे लाभ उठाना आसान बना दिया है, तथा धरती में जो जानवर, पेड़ और पौधे हैं, उन्हें भी (उपयोग में लाना) तुम्हारे लिए आसान बना दिया है। और तुमपर अपनी नेमतें पूरी कर दी हैं, चाहे जो स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं, जैसे कि छवि की सुंदरता और अच्छे रूप, तथा जो अप्रत्यक्ष और गुप्त हैं, जैसे कि विवेक और ज्ञान। इन नेमतों की उपस्थिति के बावजूद, कुछ लोग ऐसे हैं, जो अल्लाह की तौहीद (एकेश्वरवाद) के बारे में अल्लाह की वह़्य (प्रकाशना) पर आधारित ज्ञान, प्रबुद्ध बुद्धि और अल्लाह की ओर से उतरने वाली किसी स्पष्ट किताब के बिना ही विवाद करते हैं।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• نعم الله وسيلة لشكره والإيمان به، لا وسيلة للكفر به.
• अल्लाह की नेमतों उसका आभार प्रकट करने और उसपर ईमान लाने का साधन हैं, उसकी कृतघ्नता का साधन नहीं है।

• خطر التقليد الأعمى، وخاصة في أمور الاعتقاد.
• अंधे अनुकरण का खतरा, विशेष रूप से अक़ीदे (विश्वास) के मामलों में।

• أهمية الاستسلام لله والانقياد له وإحسان العمل من أجل مرضاته.
• अल्लाह के प्रति समर्पण करने, उसका आज्ञापालन करने और उसकी प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए सत्कर्म करने का महत्व।

• عدم تناهي كلمات الله.
• अल्लाह के शब्दों का अनंत होना।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (20) அத்தியாயம்: ஸூரா லுக்மான்
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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