அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (80) அத்தியாயம்: ஸூரா அந்நிஸா
مَنْ یُّطِعِ الرَّسُوْلَ فَقَدْ اَطَاعَ اللّٰهَ ۚ— وَمَنْ تَوَلّٰی فَمَاۤ اَرْسَلْنٰكَ عَلَیْهِمْ حَفِیْظًا ۟ؕ
जिसने रसूल का, उनके आदेशों का अनुपालन कर और उनकी मना की हुई चीज़ों से बचकर, आज्ञापालन किया, तो उसने अल्लाह के आदेश का पालन किया और जिसने - ऐ रसूल! - आपके आज्ञापालन से मुँह फेरा, तो आप उसके लिए दुखी न होंं। क्योंकि हमने आपको उसके ऊपर संरक्षक बनाकर नहीं भेजा है कि आप उसके कार्यों को संरक्षित करें। बल्कि उसके कार्यों को गिनकर रखने और उसका हिसाब लेने का काम हमारा है।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• تدبر القرآن الكريم يورث اليقين بأنه تنزيل من الله؛ لسلامته من الاضطراب، ويظهر عظيم ما تضمنه من الأحكام.
• पवित्र क़ुरआन पर मनन-चिंतन करना दिल में यह विश्वास पैदा करता है कि यह अल्लाह की उतारी हुई पुस्तक है; क्योंकि यह गड़बड़ी और विरोधाभास से पाक है। तथा उसमें मौजूद महान प्रावधानों को भी ज़ाहिर करता है।

• لا يجوز نشر الأخبار التي تنشأ عنها زعزعة أمن المؤمنين، أو دبُّ الرعب بين صفوفهم.
• ऐसे समाचारों को प्रकाशित करने की अनुमति नहीं है जो मोमिनों की सुरक्षा को अस्थिर करते हैं, या उनके के बीच आतंक (दहशत) पैदा करते हैं।

• التحدث بقضايا المسلمين والشؤون العامة المتصلة بهم يجب أن يصدر من أهل العلم وأولي الأمر منهم.
• मुसलमानों के मुद्दों और उनसे संबंधित सार्वजनिक मामलों के बारे में विद्वानों और उनके प्राधिकारियों द्वारा ही बात किया जाना चाहिए।

• مشروعية الشفاعة الحسنة التي لا إثم فيها ولا اعتداء على حقوق الناس، وتحريم كل شفاعة فيها إثم أو اعتداء.
• अच्छी सिफ़ारिश जिसमें कोई पाप और लोगों के अधिकारों पर हमला न हो, धर्मसंगत है तथा हर वह सिफ़ारिश हराम (निषिद्ध) है जिसमें कोई पाप या लोगों के अधिकारों पर हमला हो।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (80) அத்தியாயம்: ஸூரா அந்நிஸா
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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