அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (34) அத்தியாயம்: ஸூரா அல்அஹ்ஸாப்
وَاذْكُرْنَ مَا یُتْلٰی فِیْ بُیُوْتِكُنَّ مِنْ اٰیٰتِ اللّٰهِ وَالْحِكْمَةِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ كَانَ لَطِیْفًا خَبِیْرًا ۟۠
तुम्हारे घरों में जो अल्लाह के रसूल पर उतरने वाली आयतें और उसके रसूल की पवित्र सुन्नत पढ़ी जाती हैं, उन्हें याद रखो। निश्चय ही अल्लाह तुमपर बड़ा कृपालु है जब उसने तुमपर यह उपकार किया कि तुम्हें अपने रसूल के घरों में रखा, तथा वह तुमसे पूरी तरह अवगत है जब उसने तुम्हें अपने रसूल के लिए पत्नियों के रूप में चयन किया और तुम्हें आपकी उम्मत के समस्त मोमिनों की माओं के रूप में चुन लिया।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• من توجيهات القرآن للمرأة المسلمة: النهي عن الخضوع بالقول، والأمر بالمكث في البيوت إلا لحاجة، والنهي عن التبرج.
• मुस्लिम महिला के लिए क़ुरआन के निर्देशों में से कुछ ये हैं : लचकदार अंदाज़ में बात करने की मनाही, ज़रूरत के अलावा घरों में रहने का आदेश, और श्रृंगार प्रदर्शन करने का निषेध।

• فضل أهل بيت رسول الله صلى الله عليه وسلم، وأزواجُه من أهل بيته.
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के घर वालों की प्रतिष्ठा तथा यह कि आपकी पत्नियाँ आपके घर वालों में से हैं।

• مبدأ التساوي بين الرجال والنساء قائم في العمل والجزاء إلا ما استثناه الشرع لكل منهما.
• पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता का सिद्धांत काम और बदले में मौजूद है। सिवाय इसके कि शरीयत ने जिसे उनमें से प्रत्येक के लिए अलग रखा है।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (34) அத்தியாயம்: ஸூரா அல்அஹ்ஸாப்
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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